आदर्श रणनीति

ऑटोमेटेड ट्रेडिंग

ऑटोमेटेड ट्रेडिंग
Algo Trading Errors

एल्गो ट्रेडिंग के बारे में बाजार में फैली मिथक और भ्रांतियाँ

एल्गो ट्रेडिंग आजकल बहस का एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। यदि इसका शाब्दिक अर्थ लिया जाए, तो ‘एल्गोरिद्मिक ट्रेडिंग’ का मतलब ट्रेडिंग की रणनीति को एक कंप्यूटर प्रोग्राम या एलगोरिद्म में रूपांतरित करना और फिर इतिहास से आँकड़ों को लेकर यह आकलन करना है कि क्या यह प्रोग्राम या एलगोरिद्म फायदेमंद है या नहीं।

यह तकनीकी और काफी लंबा-चौड़ा काम प्रतीत होता है। एक व्यक्ति, जिसे एल्गो ट्रेडिंग का अधूरा ज्ञान है, उसके लिए यह वास्तव में बहुत मुश्किल है। लेकिन यह भी सच है कि बाजार में इसके बारे में कई मिथक और भ्रांतियाँ प्रचलित हैं, जिन्हें दूर किया जाना जरूरी है। शब्द ‘एल्गोरिद्मिक ट्रेडिंग’ एवं अन्य प्रचलित शब्दों और विचारों जैसे ‘हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग’ (एचएफटी), ‘ऑटोमेटेड ट्रेडिंग’, और ‘क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग’ के एक होने का भ्रम अक्सर हो जाता है। ये सभी एक दूसरे से संबंधित तो हैं, पर समान नहीं हैं। क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग में ट्रेडिंग की रणनीतियां बनाने के लिए मात्रात्मक विश्लेषण के साथ जटिल गणितीय और सांख्यिकीय आँकड़ों की मदद लेकर वित्तीय अटकलें लगाई जाती हैं। योजना (और योजनाकार) के आधार पर इसे मैन्युअल या ऑटोमेटेड रूप से चलाया जा सकता है। ऑटोमेटेड ट्रेडिंग में आदेश के क्रियान्वयन की संपूर्ण प्रक्रिया, जैसे खरीदारी या बिकवाली ऑटोमेटेड होती है, और इसमें अक्सर ऑटोमेटेड पोर्टफोलिया एवं जोखिम प्रबंधन भी होता है।

अत्यधिक अल्प अवधि, आम तौर से एक सेकंड से कम समय में आदेशों का क्रियान्वयन और बड़ी संख्या में ट्रेड करते हुए हर विनिमय से मामूली लाभ हासिल करने का लक्ष्य बनाना, ये दोनों हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग के आवश्यक तत्व हैं।

चीजों को आसान बनाने के लिए अलग-अलग लोगों की राय एवं विचार अलग-अलग होते हैं, लेकिन हम सबसे सामान्य भ्रांतियां यहां दे रहे हैं।

  1. एल्गो ट्रेडिंग के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज़ का ज्ञान होना आवश्यक है।

यह पूरी तरह से सही नहीं है। यदि आपने अभी शुरुआत की है, तो अनेक पूर्वनिर्धारित एल्गो ट्रेडिंग की रणनीतियां उपलब्ध हैं। हालाँकि यह निश्चित कर लें कि जिस एल्गो ट्रेडिंग प्रोग्राम का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, वो सेबी से रजिस्टर्ड होना चाहिए।

  1. विस्तृत रूप से फैली हुई एक ऑटोमेटेड ट्रेडिंग भ्रांति यह है कि एल्गो ट्रेडिंग से निश्चित रिटर्न प्राप्त होते हैं।

ऐसी रणनीतियाँ तलाशना मुश्किल नहीं है, जो आकर्षक दिखने के लिए अधिक बार ट्रेड करें। हालाँकि यदि प्रभाव और ट्रेडिंग के खर्चों को शामिल कर लिया जाए, तो बड़े लाभ लगभग हर परिस्थिति में नाटकीय रूप से कम हो जाते हैं या पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं।

