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शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें

शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें
Share Market Kaise Sikhen

शेयर बाजार क्या है?/राकेश झुनझुनवाला कैसे इन्वेस्ट करते हैं?

अगर आप एक आम इंसान है तो आप शेयर मार्केट में आने के बाद एक आम इंसान नहीं रहेंगे मेरे कहने का मतलब यह है कि अगर आप एक आम इंसान हैं जो किसी दुकानदार के पास जाता है और दुकानदार से कोई वस्तु लेता है और दुकानदार जितना पैसा मांगता है वह व्यक्ति उतना पैसा दुकानदार को दे देता है इससे मालूम पड़ता है कि वह जो इंसान है वह एक चतुर ग्राहक नहीं है बल्कि जब वह शेयर मार्केट में आएगा तब वह एक चतुर इंसान बन जाएगा अब चतुर इंसान कहने का मेरा मतलब यह है क्योंकि शेयर बाजार आपको शेयर ट्रेडिंग अर्थात शेयरों को बेचने व खरीदने का मौका देता है। जबकि आप दुकानदार से केवल वस्तु को खरीद सकते हैं जबकि शेयर बाजार मैं आप बेंच भी सकते हैं अतः इस तरह दोनों हालात को नियंत्रित कर सकते हैं और इस कारण आपका भाग्य खुद अपने हाथ में होता है।

निवेशक;- वे लोग जो कंपनी में अपने पैसे को इन्वेस्ट करते हैं उन्हें हम निवेशक कहते हैं। और निवेशक जो होते हैं वह कम जोखिम लेते हैं क्योंकि वह किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने के पहले उस कंपनी के बारे में विश्लेषण करते हैं।

स्पेक्युलेशन;- स्पेक्युलेशन वे लोग होते हैं जो बिना किसी विश्लेषण के ही टिप्स के जरिए अपने पैसे को बाजार में इन्वेस्ट करते हैं जिनके कारण उनके पैसे पर डूबने का जो खतरा होता है वह बहुत ज्यादा होता है।

निवेशक और स्पेक्युलेशन में अंतर

निवेशक अपने धन को सुरक्षित करने के लिए किसी भी कंपनी में इन्वेस्ट करने के लिए उस कंपनी का विश्लेषण करता है जबकि वहीं दूसरी ओर स्पेक्युलेशन टिप्स के जरिए तथा रिस्क पर वह अच्छा मुनाफा कमाते हैं।

निवेशक की रिटर्न दर की उम्मीद जो होती है वह औसत होती है जबकि स्पेक्युलेशन की रिटर्न दर्ज होती बहुत अधिक होती है।

निवेशक कभी भी पैसा उधार लेकर इन्वेस्ट नहीं करते हैं जबकि स्पेक्युलेशन उधार लेकर पैसा इन्वेस्ट कर देते हैं।

निवेशक की चौथ भवानी की जो संभावना होती है वह बहुत कम होता है क्योंकि वह कंपनी का विश्लेषण कर कर किसी भी कंपनी में इनवेस्ट करता है वहीं दूसरी ओर स्पेक्युलेशन उनकी पैसा गंवाने की जो संभावना होती हुए 50 परसेंट होता है क्योंकि वह टिप्स के जरिए तथा अधिक रिक्स पर पैसा इन्वस्ट करते हैं।

बाजार में स्पेक्युलेशन होने के फायदे

स्पेक्युलेशन शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव लाते हैं इस अस्थिरता के कारण निवेशकों को कम भाव पर शेयर खरीदने का अच्छा मौका मिलता है।

शेयर बाजार एक स्टॉक एक्सचेंज संस्था है जो SEBI (SECURITY AND EXCHANGE FOOD OF INDIA) द्वारा रेगुलेट किया जाता है। कोई भी कंपनी शेयर बाजार में आकर लिस्ट हो सकती है अगर कोई कंपनी शेयर बाजार में आकर लिस्ट होती है तो उन्हें कंपनी का कुछ शेयर लोगों में बांटना होता है जिसे लोग खरीद सकते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि कंपनी का क्या फायदा हुआ है तो आइए उसी को जानते हैं अब कोई कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट हो गई है अब लोग उस कंपनी के शेयर को खरीदेंगे अगर उस कंपनी का डिमांड अधिक है और शेयर कम है तो उस कंपनी का जो शेयर प्राइस वह बढ़ेगा जिससे कंपनी के पास अधिक से अधिक धन आएगा और उस धन से कंपनी अपने विकास अपने जो आगे जो बिजनेस स्टार्ट करना चाहते उसमें उस धन को खर्च करेगी और इससे कंपनी का तो फायदा हुआ इसके साथ-साथ लोगों का भी फायदा हुआ।

