इलियट तरंगों के 3 मुख्य नियम

1. सभी विषयों के जनक/पिता का नाम |
2. न्यूटन के गति के नियम के अनुसार |
3. सभी महत्वपूर्ण पूछे जानेवाले सवालों के जनक/पिता का नाम |
क्या आपके पास व्यक्तिगत ट्रेडिंग रणनीति है?
ट्रेडिंग के बारे में सभी अच्छे प्रशिक्षण पाठ्यक्रम और किताबें लगातार कहती हैं कि मुख्य बात यह है कि बाइनरी विकल्पों पर कैसे बनाएं , इलियट लहर को जल्दी से खोजने की क्षमता नहीं है, लेकिन आपकी खुद की ट्रेडिंग रणनीति , अनुशासन और जोखिम प्रबंधन नियम हैं।
यह सब सलाह उबाऊ हो रही है। शुरुआती लोगों को समय बर्बाद करने की ज़रूरत नहीं है जब इंटरनेट पर आप क्वेरी " मुफ्त बाइनरी विकल्प सिग्नल " दर्ज कर सकते हैं और कमाई शुरू कर सकते हैं। और केवल पहली खोई जमा राशि के साथ, वे समझते हैं कि रणनीति को विस्तार से जांचने की जरूरत है, अपने आप को समायोजित करें, लेनदेन के विवरण और नियमों को ध्यान से पढ़ें।
यहां तक कि जब एक व्यक्तिगत व्यापारिक रणनीति की आवश्यकता संदेह में नहीं है, तो व्यापारियों का कहना है कि मानक आपत्तियां .
मुझे अपनी रणनीति बनाने के लिए ज्ञान नहीं है।
अच्छी आपत्ति? यह पता चला है कि साहित्य का द्रव्यमान पढ़ना और ट्रेडिंग रणनीतियों के साथ प्रयोग करना, कभी-कभी एक वास्तविक खाते पर भी, कोई उपयोगी निष्कर्ष नहीं दिया गया। यदि यह सामान्य आलस्य नहीं है, तो, जैसा कि यह आक्रामक नहीं लगता था, यह द्विआधारी विकल्प के आगे के अध्ययन की व्यवहार्यता के बारे में सोचने योग्य है।
फिबोनाची स्तरों पर किताबें पढ़ना, अन्य सैद्धांतिक ज्ञान की तरंग विश्लेषण बहुत कमजोर रूप से व्यापारी को बाजार की वास्तविक समझ के करीब लाती है। केवल अपने विचारों के साथ अन्य लोगों के विकास के संयोजन से वास्तविक सफलता हो सकती है। बाइनरी ऑप्शन सिग्नल की कोशिश करें और सब कुछ निश्चित रूप से काम करेगा।
फाइबोनैचि संख्याओं के बारे में चतुर तर्क के साथ किताबें पढ़ना, अन्य सैद्धांतिक ज्ञान की लहर विश्लेषण बहुत कम व्यापारी को बाजार की वास्तविक समझ के करीब लाता है। केवल अपने विचारों के साथ अन्य लोगों के विकास के संयोजन से वास्तविक सफलता हो सकती है। बाइनरी ऑप्शन सिग्नल की कोशिश करें और सब कुछ निश्चित रूप से काम करेगा।
बाइनरी विकल्पों के लिए सिग्नल कैसे काम करते हैं, इसकी रणनीति और विश्लेषण के लिए कोई समय नहीं है ।
और व्यापार करने का समय कहाँ है? व्यापार में, कार्य दिवस की कोई सीमा नहीं है और यदि जीवन शैली ठीक से व्यवस्थित नहीं है, तो व्यापारी के लिए मुश्किल होगा। लाभ के लिए निरंतर निगरानी और विश्लेषण की आवश्यकता होती है, रणनीति के लिए समय हमेशा पाया जाना चाहिए।
मैं इसे वैसे भी नहीं कर सकता।
यदि आप शुरू नहीं करते हैं तो यह काम नहीं करेगा। सब कुछ पहली बार होता है। यदि तुरंत प्राप्त नहीं किया जाता है तो अगला प्रयास करना चाहिए और जरूरी सकारात्मक परिणाम देगा।
घाटे को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं।
यह समस्या सभी अतीत से अधिक है। कई व्यापारियों के पास यह है, वे «बुरा» दलालों और रणनीतियों के बारे में समीक्षाओं और मंचों में प्रिंट करते हैं।
लेकिन यह कायरता से बात करता है। इन व्यापारियों को पहचानना आसान है - वे लगातार भुगतान और मुफ्त वेबिनार का अध्ययन करते हैं, "लेखक की तकनीक" खरीदते हैं, आदि। यह वह है जो विदेशी मुद्रा और इलियट तरंगों के 3 मुख्य नियम विकल्प बाजार से समझौता करने वाले स्कैमर्स बनाते हैं।
ऐसे द्विआधारी विकल्प व्यापारी की एक और विशेषता यह है कि टर्मिनल पर एक ही समय में कम से कम 10 बहु-रंगीन संकेतक खुले हैं, समाचार फ़ीड चल रहे हैं और एक टीवी चैनल लगातार प्रसारित कर रहा है, जहां "विशेषज्ञ" बोलते हैं। और कोई व्यापार नहीं है, न्यूनतम लाभ के साथ प्रति माह 2-3 विकल्प।
