एक मुद्रा कैरी ट्रेड की मूल बातें

दिन व्यापार नियम

दिन व्यापार नियम
लखनऊ ब्यूरो
Updated Sun, 06 Dec 2020 01:20 AM IST

देश का लगभग 88% कार्यबल असंगठित क्षेत्र में लिप्त है और उन्हें पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं मिल रहे हैं। असंगठित कामगारों जैसे बीडी कामगार, सिने कामगार, भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार आदि के विशिष्ट समूह/ उप समूह के लिए केंद्र सरकार द्वारा कुछ कल्याणकारी योजनाएं कार्यान्वित की जा रही है। सरकार असंगठित क्षेत्र कामगारों के कुछ वर्गों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों कार्यान्वित कर रही है तथा गैर सरकारी संगठन भी कामगारों के कुछ वर्गों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। असंगठित क्षेत्र दिन व्यापार नियम कामगारों के सभी समूहों को विशेष कल्याणकारी योजनाएं प्रदान करने के लिए, केंद्र सरकार ने असंगठित कामगार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008 को अधिनियमित किया। इस अधिनियम को अब सामाजिक सुरक्षा पर संहिता में उप समन्वययित कर दिया गया है जो कि एक सामान्य कल्याणकारी दृष्टिकोण है।

अनुबंधितश्रमिक का संदर्भ उस व्यक्ति से है,जिसे एक विशिष्ट कार्य और अवधि के लिए एक ठेकेदार के माध्यम दिन व्यापार नियम से एक कंपनी में कार्य करने के लिए नियोजित किया गया है। कंपनियां ठेकेदारों को कार्य पर रखती हैं, जो बदले में इन कामगारों को विभिन्न नौकरियों के लिए भर्ती करते हैं। किसी भी प्रतिष्ठान में कामागारों के साथ दुर्व्यवहार को रोकने के लिए और उनके लिए एक स्वस्थ कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए, अनुबंध श्रम विनियमन और उन्मूलन अधिनियम 1970 में आरंभ किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य अनुबंध श्रमको समाप्त करना है और जहां आवश्यक हो,स्थापनाओं और ठेकेदारों के पंजीकरण और कानून के संचालन में केंद्र और राज्य सरकार को परामर्श देने के लिए सलाहकार बोर्डों की स्थापना के माध्यम से उनकी सेवा शर्तों का विनियमन करना है। इस अधिनियम को कार्य दशाएंसंबंधी व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य में उप-समन्वयित किया गया है।

यह अधिनियम विगत 12 महीनों में किसी भी दिन 5 या उससे ज्यादा अंतर्राज्यीय कर्मकार नियोजित करने वाले प्रतिष्ठानोंऔर ठेकेदार पर लागू होगा। यह अधिनियम अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार नियोजित करने वाले प्रतिष्ठानों के पंजीकरण के लिए और ठेकेदार के लाईसेंस के लिए भीउपबंध है। इस अधिनियम को कार्य दशाओं से संबंधित व्यावसायिक सुरक्षा स्वास्थ्य में उप-समन्वयित किया गया है।

न्यूनतम मजदूरी का प्रयोजन कामगारों को कम भुगतान के विरुद्ध सुरक्षित करना है।समान मूल्य के काम के लिए समान पारिश्रमिक के अधिकार को बढ़ावा देकर, गरीबी को दूर करने और असमानता को कम करने के लिए न्यूनतम मजदूरी भी नीति का एकतत्व हो सकती है। एशियाई देशों में जहां मजदूरी कम है, उद्योगों और व्यवसायों में मजदूरी मानकों में सुधार के लिए न्यूनतम मजदूरी तय करने की आवश्यकता थी। यह अधिनियम प्रांतीय सरकार द्वारा अनुसूचित बिल के अंतर्गत आने वाले रोजगार के लिए न्यूनतम मजदूरी के निर्धारण का प्रावधान करता है।

