टेक्निकल इंडीकेटर्स के शब्द

जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्या हैं इसके फायदे
Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.
- nupur praveen
- Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST
म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.
यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर
शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.
कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न
स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे
– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न
भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.
शुरुआती लोगों के लिए सबसे बेहतरीन फोरेक्स ट्रेडिंग के नियम
ट्रेडिंग फॉरेक्स कोई रॉकेट साइंस नहीं है, लेकिन यह बहुत अधिक लग सकता है। ऐसा क्यों? शुरूआती लोगों के बारे में बात करें तो, उनके डर का सबसे बड़ा कारण यह है कि वे बहुत अपेक्षाएं रखते हैं। उन्हें सब कुछ यहीं चाहिए और अभी ही चाहिए; इस तरह, वे बेसिक प्रिंसिपल्स को छोड़ देते हैं, नियमों को नज़रअंदाज़ करते हैं, और क्वालिटी से अधिक क्वांटिटी पर ध्यान देते हैं। इस तरह की "स्टाइल" का नतीजा बहुत निराशाजनक है – जो है, फाइनेंशियल रूप से नुकसान, प्रेरणा की कमी और उलझन में फंसना। प्रोफेशनल ट्रेडर्स रातोंरात प्रोफेशनल्स नहीं बन गए। वे अनुशासन और अभ्यास के ज़रिये अपनी विशेषज्ञता को बढ़ाते रहते हैं।
फोरेक्स ट्रेडिंग के टॉप 9 नियम
आइए हम आपको नियमों के बारे में समझाते हैं जो आपको लाइन में बनाए रखेंगे और आपको एक ट्रेडर के रूप में आगे बढ़ने में मदद करेंगे।
भरोसेमंद ब्रोकर
यह आपको बहुत आम बात लग रही होगी, लेकिन बहुत से शुरुआती लोग हैं जो इस महत्वपूर्ण भाग को छोड़ देते हैं और फोरेक्स मार्केट में भरोसेमंद ब्रोकर्स के विश्लेषण के लिए पर्याप्त समय नहीं निकालते हैं। यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है? आपकी ट्रेडिंग स्थितियां उस ब्रोकर पर निर्भर करती हैं जिसके साथ आप काम करते हैं, इसलिए समझदारी टेक्निकल इंडीकेटर्स के शब्द से एक ब्रोकर चुनें। आपको ट्रस्ट पायलट जैसे इंडिपेंडेंट प्लेटफॉर्म पर ग्राहकों के रिव्यूज को ध्यान से पढ़ना चाहिए। यही वह जगह है जहां ट्रेडर्स बिना किसी मार्केटिंग ट्रिक्स के अपना अनुभव साझा करते हैं। आपको बस सच जानने की ही ज़रूरत है।
एक डेमो अकाउंट के साथ शुरुआत करें
प्रैक्टिस करने से इंसान परफेक्ट बनता है। एक शुरूआती होने के नाते, आपके पास यह देखने का मौका है कि कैसे मार्केट अंदर से बाहर काम करता है और बिना कोई पैसे डिपॉजिट किए व्यापारिक संचालन करता है। यहां तक कि प्रोफेशनल ट्रेडर्स भी असली अकाउंट पर इस्तेमाल करने से पहले रणनीतियों को आज़माने के लिए डेमो अकाउंट का इस्तेमाल कर सकते हैं। याद रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि डेमो अकाउंट पर आपका ट्रेडिंग करने का तरीका हमेशा असली अकाउंट से अलग ही होगा क्योंकि असली पैसे डिपॉजिट करना और ट्रेड खोलना/बंद करना आपको अधिक सतर्क बनाता है। उम्मीद है।