किसी कंपनी का शेयर कैसे खरीदें

किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए सबसे पहले तो आप को प्ले स्टोर में जाकर किसी अच्छे ब्रोकर का ऐप डाउनलोड करना पड़ेगा। उसके बाद उसमें अपना अकाउंट बनाना होगा उसके बाद आप वहां से किसी भी कंपनी का शेयर खरीद सकते हैं। ध्यान देने बात यह है किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी के बारे में पूर्ण रूप से एनालिसिस कर लें कि कंपनी क्या करती है कंपनी का आगे का गोल किया है कंपनी के पास प्रजेंट टाइम में कितना कर्ज है कंपनी के पास प्रजेंट टाइम में कितना दायित्व है कंपनी के पास प्रजेंट टाइम में कितना संपत्ति है यह सभी देख लें उसके बाद किसी भी कंपनी में आप इन्वेस्ट कर सकते हैं और फर्स्ट ऑफ ऑल अगर आपको कंपनी के बारे में सब कुछ मालूम है कंपनी क्या करती है कैसा है तब आप उसमें पैसा इन्वेस्ट करेंगे तो हो सकता है आपका पैसा आगे बढ़े लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि कंपनी कैसे चुने इसी को चुना सबसे बड़ी बात है इसलिए अभी कंपनी में इन्वेस्ट करने से पहले कंपनी के बारे में पूर्ण रूप से जानकारी खट्टा कर ले।

शेयरधारकों को शेयर बाजार में किस तरह फायदा होता है

अगर आप किसी कंपनी का शेयर खरीदे हैं तो आपको दो तरीके से फायदा हो सकता है पहला तो है डिविडेंड आय और दूसरा जो है निवेश का मूल्य बढ़ाना इन दोनों के बारे में हम अध्ययन करते हैं

डिविडेंड आय - अगर मान लीजिए कि आप जिस कंपनी में इन्वेस्ट किए हैं उस कंपनी का मुनाफा बहुत बढ़ गया है तो कंपनी चाहे उस बड़े हुए मुनाफे को अपने बिजनेस में पुनः इन्वेस्ट कर सकती है या फिर कुछ पैसे को शेयरधारकों के बीच बांटा जाता है शेयर धारकों को दिए जाने वाले मुनाफे के हिस्से को डिविडेंड कहते हैं।

निवेश मूल्य वृद्धि- कोई भी निवेशक जिस कंपनी में इनवेस्ट करता है बाद में जाकर उस कंपनी का जो शेयर प्राइस है वह बाद में जाकर बढ़ भी सकता है और घट भी सकता है यदि बढ़ जाता है तो शेयर धारक उस कंपनी के शेयर को बेच सकता है और बढे हुए प्राइस से उससे कुछ मुनाफा हो सकता है यदि कंपनी का शेयर प्राइस low हो जाता है तो इससे शेयर धारक का कुछ पैसा लॉस भी हो सकता है।

SEBI क्या हैं ; -

अप्रैल 1992 को " द सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया" नामो बोर्ड का गठन किया गया भारत में शेयरो का केंद्रीय नियंत्रण सेबी के पास होता है। जो सभी निवेशकों के हित में काम करता है SEBI के गठन के फौरन बाद अनुचित शेयर ट्रेडिंग कार्य पर रोक लगा दी गई इसके तुरंत बाद एनएससी "नेशनल स्टॉक एक्सचेंज" का गठन हुआ। जिससे शेयर बाजार में इन्वेस्ट करना और भी आसान हो गया तथा शेयर बाजार और भी पारदर्शी हो गया।