देश के कुछ भागों में एक ऋणी या उसके वंशज या आश्रितजनों को महाजन के लिए अनुचित या बिना मजदूरी के उन पर कर्ज के भुगतान के लिए कार्य करना पड़ता है उसे बंधुआ श्रम प्रणाली कहा जाता है। इस अधिनियम स्पष्ट करता है कि जबरन मजदूरी दिन व्यापार नियम कराना कानूनन दंडनीय अपराध है औरवर्ष 1975 में माननीय राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यादेश जारी किया गया था, जिसमें बंधुआ मजदूरी प्रणाली को समाप्त कर दिया गया था और बंधुआ मजदूरों को बंधुआ काम करने के लिए किसी भी दायित्व से मुक्त कर दिया गया था।

श्रम सुधार:

श्रम कानून के सहज अनुपालन में एकरूपता सुनिश्चत करने के लिए, भारत सरकार ने केंद्रीय श्रम कानूनों को विस्तृत समूहों जैसे (i) मजदूरी (ii) औद्योगिक संबंध, (iii) सामाजिक सुरक्षा, (iv) सुरक्षा, कल्याण और कार्य दशाएं में समेकित करने की अनुशंसा की है।सामाजिक सुरक्षा अधिनियम परसंहिता का उद्देश्य संगठित या असंगठित या किसी अन्य क्षेत्र के सभी कर्मचारियों और कामगारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ सामाजिक सुरक्षा से संबंधित कानूनों में संशोधन करना और उन्हें समेकित करना है। यह सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लाभों को भीसंहिता द्वारा प्लेटफॉर्म कामगारों तक पहुंचाती है जो रोजगार पैदा करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक हैं।

यह संहिता मजदूरी और संदाय के भुगतान को विनियमित करती है सभी रोजगारों में जहांकोई उद्योग, व्यापार, बिजनेसया विनिर्माण किया जाता है। यह सभी कर्मचारियों पर लागू होता है। केंद्रीय क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय की गई मजदूरी लागू की जाएगी और राज्य सरकार के क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिएराज्यसरकार द्वारा तय की गई मजदूरी लागू की जाएगी।

व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशाएं संहिता 2020 किसी प्रतिष्ठान में नियोजित व्यक्तियों के लिएव्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशाओं विनियमन करने वाले कानूनों को समेकित और संशोधित करने वाली संहिता है। यह अधिनियम 13 पुराने केंद्रीय श्रम कानूनों को प्रतिस्थापित करता है।

औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 ट्रेडयू नियनों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों या उपक्रमों में रोजगार की शर्तों, औद्योगिक विवादों की जांच और निपटान से संबंधित कानूनों को समेकित और संशोधित करती है।

बिल को दूसरे राष्ट्रीय श्रम आयोग की रिपोर्ट और सिफारिशों के अनुसार तैयार किया गया था। औद्योगिक संबंध संहिता विधेयक, 2020 तीनअधिनियमों (i) ट्रेडयूनियनअधिनियम, 1926, (ii) औद्योगिकरोजगार (स्थायीआदेश) अधिनियम, 1946, और (iii) औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के प्रासंगिक प्रावधानों को समामेलित, सरल और युक्ति संगत बनाने के लिए प्रस्तावित है।

ट्रेड लाइसेंस – व्यापार अधिकार पत्र ट्रेड लाइसेंस कैसे प्राप्त करें?

ट्रेड लाइसेंस – (व्यापार अधिकार पत्र) यह प्रत्येक व्यवसाय के लिए आवश्यक है जो एक व्यापार के लिए एक ट्रेड लाइसेंस रखना अनिवार्य होता है। एक व्यापार लाइसेंस स्थानीय नगरपालिका में पंजीकृत है, जहां व्यवसाय स्थित (मौजूद) होता है।

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ट्रेड लाइसेंस कैसे काम करता है?

व्यापार या व्यवसाय करने वाले प्रत्येक व्यवसाय के लिए एक व्यापार लाइसेंस आवश्यक है। एक ट्रेड लाइसेंस केवल एक वर्ष के लिए दिन व्यापार नियम वैध (मान्य) होता है।

हम आप सभी को एक साथ रखने में मदद करेंगेआवश्यक दस्तावेज़।(डाकुमेंट्स या कागजात)

हम आपकी ओर से आवेदन दायर करेंगे।

फिर आपको अपने व्यवसाय के लिए ट्रेड लाइसेंसप्राप्त हो जाएगा ।

ट्रेड लाइसेंस (अवलोकन)

