विदेशी मुद्रा रोष

शुक्र है टीके से आगे सोचना शुरू किया, अब वैक्सीन के भरोसे नहीं बैठेगी दुनिया?
पत्रकार गिरिजेश वशिष्ठ बता रहे हैं कि किस तरह टीके से आगे की तरफ सोच बढी है और दुनिया के देश टीके के बाद अब इलाज पर भी सोचने लगे हैं. अमेरिका ने वायरस के इलाज के लिए मोटा बजट तय किया है और ये बजट लाखों करोड़ का है. ***About Knocking News (नॉकिंग न्यूज़)
*** This is a analysis channel of Girijesh Vashistha. Girijesh Vashistha is a senior journalist; he has worked with India Today group, Zee Network, Dainik Bhaskar, Dainik Jagran and sahara samay like विदेशी मुद्रा रोष Prominent News organizations for 34 years at Editor Level ये चैनल पत्रकार गिरिजेश वशिष्ठ के विश्लेषणों का चैनल है. गिरिजेश वशिष्ठ वरिष्ठ पत्रकार हैं. वो इन्डिया टुडे ग्रुप, दिल्ली आजतक, ज़ी, दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, सहारा समय समेत अनेक महत्वपूर्ण समाचार संस्थानों में संपादक के स्तर पर जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं और पिछले 34 साल से लगातार सक्रिय हैं. यहां आपको मिलेगा नॉकिंग न्यूज़ (Knocking News) LIVE राजनीति, बॉलीवुड, देश-विदेश हर तरह की ख़बरें, कोरोना वायरस अपडेट्स, corona conspiracy से जुड़े वीडियो के लिए देखिए सिर्फ नॉकिंग न्यूज़ (Knocking News) हर रोज दिलचस्प और गरमा-गरम वीडियो के लिए सब्सक्राइब कीजिए For donations and विदेशी मुद्रा रोष support you may pay from any app by using UPI विदेशी मुद्रा रोष facility. our upi id is. ************** [email protected] ************** Editorial Partner – editorji : https://www.editorji.com/hindi/partner/knockingnew-com Please subscribe to our youtube channel: https://www.youtube.com/c/KnockingNews Another channel for Girijesh Vashistha Videos: https://www.youtube.com/c/girijeshvashistha Check out the KnockingNews website for more news: https://www.KnockingNews.com/ Like us on Facebook: https://www.facebook.com/KnockingNews/ Follow us on twitter: https://twitter.com/KnockingNews Our videos also available on Instagram: https://www.instagram.com/KnockingNews/. Our telegram channel : https://t.me/KNLive Find us on dailymotion: https://www.dailymotion.com/KnockingNews latest videos are at odysee https://odysee.com/@KnockingNews ***For sponsordhip and advertisement related enquiries please contact *** Email - [email protected] -For donations and support you may pay from any app by using UPI facility. our upi id is. *************** [email protected] ******************** -For news information please mail on above address. mobile number will be shared only if required
अप नेक्स्ट
शुक्र है टीके से आगे सोचना शुरू किया, अब वैक्सीन विदेशी मुद्रा रोष के भरोसे नहीं बैठेगी दुनिया?
ओटीटी से लेकर टेलीग्राम तक सब नये कानून की जद में. हो सकती है एक साल की कैद
क्या अचान बढ़ गया तीसरे विश्व युद्ध का खतरा? क्यों है world war 3 का डर ?
हाइड्रोजन रेल इंजन को लेकर आधा झूठ क्यों बोल रही है सरकार
क्यों खाली हो रहा है विदेशी मुद्रा भंडार, आरबीआई ने खुद के छापे नोट डालर देकर खरीदे
नीतियों के कारण रोज़गार का ऐतिहासिक संकट
और वीडियो
शंकराचार्य से क्यों चिढ़ता है संघ. क्या होगा उनके जाने के बाद
कितने गुना बढ़ने वाला है गैस का दाम
क्या है अचानक कुत्तों के काटने की समस्या का समाधान, कैसे बचे कोई?
नितिन गडकरी एयरबैग को लेकर फैला रहे हैं भ्रम, ये कैसे पहुंचा सकता है नुकसान
क्या स्मृति ईरानी गिरफ्तार की जा सकती है, दस्तावेज़ों में साबित हुआ गुनाह ?