कम भावनाएं, अधिक चेतना
आपकी मानसिक स्थिति आपके फैसलों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। ऐसे अनगिनत ट्रेडर्स हैं जो भावुक होने के कारण लगातार पैसा खोते रहते हैं। बात यह है कि एड्रेनालाईन आपको घने जंगल में ले जा सकता है। अपने भावुक हिस्से से कैसे निपटा जाए, इस बारे में सलाह दे पाना मुश्किल है क्योंकि यह आपकी जिम्मेदारी है। तार्किकता (लॉजिकल थिंकिंग) को प्राथमिकता दें और कोई भी कदम उठाने से पहले हमेशा सोचें।
अपनी समय सीमा चुनें
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में कई समय सीमा उपलब्ध होती हैं: 1 मिनट, 5 मिनट, 15 मिनट, 30 मिनट, 1 घंटा, 4 घंटे, दैनिक, साप्ताहिक और मासिक। ट्रेड करने की समय सीमा को निर्धारित किए बिना, इसकी बहुत बड़ी संभावना है कि आपकी एनालिसिस बेकार हो जाएगी। उदाहरण के तौर पर, 4-घंटे की समय-सीमा डाउनट्रेंड प्रदर्शित कर सकती है, जबकि 1 घंटे की समय-सीमा अपट्रेंड प्रदर्शित कर सकती है। उस समय-सीमा को निर्धारित करें जो आपकी ट्रेडिंग की अपेक्षाओं को पूरा करता है और फिर उसी पर ध्यान केंद्रित करें।
ट्रेड टेक्निकल इंडीकेटर्स के शब्द करने की समय सीमा को निर्धारित किए बिना, इसकी बहुत बड़ी संभावना है कि आपकी एनालिसिस बेकार हो जाएगी।
आपके ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे वह रकम हैं जिसे आपके फाइनेंशियल प्लान्स में महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभानी चाहिए। याद रखें कि आपके अनुभव की कमी से लेकर बाजार को प्रभावित करने वाली घटनाओं के अप्रत्याशित मोड़ से शुरू होने वाली विभिन्न स्थितियों के कारण ट्रेडिंग में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। इसलिए, जोखिम भरी स्थितियों से सफलतापूर्वक बाहर निकलने के लिए आपको छोटे-छोटे नुकसानों के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार रहना चाहिए।
कीमत को फॉलो करें
मार्केट बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है; आपको खरीदने के अवसरों की तलाश करनी चाहिए। अगर माकेट नीचे की ओर जा रहा है, तो यह बेचने के अवसरों का संकेत है। आपका फैसला हमेशा फैक्ट्स पर आधारित होना चाहिए और जब कोई फैक्ट्स नहीं हों - ट्रेंड जो आप देखते हैं वही मायने रखता है।
ट्रेडिंग स्टाइल
आपकी ट्रेडिंग स्टाइल आपके व्यक्तित्व पर निर्भर करती है। उदाहरण के तौर पर, अगर आप अपने कार्य दिवस को एक ओपन पोजीशन के साथ खत्म करने की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं, तो डे ट्रेडिंग आपके लिए बिल्कुल सही है। या इसके बिल्कुल विपरीत – पोजिशन ट्रेडिंग. यह वह जगह है जहां एक व्यक्ति मार्केट पर लगातार नज़र रखे बिना लंबे समय तक पोजीशन पकड़ कर रखता है।