क्या शेयर मार्केट एक जुआ है :-

आपने जब भी किसी से शेयर मार्केट के बारे में सुना होगा तो ज्यादातर लोग शेयर मार्केट को एक जुआ समझते हैं पर ऐसा नहीं है यह वही लोग हैं जो लोग शेयर मार्केट में बिना किसी जानकारी के आते हैं और अपने पैसे को लगाते हैं फिर अपना पैसा जब सारा गंवा बैठते हैं तो शेयर मार्केट को वह जुआ कहते हैं लेकिन यह सरासर गलत है वास्तव में शेयर मार्केटिंग जुआ नहीं है बल्कि शेयर मार्केट अपने पैसे को पढ़ाने का एक सबसे अच्छा तरीका है अगर यह जुआ होता तो सरकार इसे अभी तक बैन कर देती।शेयर मार्केट में अगर आपको आना है तो आपको एक अच्छी खासी नॉलेज शेयर मार्केट में ले कर आना पड़ेगा।आप उन लोगों से आप जाकर पूछ जिन्हें बहुत अच्छा खासा पैसा इस मार्केट में बनाया है या फिर इस मार्केट में काम करते हैं जो लोग। वे सभी लोग भी यही बताएंगे कि शेयर मार्केटिंग जुआ नहीं है

शेयर बाजार को सीखने के लिए सबसे अच्छा तरीका है सबसे पहले बुक को पढ़ें शेयर मार्केट से रिलेटेड और शेयर मार्केट में यूज होने वाले शब्दों को समझें उसके बाद हम कंपनी का विश्लेषण करना सीखें उसके पश्चात हम डमी ट्रेडिंग करना सीखे डमी ट्रेडिंग के बाद हम असली मार्केट में हमें कूदना चाहिए और आजमाना चाहिए कि हमने क्या सीखा है अभी तक। शेयर मार्केट को सीखने के लिए सबसे अच्छा बुक कुछ इस प्रकार है जिसक लिंक नीचे दिए गए हैं।

Share Market Kaise Sikhen | शेयर मार्केट में Investment और Trading करना कैसे सीखे

नमस्कार दोस्तों! आज के इस आर्टिकल में हम लोग अच्छी तरह से यह समझने का प्रयास करेंगे कि शेयर मार्केट कैसे सीखे | Share Market Kaise Sikhen मतलब कि शेयर मार्केट में Investment और Trading करना कैसे सीखे तो क्या आप तैयार हैं? शेयर मार्केट से संबंधित जितने भी अच्छे और खराब अफवाहें है आज के बाद आपके वह सारी अफवाहें इसे पढ़ने और समझने के बाद दूर होने वाली है।

तो आइए जानते हैं शेयर मार्केट में कितना रिस्क और इश्क़ है?

शेयर मार्केट कैसे सीखे (Share Market kaise sikhen) यानि की शेयर मार्केट से संबंधित हम वह सारी बातें शेयर करेंगे जो भी हमने सीखा है तो अगर हमारे शेयर मार्केट के Investment और Trading एक्सपीरियंस से आप कुछ जानना और सीखना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल ब्लॉग पोस्ट को ध्यान से पढ़ें और अपनी नजरें बनाए रखें।

चलिए अब कुछ शेयर मार्केट (Share Market Kaise Sikhen) से संबंधित अच्छी और खराब अफवाहें को देखने वाले हैं जो आपके और हमारे माइंड में हमेशा आते रहते हैं लेकिन कभी आपने यह अपने आप से सवाल किया है आखिर शेयर मार्केट से संबंधित इतनी अफवाह क्यों आ रहे हैं तो इसका मुख्य कारण है वह सारी बातें हमने अपने पूर्वज या किसी रिश्तेदार या दोस्तों से सुना है।

शेयर मार्केट से संबंधित कुछ बुरी अफवाहें जो कुछ इस प्रकार है:

  • शेयर मार्केट एक सट्टेबाजों का मार्केट है।
  • शेयर मार्केट एक जुआ है।
  • शेयर मार्केट में आपके रुपए कभी भी डूब जाते हैं।

यह उन लोगों का कहना है जिनके पास शेयर मार्केट का आधा अधूरा ज्ञान है अगर आपके पास भी शेयर मार्केट की अच्छी नॉलेज नहीं है तो आप भी कुछ इसे इस प्रकार ही समझेंगे।