इस तरह लोगों की बात मत सुनो। बाजार लगातार बदल रहा है, विचारों और रणनीति को निरंतर पुनर्निधारण और समायोजन की आवश्यकता है। तीस साल पहले लाभ के रूप में अपने आप को सफल व्यापारियों के लिए निर्णय लें सरल चलती औसत के साथ कुछ भी इलियट तरंगों के 3 मुख्य नियम जटिल नहीं है, और ऐसा करना जारी रखें।
कोई भी रणनीति काम करना बंद कर देती है।
यह सही है। बाजार और अर्थव्यवस्था लगातार बदल रहे हैं और रणनीति काम करना बंद कर देगी। नए विचारों को समायोजित करने या देखने की जरूरत है। और काम करने की समय सीमा जितनी कम होगी, उतनी बार इसे करना होगा।
यह हमेशा आपके व्यक्तिगत लक्ष्यों और बाइनरी विकल्पों पर पैसा बनाने के तरीके सीखने की इच्छा पर निर्भर करता है । यदि कोई व्यापारी एक पेशेवर बनना चाहता है और किसी भी संदेह, भय, आलस्य और अंधविश्वास को सफल करना चाहता है तो उसे "अतीत में" छोड़ देना चाहिए। पैसे के साथ काम करना यह अनुमति नहीं देता है, खासकर अन्य लोगों के पैसे के साथ।
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इलियट वेव थ्योरी (Elliott Wave Theory) क्या है?
दोस्तों ऐसा माना जाता है कि मार्केट की चाल इलियट वेव थ्योरी (Elliott Wave Theory) के हिसाब से चलता है यानी मार्केट का ऊपर या नीचे जाने को इस थ्योरी के द्वारा आसानी से प्रेडिक्ट किया जा सकता है। हालांकि इलियट वेव इलियट तरंगों के 3 मुख्य नियम एक इंडिकेटर के रूप में वर्गीकृत नहीं है, लेकिन ये टेक्निकल एनालिसिस में काफी लोकप्रिय है। इसके सिद्धांत पर कई पुस्तकें लिखी गई हैं, यहाँ इस लेख का उद्देश्य थ्योरी की मूल बातें शामिल करना है। तो चलिए इस लेख में इलियट वेव थ्योरी के बारे में जानते हैं।
इलियट वेव थ्योरी स्टॉक मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस का एक टूल है। यह स्टॉक्स, फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी, कमोडिटी, क्रिप्टो आदि सभी प्रकार के टेक्निकल चार्ट में काम करता है। साथ ही यह हर प्रकार के टाइम फ्रेम (जैसे - 1m, 5m, 15m, 1h, 1d, 1w etc.) में काम करते है। इलियट वेव थ्योरी का नाम राल्फ नेल्सन इलियट (Ralph Nelson Elliott) के नाम पर रखा गया है। वह एक अमेरिकी अकाउंटेंट और लेखक थे। डॉव थ्योरी से प्रेरित और पूरे प्रकृति के अवलोकन से इलियट ने निष्कर्ष निकाला कि स्टॉक मार्केट की मूवमेंट की भविष्यवाणी वेव्स (Waves) के दोहराव वाले पैटर्न को देखकर पहचान किया जा सकता है।
इलियट वेव थ्योरी डॉव थ्योरी पर आधारित इलियट तरंगों के 3 मुख्य नियम है। डॉव थ्योरी के अनुसार मार्केट में तीन तरह के मूवमेंट होता है- पहला अपट्रेंड, दूसरा डाउनट्रेंड और तीसरा साइडवेज। इलियट ने इन्ही ट्रेंडो को एक पूर्ण चक्र के रूप में लेबल किया है और ये चक्र समय के साथ दोहराते रहते है। इलियट का मानना था कि अधिकतर ट्रेडर्स और इन्वेस्टर की साइकोलॉजी एक ही समय में लगभग एक समान व्यवहार करते है और यह व्यवहार एक विशिष्ट पैटर्न में दिखाई देता है। जैसे कोई इन्वेस्टर या ट्रेडर्स आशावादी और लालच में हो तो मार्केट तेजी (बुलिस) में दिखाई देता है और यदि वही इन्वेस्टर या ट्रेडर्स निराशावादी और डरे हुए हो तो मार्केट मंदी (बेयरिस) में दिखाई इलियट तरंगों के 3 मुख्य नियम देता है। इसी वजह से मार्केट में कभी तेजी से खरीदारी होती है या कभी तेजी से बिकवाली होती है। इस प्रकार किसी ट्रेडर्स और इन्वेस्टर के बदलते साइकोलॉजी को एक पैटर्न के रूप में पहचान किया जा सकता है और यह पैटर्न अक्सर दोहराये जाते है।
इलियट वेव थ्योरी (Elliott Wave Theory) क्या है?
