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पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है?

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है?
शेयर मार्केट में invest करने का तभी फायदा है यदि आपके द्वारा बनाया गया portfolio strong है। एक अच्छे portfolio के द्वारा ही अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सकता है और यह तभी संभव है यदि portfolio का management smart तरीके से किया जाए। यह काम बहुत सूझ बुझ का होता है, इसीलिए इसका जिम्मा portfolio manager का होता है।

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ज्यादा रिटर्न के लिए PMS में इनवेस्ट करना चाहते हैं? यहां जानिए पूरा प्रोसेस

अगर आपके पास काफी पैसे हैं तो आप पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMS) में निवेश कर अट्रैक्टिव रिटर्न कमा सकते हैं। हालांकि, इसमें जोखिम है। यही वजह है कि SEBI ने 2019 में PMS में मिनिमम इनवेस्टमेंट को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया था।

आम तौर पर ज्यादा पैसे वाले लोग (High Net Worth Individual) PMS में निवेश करते हैं। इसमें निवेश करना म्चूचुअल फंड जितना आसान नहीं है। इनवेस्टर्स को कई फॉर्म पर सिग्नेचर करने पड़ते हैं। हालांकि, इस प्रोसेस को डिजिटल बनाने की कोशिश हो रही है, लेकिन इसमें समय लगेगा। आइए पीएमएस स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

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मैं PMS में कैसे इनवेस्ट कर सकता हूं?

SEBI ने PMS प्रोवाइडर्स को डायरेक्ट प्लान ऑफर करना अनिवार्य बना दिया है। लेकिन, इसे वेल्थ मैनजमेंट फर्म या डिस्ट्रिब्यूटर्स से खरीदना अच्छा रहेगा। PMS के ट्रैक रिकॉर्ड को समझना आसान होता है। हर इनवेस्टर के पीएमएस का रिटर्न भी अलग-अलग होता है। इसकी वजह यह है कि हर इनवेस्टर (Client) के पोर्टफोलियो को अलग-अलग तरह से मैनेज किया जाता है। अभी इंडिया में 378 पीएमएस प्रोवाइडर्स है। सबकी अपनी अलग इनवेस्टमेंट स्टाइल और टीम है।

Portfolio का क्या मतलब होता है?

  • बिजनेस के मामले में portfolio का अर्थ projects या कार्यक्रम की सूची से है।
  • शेयर बाजार की बात करें तो, शेयर बाजार में portfolio shares के समूह को कहा जाता है।
  • Investment के मामले में portfolio का मतलब invest उपायों की list से होता है।

Portfolio management क्या होता है? (Portfolio management meaning in Hindi)

Business में portfolio management वह होता है जो ऐसे project और कार्यक्रम बनाता है, जिसके द्वारा किसी कंपनी या संस्थान को अधिक से अधिक मुनाफा हो और नुकसान की गुंजाइश काफी कम हो।

ऐसे projects को चुनना, priority तय करना और उनका control वगेरह् भी portfolio management का ही हिस्सा होता है और इस जिम्मेदारी को निभाने वाली संस्था या व्यक्ति को portfolio manager कहा जाता है।

Portfolio manager क्या होता है?

Portfolio manager वह व्यक्ति या संस्था होती है जो किसी निवेशक व्यक्ति या निवेशक कंपनी की financial जरूरतों को समझते हुए, उनकी क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए, ऐसी रणनीति तैयार करता है, जिससे अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सके और नुकसान की गुंजाइश को काफी कम किया जा सके। इस रणनीति को बनाने वाले व्यक्ति या संस्था को portfolio manager कहा जाता है।

निवेशक के द्वारा portfolio manager को ही रणनीति तैयार करके, उस पर पैसा लगाने की जिम्मेदारी दी जाती है।

Portfolio management के प्रकार

Portfolio management मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं:-

  1. Active portfolio management अर्थात क्षत्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन
  2. Passive portfolio पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? management अर्थात निष्क्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन
  3. Discretionary portfolio management अर्थात विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन
  4. Non – Discretionary portfolio management अर्थात गैर विवेकाधीन पोर्टफोलियो प्रबंधन

सक्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन (Active portfolio management)

इस प्रकार के पोर्टफोलियो प्रबंधन में portfolio manager के द्वारा मार्केट की चाल को देखते हुए रणनीति बनाई जाती है। ऐसा खासकर तब किया जाता है जब आपकी investment का अधिकतर हिस्सा शेयरों में invest हो। Portfolio manger का उद्देश्य अच्छी रिटर्न प्राप्त करना होता है इसीलिए जब शेयरों के दाम घटते हैं तो वह खरीद लेता है और जब दाम पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? में बढ़ोतरी होती है, तो वह उसे बेच देता है।

Portfolio manage कैसे करें?

हम कुछ तरीके बताने वाले हैं जिनके जरिये आपको अपने पोर्टफोलियो को manage करने में मदद मिलेगी:-

  1. आप किसी professional की मदद ले सकते हैं। प्रोफेशनल market के movment के हिसाब से आपका portfolio manage करता है। कौन सा share कितने टाइम तक रखना है या कब खरीदना और बेचना है, यह सभी चीज़े एक professional ही manage करता है और time to time आपको update करता रहता है। यदि आप ऐसा करते है तो आपको personally अपने portfolio के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती।
  2. यदि आप स्वयं अपना पोर्टफोलियो manage कर रहे हैं तो आपको बाजार की बारीकियों से ज़रूर अवगत होना चाहिए। तभी आप अपने portfolio को strong बना सकते हैं।
  3. यदि आपका portfolio, fund मैनेजर handle कर रहा है तो उससे कम से कम 3 महीने में अपने portfolio की regarding उससे चर्चा करें।
  4. जब भी आप स्वयं पोर्टफोलियो handle करें पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? तो वह बाजार की चाल पर जरूर नजर बनाए रखें। यदि किसी भी कारण से बाजार में अस्थिरता आती है तो वह आपके पोर्टफोलियो को effect करती है।
  5. आप technical और fundamental analysis जरूर सीखें, ताकि आप यह सुनिश्चित कर पाए कि कौन सा सstock कब खरीदना या बेचना है। से updated रहे। Market की खबरों से updated रहे।
  6. यदि आप portfolio मैनेजर से अपना पोर्टफोलियो manage करवाते हैं तो वह आपकी जरूरतों को समझते हुए रणनीति तैयार करता है और उसी हिसाब से पोर्टफोलियो में stock रखता है।

क्या होती है पोर्टफोलियो मैनेजमेंट स्कीम?