आपकी ट्रेडिंग स्टाइल आपके व्यक्तित्व पर निर्भर करती है।
विश्लेषण लागू करें
अपनी गलतियों से सीखने की आदत डालें। अनुभवी ट्रेडर्स ने अपने विश्लेषण को अपनी ट्रेडिंग एक्टिविटीज का एक हिस्सा बना दिया है। सप्ताहांत पर अपना विश्लेषण शुरू करना एक अच्छा आईडिया है क्योंकि तब मार्केट बंद होता है, और आप सिर्फ उन समस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं जो सप्ताह के दौरान हुई थीं जिन्हें भविष्य में नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए। एक बार जब आपके पास अधिक अनुभव आ जाता है और आप एक्सपर्ट बन जाते हैं, तो आप अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए समय की बेहतर समझ हासिल कर लेंगे।
फंडामेंटल और तकनीकी विश्लेषण
जब फंडामेंटल एनालिसिस की बात आती है, तो ट्रेडर्स मुख्य रूप से एक निश्चित देश के आर्थिक कल्याण यानि कि उसकी करेंसी पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ऐसे अन्य कारक भी हैं जिन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए, जैसे कि राजनीतिक स्थिति, सरकारी नीति, इन्फ्लेशन और GDP डेटा इत्यादि। लिस्ट वास्तव में लंबी है; खराब मौसम की वजह से भी करेंसी की स्थिरता प्रभावित हो सकती है।
इस तरह का विश्लेषण फैसला लेने में कैसे मदद कर सकता है? खैर, ट्रेडर्स किसी भी करेंसी का वास्तविक मूल्य निर्धारित कर सकते हैं – चाहे वह वैल्यू से ज़्यादा हो – या कम हो। अगर यह वैल्यू से ज़्यादा है, तो एक ट्रेडर करेंसी बेचने पर विचार करेगा। इसके विपरीत, अगर यह वैल्यू से कम है, तो यह एसेट खरीदने के लिए सही है।
तकनीकी विश्लेषण के मामले में, ट्रेडर्स एसेट की दिशा का पता लगाने के लिए ऐतिहासिक कीमतों के आधार पर मार्केट के आंकड़ों के विश्लेषण में लग जाते हैं। इस स्थिति में कई सारे चार्ट्स का इस्तेमाल करके पैटर्न की पहचान की जा सकती है। टेक्निकल इंडीकेटर्स भी मार्केट के मूल्य का आकलन करने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं; यह उनमें से कुछ हैं: बोलिंगर बैंड, MACD, RSI, और अन्य। तो, हमारे पास दो पूरी तरह से अलग तरह के विश्लेषण हैं, लेकिन यह वह जगह है जहां यह कॉम्बिनेशन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आपकी ट्रेडिंग की उपलब्धियों को अगले लेवल तक लेकर जाता है।
अंतिम शब्द
फोरेक्स ट्रेडिंग के नियमों का पालन करना फायदेमंद है। यह आपको अधिक व्यवस्थित और स्थिर बनाता है। एक ही बार में सब कुछ समझने की कोशिश न करें - स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस अपनाएं जो आपको जोखिम भरी स्थितियों से बचाएगी। उदाहरण के तौर पर, आप एक साथ तीन करेंसी पेयर्स पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं और जानकारी के समुद्र में खो सकते हैं, या आप सिर्फ एक करेंसी पेअर पर ट्रेड शुरू करके अपनी विशेषज्ञता बढ़ा सकते हैं। हाँ, इसमें समय और मेहनत लगती है, लेकिन किस काम में नहीं लगती?