  1. एल्गो ट्रेडिंग कभी भी मनुष्यों जितनी सफल नहीं हो सकती।

कई लोगों को यह भ्रांति है कि एलगोरिद्म बाजार को ‘‘महसूस’’ नहीं कर सकते, जो पूरी तरह तो गलत नहीं है, लेकिन भ्रामक हो सकता है। स्केल्पिंग और आर्बिट्रेज ट्रेडिंग जैसे ट्रेडिंग स्टाईल, जो मनुष्यों द्वारा किए जाने कठिन या असंभव हैं, वो एल्गो ट्रेडिंग की मदद से सफलतापूर्वक किए जा सकते हैं।

  1. एलगोरिद्म द्वारा ट्रेडिंग करके आप ‘‘सेट इट एंड फॉरगेट इट’’ (एक बार सैट करके भूल जाएं) की शैली में ट्रेडिंग कर सकते हैं।

यह सही है कि एलगोरिद्मिक ट्रेडिंग लाभ अर्जित करने के लिए काम करती रहती है, और दैनिक ट्रेडिंग की दिनचर्या में समय की बचत करती है, लेकिन इन तकनीकों पर कुछ सुपरविज़न की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए, हर डील में निवेशकों को किसी भी तरह की कोड त्रुटि के लिए सावधान रहने की जरूरत है।

  1. एचएफटी के कारण रिटेल ट्रेडर्स को नुकसान होता है।

एलगोरिद्मिक ट्रेडिंग के बारे में एक सबसे ज्यादा फैली भ्रांति है कि एचएफटी रिटेल ट्रेडर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। असल में एचएफटी केवल दूसरी एचएफटी के साथ प्रतिस्पर्धा करती है।

एल्गो ट्रेडिंग का सबसे ज्यादा फायदा तभी लिया जा सकता है जब इस विषय में अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित कर मिथकों और भ्रांतियों को दूर किया जाए। इस दिशा में कदम उठाएं और एलिस ब्लू में उपलब्ध ज्ञान के खजाने का लाभ लें।

एल्गो ट्रेडिंग के बारे में बाजार में फैली मिथक और भ्रांतियाँ

एल्गो ट्रेडिंग आजकल बहस का एक ज्वलंत मुद्दा बन गया है। यदि इसका शाब्दिक अर्थ लिया जाए, तो ‘एल्गोरिद्मिक ट्रेडिंग’ का मतलब ट्रेडिंग की रणनीति को एक कंप्यूटर प्रोग्राम या एलगोरिद्म में रूपांतरित करना और फिर इतिहास से आँकड़ों को लेकर यह आकलन करना है कि क्या यह प्रोग्राम या एलगोरिद्म फायदेमंद है या नहीं।

यह तकनीकी और काफी लंबा-चौड़ा काम प्रतीत होता है। एक व्यक्ति, जिसे एल्गो ट्रेडिंग का अधूरा ज्ञान है, उसके लिए यह वास्तव में बहुत मुश्किल है। लेकिन यह भी सच है कि बाजार में इसके बारे में कई मिथक और भ्रांतियाँ प्रचलित हैं, जिन्हें दूर किया जाना जरूरी है। शब्द ‘एल्गोरिद्मिक ट्रेडिंग’ एवं अन्य प्रचलित शब्दों और विचारों जैसे ‘हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग’ (एचएफटी), ‘ऑटोमेटेड ट्रेडिंग’, और ‘क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग’ के एक होने का भ्रम अक्सर हो जाता है। ये सभी एक दूसरे से संबंधित तो हैं, पर समान नहीं हैं। क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग में ट्रेडिंग की रणनीतियां बनाने के लिए मात्रात्मक विश्लेषण के साथ जटिल गणितीय और सांख्यिकीय आँकड़ों की मदद लेकर वित्तीय अटकलें लगाई जाती हैं। योजना (और योजनाकार) के आधार पर इसे मैन्युअल या ऑटोमेटेड रूप से चलाया जा सकता है। ऑटोमेटेड ट्रेडिंग में आदेश के क्रियान्वयन की संपूर्ण प्रक्रिया, जैसे खरीदारी या बिकवाली ऑटोमेटेड होती है, और इसमें अक्सर ऑटोमेटेड पोर्टफोलिया एवं जोखिम प्रबंधन भी होता है।

