पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं

बात करेंगे एडिशनल चार्जेज की तो आप देखेंगे कि जो भी इंडेक्स फंड है उसमें हमें एक्सपेंस रेश्यो देना पड़ता है और अगर आपने उस फंड को तुरंत ही बेच दिया तो हो सकता है कि कुछ एग्जिट लोड भी देना पड़े।
प्रबंधकों पर बेहतर वैल्यू देने का दबाव डाल सकते हैं पैसिव फंड
सूचकांक-आधारित निवेश भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। एसऐंडपी डाउ जोन्स में इंडेक्स इन्वेस्टमेंट स्टे्रटेजी के प्रबंध निदेशक टिम एडवड्र्स ने समी मोडक के साथ बातचीत में इंडेक्स प्रबंधन के बारे में विभिन्न रुझानों पर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
सक्रिय तौर पर प्रबंधित फंडों को सेंसेक्स जैसे सूचकांकों को मात देने में चुनौती का सामना क्यों करना पड़ पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं रहा है?
हमारा मानना है कि भारत में स्थानीय पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं कारकों के साथ सक्रिय प्रबंधक के प्रदर्शन में समान कमजोरी देख रहे हैं, जिसके लिए तीन स्रोतों को जिम्मेदार माना जा सकता है- अक्सर सक्रिय प्रबंधनकी ऊंची लागत, इक्विटी बाजार कारोबारियों में बढ़ती व्यावसायिकता, और शेयर प्रतिफल में विषमता। दीर्घावधि के दौरान, ऐतिहासिक तौर पर ऐसा देखा गया है कि कुछ खास शेयरों ने अपने सभी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले काफी अच्छा प्रतिफल दिया है।
इंडेक्स फंड और ईटीएफ में कौन है बेहतर? [Index Fund vs ETF]
आइये जानते हैं कि Index Fund vs ETF की जंग में कौन जीतता है और आपको इन दोनों में से किस में निवेश करना चाहिए।
1. ट्रेडिंग – इंडेक्स फंड vs ईटीएफ
ईटीएफ और इंडेक्स फंड में सबसे बड़ा अंतर यह है कि जहां एक ओर इंडेक्स म्युचुअल फंड बाजार पर ट्रेड नहीं होते हैं वही ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होते हैं।
ट्रेडिंग का फायदा यह है कि जब भी आपका मन करें आप अपना इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते हैं और आपका निवेश करें बाजार भाव पर हो जाएगा।
2. इंडेक्स फंड या ईटीएफ में न्यूनतम निवेश राशि
अगर आप किसी ETF में अपनी पोजीशन बनाना चाहते हैं तो आपके लिए कोई मिनिमम अमाउंट यानी न्यूनतम राशि जैसा कुछ नहीं है जैसा कि आमतौर पर एक इंडेक्स म्युचुअल फंड में होता है।
किसी भी ईटीएफ को आप कितनी भी क्वांटिटी में चाहे तो buy कर सकते हैं |
आपको इंडेक्स फंड या ईटीएफ में से कहाँ निवेश करना चाहिए? 
इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड और ईटीएफ किसी बेंचमार्क इंडेक्स को ही ट्रैक करता है तो लंबी अवधि में जो भी इंटेक्स का रिटर्न रहेगा उसी के आसपास का रिटर्न आपको इन फंड्स से मिलेगा।
जैसे देखिए, अगर हम Nifty50 इंडेक्स को ले लें तो पिछले 5 सालों में इस इंडेक्स ने लगभग 12 – 12.25% का रिटर्न दिया है।
अब हम क्या करते हैं कि एक इंडेक्स फंड लेते हैं जिसका नाम है एचडीएफसी निफ़्टी फिफ्टी इंडेक्स फंड।
तो आप देखेंगे कि इंडेक्स फंड ने भी पिछले 5 सालों में 12.50% का रिटर्न दिया है बिल्कुल निफ़्टी इंडेक्स के आसपास।
वहीं अगर आप एचडीएफसी के ईटीएफ की बात करेंगे जैसे एचडीएफसी निफ़्टी फिफ्टी ईटीएफ तो भी पिछले 5 सालों में इसका रिटर्न है 12.8%।
इंडेक्स फंड
अकसर कई बार लोगों के मन में एक्टिव और पैसिव निवेश को लेकर असमंजस की स्थिति रहती है। एक्टिवली मैनेज्ड फंड इंडेक्स की तुलना में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। एक्टिवली मैनेज्ड फंड में फंड मैनेजर अपनी विशेषज्ञता का इस्तेमाल पोर्टफोलियो में स्टॉक के चयन के लिए करता है। डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड इस श्रेणी में आते हैं। वहीं कई लोग निवेश के लिए पैसिव एप्रोच पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं का सहारा लेते हैं। इसे इंडेक्सिंग कहा जाता है।
इसे इंडेक्स फंड में निवेश कर प्राप्त किया जा सकता है। इंडेक्स फंड एक इक्विटी म्यूचुअल फंड होता है जो स्टॉक में निवेश करता है और कई स्टॉक इंडेक्स से मिलकर बनता है जैसे बीएसई सेंसेक्स या एनएसई निफ्टी। इसके परिणामस्वरूप इंडेक्स फंड में निवेश के लिए आपको किसी विशेषज्ञ की सलाह नहीं लेनी पड़ेगी। इनके द्वारा मिलने वाला रिटर्न अंडरलाइंग इंडेक्स द्वारा उत्पादित किए जाने वाले फंड से करीब से जुड़ा होता है।
कम खर्च और कम जोखिम, लेकिन रिटर्न मिलेगा हाई, जानें Index Fund में निवेश करने के 10 बड़े कारण
Index Fund: इंडेक्स फंड पैसिव फंड की कैटेगरी में आते है। यह निफ़्टी, सेंसेक्स के बेंचमार्क को ट्रैक करते है। इस फंड में निवेश करने के कई बड़े फायदें है। यहां ऐसे 10 कारण बताएं गए है कि आपको इंडेक्स म्यूच्यूअल फंड में निवेश क्यों करना चाहिए।
Index fund: इंडेक्स फंड को समझने के लिए, आपको सबसे पहले सक्रिय (Active) और निष्क्रिय (Passive) निवेश के बीच के अंतर को समझना होगा। एक डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड के फंड मैनेजर की कल्पना करें। यह एक एक्टिव फंड मैनेजर का उदाहरण है। फंड मैनेजर को फैसला करना होता है कि कौन से स्टॉक को खरीदना है, कौन से स्टॉक को लॉन्ग टर्म के लिए होल्ड करना है, कौन से स्टॉक को शॉर्ट टर्म के लिए ट्रेड करना है और कौन से स्टॉक को बेचना है।
मिराए एसेट ने लॉन्च किए दो इंडिया पैसिव ESG फंड, 5 हजार से शुरू कर सकते हैं निवेश
TV9 Hindi | Edited By: संजीत कुमार
Updated on: Oct 26, 2020 | 4:51 PM
इक्विटी और डेट सेगमेंट मे देश के सबसे तेजी से बढ़ते फंड हाउसेज में से एक मिराए एसेट इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया (Mirae Asset Investment Managers India) ने आज भारत के पहले ईएसजी ईटीएफ (ESG ETF,), ‘मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स ईटीएफ’ (Mirae Asset ESG Sector Leaders ETF) की शुरुआत का ऐलान किया है. यह एक ओपन एंडेड स्कीम है जो निफ्टी 100 ईएसजी सेक्टर लीडर्स टोटल रिटर्न इंडेक्स का अनुसरण करती है. इसी तरह एक और फंड ‘मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर लीडर्स फंड ऑफ फंड’ (Mirae Asset ESG Sector Leaders Fund of Fund) की भी शुरुआत की गई है, यह एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है, जो मुख्यतः मिराए एसेट ईएसजी सेक्टर्स लीडर्स ईटीएफ में निवेश करती पैसिव इंडेक्स फंड बेहतर क्यों हैं है. दोनों फंडों के लिए एनएफओ सब्सक्रिप्शन 27 अक्टूबर, 2020 को खुलेगा और 10 नवंबर, 2020 को बंद होगा.