इक्विटी फंड्स क्या हैं?

सभी म्यूचुअल फंड के बारे में
स्टॉक और बॉन्ड जैसी संपत्ति हासिल करने के लिए, एक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) एक म्यूचुअल फंड स्थापित करने के लिए विभिन्न व्यक्तियों और फर्मों से धन एकत्र करती है। एएमसी द्वारा जमा किए गए निवेश की निगरानी के लिए फंड मैनेजरों को नियुक्त किया जाता है। संक्षेप में, म्यूचुअल फंड कई प्रतिभागियों के पैसे को बॉन्ड, इक्विटी और अन्य तुलनीय उत्पादों में निवेश करने के लिए जमा करते हैं। म्यूचुअल फंड में निवेशकों को उनके द्वारा निवेश की गई राशि के आधार पर फंड यूनिट इक्विटी फंड्स क्या हैं? आवंटित की जाती हैं। केवल मौजूदा शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य पर ही निवेशक फंड यूनिट खरीद या बेच सकते हैं। अंतर्निहित होल्डिंग्स की अस्थिरता के जवाब में एक म्यूचुअल फंड का शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) प्रतिदिन बदलता है। म्युचुअल फंड भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा कड़ाई से नियंत्रित होते हैं और इसलिए, जोखिम मुक्त निवेश विकल्प के रूप में माना जा सकता है।
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Investment Tips: लंबी अवधि में कमाना है बंपर मुनाफा, तो इक्विटी फंड में निवेश से पूरा कर सकता है आपका सपना
Zee Business हिंदी 20-10-2022 ज़ीबिज़ वेब टीम
शेयर बाजार ने बीते कुछ सालों में भरपूर रिटर्न दिया है. अगर पिछले साल का आंकड़ा देखें तो निवेशकों को हर साल औसतन 14 फीसदी का मुनाफा हुआ है. दमदार मुनाफे के लिए अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो जरूरी नहीं कि सीधे शेयर खरीद लें. केवल 500 रुपए के शुरुआती निवेश से आप भी म्यूचुअल फंड में इक्विटी फंड्स के जरिए शेयर बाजार में एंट्री कर सकते हैं.
इक्विटी फंड का प्रदर्शन
इक्विटी फंड्स ने बीते 3 से 5 साल में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है. इसमें क्वांट स्मॉल कैप फंड ने 5 साल में करीब 42 फीसदी का रिटर्न दिया है. अगर 3 साल में फंड का रिटर्न देखने को यह 21 फीसदी है. जबकि इस दौरान बाजार ने कोरोना महामारी और जियो-पॉलिटिकल टेंशन को भी झेल रहा है. ABSL डिजिटल इंडिया फंड ग्रोथ ने निवेशकों को 3 साल में 40 फीसदी तक का रिटर्न दिया है.
इक्विटी फंड क्या है?
इक्विटी फंड को स्टॉक फंड भी कहते इक्विटी फंड्स क्या हैं? हैं. यह एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है, जो मुख्य रूप से स्टॉक या इक्विटी में निवेश करता है. इसमें आपके पैसे को फंड मैनेजर तय करता है कि रकम का निवेश किन-किन कंपनियों में लगाना है. इसमें फंड मैनेजर की मदद एक रिसर्च टीम करती है.