अत्यधिक अल्प अवधि, आम तौर से एक सेकंड से कम समय में आदेशों का क्रियान्वयन और बड़ी संख्या में ट्रेड करते हुए हर विनिमय से मामूली लाभ हासिल करने का लक्ष्य बनाना, ये दोनों हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग के आवश्यक तत्व हैं।

चीजों को आसान बनाने के लिए अलग-अलग लोगों की राय एवं विचार अलग-अलग होते हैं, लेकिन हम सबसे सामान्य भ्रांतियां यहां दे रहे हैं।

  1. एल्गो ट्रेडिंग के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज़ का ज्ञान होना आवश्यक है।

यह पूरी तरह से सही नहीं है। यदि आपने अभी शुरुआत की है, तो अनेक पूर्वनिर्धारित एल्गो ट्रेडिंग की रणनीतियां उपलब्ध हैं। हालाँकि यह निश्चित कर लें कि जिस एल्गो ट्रेडिंग प्रोग्राम का आप इस्तेमाल कर रहे हैं, वो सेबी से रजिस्टर्ड होना चाहिए।

  1. विस्तृत रूप से फैली हुई एक भ्रांति यह है कि एल्गो ट्रेडिंग से निश्चित रिटर्न प्राप्त होते हैं।

ऐसी रणनीतियाँ तलाशना मुश्किल नहीं है, जो आकर्षक दिखने के लिए अधिक बार ट्रेड करें। हालाँकि यदि प्रभाव और ट्रेडिंग के खर्चों को शामिल कर लिया जाए, तो बड़े लाभ लगभग हर परिस्थिति में नाटकीय रूप से कम हो जाते हैं या पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं।

  1. एल्गो ट्रेडिंग कभी भी मनुष्यों जितनी सफल नहीं हो सकती।

कई लोगों को यह भ्रांति है कि एलगोरिद्म बाजार को ‘‘महसूस’’ नहीं कर सकते, जो पूरी तरह तो गलत नहीं है, लेकिन भ्रामक हो सकता है। स्केल्पिंग और आर्बिट्रेज ट्रेडिंग जैसे ट्रेडिंग स्टाईल, जो मनुष्यों द्वारा किए जाने कठिन या असंभव हैं, वो एल्गो ट्रेडिंग की मदद से सफलतापूर्वक किए जा सकते हैं।

  1. एलगोरिद्म द्वारा ट्रेडिंग करके आप ‘‘सेट इट एंड फॉरगेट इट’’ (एक बार सैट करके भूल जाएं) की शैली में ट्रेडिंग कर सकते हैं।

यह सही है कि एलगोरिद्मिक ट्रेडिंग लाभ अर्जित करने के लिए काम करती रहती है, और दैनिक ट्रेडिंग की दिनचर्या में समय की बचत करती है, लेकिन इन तकनीकों पर कुछ सुपरविज़न की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए, हर डील में निवेशकों को किसी भी तरह की कोड त्रुटि के लिए सावधान रहने की जरूरत है।

  1. एचएफटी के कारण रिटेल ट्रेडर्स को नुकसान होता है।

एलगोरिद्मिक ट्रेडिंग के बारे में एक सबसे ज्यादा फैली भ्रांति है कि एचएफटी रिटेल ट्रेडर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करती है। असल में एचएफटी केवल दूसरी एचएफटी के साथ प्रतिस्पर्धा करती है।

एल्गो ट्रेडिंग का सबसे ज्यादा फायदा तभी लिया जा सकता है जब इस विषय में अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित कर मिथकों और भ्रांतियों को दूर किया जाए। इस दिशा में कदम उठाएं और एलिस ब्लू में उपलब्ध ज्ञान के खजाने का लाभ लें।

News Prahari प्रखर

मेरठ : ट्रेडिंग मास्टर ने हाल ही में एआई-एनेबल्ड बॉट, मास्टर बॉट के लॉन्च की घोषणा की है जो ट्रेडिंग को स्टॉक मार्केट में ऑटोमेटेड रूप से खरीदने और बेचने में मदद करेगा। मास्टर बॉट का उद्देश्य ग्राहकों को निवेश पर अधिकतम रिटर्न देने के लिए ऑटोमेशन और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसे ट्रेडर्स को बहुत कम रिस्क के साथ, स्टॉक मार्केट का ज्ञान हासिल करने और सिखने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ट्रेडिंग मास्टर प्लेटफॉर्म एक टेक-इनेबल्ड फाइनेंसियल सर्विस प्रोवाइडर है जो एक सहज यूजर इंटरफ़ेस के माध्यम से कई अत्याधुनिक ट्रेडिंग स्ट्रेटेजीज प्रदान करता है। अपने इसी शानदार प्रोडक्ट, मास्टर बॉट के माध्यम से, यह नए ट्रेडर्स को ऑटोमेटेड ट्रेडिंग का अनुभव देने के लिए तैयार है।

