छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है

Astrology: दिसंबर में 3 ग्रह करेंगे गोचर, इन 4 राशि वालों का चमक सकता है भाग्य, करियर- कारोबार में सफलता के योग
जरुरी जानकारी | बीते वित्त वर्ष में ‘छोटे’ शेयरों ने दिया 36.64 प्रतिशत का ‘बड़ा’ रिटर्न
नयी दिल्ली, तीन अप्रैल बीते वित्त वर्ष 2021-22 में छोटे शेयरों (स्मॉलकैप) ने निवेशकों को 36.64 प्रतिशत का बड़ा रिटर्न दिया है। इस तरह छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है छोटी कंपनियों के शेयरों ने प्रतिफल देने के मामले में सेंसेक्स और निफ्टी को पीछे छोड़ दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि 2022-23 में भी स्मॉलकैप का बेहतर प्रदर्शन जारी रहेगा। .
भू-राजनीतिक तनाव, मुद्रास्फीति की चिंता और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की बिकवाली से पिछले वित्त वर्ष के अंतिम महीनों में हालांकि बाजार को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था।
एशियाई स्टॉक्स में उछाल, लेकिन लगातार मुद्रास्फीति और चीन डेटा की चिंताएं बनी हुई हैं
शेयर बाजार 31 मई 2022 ,08:29
© Reuters.
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
में स्थिति को सफलतापूर्वक जोड़ा गया:
Investing.com - मंगलवार की सुबह एशिया पैसिफिक शेयरों में ज्यादातर तेजी रही, निवेशक इस बात को लेकर छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है सतर्क रहे कि क्या केंद्रीय बैंक आर्थिक विकास को प्रभावित किए बिना मुद्रास्फीति पर छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है अंकुश लगाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि कर सकते हैं। यूरोपीय संघ (EU) द्वारा कुछ रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने के समर्थन के बाद तेल में तेजी आई।
आरबीआई ने सही और कड़े कदम उठाए : बिमल जालान
बिमल जालान के मुताबिक आगे रुपये की चाल कैसी रहेगी ये कहना मुश्किल है। करंट अकाउंट घाटे में कमी और विदेशी निवेश पर निर्भरता कम होने से रुपये रुपये की गिरावट पर रोक लगेगी। रुपये में छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है स्थिरता लौटने पर आरबीआई ये कदम वापस ले सकता है। रुपये में स्थिरता और निवेशकों में भरोसा लौटने से ग्रोथ को सहारा मिलेगा।
आरबीआई ने मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) और बैंक बढ़ाकर रेट 10.25 फीसदी किया है। इसके पहले आरबीआई ने बैंकों के करेंसी फ्यूचर्स और फॉरेक्स ऑप्शंस में प्रोपराइटरी ट्रेडिंग पर रोक लगाई थी। इसके अलावा 18 जुलाई को 12000 करोड़ रुपये के सरकारी बॉन्ड भी बेचे जाएंगे। बॉन्ड बेचने से बाजार से लिक्विडिटी कम हो जाएगी, जिससे छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है रुपये को मजबूती मिलेगी।
आर्थिकी की चिंता
रतलाम मेडिकल छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है कॉलेज में डॉक्टरों ने बुजुर्ग को ऑक्सीजन मास्क तो लगा दिया लेकिन उसे सिलिंडर से नहीं जोड़ा। जिसकी वजह से बुजुर्ग की मौत हो गई। (फोटो – पीटीआई)
महामारी के बीच डगमगाती अर्थव्यवस्था फिर से चिंता की बात है। पिछले साल तबाह हुई अर्थव्यवस्था से देश अभी एक चौथाई भी छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है उबर नहीं पाया है। संक्रमण की दूसरी लहर में और भयावह स्थिति बन गई है। इसका फिर से अर्थव्यवस्था के सभी मोर्चों पर असर पड़ने लगा है। शेयर बाजार से लेकर छोटे-बड़े सभी उद्योग इसकी जद में हैं। पिछले हफ्ते शेयर बाजार की गिरावट इस बात का एक बड़ा सबूत है। यानी अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का दौर लौटने लगा है।
हर वर्ग के निवेशकों से लेकर छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है कामगारों तक में भय साफ दिख रहा है। महाराष्ट्र सहित देश के कुछ राज्यों में सख्त प्रतिबंधों की वजह से कामगार छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है फिर से अपने घरों जाने लगे हैं। इससे आने वाले दिनों में उत्पादन और मांग का चक्र थम सकता है। इन हालात छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है को निकट भविष्य के विकट संकट का संकेत माना जाए। हालांकि इसी बीच दो ऐसी खबरें भी आर्इं जो राहत के संकेत देती हैं। नीति आयोग ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो सरकार और राहत पैकेज दे सकती है। दूसरा भरोसा वित्त मंत्री ने दिया है कि देशव्यापी पूर्णबंदी नहीं होगी। संकट भले कितना गंभीर हो, लेकिन ऐसे वक्त में ये भरोसे सकारात्मक माहौल बनाने वाले हैं।
gold and silver price today update : सर्राफा बाजार में तेजी रुख का दौर, निवेशक बरतें ये सावधानी
gold and छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है silver price today update। निवेश के लिए ज्यादातर लोग सोने-चाँदी की कीमतों पर नजर रखते छोटे निवेशकों में अनिश्चितता बनी हुई है हैं। शादी के सीजन की शुरुआत की वजह से सर्राफा बाजार में तेजी का रुख बनता हुआ नजर आने लगा है। शादी के सीजन के साथ ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमत में आई मामूली तेजी से भारतीय सर्राफा बाजार को सहारा मिला है। अंतर्राष्ट्रीय मार्किट में फिलहाल सोने की कीमत 1,700 डॉलर प्रति औंस के स्तर से ऊपर चली गई है, लेकिन प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों की वजह से इस तेजी को अस्थायी माना जा रहा है।