म्यूचुअल फंड में निवेश की अवधि पर तय होता है टैक्स, समझिए पूरा गणित
इक्विटी फंड्स को यदि आप 12 महीने तक या इससे अधिक अवधि के लिए होल्ड रखते हैं तो इसे लॉन्ग टर्म इनवमेंट माना जाता है।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: October 29, 2021 15:06 IST
Photo:MUTUAL FUNDS
Mutual funds how holding period impacts taxation
नई दिल्ली। यदि आपने म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है, तब आपको अपने निवेश पर लागू होने वाले टैक्स के बारे में जानना बहुत जरूरी है। म्यूचुअल फंड्स पर टैक्स होल्डिंग अवधि या निवेश अवधि पर निर्भर करता है। यहां दो प्रकार के होल्डिंग पीरियड हैं- लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म। अलग-अलग प्रकार के म्यूचुअल फंड्स के लिए लॉन्ग टर्म होल्डिंग पीरियर और शॉर्ट टर्म होल्डिंग पीरियड के लिए अलग-अलग कारक होते हैं।
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शॉर्ट टर्म होल्डिंग पीरियड
इक्विटी फंड्स को 12 महीने से कम अवधि तक अपने पास रखने को शॉर्ट टर्म इनवेस्टमेंट कहते हैं। दूसरी ओर, डेट फंड्स के लिए तीन साल से कम होल्डिंग अवधि को शॉर्ट टर्म इनवेस्टमेंट कहते हैं।
लॉन्ग टर्म होल्डिंग पीरियड
इक्विटी फंड्स को 12 महीने इक्विटी फंड्स क्या हैं? तक या इससे अधिक अवधि तक होल्ड करते हैं तो इसे लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट माना जाएगा। वहीं दूसरी ओर डेट फंड्स के मामले में होल्डिंग पीरियर तीन साल या इससे अधिक है तो इसे लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट कहा जाता है।
म्यूचुअल फंड्स पर टैक्सेशन
म्यूचुअल फंड्स का बिक्री मूल्य यदि खरीद मूल्य से अधिक है, तब निवेशक को अपने म्यूचुअल फंड्स निवेश पर लाभ होता है। इस मुनाफे को कैपिटल गेंस (पूंजीगत लाभ) कहते हैं। इनवेस्टमेंट के होल्डिंग पीरियड के आधार पर, कैपिटल गेंस को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) में विभाजित किया जाता है। म्यूचुअल फंड्स इनवेस्टमेंट पर टैक्स की गणना इन्ही कैपिटल गेंस के आधार पर की जाती है।
इक्विटी फंड्स: इक्विटी फंड्स पर एलटीसीजी 10 प्रतिशत वार्षिक की दर से लागू होता है इस पर इनडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलता है। इक्विटी फंड्स पर एक वित्त वर्ष में 1 लाख रुपये तक के एलटीसीजी को टैक्स से मुक्त रखा गया है। डेट फंड्स में एसटीसीजी 15 प्रतिशत वार्षिक दर से देय होता है।
डेट फंड्स: डेट फंड्स पर एलटीसीजी 20 प्रतिशत वार्षिक दर से लागू होता है और इस पर इनडेक्शन का अतिरिक्त लाभ भी मिलता है। दूसरी ओर एसटीसीजी को निवेशक के इनकट टैक्स स्लैब के आधार पर लगाया जाता है।
हाइब्रिड फंड्स: हाइब्रिड या बैलेंस्ड फंड्स पर, जिसमें 65 प्रतिशत से अधिक संपत्ति को इक्विटी या इक्विटी-रिलेटिड सिक्यूरिटीज में लगाया गया है, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की तरह टैक्स लगाया जाता है। इसी प्रकार 65 प्रतिशत से अधिक संपत्ति डेट फंड्स में निवेश करने वाले हाइब्रिड फंड्स पर टैक्स की गणना डेट म्यूचुअल फंड्स की तरह की जाती है।
सिक्यूरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी)
इक्विटी और इक्विटी रिलेटिड सिक्यूरिटीज पर रिडम्पशन के वक्त 0.001 प्रतिशत की दर से सिक्यूरटीज ट्रांजैक्शन टैक्स भी लगाया जाता है। निवेशकों को एसटीटी डिडक्शन के बाद फंड्स का भुगतान किया जाता है, इसलिए उन्हें इसका भुगतान अलग से करने की आवश्यकता नहीं होती है।
Focused funds and diversified mutual funds:फोकस्ड फंड बनाम डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड्स: किसे चुनें?
फोकस्ड फंड बनाम डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड्स: किसे चुनें?
- Date : 02/09/2022
- Read: 2 mins Rating : -->
- Read in English: Focused funds vs. Diversified mutual funds: Which one to choose?
डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड्स आपको कम उतार-चढ़ाव वाले 50-100 शेयरों के बास्केट में एक्सपोजर देता है, जबकि डायवर्सिफाइड फंड्स आपको उच्च उतार-चढ़ाव वाले 30 शेयरों के बास्केट में एक्सपोजर देता है। एक शुरूआत करने वाले के रूप में, आपको सुझाव दिया जाता है कि आप डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से शुरूआत करें।
म्यूचुअल फंड स्कीम आपको कई स्टॉक्स में अपने निवेश में विविधता लाने का मौका देती है। विविधीकरण की सीमा स्कीम के चुनाव पर निर्भर होती है: डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड, फोकस्ड फंड, या सेक्टोरल/थीमैटिक फंड। यह लेख डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड और फोकस्ड फंड पर चर्चा करेगा, और मूल्यांकन करेगा कि एक शुरुआत करने वाले को किसे चुनना चाहिए।
डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड क्या है?
डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम के उद्देश्य के आधार पर, 50-100 शेयरों में निवेश करता है। यह स्कीम लार्ज, मिड, स्मॉल-कैप स्टॉक या इनके संयोजन (मल्टी-कैप या फ्लेक्सी-कैप फंड) में निवेश कर सकती है। फंड मैनेजर का उद्देश्य बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करना और निवेशकों के लिए अल्फा जनरेट करना होता है।
फोकस्ड इक्विटी फंड क्या है?
फोकस्ड इक्विटी फंड एक ओपन-एंडेड स्कीम है जो अधिकतम 30 शेयरों में इक्विटी फंड्स क्या हैं? निवेश इक्विटी फंड्स क्या हैं? करती है। यह फ्लेक्सी-कैप फंड की तरह ही पूरे बाजार पूंजीकरण के स्टॉक्स में निवेश कर सकता है। यह एक केंद्रित फ्लेक्सी-कैप फंड का एक प्रकार है।
अब जब हम जानते हैं कि फोकस्ड फंड क्या है, तो आइए डायवर्सिफाइड फंड्स और फोकस्ड फंड्स की तुलना करते हैं।
फोकस्ड फंड्स बनाम इक्विटी फंड्स क्या हैं? म्यूचुअल फंड्स
शुरूआत करने वाले को क्या चुनना चाहिए?
फोकस्ड फंड उन निवेशकों के लिए होते हैं जिन्हें म्यूचुअल फंड की जानकारी है और वे अपने निवेश लक्ष्यों के लिए पहले से ही इक्विटी फंड में निवेश कर रहे हैं। एक शुरुआत करने वाले को अपने निवेश उद्देश्यों के आधार पर डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड से शुरुआत करनी चाहिए।
निवेश करने के लिए कुछ बेहतरीन इक्विटी फंड नीचे दिए गए हैं।
डायवर्सिफाइड लार्ज-कैप इक्विटी फंड\
फोकस्ड इक्विटी फंड
कृपया ध्यान दें:
- उपरोक्त रिटर्न 28 मार्च 2022 तक के हैं।
- फंड्स को पांच साल के प्रदर्शन के आधार पर रैंक किया गया है
- रिटर्न ग्रोथ ऑप्शन वाले डायरेक्ट प्लान के लिए है
- एक साल का रिटर्न पूर्ण है। तीन और पांच साल के रिटर्न CAGR हैं।
एक शुरुआत करने वाले के रूप में, आपको कंपाउंडिंग की शक्ति से लाभ उठाने के लिए हमेशा लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। रुपी कॉस्ट एवरेजिंग से लाभ उठाने के लिए आप एक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू कर सकते हैं।
म्यूचुअल फंड स्कीम आपको कई स्टॉक्स में अपने निवेश में विविधता लाने का मौका देती है। विविधीकरण की सीमा स्कीम के चुनाव पर निर्भर होती है: डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड, फोकस्ड फंड, या सेक्टोरल/थीमैटिक फंड। यह लेख डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड और फोकस्ड फंड पर चर्चा करेगा, और मूल्यांकन करेगा कि एक शुरुआत करने वाले को किसे चुनना चाहिए।
डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड क्या है?
डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम के उद्देश्य के आधार पर, 50-100 शेयरों में निवेश करता है। यह स्कीम लार्ज, इक्विटी फंड्स क्या हैं? मिड, स्मॉल-कैप स्टॉक या इनके संयोजन (मल्टी-कैप या फ्लेक्सी-कैप फंड) में निवेश कर सकती है। फंड मैनेजर का उद्देश्य बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करना और निवेशकों के लिए अल्फा जनरेट करना होता है।
फोकस्ड इक्विटी फंड क्या है?
फोकस्ड इक्विटी फंड एक ओपन-एंडेड स्कीम है जो अधिकतम 30 शेयरों में निवेश करती है। यह फ्लेक्सी-कैप फंड की तरह ही पूरे बाजार पूंजीकरण के स्टॉक्स में निवेश कर सकता है। यह एक केंद्रित फ्लेक्सी-कैप फंड का एक प्रकार है।
अब जब हम जानते हैं कि फोकस्ड फंड क्या है, तो आइए डायवर्सिफाइड फंड्स और फोकस्ड फंड्स की तुलना करते हैं।
फोकस्ड फंड्स बनाम म्यूचुअल फंड्स
शुरूआत करने वाले को क्या चुनना चाहिए?