शेयर मार्केट से संबंधित कुछ अच्छी अफवाह जो कुछ इस प्रकार है:

  • शेयर मार्केट में रुपए इन्वेस्ट करने पर आप रातो रात करोड़पति बन जाएंगे
  • शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करना बहुत ही रिस्की है।
  • शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए बहुत सारे रुपए और नॉलेज की जरूरत है।

इसे मैंने अच्छा तो कहा है लेकिन यह भी सारी अफवाहें ही है तो अब शेयर मार्केट कैसे सीखे? शेयर मार्केट क्या है? इसकी सच्चाई कहां पता चलेगी? आप घबराएं नहीं बस आगे पढ़ते चलिए…

शेयर मार्केट क्या है | शेयर बाजार क्या है

Share Market Kaise Sikhen

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शेयर मार्केट कैसे सीखे समझने, सीखने और पैसे कमाने के लिए सबसे पहले आपको यह समझना होगा शेयर मार्केट क्या है? शेयर बाजार क्या है? शेयर मार्केट रुपयों का गहरा समंदर है यह डायलॉग तो आपने कहीं सुना ही होगा जी हां यह रुपयों का गहरा समंदर ही है जो कि पूरे देश की प्यास बुझा सकता है। लेकिन कैसे!

शेयर मार्केट, शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट यह सारे तीनों नाम इसी के हैं अगर आप शेयर मार्केट के फंडामेंटल को सीख लेते हैं तो आप अपने कुछ शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कर अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

  • इसे जरूर पढ़ें: घर बैठे ऑनलाइन ₹50,000 तक का लोन कैसे ले

आज के डिजिटल जमाने में डिजिटल परिभाषा में समझाऊं तो शेयर मार्केट एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म यानी की जगह है, मार्केट है जहां लोग अलग-अलग कंपनी के शेयर को खरीदते और बेचते हैं।

लेकिन सवाल यह भी उठता है लोग शेयर कहां से खरीदते हैं? धीरे-धीरे हम यह सारी बातों को जानेंगे हमारा पूरा फोकस होगा कि आप शेयर मार्केट को अच्छे से समझे तभी आप शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग करना सीख पाएंगे।

एनएससी (NSE) क्या है?

एनएससी (NSE) का मतलब है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यह सरकार के द्वारा संचालित की जाती है। इसमें भारत के 50 बड़ी कंपनियां लिस्टेड है।

बीएससी (BSE) क्या है?

बीएससी (BSE) का मतलब है मुंबई स्टॉक एक्सचेंज यह प्राइवेट संस्थानों द्वारा संचालित की जाती है। इसमें भारत के 30 बड़ी कंपनियां लिस्टेड है।

ध्यान रखें कि NSE और BSE में ज्यादा कंफ्यूज ना हो बस यह जान ले आप इन दोनों में से किसी एक के जरिए अपना ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।

शेयर मार्केट कैसे सीखे | Share Market Kaise Sikhen | Investment और Trading करना कैसे सीखे

शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करना कोई भी सीख सकता है सिर्फ बंदे में यह काबिलियत होनी चाहिए कि वह सारी चीजों को सीखने और समझने में अपना टाइम इन्वेस्ट कर सके और साथ ही साथ वह प्रैक्टिकल नॉलेज को इंप्लीमेंट भी करें यानी कि सीखते वक्त वह एक्शन भी ले।

दोस्तों अगर आपके पास एक बेसिक शेयर मार्केट का नॉलेज है तो आप इसमें बड़े आसानी से इन्वेस्टमेंट कर पाएंगे और अगर आपके पास शेयर मार्केट की अच्छी नॉलेज है और आप शेयर मार्केट के नॉलेज को दिन प्रतिदिन बढ़ाते रहते हैं तो आपके लिए ट्रेडिंग करना भी बहुत ही आसान है।

शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट कैसे करें

अगर आप मार्केट को सीखने एवं समझने और इन्वेस्टमेंट करने को तैयार हैं तो आप नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. इसके लिए सबसे पहले आपके पास अपना एक बैंक अकाउंट होना चाहिए।
  2. फिर आपको बैंक अकाउंट को अपने डिमैट अकाउंट से लिंक करना होगा।
  3. अगर आप यह नहीं जानते कि डीमेट अकाउंट क्या होता है तो आप हमारे आने वाले आर्टिकल को जरूर पढ़ें।

शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने का मतलब यह है कि आप किसी अच्छे कंपनियों के शेयर को खरीद कर लंबे समय के लिए रख देते हैं। शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट का समय सीमा लगभग 1 वर्ष तो अवश्य रखें या फिर ज्यादा रिटर्न्स लेने के लिए आप 5 वर्ष , 10 वर्ष , 20 वर्ष तक की भी प्लानिंग कर सकते हैं।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे करें

शेयर मार्केट में जो सबसे कठिन समस्या आती है वह ट्रेडिंग करना है जी हां ट्रेडिंग करना थोड़ा कठिन हो सकता है क्योंकि इसमें आपको जितना पैसे कमाने की आशा होती है उतना ही आप इसमें रुपए गवाने का बोझ उठा सकते हैं।

कई बार तो यह देखा गया है कि शेयर मार्केट में सही से नॉलेज नहीं लेने पर ट्रेडिंग करने से आपके सारे रुपए भी डूब जाते हैं जी हां यह बिल्कुल सच है!

शेयर मार्केट की नॉलेज कहां से लें

शेयर मार्केट की नॉलेज आप इन्वेस्टमेंट और शेयर मार्केट से संबंधित किताबों को पढ़कर या फिर यूट्यूब, गूगल और बिजनेस न्यूज को देखकर पा सकते हैं या फिर आपको कुछ नहीं पता है तो आप इसके लिए एक छोटा सा कोर्स भी कर सकते हैं।

आजकल शेयर मार्केट की नॉलेज लेना और उसे एक्सेस करना बहुत ही आसान हो गया है बस जरूरत है तो आपके पास वह लालसा होनी चाहिए।

निष्कर्ष: शेयर मार्केट कैसे सीखे

क्या आपके प्रश्न शेयर मार्केट कैसे सीखे | Share Market Kaise Sikhen | शेयर मार्केट में Investment और Trading करना कैसे सीखे? इसे समझने के लिए हमने इस आर्टिकल में थोड़ा प्रयास किया तो दोस्तों अगर इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप अभी से थोड़ा-थोड़ा इन्वेस्टमेंट करने का शेयर मार्केट में रिस्क ले सकते हैं तो वह दिन दूर नहीं होगा कि आप शेयर मार्केट के बादशाह कहलायेंगे।

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दोस्तों शेयर मार्केट के बारे में एक आर्टिकल में सब कुछ थोड़ा कठिन है इसके लिए आप हमारे आर्टिकल को रेगुलर चेक करते रहे फिर भी अगर आपको यह सारी जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच अवश्य शेयर करें इससे हमारा और आपका दोनों का मोटिवेशन बना रहता है।

2. छोटी पूंजी के साथ शुरू करे

अब आपके मन एक प्रश्न होगा की investment के लिए कितने रुपयों की जरूरत होती है ?

तो स्टॉक मार्केट में आप काम से कम 100 रुपए से अपना निवेश शुरू कार सकते हो ।

अगर आपके पास के लिए ज्यादा फंड है तो भी आपको छोटे निवेश के साथ स्टॉक मार्केट में शुरुवात करें।

उससे फायदा ये है कि जब आप शुरुवात में आपके पास नॉलेज कम होने के कारण loss होने कि संभावना ज्यादा हो जाती है और रिस्क बढ़ जाता है ।

तो छोटे निवेश में Loss भी कम होगा और आप लंबे समय तक मार्केट में बने रहेंगे।

3 बेहतर इन्वेस्टर बनिये

तो दोस्तो इस पोस्ट में आप हम यह बता रहे है कि आप स्टॉक मार्केट में पैसा इन्वेस्ट कैसे करें? इसके लिए आपको यह समझना होगा कि Long term investing इसमें सही शेयर के साथ लंबे समय तक टिके रहना ।.

