जानिए निवेश रणनीति

उनका यह तर्क बैंक ऑफ अमेरिका-मैरिल लिंच के निष्कर्ष पर मुहर लगाता हैं, क्योंकि कमजोर बाजार में सेक्टर आधारित निवेश का महत्व अधिक होता है. ब्रोकरेज अभी भारतीय वित्त, औद्योगिक और एफएमसीजी सेक्टर के प्रति आश्वस्त है. हालांकि, इसे आईटी और हेल्थ से कोई खास उम्मीद नहीं है.
एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने बिजनेस साइकिल फंड एनएफओ किया लॉन्च
मुंबई– एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड ने इक्विटी पेशकशों के अपने सूट के विस्तार करने के उद्देश्य से एचडीएफसी बिजनेस साइकिल फंड के लॉन्च की घोषणा की है। एचडीएफसी बिजनेस साइकिल फंड का लक्ष्य अनुकूल व्यापार चक्र के बीच संभावित रूप से व्यवसाय में निवेश करना है। उपरोक्त एनएफओ 11 नवंबर, 2022 को खुला है और 25 नवंबर, 2022 को बंद होगा।
जिस तरह से जीपीएस हमें अपने गंतव्य तक तेजी से पहुंचने, और बाधाओं / ट्राफिक वाले ले मार्गों से बचने के लिए के लिए बेहतर मार्ग चुनने में सक्षम बनाता है, एचडीएफसी बिजनेस साइकिल फंड का उद्देश्य उन कंपनियों में निवेश करके बेहतर निवेश परिणाम प्राप्त करना है, जो कंपनियाँ अनुकूल व्यापार चक्र का लाभ उठाने वाली है, औऱ पर व्यापार डाउनसाइकिल में प्रवेश करने वाली कंपनियों को परहेज करते हुए।
जानिए म्यूचुअल फंड निवेश के लिए ले रहे हैं किस रणनीति का सहारा
बॉटम-अप रणनीति में निवेशक किसी सेक्टर या अर्थव्यवस्था के बजाय चुनिंदा शेयरों पर जोर देते हैं. टॉप डाउन अप्रोच इसी रणनीति के उलट है. इसमें एकल शेयरों के बजाय सेक्टर महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
टॉप डाउन नीति में निवेश के फैसले कई व्यापक मापदंडों के आधार पर लिए जाते हैं. इसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति, सेक्टर का स्वास्थ्य जैसी बातें प्रमुख होती हैं. इनसे संबंधित छोटी-बड़ी बातों का असर पूरे सेक्टर या अधिकांश शेयरों पर नजर आता है.
अपनी शोध में बैंक ऑफ अमेरिका-मैरिल लिंच ने पाया है कि 1,600 स्कीमों में से सिर्फ 3 फीसदी स्कीमों ने ही साल 2018 के पहले छह महीनों में निफ्टी 50 इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है, जबकि महज 6 फीसदी ने पिछले एक साल और केवल 16 फीसदी ने पिछले तीन सालों में निफ्टी 50 इंडेक्स को पछाड़ा है.
जानिये क्यों आ रही भारतीय शेयर बाजार में तेजी, क्या हो निवेशकों की रणनीति?
- नई दिल्ली ,
- 24 सितंबर 2021,
- (अपडेटेड 24 सितंबर 2021, 7:37 PM IST)
- ‘चीन से आई अच्छी खबर से उत्साहित शेयर बाजार’
- ‘कोरोना महामारी के असर से उबर रही अर्थव्यवस्था’
- ‘बीते दो साल में IPO बाजार को लगे चार चांद’
पिछले डेढ़ साल से भारतीय शेयर जानिए निवेश रणनीति बाजार में हर दिन नई तेजी देखने को मिल रही है. इस तेजी ने शुक्रवार को एक नया इतिहास रच दिया जब सेंसेक्स (Sensex) 60,000 अंक को पार कर गया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) भी 18,000 अंक के आस-पास पहुंच गया है. आखिर क्या वजह है शेयर बाजारों में आ रही इस तेजी की और निवेशक इसे लेकर क्या रणनीति बनाएं. जानिए हमारी दिए गए इस खास रिपोर्ट में.
निवेशकों के 26 लाख करोड़ डूबे, जानिए ऐसे में कैसी हो निवेश रणनीति
प्रतीकात्मक तस्वीर
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक सौरभ मुखर्जी ने ईटी नाउ से बातचीत में कहा कि चाहे भारत हो या अमेरिका का बाजार, दोनों को अगले 12 महीनों तक ब्याज दरों में बढ़ोतरी, पूंजी लागत में बढ़ोतरी, अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण एक ही तरह के नतीजे भुगतने होंगे। अमेरिका में जहां कॉरपोरेट प्रॉफिट के उच्च स्तर पर रहने की उम्मीद है, वहीं भारत में एनबीएफसी की फंडिंग में आई गिरावट के मद्देनजर व्यापक आर्थिक सुस्ती के कारण एक बार फिर साल की दूसरी छमाही में कॉरपोरेट कंपनियों का मुनाफा कम रहेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि शॉर्ट टर्म इन्वेस्टर के लिए यह 'सेल ऑन राइज' मार्केट है, जबकि लॉन्ग टर्म निवेशकों को शेयरों की खरीदारी के लिए बाजार में और गिरावट का इंतजार करना चाहिए, खासकर उन क्षेत्रों का जिनका माइक्रो इकॉनमी के साथ परस्पर जानिए निवेश रणनीति जुड़ाव कम से कम हो।
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