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Bitcoin क्या होता है

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He told me that he had joined a call center but had 28 days at his disposal before joining the job formally so in the meantime, he wanted to learn mobile repairing: Owner Training Institute pic.twitter.com/F1zaXXUx8H— TIMES NOW (@TimesNow) November 22, 2022

Cryptocurrency Market का बुरा हाल! 16000 डॉलर से नीचे लुढ़का Bitcoin, फटाफट चेक करें डिटेल्स

हिन्दुस्तान लोगो

हिन्दुस्तान 1 दिन पहले लाइव मिंट

बीते कई हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के लिए किसी सदमे से कम नहीं रहे हैं। पिछले दिनों हुए FTX क्राइसिस से अभी तक ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट उबर नहीं पाया है। एक ओर दुनिया की सबसे पॉप्युलर किप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) मंगलवार को 1 पर्सेंट की गिरावट के साथ 15,844 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। वहीं बिटकॉइन के अलावा दुनिया की दूसरी बड़ी और चर्चित क्रिप्टोकरेंसी एथेरियम ब्लॉकचेन की ईथर (Ether) भी मंगलवार को 1 पर्सेंट की गिरावट के साथ 1,106 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। इसके अलावा, ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप मंगलवार को 1 ट्रिलियन डॉलर के नीचे ट्रेड कर रहा है। CoinGecko के अनुसार पिछले 24 घंटों में ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 2 पर्सेंट की गिरावट के साथ 820 बिलियन डॉलर पर ट्रेड कर रहा है।

12200 डॉलर Bitcoin क्या होता है Bitcoin क्या होता है के करीब पहुंच सकते हैं बिटक्वॉइन के प्राइसेज

क्रिप्टो एक्सपर्ट Mudrex के सीईओ और को-फाउंडर इदुल पटेल का कहना है कि पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन का 16,000 डॉलर से नीचे आना मार्केट में सेलिंग प्रेशर को दिखाता है। अगर बिटकॉइन का ट्रेड आज 16,000 डॉलर के नीचे होता है तो हम इसे पहले 15,588 डॉलर और बाद में 12,200 डॉलर के आसपास ट्रेड करते हुए देख सकते हैं। दूसरी ओर एथेरियम ब्लॉकचेन की ईथर लगातार 1,000 डॉलर के सपोर्ट लेवल की ओर गिरती जा रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो मार्केट में बुल्स के लिए इसे डिफेंड कर पाना और भी मुश्किल हो जाएगा। इदुल पटेल का कहना है कि जब तक मार्केट को लेकर निवेशकों में अनिश्चितता बनी रहेगी, तब तक इसके प्राइस को लेकर कुछ भी कहना संभव नहीं है।

मिला-जुला रहा दूसरे डिजिटल टोकन का ट्रेड

एक ओर जहां मगंलवार को डॉगकॉइन (Dogecoin) 2 पर्सेंट की गिरावट के साथ 0.07 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। वहीं शीबा इनु (Shiba Inu) मंगलवार को गिरकर 0.00008 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। जबकि पिछले 24 घंटों में जहां सोलोना, टीथर, यूनिस्वैप, स्टेलर, और पोल्काडॉट गिरावट के साथ ट्रेड कर रही हैं तो वहीं एक्सआरपी, ट्रॉन, कार्डानो, चेनलिंक, लिटकॉइन, और पॉलीगॉन के ट्रेड में इजाफा देखा गया। आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर के महीने में ही बिटकॉइन अपने सबसे हाइएस्ट लेवल 69,000 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। लेकिन साल 2022 की शुरुआत से क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है।

महिलाओं के लिए रोज की समस्या. आज क्या खाया जाए से लेकर रात में क्या बनाया जाए तक बहुत सी बातों में चुनना होता है मुश्किल