एक ट्रेड लाइसेंस (व्यापार अधिकार पत्र) स्थानीय नगरपालिका द्वारा जारी किया गया एक कानूनी दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति या किसी पार्टी को व्यवसाय संचालन शुरू करने के लिए प्राधिकरण (अधिकार) प्रदान करता है। एक व्यापार लाइसेंस केवल तभी दिया जाता है जब व्यवसाय निगम, और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा संबंधित राज्य के सभी नियमों और विनियमों का पालन करता है जिसमें व्यवसाय स्थित है।

व्यवसाय शुरू होने से 30 दिन पहले निगम में आयुक्त के पास आवेदन दायर किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान, व्यवसाय को सभी अनिवार्य दस्तावेज जमा करने होते हैं।

ट्रेड लाइसेंस के क्या लाभ हैं?

  • कानूनी इकाई:किसी व्यवसाय को कानूनी इकाई के रूप में माना जाने के लिए उसके पास व्यापार लाइसेंस होना आवश्यक है।
  • मांग नियम और विनियम:जैसा कि नगरपालिका प्राधिकरण द्वारा कहा गया है जिसमें व्यवसाय स्थित है।
  • सक्षमता का एक उपाय:एक व्यापार लाइसेंस के साथ, कोई व्यवसाय बंद होने के डर के बिना, एक वाणिज्यिक (व्यवसायिक) दिन व्यापार नियम स्थान में काम कर सकता है। यह व्यवसाय और उद्यमी ( कारोबारी) में आत्मविश्वास और क्षमता का प्रदर्शन प्रदान करता है।

ट्रेड लाइसेंस के लिए कौन आवेदन कर सकता है और इसके लिए चेकलिस्ट

ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय कुछ लोगों की कुछ श्रेणियां होती हैं, जो ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं।

  • नाबालिग:18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति
  • आपराधिक पृष्ठभूमि:आपराधिक रिकॉर्ड वाला व्यक्ति ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं कर सकता है।

ट्रेड लाइसेंस के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

तीन प्रकार के व्यापार लाइसेंस हैं जो एक कंपनी या व्यक्ति व्यापार या व्यवसाय के प्रकार के आधार पर आवेदन कर सकते हैं।

दुकान का लाइसेंस

इस प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता उन लोगों के लिए होती है, जो किसी दुकान या प्रतिष्ठान को सामान या सेवाएं बेचना चाहते हैं।

औद्योगिक लाइसेंस

इस प्रकार के लाइसेंस के लिए एक कंपनी की आवश्यकता होती है जो एक छोटी या मध्यम आकार की औद्योगिक इकाई खोलना चाहती है।

खाद्य प्रतिष्ठान का लाइसेंस

कोई भी प्रतिष्ठान जो खाद्य (खाने के लिए) और पेय (पीने संबंधी) उद्योग में प्रवेश करने की योजना बना रहा है उसे इस लाइसेंस की आवश्यकता है। लाइसेंस रेस्तरां, कैफे, मांस की दुकानों, बेकरी दिन व्यापार नियम और सब्जी की दुकानों पर लागू होता है।

ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं?

ट्रेड लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय, किसी को सत्यापन के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है;

फॉर्म 353 विधिवत भरा

  • व्यवसाय संपत्ति के मालिक या पड़ोसी से सहमति पत्र।
  • व्यावसायिक संपत्ति का शहर सर्वेक्षण मानचित्र।

टैक्स की रसीदें

  • परिसर का एक खाका, यदि व्यवसाय विस्फोटक, लकड़ी, और खतरनाक सामान के साथ व्यवहार करता है।
  • अन्य दस्तावेज जो नगर निगम के वार्ड अधिकारी पंजीकरण के समय पूछ सकते हैं।

ट्रेड लाइसेंस को नवीनीकृत करने के लिए आवश्यक दस्तावेज दिन व्यापार नियम क्या हैं?