विदेशी मुद्रा रोष
कोलंबो
आजादी के बाद सबसे खराब दौर से गुजर रहे श्रीलंका (Sri Lanka crisis) ने विदेशी कर्ज पर हाथ खड़े कर दिए हैं। श्रीलंका अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बेलआउट की उम्मीद कर रहा है। लेकिन इससे पहले उसने कहा कि वह विदेशी कर्ज (External Debt) को चुकाने की स्थिति में नहीं है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान चीन को होगा क्योंकि श्रीलंका पर सबसे ज्यादा कर्ज उसी का है। इसी कर्ज के कारण श्रीलंका आज इस कगार पर पहुंचा है। देश में आर्थिक संकट हर गुजरते दिन के साथ गहराता रहा है और जरूरी चीजों की भारी किल्लत हो गई है।
श्रीलंका के वित्त मंत्रालय ने कहा कि देश विदेशी कर्ज के भुगतान की स्थिति में विदेशी मुद्रा रोष नहीं है। इनमें विदेशों से लिया गया लोन भी शामिल है। एएफपी के मुताबिक श्रीलंका पर करीब 51 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान चीन का होगा विदेशी मुद्रा रोष क्योंकि उसी ने श्रीलंका को सबसे ज्यादा कर्ज दे रखा है। श्रीलंका के कुल विदेशी कर्ज में चीन की हिस्सेदारी करीब 10 फीसदी है। चीन के बाद जापान और भारत का श्रीलंका पर सबसे अधिक कर्ज है।
भूखों मरने की नौबत
2.2 करोड़ की आबादी वाले श्रीलंका में पिछले कई महीनों से हालात बेहद खराब बने हुए हैं। देश में जरूरी चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं। विदेशी मुद्रा की भारी कमी के कारण पेट्रोल-डीजल (Petrol-diesel) का आयात नहीं हो पा रहा है। कई घंटों तक बिजली गुल रहती है, पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं। इससे लोगों में रोष लगातार बढ़ता जा रहा है। गुस्साए प्रदर्शनकारी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर दबाव बढ़ता जा रहा है। देश की संसद के स्पीकर ने हाल में कहा था कि देश के लोगों की भूखों मरने की नौबत आ गई है।
देश सेंट्रल बैंक के गवर्नर पी. नंदलाल वीरसिंघे ने कहा कि हमें जरूरी चीजों के आयात पर फोकस करने की जरूरत है और विदेशी कर्ज को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए। हालांकि यह फौरी उपाय होना चाहिए। सबसे अच्छा तरीका यही है कि हम कर्ज को रिस्ट्रक्चर करें और एक हार्ड डिफॉल्ट से बचें। श्रीलंका अगले सप्ताह एक डेट प्रोग्राम के लिए आईएमएफ के साथ बातचीत शुरू करने वाला है।
श्रीलंका पर कर्ज
मार्च के अंत में श्रीलंका का विदेशी भंडार 1.93 अरब डॉलर था जबकि इस साल उसे लगभग चार अरब डॉलर के विदेशी कर्ज का भुगतान करना है। इसमें जुलाई में मैच्योर होने वाला एक अरब डॉलर का इंटरनेशनल सॉवरेन बॉन्ड भी शामिल है। जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का अनुमान है कि श्रीलंका की ग्रॉस डेट सर्विसिंग 2022 में 7 अरब डॉलर होगी और चालू खाता घाटा लगभग 3 विदेशी मुद्रा रोष अरब डॉलर होगा।
श्रीलंका के इस हालत के लिए चीन से लिए गए भारी कर्ज को ही जिम्मेदार माना जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण श्रीलंका का टूरिज्म सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इसे देखते हुए श्रीलंका ने चीन से अपने कर्ज को रिशेड्यूल करने की अपील की थी लेकिन चीन ने इससे साफ इन्कार कर दिया था। चीन के कर्ज में फंसे कई दूसरे देशों की भी आर्थिक स्थिति डगमगा विदेशी मुद्रा रोष रही है। इनमें पाकिस्तान, मेडागास्कर, मालदीव और ताजिकिस्तान शामिल हैं।
The Naradmuni Desk
The Naradmuni-Credible source of investigative news stories from Central India.