JustMarkets के बारे में
JustMarkets एक अंतरराष्ट्रीय ब्रोकर है जिसके पास 197 देशों से क्लाइंट्स हैं। लाखों लोगों ने सबसे अच्छे हालातों का फायदा उठाने के लिए JustMarkets पर पहले से ही ट्रेडिंग अकाउंट खोल रखे हैं, जिसमें कम स्प्रेड, कमीशन-फ्री विड्रॉवल और सहायता के लिए एक टीम शामिल है, जो यह सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम करती है कि हमारा हर एक क्लाइंट सुविधाजनक ट्रेडिंग अनुभव प्राप्त कर सके।
करंसी ट्रेडिंग में अपना हाथ आज़माने के लिए JustMarkets पर एक डेमो अकाउंट खोलें। यह फाइनेंशियल मार्केट में ट्रेडिंग करना सीखने का सबसे सुरक्षित तरीका है। पैसे निवेश करने से पहले एक टीचिंग अकाउंट आपको ट्रेडिंग की बेसिक बातें सीखने और अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनाने में मदद करेगा। अपने भविष्य को संवारने के लिए आज ही ट्रेडिंग करना सीखें।
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आज और अभी तक की सभी खबरें / आदेश / सर्कुलर /पोस्ट्स एक साथ एक जगह : न्यूज़ ● प्राइमरी का मास्टर ● कॉम के साथ पढ़ें सभी पोस्ट एक ही जगह टेक्निकल इंडीकेटर्स के शब्द Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 12:26 AM Rating: 5
सितंबर में LUNA की कीमतों में 300 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई
टेक्निकल इंडीकेटर्स बताते हैं कि सुधार जल्द ही आने वाला है क्योंकि सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की खबरों के बीच शानदार LUNA स्पाइक हुआ है।
मई में नेटिव टोकन LUNA और स्टेबल कॉइन TerraUSD (UST) के पतन के बाद, Terra एक विवादास्पद ब्लॉकचेन परियोजना के रूप में सामने आया है। हालांकि, क्रिप्टो करंसी निवेशक इसकी अभी की वृद्धि को अनदेखा नहीं कर सकते है।
LUNA की कीमत में पिछले चार महीने में आश्चर्यजनक रूप से 17,559,000% की वृद्धि हुई है। मई में यह अपने निचले स्तर के बाद शुन्य पर पहुंच गया था।
सितंबर में Terra इकोसिस्टम
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि LUNA टिकर LUNA2 के नाम से कई बाजारों में भी ट्रेड करता है। Terra प्रोजेक्ट के प्रभारी Terraform Labs ने अपनी पुरानी चैन को दो अलग-अलग चेन्स Terra Classic (LUNC) और Terra LUNA 2.0 (LUNA/LUNA2) में बाँट दिया है।
Terra ब्लॉकचैन के मूल टोकन को Terra Classic नाम दिया गया है। जबकि Terraform Labs के संस्थापक Do Kwon ने पुनर्जनन योजना के हिस्से के रूप में Terra LUNA 2.0 को बनाया है। Kwon और उनके समूह ने Terra के पतन से प्रभावित निवेशकों को LUNA2 टोकन बांटे है|
शुरुआत में, Terra Classic (LUNC) ने अपने सभी ऑन-चेन लेनदेन पर 1.2% डेली टैक्स लगाने की योजना को मंजूरी दी थी। दूसरे शब्दों में, जैसा कि CoinGabbar ने बताया है, यह प्रस्ताव स्थायी रूप से प्रत्येक ऑन-चेन लेनदेन से LUNC सप्लाई का 1.2% ले लेंगे। दूसरा, एक Terra व्हिसलब्लोअर, ने कथित तौर पर TerraForm Labs को एक लेनदेन के प्रेषक के रूप में पहचाना, जिसमें 435,000 LUNA2 टोकन शामिल थे।
हालांकि, Do Kwon ने इन आरोपों से इनकार किया है। Terra ने 4 अक्टूबर तक 19 मिलियन से अधिक LUNA टोकन की अपनी दूसरी एयरड्रॉप योजना को मंजूरी देने के एक सप्ताह बाद 9 सितंबर को भी पंप किया था।
LUNA कीमत के टेक्निकल इंडीकेटर्स मंदी दर्शाते है
तकनीकी रूप से, LUNA की कीमत में आने वाले दिनों में एक महत्वपूर्ण करेक्शन का खतरा है।
चार घंटे के चार्ट पर, टोकन के लिए रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 70 से अधिक हो गया है। जिसे एक अधिक खरीददार क्षेत्र के रूप में देखा जाता है जहां सुधार की संभावना अधिक होती है। दूसरा, 9 सितंबर के बाद से, राइजिंग वैज एक बेयरिश रेवेर्सल पैटर्न बना रही है।
ध्यान देने वाली बात यह है की, एक राइजिंग वैज तब बनती है जब कीमत ऊपरी और निचले ट्रेंडलाइनों को परिवर्तित करने के साथ एक असेंडिंग रेंज के भीतर ऊपर की ओर बढ़ती है। जब कीमत निचली ट्रेंडलाइन से नीचे चली जाती है और ट्रेडिंग वॉल्यूम में वृद्धि होती है, तो यह समाप्त हो जाता है। 11 सितंबर को, LUNA अपने वेज के निचले ट्रेंडलाइन को तोड़ने का प्रयास कर रहा था।
Triphala Benefits: त्रिफला की सेवन विधि और त्रिफला के फायदे?