भारत में, ट्रेड लाइसेंस नवीनीकरण हर साल 1 जनवरी से 1 मार्च के बीच होता है। आवेदन करते समय, एक व्यक्ति को सत्यापन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज पेश करना होता है

  • मूल (ओरिजिनल) व्यापार लाइसेंस
  • सभी कर रसीदें, तिथि भुगतान विवरण के साथ
  • पिछले भुगतान चालान

व्यापार पंजीकरण के लिए प्रक्रिया के साथ हम आपकी सहायता कैसे कर सकते हैं

  • फॉर्म 353:एक बार ट्रेड लाइसेंस के प्रकार को अंतिम रूप देने के बाद, फॉर्म 353 विधिवत सभी आवश्यक विवरणों से भरा होता है। उपर्युक्त सभी दस्तावेज नगर निगम के वार्ड कार्यालय में जमा किए जाते हैं।
  • वैधता: ( समय सीमा )आवेदन दायर किए जाने के बाद, और यदि अधिक जानकारी की आवश्यकता होती है, तो अधिकारी अतिरिक्त विवरण की मांग कर सकते हैं। यदि सभी विवरण संतोषजनक दिन व्यापार नियम पाए जाते हैं, तो ट्रेड लाइसेंस जारी किया जाता है। ट्रेड लाइसेंस की वैधता एक वर्ष है और एक की खरीद में लगभग 2-3 सप्ताह लगते हैं, जो एक कूरियर सेवा के माध्यम से भेजा जाता है।
  • गैर अनुपालन: व्यापार लाइसेंस प्रत्येक व्यवसाय के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है। इसलिए, यदि कोई व्यवसाय स्वामी व्यवसाय शुरू करने से पहले एक प्राप्त करने में विफल रहता है, तो वह जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी है या कानूनी नतीजों का सामना कर सकता है।

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हम विश्वसनीय पेशेवरों तक पहुंच प्रदान करते हैं और आपकी सभी कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उनके साथ समन्वय करते हैं। आप हमारे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म (मंच) पर प्रगति को हर समय ट्रैक (पता) कर सकते हैं।

यथार्थवादी (सच्चाईपूर्ण) उम्मीदें

सभी कागजी कार्रवाई दिन व्यापार नियम से निपटने के लिए, हम सरकार के साथ एक सहज इंटरैक्टिव (सरल वार्तालाप) प्रक्रिया सुनिश्चित करते हैं। हम यथार्थवादी (सत्यपरक) अपेक्षाओं को निर्धारित करने के लिए निगमन (सम्मेलन) प्रक्रिया पर स्पष्टता प्रदान करते हैं।

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Mauni Amavasya 2022: मौनी अमावस्या कब है? यहां जानिए तारीख, महत्व, व्रत नियम व इस दिन क्या करना चाहिए

मौनी अमावस्या इस साल 1 फरवरी 2022, दिन मंगलवार को है। माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान व भगवान.

Mauni Amavasya 2022: मौनी अमावस्या कब है? यहां जानिए तारीख, महत्व, व्रत नियम व इस दिन क्या करना चाहिए

मौनी अमावस्या इस साल 1 फरवरी 2022, दिन मंगलवार को है। माघ महीने में पड़ने वाली अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान व भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है और ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान व तप के अलावा व्रत कथा का पाठ करने के बाद ही पूर्ण फल मिलता है।\

मौनी अमावस्या के दिन व्यापार नियम दिन क्या करना चाहिए दान-

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कपड़े, गर्म वस्त्र, कंबल और जूते दान करने का विशेष महत्व है। कहते हैं कि जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीच का होता है, उन्हें इस दिन दूध, चावल, खीर, मिश्री और बताशा दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

मौनी अमावस्या का महत्व-

शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मौन धारण करने से विशेष ऊर्जा की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या पर गंगा नदी में स्नान करने से दैहिक (शारीरिक), भौतिक (अनजाने में किया गया पाप), दैविक (ग्रहों, गोचरों का दुर्योग) तीनों प्रकार पापों से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि इस दिन सभी देवी-देवता गंगा में वास करते हैं, जो पापों से मुक्ति देते हैं।

मौनी अमावस्या व्रत नियम-

1. मौनी अमावस्या के दिन सुबह स्नान नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
2. इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो दिन व्यापार नियम मौन रहना चाहिए। गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं।
3. अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें।
4. यदि आप अमावस्या के दिन गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं।
5. हर अमावस्या की भांति माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

UPI लेन-देन पर लग सकती है लिमिट, RBI से चर्चा कर रहा है NPCI, इस दिन से बदल सकते हैं नियम, जानें यहाँ