इन्वेस्टमेंट बाजार में रुचि रखने वाले लोगों को ये बात जाननी चाहिए कि निवेश के क्षेत्र में अलग-अलग स्कीम्स की क्या भूमिकाएं होती हैं.

अगर आप भी इन्वेस्टमेंट के बाजार में रुचि रखते है तो ये बात आपको भी जाननी चाहिए कि निवेश के क्षेत्र में अलग-अलग स्कीम्स की क्या भूमिकाएं होती हैं. हाई नेटवर्थ इनवेस्टर्स (HNI) पोर्टफोलियो को अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से बनाने के लिए उसका एक हिस्सा पोर्टफोलियो मैनेजमेंट स्कीम्स में डाल देते हैं.

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट स्कीम क्या होती है?

पीएमएस (PMS) के नाम से मशहूर पोर्टफोलियो मैनेजमेंट स्कीम एकमुश्त निवेश का खास जरिया होती हैं. पोर्टफोलियो मैनेजर क्लाइंट्स के पैसों को शेयरों और दूसरी सिक्योरिटीज में लगाते हैं और उनका पोर्टफोलियो मैनेज करते हैं.

सेबी के नियमों से बढ़ रही उलझन

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बाजार में मध्यस्थों के नियमन के लिए दर्जनों परिपत्र एवं दिशानिर्देश जारी किए हैं। शेयर ब्रोकर, पोर्टफोलियो मैनेजर, निवेश सलाहकार (आईए) एवं शोध विश्लेषक (आरए) आदि बाजार में मध्यस्थ की भूमिका निभाते हैं। खुदरा निवेशक इन्हीं के माध्यम और सलाह से बाजार में निवेश करते हैं। मगर पूरा ध्यान अनुपालन, खुलासा एवं रिपोर्टिंग पर ही केंद्रित रहने से ये दिशानिर्देश ग्राहकों के वास्तविक हितों की रक्षा नहीं कर पाते हैं। मैं केवल एक विषय पर ध्यान केंद्रित करता हूं और वह है कि निवेशकों को कौन खरीदारी या बिक्री की सलाह दे सकता है?

सेबी का नियामकीय ढांचा कुछ इस तरह का है कि इसमें गतिविधियों के आधार पर नियामकीय इकाइयों की अलग श्रेणियां परिभाषित करने का उपयुक्त प्रयास किया गया है। उदाहरण के लिए केवल म्युचुअल फंड और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेस (पीएमएस) रकम लेकर ग्राहक की तरफ से निवेश कर सकते हैं। इसी तरह पिछले कई दशकों से केवल शेयर ब्रोकर निवेशकों को शेयर खरीदने या बेचने की सलाह दे रहे हैं। सेबी ने 2013 में पहली बार निवेश सलाहकार के नाम से एक विनियमित इकाइयों के एक समूह की स्थापना की। इसके बाद 2014 में आरए का गठन किया गया। ये तीनों ही शेयरों की खरीदारी या बिकवाली की सलाह दे सकते हैं। खुदरा निवेशकों को शेयरों की खरीदारी या बिकवाली में सलाह की अधिक जरूरत होती है।

राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो वाला यह स्टॉक अपने लाइफ टाइम हाई से 18% नीचे, एक्सपर्ट्स से जानिए क्या है यह निवेश का सही समय

अमरजीत मौर्या का यह भी कहना है कि लेंजर ट्रैवल और कॉर्पोरेट ट्रैवलिंग में कोविड के स्थितियों में सुधार के कारण और तेजी आएगी।

Rakesh Jhunjhunwala portfolio: रिटेल निवेशक पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? अपने निवेश निर्णय के लिए अक्सर बाजार के दिग्गज निवेशकों के पोर्टफोलियो पर नजर रखते हैं। बिग बुल के नाम से जाने जाने वाले राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो पर निवेशकों पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? के साथ ही मार्केट एक्सपर्ट्स की भी नजर रहती है। यहां हम बिगबुल के पोर्टफोलियो में शामिल टाटा ग्रुप के इस स्टॉक इंडियन होटल (Indian Hotels) की बात कर रहे है।

यह स्टॉक एनएसई पर अप्रैल 2022 में 268.95 रुपये के अपने ऑल टाइम हाई पर था। पिछले करीब 1 महीने से यह शेयर दबाव में है। इस अवधि में यह स्टॉक अपने ऑल टाइम हाई से करीब 18 फीसदी फिसल गया है। स्टॉक मार्केट के जानकारो का कहना है कि इस स्टॉक में निगेटिव मार्केट सेटीमेंट के कारण गिरावट देखने को मिली है । कंपनी के फंडामेटल में कोई कमी नहीं है। फंडामेटली यह स्टॉक काफी मजबूत है। जानकारों का कहना है कि इस स्टॉक को 200-205 रुपये के स्तर पर इमीडिएट सपोर्ट है। वहीं 174 रुपये पर बड़ा सपोर्ट है।

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