मास्टर बॉट के फाउंडर विनोद धामा ने कहा हमारा यूजर-फ्रेंडली बॉट क्लाइंट्स को स्टॉक को ऑटोमेटिकली ट्रेड करवाता है। कई बार मार्केट में इन्वेस्ट करने के अच्छे अवसर छूट जाते है को उनके पोर्टफोलियो पर असर डालता है, जिससे रिटर्न कम हो सकता है। मास्टर बॉट ऐसे समय ट्रेड करने में मदद करेगा और यूजर को अपनी आय बढ़ाने में मदद करेगा श्री विनोद धामा ने आगे कहा मास्टर ऑटोमेटेड ट्रेडिंग बॉट का उद्देश्य सिर्फ ट्रेडर्स को उनके आरओआई को अधिकतम करना नहीं है बल्कि उन्हें आराम देना भी है। हम चाहते हैं कि ट्रेडिंग तनाव से रहित एक मज़ेदार अनुभव हो। इसी लिए, प्रोडक्ट को डिजाइन करते समय इस तरह की बारीकियों पर बहुत ध्यान दिया गया है।

मास्टर बॉट सॉफ्टवेयर प्रोवें स्ट्रेटेजीज और एल्गोरिदम पर आधारित है जिसमें मूविंग एवरेज और इंडेक्स के साथ-साथ अन्य इंडीकेटर्स और सिग्नल शामिल हैं। जब कीमत प्रीसेट लेवल पर पहुंच जाती है तो बॉट शेयरों की खरीद और बिक्री को ऑटोमेटिकली कर देता है। जब कीमत एंट्री पॉइंट से गुजरती है तो वह बेचती है, जबकि जब वह गिरती है तो वह खरीदती है आटोमेटिक रूप से कम दाम में खरीदना और अधिक में बेचना यूजर को एक्टिवली पोजीशन न होल्ड करने के बावजूद भी अच्छा लाभ कमाने में मदद करती है। इसके अलावा, मास्टर बॉट यूजर को शॉर्ट, लॉन्ग और न्यूट्रल पोजीशन के आधार पर पैरामीटर सेट करने की अनुमति देता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग में अब मुनाफा होगा ऑटोमैटिक, जानिए क्या हैं ट्रेडिंग एपीआई के फायदे

Trading API ऐसे टूल्स होते हैं जो ट्रेडिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाने में आपकी मदद करते हैं और आपके लिए automatic trading सिस्टम तैयार करते हैं। इसके साथ आप अल्गो ट्रेंडिग की दुनिया में कदम रख सकते हैं।

नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। कैसा हो कि आपके सामने ऐसा जरूरी काम आ जाए जिसकी वजह से आप चाहकर भी बाजार पर लगातार नजर नहीं रख पाएं, लेकिन वहीं आपको पूरी उम्मीद भी हो कि इसी समय में बाजार में कमाई का ऐसा मौका भी मिलेगा जिसका इंतजार आपको कई दिनों से था। ऐसे में आप क्या करेंगे. अपना जरूरी काम छोड़ेंगे. या फिर कमाई का मौका, या फिर किसी दूसरे से अपनी रणनीति साझाकर टेंशन में रहेंगे कि वो सही समय पर कदम उठा पाता है या नहीं।

growth and dividend options in mutual funds

यकीन मानिए, आपको इसमें से कुछ करने की जरूरत नहीं है। अपना काम निपटाइए और अपनी रणनीति पर अमल होते देखिए वो भी पूरी तरह से automatic. स्वागत है आपका Trading API की दुनिया में।