नेशनल डेस्क: अकसर घरेलु महिलाओं की जिंदगी में यह समसमया आम होती है कि आज क्या खाया जाए या फिर क्या बनाया जाए। वहीं दिनभर की व्यस्तता के बाद अगर आपका साथी आपको यह कह दें कि ‘चलो खाने के लिए कुछ ऑर्डर करते हैं, खाना बनाने का या घर खाना खाने का मन नहीं कर रहा है तो ऐसे में कुछ राहत महसूस जरूर होती है लेकिन जैसे ही आप अपना सामान्य टेकअवे ऐप खोलते तो हैं और उपलब्ध कई रेस्तरां और व्यंजनों को स्क्रॉल करना शुरू करते हैं। थाई, पिज़्ज़ा, बर्गर, कोरियाई, लेबनीज़. ओह इसकी डिलीवरी मुफ़्त है! हम्म, लेकिन वे बहुत दूर हैं और मैं भूखा हूं . जल्द ही Bitcoin क्या होता है राहत की भावना असमंजस में बदल जाती है और यह तय करने में असमर्थता होती है कि क्या ऑर्डर किया जाए। और आपका साथी भी ज्यादा मददगार नहीं है! जाना पहचाना लग रहा है ना? आपके साथ भी ऐसा ही होता है, इसे च्वाइस ओवरलोड कहा जाता है। यह कभी-कभी निर्णय लेना असंभव बना देता है (जब आप हार मान लेते हैं और घर पर ही कुछ हलका फुलका बनाने का फैसला कर सकते हैं) और आखिरकार हम जो विकल्प चुनते है। वह हमें कम संतुष्टि की ओर ले जाते हैं।

शुक्र है, विपणन और मनोविज्ञान के विद्वानों ने इस घटना का वर्षों से अध्ययन किया है और आपके जीवन को थोड़ा आसान बनाने के लिए कुछ सुझाव तैयार किए हैं। लेकिन इनपर अमल करने से पहले हमें इन्हें ठीक से Bitcoin क्या होता है समझने की जरूरत है। किसी चीज को चुनना मुश्किल क्यों हो जाता है? रात के खाने के बारे में उपरोक्त परिदृश्य में, विकल्प ही अपने आप में जटिलता बन जाते हैं। विकल्प कैसे पेश किए जाते हैं, कितने विकल्प हैं, उनकी विशेषताओं में कितने अलग विकल्प हैं, हम प्रत्येक विकल्प के बारे में पहले से कितना जानते हैं - यही असमंजस की वजह होती है।

सबसे बेहतर विकल्प चुनने के लिए बहुत सी चीजें हैं: भोजन, वितरण समय, वितरण लागत, दूरी, सेहत के लिए अच्छा है या बुरा, और इसी तरह की कई बातें। जो पहली नज़र में एक साधारण निर्णय लगता है, जल्द ही काफी जटिल हो जाता है। जब अकेले भोजन की बात आती है तो लोग एक दिन में लगभग 200 विकल्प चुनते हैं, ऐसे में आप दिन के अंत में हमारे मस्तिष्क द्वारा महसूस की जाने वाली थकान को आसानी से समझ सकते हैं।

चॉइस ओवरलोड को कैसे दूर करें
तो एक लंबे दिन के बाद, जब आपके पास कोई ऊर्जा नहीं बची है, उत्तरदायित्व कम है, और संभावित परिणाम मामूली हैं, तो अपनी पसंद को संतुष्ट करने पर विचार करें: विकल्प कार्य को तुरंत दो हिस्सों में बांट लें। केवल दो विकल्पों में से चुनें, बेतरतीब ढंग से चुने गए, या पहले जो दिमाग में आए। उदाहरण के लिए, डिलीवरी ऐप खोलने से पहले, तय करें कि आपको पॉप अप होने वाले पहले दो व्यंजनों में से ही किसी एक को चुनना है। आप जो जानते हैं, उसे ही अपनी पसंद बनाए। आदतें तब बनती हैं जब अतीत में मस्तिष्क द्वारा एक विकल्प को बार-बार चुना जाता है और इसका मतलब है कि आपके द्वारा नियमित रूप से चुने जाने के कारण वह विकल्प आपकी पसंद बन जाता है। अपनी पहली पसंद पर टिके रहें। एक बार निर्णय लेने के बाद, अपने निर्णय पर बने रहें।