इसका मतलब है की आप जिस कम्पनी के शेयर खरीद रहे है आप उस कम्पनी के हिस्सेदार बन रहे है और वास्तव में उस कम्पनी के बिज़नेस में अपना पैसा लगा रहे है|

इसलिए जरुरी है की आप अपनी सेविंग को Intraday Trading या Short Term Trading ना लगायें और अच्छे शेयर्स के साथ लॉन्ग टर्म निवेश में Compounding का मैजिक देखे|

4 अच्छे शेयर्स सेलेक्ट करे

इसके बाद अब बात आती है कि स्टॉक मार्केट में अच्छे शेयर कोनेसे है जिनमे हमें ज्यादा प्रॉफिट हो?

तो में यहां पर आपको बता दू की मार्केट में एंटर करने से पहले आपको इससे अच्छी तरह समघना होगा ।

क्योंकि आपको जितना नॉलेज होगा आप उतना ही जायदा पैसा बना सकते हो ।

दूसरी बात आप जब तक आप खुद Practically उसे करना स्टार्ट नहीं करते और अपनी गलितियों से नहीं सीखते आप Expert नहीं बन पाते|

आप अच्छे स्टॉक सलेक्ट करने के लिए इन दो strategy का उपयोग कर सकते है –

1 Fundamental Analysis

सबसे पहले आपको कम्पनी के Balance Sheet और Profit & Loss को समझना होगा, Fundamental Analysis किसी भी शेयर को खरीदने से पहले किया जाता है ताकि किसी भी शेयर की स्थिति को समझ सके की कंपनी अपने काम से किस मुकाम पर है कंपनी कितनी मजबूत है और भविष्य में कितनी तरक्की करने वाली है।
इन सभी बातो की जानकारी हमे कंपनी के मौलिक विश्लेषण (Fundamental Analysis) करने से मिलती है।

Fundamental Analysis Kaise Kare
  1. Balance Sheet पर नज़र डालना
  2. P&L (Profit &Loss) Account पर नज़र डालना
  3. Cash Flow Statements को चेक करना
  4. Annual Report को देखना
  5. Financial Ratio को देखना
  6. PE Ratio नज़र डालना
  7. EPS Earning Per Share नज़र डालना
  8. Book Value को चेक करना
  9. Management Analysis नज़र डालना
  10. Profit And Sales Growth को देखना
  11. Opponent Company की जांच करना
  12. जिस क्षेत्र की कंपनी है उस क्षेत्र के नियम और कानून (Law and Rules)

2 Technical Analysis

तकनीकी विश्लेषण में बाजार के एतिहासिक आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव, वॉल्यूम, ओपन इंट्रेस्ट आदि शामिल हैं. इसके आधार पर यह बताया जाता है कि भविष्य में शेयर की दिशा क्या होगी.

एक बार जब कंपनी के डाटा को समझ लिया जाता है तब उस स्टॉक को खरीदने से पहले हम कम्पनी का टेक्निकल एनालिसिस करते है|

हमें यह देखना होता है की स्टॉक ट्रेंड में है या नहीं यानी उसकी प्राइस किस तरह मूव कर रही है |

5 रिस्क मनेजमेंट

स्टॉक मार्केट में किसी भी शेयर की प्राइस कई तरह के फैक्टर्स से Effect होती है|

इसलिए जरुरी नहीं है की आपने जिस स्टॉक को Pick किया वो 100% ही Up जायेंगा|

क्योकि हर एक चीज की Accuracy होती है – अब ऐसे में हो सकता है की आपने सही Stock में निवेश किया हो, लेकिन Miss Management या किसी भी दूसरी चीज के कारण कम्पनी की शेयर प्राइस गीर जाती है|

सवाल यह है की ऐसे में आप कैसे उस Risk को Manage करते है|

क्योकि मैंने पहले ही बताया है कि यहाँ Capital को बचायें रखना बहुत ही जरुरी है|

इसलिए जरुरी है की आप सही समय पर अपना Loss Cut करके उस शेयर से बाहर निकल जायें|

काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी

हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।

IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।

कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा जुटाती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं।

क्या इसमें निवेश करने में रिस्क हो सकता है?
इसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, इसलिए इसे थोड़ा रिस्की तो माना ही जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए IPO बेहतर विकल्प है।

IPO में निवेश कैसे करें?
अगर आप IPO में इन्वेस्ट करना चाहते है तो उसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। ये अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है। इसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें। निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैड एकाउंट से लिंक्ड एकाउंट में होनी चाहिए। निवेश की रकम तब तक आपके एकाउंट से नहीं कटती जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाता।