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अगर आप बाजार में गंभीरता के साथ काम करते हैं और आपको अपनी रणनीतियों पर भरोसा है तो ये खास सुविधा आपके लिए ही है। 5paisa की मदद से बाजार में गंभीरता से ट्रेड करने वालों के लिए इस automatic रूट का इस्तेमाल अब काफी आसान हो गया है। जो न केवल ये सुनिश्चित करता है कि आपका कमाई का कोई भी मौका न छूटे..साथ ही ऑटोमैटिक तरीके से सौदे निपटा कर ये आपको उसी वक्त अगले ट्रेड के लिए रणनीतियां बनाने और रिसर्च करने का समय भी देता है।

Limit Market and Day order In the stock market

5paisa के ये फीचर्स है ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए खास, देखें वीडियो-

क्या होते हैं ट्रेडिंग एपीआई

Trading API ऐसे टूल्स होते हैं जो ट्रेडिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाने में आपकी मदद करते हैं और आपके लिए automatic trading सिस्टम तैयार करते हैं। इसके साथ आप अल्गो ट्रेंडिग की दुनिया में कदम रख सकते हैं और अपनी manual trading को पूरी तरह से ऑटोमैटिक ट्रेडिंग में बदल सकते हैं। यानी आपको अपनी रणनीति के आधार पर सौदों की शर्तें तय करनी होती है।

API इन शर्तों के आधार पर एंट्री या एग्जिट के लिए मौके का इंतजार करते हैं और ऐसा मौका मिलते ही वो खुद ही सौदे पूरे कर देते हैं, भले ही आप सिस्टम पर बैठे हों या न बैठे हों। इसके साथ ही आपको बाजार के रियल टाइम या फिर पिछले आंकड़े लगातार मिलते हैं। आप इसके साथ अपने सौदों पर नजर रख सकते हैं और उनकी जानकारी पा सकते हैं। अगर आप ट्रेडिंग एपीआई के बारे में और जानकारी पाना चाहते हैं और इसका फायदा उठाना चाहते तो आप 5paisa एप डाउनलोड कर सकते हैं, वहां इससे जुड़ी सभी जानकारियां पा सकते हैं।

क्यों है 5paisa का ट्रेडिंग एपीआई खास?

5paisa का ट्रेडिंग एपीआई आपको कई सुविधाएं देता है और आपको तकनीक की मदद से ऑटोमेटेड ट्रेडिंग की दुनिया का हिस्सा बनाता है, लेकिन इसके लिए आपसे कोई शुल्क नहीं लिया जाता। 5paisa अल्गो ट्रेडिंग के लिए डेवलपर ऑटोमेटेड ट्रेडिंग एपीआई का इस्तेमाल मुफ्त है। वहीं 5paisa डेवलपर एपीआई की मदद से बेहद आसानी के साथ आप अपने ऑर्डर बाजार में भेज सकते हैं, बाजार के आंकड़े और रिपोर्ट्स को रियल-टाइम देख सकते हैं।

डेवलपर्स एपीआई अल्गो ट्रे़डिंग सेटअप के लिए आने वाली अधिकांश चुनौतियों को हल करता है। 5paisa के साथ आप अपने ट्रेड को ऑटोमैटिक तरीके से पूरा कर सकते हो जिसमें आप खुद ही exit और entry की शर्ते तय कर सकते हैं। इसकी मदद से आपको पुराने आंकड़े, बाजार की जानकारियां और real-time data मिलता है।

एल्गो ट्रेडिंग क्या होता है? एल्गो ट्रेडिंग ऑटोमेटेड ट्रेडिंग के फायदे एवं नुकसान।

एल्गो ट्रेडिंग या एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग या ऑटोमेटेड ट्रेडिंग

एल्गो ट्रेडिंग या एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग या ऑटोमेटेड ट्रेडिंग सेटअप, यह सब एक ही चीज है इनका उपयोग शेयर बाजार में स्वचालित रूप से ट्रेडिंग के लिए किया जाता है ।

आजकल आपने एल्गो ट्रेडिंग के बारे में काफी सुना होगा। आज के समय डेवलप्ड कंट्रीज में लगभग 80%, शेयर बाजार के आर्डर, एल्गो ट्रेडिंग के तरफ से आते हैं ।हम लोग यहां पर यह समझेंगे की एल्गो ट्रेडिंग होता क्या है ? और इसकी जरूरत क्यों पड़ी है।