इसी तरह आप एक घर खरीद रहे होते हैं, तो आप इष्टतम निर्णय लेने के लिए आवश्यक सभी सूचनाओं पर विचार करना चाहते हैं। इससे चॉइस ओवरलोड होने की संभावना है क्योंकि आपका मस्तिष्क सचेत रूप से सभी बिंदुओं को जोड़ने की कोशिश कर रहा है। यदि निर्णय भारी हो रहा है, तो रुकने का प्रयास करें और कुछ देर इस बारे में न सोचने का प्रयास करें। जब आप एक अच्छी रात की नींद के बाद वापस आते हैं, तो आपके मस्तिष्क ने अनजाने में सूचना को संसाधित कर लिया होगा और आप अधिक आत्मविश्वास से निर्णय लेने में सक्षम होंगे। कुछ सरल तरकीबों से, यहां तक ​​कि रात के खाने के लिए क्या ऑर्डर करना है, की विलासिता की समस्या को भी समाप्त किया जा सकता है; अब, आपके पास अपने पिज़्ज़ा. या बर्गर के बारे में सोचते समय नेटफ्लिक्स पर क्या देखना है, इस पर सहमत होने के लिए भी कुछ दिमागी जगह बची है। द कन्वरसेशन एकता एकता

बिटकॉइन में डील करता था मंगलुरु में धमाका करने वाला आतंकी मोहम्मद शरीक, साथियों को क्रिप्टो में भेजता था पैसे: ‘प्रेम राज’ बन सीख रहा था मोबाइल रिपेयरिंग

इससे पहले मंगलुरु बम ब्लास्ट में गिरफ्तार आरोपित मोहम्मद शरीक को लेकर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा था कि शरीक ऑटो में बैठने के बाद खुद को हिंदू बता रहा था, ताकि उस पर किसी को शक न हो।

मंगलुरु ब्लास्ट

मंगलुरु बम ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार मोहम्मद शरीक (फोटो साभार: इंडिया टुडे)

कर्नाटक के मंगलुरु में शनिवार (19 नवंबर, 2022) को हुए बम ब्लास्ट मामले में एक के बाद कई खुलासे होते जा रहे हैं। जाँच में सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपित मोहम्मद शरीक मैसूर में एक मोबाइल रिपेयरिंग ट्रेनिंग सेंटर में रिपेयरिंग का काम सीख रहा था। साथ ही, यह भी खुलासा हुआ है कि वह बिटकॉइन ट्रेडिंग करता था और अपने साथियों को क्रिप्टो करेंसी भेजता था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुरुआती जाँच में सामने आया है कि मोहम्मद शरीक मैसूर में फर्जी आधार कार्ड के आधार पर किराए के मकान में रह रहा था। इस मामले में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार ने कहा है कि सितंबर 2022 में शरीक के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद वह शिवमोग्गा से भाग कर मैसूर में किराए पर घर लेकर रह रहा था। जहाँ वह एक मोबाइल रिपेयरिंग ट्रेनिंग सेंटर में काम सीख रहा था।

वहीं, रिपेयरिंग सेंटर के मालिक का कहना है कि उनके ट्रेनिंग सेंटर में शरीक ने खुद को ‘प्रेम राज’ बताया था। इसके लिए उसने आधार कार्ड भी दिखाया था। उन्होंने आगे कहा है कि मोहम्मद शरीक ने उन्हें बताया था कि उसकी नौकरी एक कॉल सेंटर में लग गई है। लेकिन, उनकी जॉइनिंग होने में 28 दिन का समय है। इसलिए, वह घर में खाली बैठने की जगह मोबाइल रिपेयरिंग सीखना चाहता है।

Shariq joined the training center under the masked identity of Premraj.

He told me that he had joined a call center but had 28 days at his disposal before joining the job formally so in the meantime, he wanted to learn mobile repairing: Owner Training Institute pic.twitter.com/F1zaXXUx8H

— TIMES NOW (@TimesNow) November 22, 2022

रिपेयरिंग सेंटर के मालिक ने यह भी कहा है कि उनके संस्थान में 45 दिनों का रिपेयरिंग कोर्स होता है। लेकिन, शरीक 20-21 दिन ही उनके यहाँ आया होगा। इस दौरान भी वह ट्रेनिंग सेंटर एक दिन आता था और फिर उसके अगले 1 या दो दिन नहीं आता था।

मोबाइल रिपेयरिंग सेंटर के मालिक के इस बयान के आधार पर फिलहाल यह अंदाजा लगाया जाना बेहद आसान है कि बम धमाके का आरोपित मोहम्मद शरीक बम बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले सर्किट व अन्य साधनों में होने वाली सोल्डरिंग (टाँका) सीखने के लिए ही रिपेयरिंग सेंटर जाता था। हालाँकि, पूरे मामले का खुलासा गिरफ्तार आरोपित मोहम्मद शरीक व उसके अन्य सहयोगियों से पूछताछ और पुलिस की जाँच के बाद ही हो सकेगा।