UPI Transactions Limit: ऑनलाइन लेन-देन के यूपीआई एक महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है। देश की बड़ी आबादी इसका इस्तेमाल करती है। लेकिन बहुत जल्द इसमें बड़ा बदलाव हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम UPI भुगतान की सर्विस के लिए एक लिमिट तय कर सकता है। ट्रान्जैशन की सीमा 30 प्रतिशत तक हो सकती है। इस बात की चर्चा फिलहाल NPCI रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के साथ कर रहा है। एनपीसीआई 31 दिसंबर के बाद इस मामले पर अपना फ़ैसला घोषित कर सकता है।

नहीं हुआ अब तक कोई फैसला

बता दें की यूपीआई थर्ड पार्टी द्वारा संचालित प्लेटफॉर्म है। जिसके लिए एनपीसीआई ने एकाधिकार जोखिम से बचने के लिए इस साल नवंबर में UPI पर 30% लेनदेन सीमा लगाने का प्रस्ताव आरबीआई के सामने रखा था। फिलहाल, आरबीआई ने इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन चर्चा जारी है।

इस महीने NPCI कर सकता है घोषणा

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले को लेकर व्यापक रूप से विचार करने के लिए एक बैठक भी बुलाई गई है। इस दौरान वित्त मंत्रालय, आरबीआई के सीनियर ऑफिर्स और एनपीसीआई के अधिकारी भी शामिल हुए थे, लेकिन इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया। दूसरी तरफ गूगल पे और फोन पे की मार्केट में हिस्सेदारी बढ़कर 80% तक चुकी है। कहा जा रहा है की एनपीसीआई थर्ड पार्टी के ऐप प्रदाताओं के खतरे को देखते हुए और आरबीआई द्वारा मंजूरी मिलने पर इस महीने के अंत यूपीआई लेन-देन को लिमिट करने का फैसला सुना सकता है।

व्यापारी हफ्ते में सातों दिन खोल सकता दुकान

Lucknow Bureau

लखनऊ ब्यूरो
Updated Sun, 06 Dec 2020 01:20 AM IST

Owner can open shop throughout seven days

. तो हफ्ते में सातों दिन दुकान खोल सकते हैं व्यापारी
राजधानी के श्रम विभाग में पंजीकृत व्यापारी मॉल की तर्ज पर हफ्ते में सातों दिन दुकान खोल सकेंगे। ये साप्ताहिक बंदी के दिन भी दुकान खोलकर व्यापार कर सकेंगे।
लेकिन इसके लिए उन्हें श्रम विभाग में अतिरिक्त शुल्क जमा कर प्रमाण पत्र लेना पड़ेगा। हालांकि, सातों दिन दुकान खोलने वाले व्यापारी को सप्ताह में एक दिन कर्मचारी को अवकाश देना पड़ेगा। इसके लिए एक रजिस्टर भी बनाकर रखना होगा।
लखनऊ इलेक्ट्रिक एवं कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष पराग गर्ग ने बताया कि बांस मंडी के जो व्यापारी साप्ताहिक बंदी के दिन दुकान खोल रहे हैं, उन्होंने इस सुविधा के लिए पंजीयन कर रखा है।
इसके लिए व्यापारी को निवेश मित्र पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीयन करना पड़ेगा। साथ ही श्रम विभाग में दुकान के सालाना शुल्क का 50 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी भरना पड़ेगा। यह पंजीयन एक बार में पांच साल के लिए होता है। इसके बाद फिर इसे बढ़ाना पड़ेगा।
10 हजार करा चुके हैं पंजीयन
पराग गर्ग ने बताया कि राजधानी के 10 हजार व्यापारी सप्ताह में सातों दिन दुकान खोलने के लिए पंजीयन करा चुके हैं। इन पर श्रम विभाग का ही आदेश लागू होगा। इनकी दुकान को पुलिस प्रशासन भी खुलने पर बंद नहीं करा सकता। बताया कि व्यापारियों के पंजीयन कराने का सिलसिला जारी है। नाका व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतपाल सिंह मीत ने बताया कि नाका में सातों दिन दुकान खोलने का जिन 18 व्यापारियों ने पंजीयन करा रखा था बीते बृहस्पतिवार को उनकी दुकानें भी पुलिस ने बंद करा दी। कोरोना के चलते यह कार्रवाई की गई।
आपदा में डीएम को बंदी का अधिकार
लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमर नाथ मिश्रा ने बताया कि श्रम विभाग में सातों दिन दुकान खोलने का पंजीयन कराने वाले व्यापारियों की दुकान को आपदा में बंद कराने का अधिकार डीएम को है। इसके तहत कोरोना रोकने के लिए पुलिस प्रशासन साप्ताहिक बंदी में दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहा है।
श्रमिकों को सप्ताह में एक दिन देनी पड़ेगी छुट्टी
श्रम विभाग में लेबर इंस्पेक्टर एमएल यादव ने बताया कि कोई भी व्यापारी सालाना जमा होने वाले पंजीयन शुल्क का 50 फीसदी अतिरिक्त जमा कर सप्ताह में सातों दिन दुकान खोलने के लिए पंजीयन कर सकता है। हालांकि, दुकान पर काम करने वाले श्रमिकों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी जरूर देनी होगी।