त्रिफला काफी प्रसिद्ध आयुर्वेदिक मिश्रण है. इसे आंवला, विभीतकी और हरड़ से तैयार किया जाता है. त्रिफला नाम का अर्थ (Triphala meaning) ‘तीन फल’ से है. आयुर्वेद में इसे रसायन गुणों के लिए जाना जाता है. त्रिफला शरीर को शक्ति देता है और शरीर को स्वस्थ रखता है.
By इंडिया रिव्यूज डेस्क Last updated Jul 19, 2020 5,090 0
आयुर्वेद में कई तरह की औषधियों का वर्णन किया गया है उन्हीं औषधियों में से एक ‘त्रिफला’ (Triphala) है. त्रिफला सिर्फ कोई एक जड़ी-बूटी नहीं है बल्कि ये कई औषधि का मिश्रण है. इसे कई तरह की बीमारियों में इस्तेमाल किया जाता है.
आयुर्वेद के अलावा चरक संहिता में भी त्रिफला के बारे में काफी कुछ लिखा गया है. ये अनेक रोगों के इलाज एवं बचाव में प्रभावकारी है. अगर आप इसका इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि त्रिफला के क्या फायदे हैं? (Triphala benefit) त्रिफला के क्या नुकसान हैं? (Triphala side effect) त्रिफला की तासीर कैसी है? त्रिफला का सेवन कैसे करना चाहिए? (How to use triphala?)
त्रिफला क्या है? (What is Triphala?)
त्रिफला काफी प्रसिद्ध आयुर्वेदिक मिश्रण है. इसे आंवला, विभीतकी और हरड़ से तैयार किया जाता है. त्रिफला नाम का अर्थ (Triphala meaning) ‘तीन फल’ से है. आयुर्वेद में इसे रसायन गुणों के लिए जाना जाता है. त्रिफला शरीर को शक्ति देता है और शरीर को स्वस्थ रखता है. इसमें मौजूद आंवला विटामिन सी का भरपूर स्त्रोत है. इसमें फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और खनिज पदार्थ प्रचुर मात्रा में होते हैं. इसमें मौजूद विभीतकी दर्द निवारण और लीवर को सुरक्षा देने वाला होता है. वहीं हरड़ सूजन रोधी और बढ़ती उम्र को रोकने में सहायक होता है.
त्रिफला के फायदे? (Triphala benefit?)
त्रिफला तीन फलों का मिश्रण है इसलिए ये अकेला कई तरह के रोगों से लड़ने में सक्षम है. अगर आप इसका सेवन करते हैं तो आपको कई तरह के फायदे होते हैं.
– त्रिफला वजन कम करने में बहुत सहायक होता है. अगर कोई बिना कसरत किए वजन घटाना चाहता है तो उसे त्रिफला का सेवन करना चाहिए. त्रिफला आपके पेट मे कॉलन के ऊतकों को मजबूत बनाता है और उसे साफ रखता है जिससे वजन नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
– त्रिफला आँखों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. ये आंक की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है. ये ग्लूकोमा, मोतियाबिंद के शुरुवाती चरण में आँख आने जैसी समस्या का इलाज भी करता है. इसका उपयोग करने के लिए तांबे के लोटो में पानी भरकर उसमें 2 चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को भिगोकर रख दें. सुबह उसे छान लें और उस पाने से आँखों को धोएं. इससे आंखे स्वस्थ रहती है.