दोस्तों ऐसा माना जाता है कि मार्केट की चाल इलियट वेव थ्योरी (Elliott Wave Theory) के हिसाब से इलियट तरंगों के 3 मुख्य नियम चलता है यानी मार्केट का ऊपर या नीचे जाने को इस थ्योरी के द्वारा आसानी से प्रेडिक्ट किया जा सकता है। हालांकि इलियट वेव एक इंडिकेटर के रूप में वर्गीकृत नहीं है, लेकिन ये टेक्निकल एनालिसिस में काफी लोकप्रिय है। इसके सिद्धांत पर कई पुस्तकें लिखी गई हैं, यहाँ इस लेख का उद्देश्य थ्योरी की मूल बातें शामिल करना है। तो चलिए इस लेख में इलियट वेव थ्योरी के बारे में जानते हैं।
इलियट वेव थ्योरी स्टॉक मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस का एक टूल है। यह स्टॉक्स, फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी, कमोडिटी, क्रिप्टो आदि सभी प्रकार के टेक्निकल चार्ट में काम करता है। साथ ही यह हर प्रकार के टाइम फ्रेम (जैसे - 1m, 5m, 15m, 1h, 1d, 1w etc.) में काम करते है। इलियट वेव थ्योरी का नाम राल्फ नेल्सन इलियट (Ralph Nelson Elliott) के नाम पर रखा गया है। वह एक अमेरिकी अकाउंटेंट और लेखक थे। डॉव थ्योरी से प्रेरित और पूरे प्रकृति के अवलोकन से इलियट ने निष्कर्ष निकाला कि स्टॉक मार्केट की मूवमेंट की भविष्यवाणी वेव्स (Waves) के दोहराव वाले पैटर्न को देखकर पहचान किया जा सकता है।
इलियट वेव थ्योरी डॉव थ्योरी पर आधारित है। डॉव थ्योरी के अनुसार मार्केट में तीन तरह के मूवमेंट होता है- पहला अपट्रेंड, दूसरा डाउनट्रेंड और तीसरा साइडवेज। इलियट ने इन्ही ट्रेंडो को एक पूर्ण चक्र के रूप में लेबल किया है और ये चक्र समय के साथ दोहराते रहते है। इलियट का मानना था कि अधिकतर ट्रेडर्स और इन्वेस्टर की साइकोलॉजी एक ही समय में लगभग एक समान व्यवहार करते है और यह व्यवहार एक विशिष्ट पैटर्न में दिखाई देता है। जैसे कोई इन्वेस्टर या ट्रेडर्स आशावादी और लालच में हो तो मार्केट तेजी (बुलिस) में दिखाई देता है और यदि वही इन्वेस्टर या ट्रेडर्स निराशावादी और डरे हुए हो इलियट तरंगों के 3 मुख्य नियम तो मार्केट मंदी (बेयरिस) में दिखाई देता है। इसी वजह से मार्केट में कभी तेजी से खरीदारी होती है या कभी तेजी से बिकवाली होती है। इस प्रकार किसी ट्रेडर्स और इन्वेस्टर के बदलते साइकोलॉजी को एक पैटर्न के रूप में पहचान किया जा सकता है और यह पैटर्न अक्सर दोहराये जाते है।
विज्ञान के मिश्रित सवाल
दोस्तों आप आज के इस लेख में मैंने कुछ महत्वपूर्ण नोट्स प्रकार के सवालों का जवाब के साथ और एक साथ संग्रह करके लिखा हूँ,
ताकि आप जब भी किसी के बारे में जानकारियों को याद करे तो उससे जुड़ी हुई सभी जानकारियों को याद करने से दुविधा और जो असमजस की जो स्थिति इलियट तरंगों के 3 मुख्य नियम पैदा होने के जो डर हो, वह भी दूर हो जाती है |
♥ आज के इस लेख के मुख्य बिंदुओ.
1. सभी विषयों के जनक/पिता का नाम |
2. न्यूटन के गति के नियम के अनुसार |
3. सभी महत्वपूर्ण पूछे जानेवाले सवालों के जनक/पिता का नाम |
1. सभी विषयों के जनक/पिता का नाम
2.भौतिक विज्ञान के पिता न्यूटन हैं |
2. न्यूटन के गति के नियम के अनुसार
2. न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार क्रिया और प्रतिक्रिया से सम्बद्ध बल --- हमेशा अलग-अलग वस्तुओं पर ही लगे होने चाहिए।
3. 'प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत दिशा में एक प्रतिक्रिया होती है।' यह है --- न्यूटन का गति विषयक तृतीय नियम
4. 'कोई पिण्ड तब तक विरामावस्था में ही बना रहता है, जब तक उस पर कोई बाहर से बल कार्य नहीं करता है।' यह कथन किसने कहा है? --- न्यूटन
6. एग्रोफ़ोरेस्ट्री क्या है? --- कृषि के साथ-साथ उसी भूमि पर काष्ठीय बारह-मासी वृक्ष लगाना ही एग्रोफ़ोरेस्ट्री कहलाता है |
7. एक्सो-बायोलॉजी (Exo-biology) में निम्नलिखित में से किसका अध्ययन किया जाता है? --- बाह्य ग्रहों तथा अंतरिक्ष में जीवन का