फोकस्ड फंड उन निवेशकों के लिए होते हैं जिन्हें म्यूचुअल फंड की जानकारी है और वे अपने निवेश लक्ष्यों के लिए पहले से ही इक्विटी फंड में निवेश कर रहे हैं। एक शुरुआत करने वाले को अपने निवेश उद्देश्यों के आधार पर डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड से शुरुआत करनी चाहिए।
निवेश करने के लिए कुछ बेहतरीन इक्विटी फंड नीचे दिए गए हैं।
डायवर्सिफाइड लार्ज-कैप इक्विटी फंड\
फोकस्ड इक्विटी फंड
कृपया ध्यान दें:
- उपरोक्त रिटर्न 28 मार्च 2022 तक के हैं।
- फंड्स को पांच साल के प्रदर्शन के आधार पर रैंक किया गया है
- रिटर्न ग्रोथ ऑप्शन वाले डायरेक्ट प्लान के लिए है
- एक साल का रिटर्न पूर्ण है। तीन और पांच साल के रिटर्न CAGR हैं।
एक शुरुआत करने वाले के रूप में, आपको कंपाउंडिंग की शक्ति से लाभ उठाने के लिए हमेशा लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए। रुपी कॉस्ट एवरेजिंग से लाभ उठाने के लिए आप एक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू कर सकते हैं।
थीमैटिक म्यूचुअल फंड क्या होते हैं? किसे करना चाहिए इसमें निवेश?
Thematic Mutual Funds: थीमैटिक म्यूचुअल फंड हाई रिस्क म्यूचुअल फंड की कैटेगरी में आते हैं। शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव का इसमें सीधा असर पड़ता है। आइए जानते हैं थीमैटिक म्यूचुअल फंड क्या होते हैं। किसे इसे फंड में करना चाहिए निवेश। वहीं किसे इस फंड से रहना चाहिए दूर।
Updated: April 13, 2022 09:41:15 pm
Thematic Mutual Funds: थीमैटिक म्यूचुअल फंड ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होते हैं इक्विटी फंड्स क्या हैं? जिसमें आप कभी भी निवेश कर सकते हैं और कभी भी पैसा निकाल सकते हैं। यह म्यूचुअल फंड पहले से डिसाइड थीम के अनुसार ही निवेश करते हैं। थीमैटिक म्यूचुअल फंड उन सेक्टरों में ही निवेश करते हैं जो एक स्पेसिफिक थीम का पालन करते हैं।
सेबी (SABI) के नियम के अनुसार जिस भी थीम का म्यूचुअल फंड होगा उसमें उसे उसी पर्टिकुलर थीम शेयरों में पूरे पैसे का 80% पैसा लगाना होता है। इससे म्यूचुअल फंड हाउस के पास ऑप्सन कम हो जाते हैं जिससे थीमैटिक म्यूचुअल फंड हाई रिस्क म्यूचुअल की कैटेगरी में आ जाता है। इस कारण से जैसे ही उस थीम के शेयर में तेजी आती है तो ये म्यूचुअल फंड तेजी से अच्छा रिटर्न देते हैं। वहीं अगर गिरावट आती है तो थीमैटिक म्यूचुअल फंड अन्य म्यूचुअल फंड के हिसाब से तेजी से रिटर्न कम होता है।
कुछ थीमैटिक म्यूचुअल फंड के नाम
थीमैटिक म्यूचुअल के नाम से ही समझ में आ जाता है कि यह किस थीम में निवेश कर रहे हैं। जैसे इंटरनेशनल एक्सपोजर,रूरल इंडिया, एक्सपोर्ट ओरिएंटेड,मल्टी-सेक्टर और ESG फंड शामिल हैं। ये म्यूचुअल फंड लार्ज कैप इक्विटी फंड और डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड की तुलना में ज्यादा रिस्की होते हैं।
किसे करना चाहिए इसमें निवेश?
थीमैटिक म्यूचुअल फंड हाई रिस्क म्यूचुअल फंड कैटेगरी में आता है। इसमे उसे ही निवेश करना चाहिए जो अपने निवेश पर ज्यादा रिस्क लेना चाहते हैं। इसके साथ ही अगर आप कम समय के लिए निवेश करने वाले हैं तो इस म्यूचुअल फंड को चूज बिल्कुल भी न करे। आप इसमें जब ही निवेश करे जब आप कम से कम 5साल इस फंड में निवेश करने वाले हैं।
वहीं अगर आप गिरावट से डरते हैं तो थीमैटिक म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले आपको कई बार विचार कर लेना चाहिए क्योंकि ये फंड तेजी से उपर जाते हैं तो तेजी से इनमें गिरावट भी होती है। हालांकि लंबे समय में थीमैटिक म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर अच्छा रिटर्न मिलता है।