– त्रिफला आपकी आँखों में प्राकृतिक चमक भी लाता है. ये त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटकर छिद्रों को साफ करता है. ये आपके रक्त को भी साफ करता है. इसका उपयोग आप त्वचा के चकते, किसी प्रकार का निशान, मुहाँसे, सनबर्न के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
– त्रिफला का सबसे ज्यादा उपयोग कब्ज के लिए किया जाता है. त्रिफला में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जिसके कारण ये शरीर में चयापचय को सही करता है और पाचन तंत्र को आसान बनाता है जिससे कब्ज और मल त्यागने जैसे समस्या नहीं होती है. आप इसका सेवन भोजन के बाद कर सकते हैं.
– त्रिफला दांतों को मजबूत एवं साफ रखने में भी कारगर होता है. इससे दांतों पर मेल आना, दांतों में कीड़े लगना, मसूड़ों की सूजन और मसूड़ों से खून आने जैसी समस्या नहीं होती है. इसका उपयोग करने के लिए आप रात में त्रिफला को भिगोकर रखें. सुबह उठकर मानजन करने के बाद कुछ देर इसे मुंह में भरकर रखें. इससे दांतों की समस्या से छुटकारा मिल सकता है.
– इससे बाल झड़ने, बाल पतले होने, गंजेपन की समस्या में भी लाभ टेक्निकल इंडीकेटर्स के शब्द होता है. इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो बालों के रोम के अंदर असर करते हैं और आपके बालों के विकास को तेज कर देते हैं. इसके लिए आप त्रिफला के कैप्सुल का इस्तेमाल कर सकते हैं.
त्रिफला के नुकसान (Triphala side effect)
त्रिफला के जहां कई सारे फायदे हैं वहीं कुछ नुकसान भी हैं. त्रिफला का इस्तेमाल करने से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखें.
– त्रिफला का सेवन महिलाओं को प्रेग्नेंसी और स्तनपान के दौरान नहीं करना चाहिए.
– त्रिफला के सेवन से कई बार नींद बहुत आती है तो कुछ लोगों को नींद नहीं आती है. ऐसे कुछ भी गुण दिखाई देने पर त्रिफला का सेवन न करें या फिर रात में इसका सेवन न करें.
– छोटे बच्चे जो 6 साल से कम उम्र के हो वो इसका सेवन न करें.
– जो लोग टेक्निकल इंडीकेटर्स के शब्द समय तक त्रिफला का सेवन करना चाहते हैं वो कम मात्र में इसका सेवन करें. त्रिफला को अधिक मात्रा में लेने से आपको दस्त लगने जैसी समस्या हो सकती है.
– ये दिल की बीमारी वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है. इससे ब्लड में शुगर और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ सकती है इसलिए ऐसे लोग इसका सेवन न करें.
त्रिफला का सेवन कैसे करें? (How to use triphala?)
त्रिफला का सेवन हम जिस समय करते हैं ये वैसे परिणाम हमें देता है. अगर हम इसका सेवन सुबह करते हैं तो ये हमारे शरीर को पोषण देता है. सुबह इसका सेवन आप गुड़ के साथ कर सकते हैं. शुगर और हार्ट पेशेंट इसका इस्तेमाल न करें. इसके अलावा जब आप इसे शाम को लेते हैं तो ये पेट की सफाई करता है, कब्ज आदि से छुटकारा दिलाता है. रात में आप इसे गर्म दूध के साथ ले सकते हैं.
त्रिफला वैसे तो बहुत फायदेमंद है लेकिन आपको इसका सेवन थोड़ा सोच समझकर करना चाहिए. त्रिफला गर्म तासीर का होता है इसके सेवन करने से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. खासतौर पर प्रेग्नेंसी में इसका इस्तेमाल न करें. अगर आप किसी तरह के रोग से जूझ रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह पर ही त्रिफला का सेवन करें.