Algo System developing

Algo System developing

जैसा कि नाम से प्रतीत होता है एल्गो ट्रेडिंग या एल्गोरिथमिक ट्रेडिंग एक ऐसा तरीका है। जिसमें कंप्यूटर प्रोग्राम्स की मदद से ट्रेड किया जाता है।

इन कंप्यूटर प्रोग्राम्स में कोडिंग की मदद से ट्रेड इंस्ट्रक्शंस डाले ऑटोमेटेड ट्रेडिंग जाते हैं। जिनमें बहुत तरह के वैरियेबल्स शामिल हो सकते हैं जैसे कि समय, वॉल्यूम, किमत और अन्य तरह के इंडिकेटर्स ।

एक मनुष्य की अपेक्षा एल्गो ट्रेडिंग से लगाए जाने वाले ट्रेड काफी तेजी से लगते हैं। आज के इस सदी में प्रत्येक जगह एल्गो ट्रेडिंग का महत्व देखा जा सकता है ।जहां रिटेल ट्रेडर्स से लेकर संस्थागत निवेशको तक इसका इस्तेमाल किया ऑटोमेटेड ट्रेडिंग जा रहा है।

पहले एल्गो ट्रेडिंग की पहुंच केवल हेज फंड मैनेजर, इन्वेस्टमेंट बैंक, म्यूच्यूअल फंड, पेंशन फंड मैनेजर्स आदि तक सीमित थी।

परंतु प्रौद्योगिकी के इस दौर में एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम किफायती रूप से सभी को उपलब्ध हो सकता है।

Convert Strategy Into Codes

Convert Strategy Into Codes

एल्गो ट्रेडिंग के प्रोग्राम्स लिखने के लिए आपके पास एक ट्रेडिंग सिस्टम होना चाहिए और उस सिस्टम के अंतर्गत बहुत सारे नियम डिफाइंड होने चाहिए।

एल्गो ट्रेडिंग में बहुत सारी चीजों को भी शामिल किया जाता है। जैसे कि डाउनसाइड रिस्क प्रोटेक्शन, फ्रीक ट्रेड, प्रोटेक्शन एग्जीक्यूशन इरर इत्यादि।

आज 21 वी सदी के इस दौर में टेक्नोलॉजी की मदद से आप अपने लिए एक एल्गो सिस्टम तैयार कर सकते हैं। इसके लिए आपको कोडिंग की भी आवश्यकता नहीं है।

इस दौर में आपको बाजार में उपलब्ध बहुत सारी एल्गो सिस्टम तैयार करने वाली कंपनियां मिल जाएंगे जो आप के कहने पर आपके लिए एक सिस्टम तैयार कर देंगे।

Self Programming

Self Programming

अगर आप खुद से कोड लिखने में सक्षम है तो यह बहुत ही खुशी की बात है कि आप अपने लिए एक एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम तैयार कर पाएंगे।

एक एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम तैयार हो जाने के बाद इसे पुराने वर्ष के उपलब्ध डाटा पर परीक्षण किया जाता है।और यह जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की जाती है की इस सिस्टम का परफॉर्मेंस कैसा रहा है। भविष्य में यह किस तरह का परिणाम दे सकता हैं।

एल्गो ट्रेडिंग पूर्ण तरीके से स्वचालित हो सकता है। लेकिन इसमें समय-समय पर ट्रेडर के द्वारा हस्तक्षेप किया जाता है। और यह सुनिश्चित किया जाता है कि यह एल्गो सिस्टम सही कार्य कर रहा है या नहीं।

Algo is Not Money Machine

Algo is Not Money Machine

नए निवेशक और ट्रेडर में एक भ्रांति पाई जाती है। ये सोचते हैं कि ट्रेडिंग सिस्टम या एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम एक पैसे बनाने की मशीन जैसा है। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता है शेयर बाजार में प्रत्येक चीज प्रोबेबिलिटी पर कार्य करती है। इसीलिए एल्गो सिस्टम भी एक प्रोबेबिलिटी पर चलते हैं।