वहीं एक अन्य रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से कहा गया है कि मोहम्मद शरीक बिटकॉइन में ट्रेडिंग करता था और इससे कमाए हुए पैसे को क्रिप्टो करेंसी के द्वारा अपने सहयोगियों को भेजता था। इसका सीधा मतलब है कि आतंकी गतिविधियों में क्रिप्टो करेंसी का उपयोग हो रहा है। इससे पहले मंगलुरु बम ब्लास्ट में गिरफ्तार आरोपित मोहम्मद शरीक को लेकर कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहा था कि शरीक ऑटो में बैठने के बाद खुद को हिंदू बता रहा था, ताकि उस पर किसी को शक न हो। इसके लिए, उसने एक आधार कार्ड दिखाया था, जिस पर हिंदू नाम था। यह आधार कार्ड उसने रेलवे कर्मचारी से चुराया था।

के. सुधाकर ने यह भी कहा था कि पुलिस हर एंगल से मामले की जाँच कर रही है। यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि मोहम्मद शरीक के संबंध अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों, बैन किए गए संगठनों या स्लीपर सेल से तो नहीं है। उन्होंने कहा है कि कर्नाटक की सीमा केरल से लगती है। इसलिए, स्लीपर सेल से जुड़े होने की भी आशंका है।

उन्होंने यह भी कहा था कि बीते महीने तमिलनाडु के कोयंबटूर में भी ऐसा ही बम धमाका हुआ था। तब भी आतंकियों ने मंदिर के पास ब्लास्ट करने की साजिश रची थी। पुलिस ने मोहम्मद शरीक के मूवमेंट को ट्रेस किया है जिसमें सामने आया है कि उसने कोयंबटूर में एक व्यक्ति से मुलाकात की थी।

इस मामले में पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार आरोपित मोहम्मद शरीक ऑटो में बैठकर पंपवेल एरिया में जाना चाहता था, जहाँ वह अपने साथ लिए हुए कुकर बम (विस्फोटक) को नगौरी के भीड़-भाड़ इलाके में प्लांट करना चाहता था। हालाँकि, ऑटो में बैठने के थोड़ा देर बाद ही विस्फोट हो गया।

यही नहीं, शुरुआती जाँच के बाद पुलिस ने कहा है कि शरीक ने कोयंबटूर से किसी और के नाम पर एक सिम खरीदा था। इस सिम कार्ड के टावर लोकेशन की जाँच से सामने आया है कि वह तमिलनाडु के इलाकों में घूम रहा था। शरीक की फोन डिटेल निकाली जा रही है, जिससे उसके साथियों के बारे में जानकारी सामने आ सकेगी।

Shraddha Murder Case: आफताब के 'कातिल' मंसूबे पहचान चुकी श्रद्धा, अगर नहीं लेती ये फैसला तो शायद होती जिंदा

श्रद्धा अपने लिव इन पार्टनर आफताब पूनावाला का असली चेहरा पहचान गई थी। आफताब उसके साथ आए दिन मारपीट करता था।

PC- Instagram

श्रद्धा वालकर हत्‍याकांड में रोज नए खुलासे हो रहे हैं लेकिन अभी तक पूरा मामला किसी फाइनल अंजाम तक नहीं पहुंचा है। इस बीच एक और नई बात सामने आई है और वो ये कि श्रद्धा ने दो साल पहले ही हत्या की आशंका जताई थी। जी हां वो अपने लिव इन पार्टनर आफताब पूनावाला का असली चेहरा पहचान गई थी। आफताब उसके साथ आए दिन मारपीट करता था। यहां तक कि श्रद्धा को धमकी देता था कि उसके टुकड़े टुकड़े कर देगा। इन बातों का जिक्र श्रद्धा ने दो साल पहले एक शिकायत पत्र में किया था।

श्रद्धा ने नवंबर 2020 में एक शिकायत पुलिस से की थी। उसने बाकायदा पुलिस को एक लिखित पत्र में बताया था कि आफताब से उसे जान का खतरा है। जबतक पुलिस आफताब पर कोई कार्रवाई करती या उसे हिरासत में लेती, श्रद्धा ने अपनी शिकायत वापस ले ली। श्रद्धा द्वारा की गई बस यही गलती जानलेवा साबित हुई। आफताब नहीं बदला और उसने वहीं किया जैसा करने की वह लगातार धमकी देता था। 18 मई 2022 को उसने श्रद्धा की हत्या कर दी और शव के 35 टुकड़े कर दिए।