राजधानी के श्रम विभाग में पंजीकृत व्यापारी मॉल की तर्ज पर हफ्ते में सातों दिन दुकान खोल सकेंगे। ये साप्ताहिक बंदी के दिन भी दुकान खोलकर व्यापार कर सकेंगे।
लेकिन इसके लिए उन्हें श्रम विभाग में अतिरिक्त शुल्क जमा कर प्रमाण पत्र लेना पड़ेगा। हालांकि, सातों दिन दुकान खोलने वाले व्यापारी को सप्ताह में एक दिन कर्मचारी को अवकाश देना पड़ेगा। इसके लिए एक रजिस्टर भी बनाकर रखना होगा।


लखनऊ इलेक्ट्रिक एवं कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष पराग गर्ग ने बताया कि बांस मंडी के जो व्यापारी साप्ताहिक बंदी के दिन दुकान खोल रहे हैं, उन्होंने इस सुविधा के लिए पंजीयन कर रखा है।
इसके लिए व्यापारी को निवेश मित्र पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीयन करना पड़ेगा। साथ ही श्रम विभाग में दुकान के सालाना शुल्क का 50 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क भी भरना पड़ेगा। यह पंजीयन एक बार में पांच साल के लिए होता है। इसके बाद फिर इसे बढ़ाना पड़ेगा।

10 हजार करा चुके हैं पंजीयन
पराग गर्ग ने बताया कि राजधानी के 10 हजार व्यापारी सप्ताह में सातों दिन दुकान खोलने के लिए पंजीयन करा चुके हैं। इन पर श्रम विभाग का ही आदेश लागू होगा। इनकी दुकान को पुलिस प्रशासन भी खुलने पर बंद नहीं करा सकता। बताया कि व्यापारियों के पंजीयन कराने का सिलसिला जारी है। नाका व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतपाल सिंह मीत ने बताया कि नाका में सातों दिन दुकान खोलने का जिन 18 व्यापारियों ने पंजीयन करा रखा था बीते बृहस्पतिवार को उनकी दुकानें भी पुलिस ने बंद करा दी। कोरोना के चलते यह कार्रवाई की गई।
आपदा में डीएम को बंदी का अधिकार
लखनऊ व्यापार मंडल के वरिष्ठ महामंत्री अमर नाथ मिश्रा ने बताया कि श्रम विभाग में सातों दिन दुकान खोलने का पंजीयन कराने वाले व्यापारियों की दुकान को आपदा में बंद कराने का अधिकार डीएम को है। इसके तहत कोरोना रोकने के लिए पुलिस प्रशासन साप्ताहिक बंदी में दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहा है।

श्रमिकों को सप्ताह में एक दिन देनी पड़ेगी छुट्टी
श्रम विभाग में लेबर इंस्पेक्टर एमएल यादव ने बताया कि कोई भी व्यापारी सालाना जमा होने वाले पंजीयन शुल्क का 50 फीसदी अतिरिक्त जमा कर सप्ताह में सातों दिन दुकान खोलने के लिए पंजीयन कर सकता है। हालांकि, दुकान पर काम करने वाले श्रमिकों को सप्ताह में एक दिन की छुट्टी जरूर देनी होगी।

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