जब भी कोई कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है यहां ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10, 20, 50, 100, 150, 200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर की कीमत भी दिखाई देती है।

IPO की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत दो तरह से तय होती है। इसमें पहला होता है प्राइस बैंड और दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू ।

प्राइस बैंड कैसे?
शेयर की कीमत को फेस वैल्यू कहा जाता है। जिन कंपनियों को आईपीओ लाने की इजाजत होती है वे अपने शेयर्स की कीमत तय कर सकती हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी और बैंकों को रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होती है। कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बुक-रनर के साथ मिलकर प्राइस बैंड तय करता है। भारत में 20% प्राइस बैंड की इजाजत है। इसका मतलब है कि बैंड की अधिकतम सीमा फ्लोर प्राइस से 20% से ज्यादा नहीं हो सकती है। फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर बोली लगाई जा सकती है। प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 105 तय होती है तो 105 रुपए को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है। अमूमन प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत ही कट ऑफ होती है।

आखिरी कीमत
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर के अनुसार बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगा सकता है। बोली लगाने वाला कटऑफ बोली भी लगा सकता है। इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय हो, वह उस पर इतने शेयर खरीदेगा। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।

अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
अगर कोई कंपनी अपना IPO लाती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदता है तो कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग नियम नहीं है।

ज्यादा मांग आने पर क्या होगा?
मान लीजिए कोई कंपनी IPO में अपने 100 शेयर लेकर आई है लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाती है तो कंपनी सेबी द्वारा तय फॉर्मूले के हिसाब से शेयर अलॉट होते हैं। कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए आई हुई अर्जियों का चयन होता है। इसके अनुसार जैसे किसी निवेशक ने 10 शेयर मांगे हैं तो उस 5 शेयर भी मिल सकते हैं या किसी निवेशक को शेयर नहीं मिलना भी संभव होता है।

मोटी कमाई के लिए घर पर बैठकर खरीदें Apple, Google और Tesla जैसी कंपनियों के शेयर, ये रहा पूरा प्रोसेस

how to invest in us market from india-टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों के शेयर रोजाना नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं. इन कंपनियों की तेजी का फायदा आप भी उठा सकते हो. आज हम आपको इससे जुड़ी जरूरी जानकारी दे रहे हैं.

मोटी कमाई के लिए घर पर बैठकर खरीदें Apple, Google और Tesla जैसी कंपनियों के शेयर, ये रहा पूरा प्रोसेस

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Jan 13, 2022 | 6:00 AM

भारतीयों में विदेशी शेयरों, खासकर अमेरिकी कंपनियों (US Companies) के शेयरों में निवेश का चलन तेजी पकड़ बना रहा है. अगर आप भी घर बैठे एपल, गूगल, टेस्‍ला जैसे शेयरों को खरीदने के विभिन्न विकल्पों के बारे में जानना चाहते हैं तो यहां हम आपको इसकी पूरी जानकारी देने जा रहे हैं. अमेरिकी कंपनी ऐप्पल (Apple) की कुल मार्केट वेल्यू 3 ट्रिलियन डॉलर के पार हो गई है. टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft), अमेजन (Amazon), फेसबुक (Facebook) और गूगल (Google) जैसी कंपनियां भी तेजी से अमीर शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें होती जा रही हैं. इन कंपनियों की तेजी से होती ग्रोथ को देखकर भारत से भी कई निवेशक अमेरिकी कंपनियों में पैसा लगा रहे हैं. यह संभव हो सका है विदेश में निवेश करने वाले फंड के जरिए.एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इंडिया यानी एंफी की मानें तो 2021 में जनवरी से नवंबर के दौरान विदेश में पैसा लगाने वाले फंड्स ऑफ फंड्स में 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश हुआ है.