आफताब के मनाने पर श्रद्धा ने वापस ले ली थी शिकायत

जो जानकारी है उसके मुताबिक श्रद्धा के शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी लेकिन तभी श्रद्धा ने शिकायत वापस ले लिया। बताया जा रहा है कि आफताब के मनाने पर वह तैयार हो गई थी। इसके बाद उसने शिकायत वापस लेने का फैसला किया और दोनों फिर साथ रहने लगे।

श्रद्धा की शिकायत में लिखा था ये सब

रिपब्लिक के पास मौजूद शिकायती पत्र में श्रद्धा ने लिखा, 'आफताब ने उसे मारने की कोशिश की थी और 6 महीने से उसके साथ मारपीट कर रहा था। आफताब उसे टुकड़ों में काट देने की धमकी देता है। मुझे अगर कोई नुकसान हुआ तो आफताब जिम्मेदार होगा, क्योंकि वह उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहा था।'

हिन्दी वार्ता

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Bitcoin क्या है, कैसे काम करता है और कैसे आप इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं. जानिए सबकुछ

महज 52 पैसे से शुरू हुई एक मुद्रा जिसकी कीमत आज सोने से भी ज्यादा महँगी है, के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए. पिछले 3 महीने में इसकी कीमत में ढाई गुने से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है परन्तु आज भी अधिकांश लोग बिटकॉइन से अनजान हैं.
आइये आसान शब्दों में जानते हैं कि आखिर ये है क्या, काम कैसे करती है और कैसे आप इसमें अपना फायदा निकाल सकते हैं.

रोचक तथ्य- साल 2010 में आपने बिटकॉइन में 5000 रूपए लगाये होते तो आज उस पैसे की कीमत 33 करोड़ रूपए से भी अधिक होती.

bitcoin currency

बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है जो आम मुद्रा की तरह नोट या सिक्के के रूप में नहीं मिलती. यह एक डिजिटल करेंसी है जिसको आप इलेक्ट्रॉनिक रूप से रख सकते हैं.

आखिर क्या होता है बिटकॉइन-What is Bitcoin

आपने पेटीएम् (PAYTM) का प्रयोग किया है? बिटकॉइन कमोबेश इसी तरह काम करता है. एक इलेक्ट्रॉनिक अकाउंट में आपका पैसा बिटकॉइन के रूप में रहता है जिससे आप जो चाहे खरीद सकते हैं. बस फर्क ये है कि बिटकॉइन एक मुद्रा है जिसका नियंत्रण कोई एक कंपनी या कोई सरकार नहीं करती. दुनिया के हर शख्स के पास इसका नियंत्रण है.

इसका उपयोग करने के आपको इंटरनेट पर एक डिजिटल वॉलेट बनाना होता है, ये वॉलेट आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर से बना सकते हैं. वॉलेट बनने के बाद आपको एक अनूठा क्रिप्टोग्राफ़िक कोड मिलता है जो आपके अकाउंट नंबर की तरह काम करता है. इस वॉलेट के माध्यम से आप लेनदेन कर सकते हैं.

बिटकॉइन से सम्बंधित हर लेनदेन का हिसाब एक पब्लिक लेजर पर होता है जिसे हर कोई देख सकता है.

इंटरनेट पर कई कंपनियां है जो बिटकॉइन वॉलेट की सुविधा प्रदान करती हैं. इनका प्रयोग कर आप चाहें तो नए बिटकॉइन खरीद भी सकते हैं या किसी वस्तु के बदले में अपने बिटकॉइन वॉलेट से बिटकॉइन में पेमेंट भी कर सकते हैं.

कैसे बनते हैं नए Bitcoins- Mining & Miners

Bitcoin का उत्पादन माइनिंग के द्वारा किया जाता है और इसका उत्पादन करने वालों को माइनर्स कहते हैं. माइनर्स का काम बिटकॉइन के हर एक लेनदेन की पुष्टि करना है.

ये माइनर्स अपने विशेष प्रकार के हार्डवेयर का प्रयोग कर कंप्यूटर प्रोसेसिंग प्रणाली द्वारा विभिन्न प्रकार के लेनदेन को प्रोसेस करते हैं जिसके फलस्वरूप नए बिटकॉइन बनते हैं और इन माइनर्स को मिलते हैं.