एल्गो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान ।

एल्गो ट्रेडिंग के फायदे

बहुत ही तेज गति से ट्रेड ऑर्डर्स का लगना

एल्गो सिस्टम के पास ऐसी क्षमता होती है कि वह एक समय में बहुत से पैरामीटर्स, इंडिकेटर आदि का विश्लेषण कर सकते हैं। तथा उसी अनुसार बहुत ही जल्दी से ट्रेड लगा सकते हैं ।यह ट्रेड स्पीड इसलिए भी जरूरी है। क्योंकि कीमतें ऊपर नीचे होती रहती हैं और मनुष्य के लिए इन कीमतों को पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है।

बड़े वॉल्यूम में ट्रेड करने में आसानी होती है।

बड़े वॉल्यूम में ट्रेड करने के लिए आपको एक ही ऑर्डर को बार-बार लगाना होता है। लेकिन एल्गो ट्रेडिंग यह काम आसान कर देते हैं। ये अलग-अलग कीमतों पर सेकंड के दसवें हिस्से में भी कई ट्रेड लगा सकता है।

मनुष्य का हस्तक्षेप कम रहता है इसलिए ऑब्जेक्टिविटी बनी रहती है।

यहां पर सभी ट्रेड डिसीजन प्रोग्राम के फॉर्म में रहते हैं ।मनुष्य का हस्तक्षेप बहुत ही कम रहता है। इसलिए कौन सी ट्रेड आर्डर लगाने हैं और कौन से ट्रेड आर्डर नहीं लगाने हैं। यह एल्गो सिस्टम डिसाइड करता है।

स्कैल्पिंग करने में आसानी होती है।

अगर आपको स्कैल्पिंग में विश्वास है। तो आप एल्गो सिस्टम का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बहुत ही तेजी से ट्रेड में इंटरी और एग्जिट करने का माध्यम प्रदान करता है।

ज्यादा सटीक तरीके से ट्रेड लगाना

स्प्रेड कॉस्ट का बचना

मनुष्य के इमोशन का ट्रेड में शामिल ना होना

ट्रेड डिसिप्लिन हमेशा बना रहता है

एक साथ ज्यादा मात्रा में ट्रेड किया जा सकता है।

Algo Trading Errors

Algo Trading Errors

एल्गो ट्रेडिंग की कमियां

सभी ट्रेडिंग स्ट्रैटेजिस को ऑटोमेटिक नहीं किया जा सकता है।

एल्गो सिस्टम में बार-बार बदलाव की जरूरत पड़ती है।

एल्गो ट्रेडिंग पर रेगुलेटरी बॉडी का नियम लागू होना।

यह काफी खर्चीला प्रक्रिया है।

इसमें प्रोग्रामिंग की आवश्यकता पड़ती है।

लगातार एल्गो सिस्टम को मॉनिटर करना पड़ता है।

मनुष्य का कम से कम कंट्रोल होता है।

एल्गो सिस्टम बहुत ज्यादा टेक्नोलॉजी पर डिपेंड करता है।

निष्कर्ष

निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है कि एल्गो ट्रेडिंग सिस्टम की बहुत सारी खूबियां हैं जो एक ट्रेडिशनल सिस्टम में नहीं है।

एल्गो ट्रेडिंग में इमोशन, ग्रीड, फियर, नहीं होता है यह एक डिसिप्लिन तरीके से ट्रेड दिलाता है। यह किसी व्यक्ति विशेष की योग्यता पर डिपेंड नहीं करते करता है।

एल्गो सिस्टम तैयार करने तथा उसे स्वचालित करने हेतु अत्यधिक खर्च की जरूरत होती है। चुकी एल्गो ट्रेडिंग में मशीन कंप्यूटर तथा बिजली की जरूरत होती है और विपरीत परिस्थिति में इनके ना होने, पर एल्गो सिस्टम में नुकसान हो सकते हैं।

प्रत्येक छोटी चीजों को ध्यान में रखकर, एक ट्रेडिंग सिस्टम को स्वचालित नहीं किया जा सकता ।इसमें कुछ ना कुछ कमियां रह ही जाती हैं। इसके कारण एल्गो सिस्टम गलत ट्रेड भी करते हैं।

ट्रेडिंग सिस्टम एक रिक्वायरमेंट है ना कि यह ट्रेडिशनल सिस्टम का रिप्लेसमेंट।

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