Apple Google और Amazon जैसी अमीर कंपनियों के शेयर खरीदने का पूरा प्रोसेस-विदेश में निवेश करने का सबसे आसान तरीका फंड ऑफ फंड्स यानी FoF रूट ही है. विदेशी फंड ऑफ फंड ऐसे ग्लोबल म्यूचुअल फंड्स में निवेश करते हैं जो वैश्विक शेयरों में पैसा लगाते हों. ऐसे फंड ऑफ फंड्स की होल्डिंग में एक या एक से वैश्विक ग्लोबल फंड शामिल हो सकते हैं. हालांकि विदेशी बाजारों में निवेश के शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें लिए सिर्फ विदेशी फंड ऑफ फंड्स ही एक तरीका नहीं है… कई और भी तरीके हैं, आइए उन्हें जानते हैं…

(1) अंतरराष्ट्रीय स्टॉक वाले म्यूचुअल फंड्स में निवेश

विदेशों में निवेश का दूसरा तरीका सेक्टोरल या थीमैटिक फंड हैं. सेक्टोरल या थीमैटिक म्यूचुअल फंड्स की होल्डिंग में भारतीय और विदेशी शेयरों का मिश्रण हो सकता है. यानी इस तरह के फंड्स में ऐपल, गूगल सहित भारतीय कंपनियां शामिल हो सकती हैं.

(2) इंडेक्स फंड

एक और तरीका है जिसे इंडेक्स फंड कहा जाता है…. जिस तरह भारतीय शेयर बाजारों के अलग-अलग इंडेक्स के लिए इंडेक्स फंड उपलब्ध हैं उसी तरह वैश्विक शेयर बाजारों के लिए भी इंडेक्स फंड हैं… वैश्विक बाजारों में निवेश करने वाले इंडेक्स फंड भी दुनिया के किसी एक शेयर बाजार के किसी एक इंडेक्स को ट्रैक करके निवेश करते हैं… मोतीलाल ओसवाल एसएंडपी 500 इंडेक्स फंड इसका एक उदाहरण है.

(शेयर मार्केट में कैसे इन्वेस्ट करें 3) अंतरराष्ट्रीय ईटीएफ में निवेश

वैश्विक बाजारों में निवेश का एक और तरीका इंटरनेशनल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या ईटीएफ भी हैं, ये ईटीएफ सामान्य तौर पर 2 तरह हो सकते हैं- Country specific और Country neutral. Country specific ईटीएफ आपको किसी चुनिंदा देश में निवेश करने की अनुमति देते हैं. उदाहरण के लिए, वैनएक्क वेक्टर्स वियतनाम ईटीएफ आपको वियतनाम इक्विटी बाजार में निवेश करने की अनुमति देता है. दूसरी ओर, Country neutral ईटीएफ आपको पूरी दुनिया में निवेश करने की अनुमति देते हैं.

(4) सीधा निवेश

ऐसा नहीं है कि सिर्फ फंड्स या ईटीएफ के जरिए ही आप अमेरिकी या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं, बल्कि सीधे निवेश का तरीका भी है, जैसे भारतीय शेयर बाजार में निवेश के लिए आप ब्रोकर के जरिए ट्रेडिंग कर सकते हैं, ठीक उसी तरह अमेरिकी बाजारों में भी कर सकते हैं, बशर्ते अमेरिकी ब्रोकर हायर करना होगा या फिर भारत में जो ब्रोकर अमेरिकी बाजारों में निवेश की सुविधा दे रहे हैं उनसे संपर्क करना होगा… दोनों ही परिस्थितियों में आपको इंटरनेशनल ट्रेडिंग खाता भी खोलना पड़ेगा और ट्रेडिंग के लिए करेंसी को डॉलर में बदलवाना होगा.. ऐसा करके आप सीधे ऐपल, गूगल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं.

(5) इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स (IDRs)

आप इंडियन डिपॉजिटरी रिसीट्स यानी आईडीआर के जरिए भी विदेशी बाजारों में निवेश कर सकते हैं. आईडीआर मूल रूप से भारतीय करेंसी में होता है और सेबी रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी इसे तैयार करता है. आईडीआर को कंपनी की इक्विटी के बदले जारी किया जाता है ताकि विदेशी कंपनियों को भारत से धन जुटाने में सक्षम बनाया जा सके. चूंकि विदेशी कंपनियों को भारतीय शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने की अनुमति नहीं है, आईडीआर उन कंपनियों के शेयरों को खरीदने का एक तरीका है.

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