माइनिंग एक स्वतंत्र प्रक्रिया है, कोई भी व्यक्ति माइनिंग कर के बिटकॉइन प्राप्त कर सकता है. हालाँकि इसके लिए अत्याधुनिक तथा शक्तिशाली प्रोसेसिंग वाले मशीनों की आवशयकता होती है.

bitcoin mining

कुछ ऐसे होती है बिटकॉइन की माइनिंग

रुपया या डॉलर की तरह बिटकॉइन की छपाई या निर्माण हमेशा नहीं होगा. बिटकॉइन पालिसी के अनुसार पूरी दुनिया में कुल मिलाकर 2 करोड़ 10 लाख (21 million ) बिटकॉइन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं निकाले जाएंगे. इसके बाद इसका उत्पादन बंद हो जाएगा.

1 BTC = कितने रूपए, Exchange Rate of Bitcoin

अपने निर्माण के बाद से बिटकॉइन का मूल्य लगातार बढ़ता जा रहा है. आइये देखते हैं कि एक बिटकॉइन की कीमत किस तरह से बदली.

  • मार्च 2010 में एक यूजर Smoketoomuch ने Bitcoins की नीलामी करने की सोची और और 10000 BitCoins के बदले $50(INR 3000) की मांग की. उसे एक भी खरीददार नहीं मिला. आज उतने Bitcoins की कीमत 145 करोड़ है.
  • मई 2010 में Laszlo Hanekz नाम के इस शख्स ने BitCoin से पहला Bitcoin क्या होता है सौदा किया जिसमें उन्होंने 10,000 Bitcoins के बदले एक पिज़्ज़ा खरीदा.
  • तब 1 बिटकॉइन की कीमत सिर्फ 52 पैसे थी और उसके 4 दिन बाद ही इसकी कीमत में 10 गुना उछाल आया और अब एक बिटकॉइन की कीमत हो गयी 5 रूपए

उसके बाद बिटकॉइन ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और देखते ही देखते इस क्रिप्टो करेंसी की कीमत आसमान छूने लगी. जनवरी 2017 में बिटकॉइन ने 1000 डॉलर का आंकड़ा छुआ पर उसके बाद जबरदस्त उछाल देखने को मिला और मई 2017 तक बिटकॉइन की वैल्यू 2700 डॉलर पार कर गयी.

कभी 52 पैसे की कीमत वाले बिटकॉइन की कीमत आज 1,45,000 रूपए है और ये लगातार बढ़ रही है

यहाँ एक बात रोचक है कि Bitcoin (बड़े अक्षरों में लिखा B) विश्व बाज़ार को Bitcoin क्या होता है दर्शाता है वहीँ bitcoin (छोटे अक्षरों में लिखा B) असल या वास्तविक मुद्रा को प्रदर्शित करता है.

बिटकॉइन में निवेश-How to invest in Bitcoin

bitcoin investment

जितनी तेज़ी से बिटकॉइन की वैल्यू बढ़ी है उससे निवेशकों का काफी ध्यान आकर्षित हुआ है. सिर्फ 7 सालों ने इस मुद्रा की कीमत में जबरदस्त उछाल आया है जिसकी वजह से लोग बिटकॉइन में जम कर पैसा लगा रहे हैं. कम दाम पर बिटकॉइन खरीदना और बाद में जब इसका मूल्य बढ़ जाए तब इसे बेच कर लोग मुनाफा कमा रहे हैं.

भारत में भी कई बिटकॉइन इन्वेस्टमेंट कम्पनीज के माध्यम से आप बिटकॉइन खरीद कर इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं. कुछ प्रमुख कंपनियों के नाम हैं – ZebPay या Unicoin

बिटकॉइन पर इन्वेस्टमेंट के बारे में और अधिक जाने के लिए हमारी अगली पोस्ट का इंतज़ार करें

क्या हैं बिटकॉइन प्रयोग करने के फायदे

आखिर क्यों पूरी दुनिया बिटकॉइन के पीछे दीवानी हो रही है. ऐसा क्या है बिटकॉइन में जिससे इसके प्रयोगकर्ताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
दरअसल बिटकॉइन ने मुद्रा या लेन देन के सिस्टम को पूरी तरह बदल कर रख दिया है. इसके अनेकों कारण है पर कुछ प्रमुख कारण हम यहां आपको बताने की कोशिश करेंगे.

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