खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण

व्यवसाय वित्त क्या है व्यावसायिक वित्त के कितने प्रकार होते हैं?
व्यावसायिक गतिविधियों की संचाति करने हेतु जिस धन की आवश्यकता होती है, उसे व्यावसायिक वित्त कहते हैं।व्यक्ति जीविकापोर्जन के लिए कोई न कोई कार्य करता हैं कोई वस्तुओं का लेनदेन करता है तो कोई अपनी कला के माध्यम से धन अर्जन करता है जैसे, डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, आदि व्यवसाय या पेशे में सफलता प्राप्त करने के लिए सामग्री, उपकरण एवं अन्य व्यावसायिक सामग्री की आवश्यकता होती है इन समाग्रियों को क्रय करने के लिए धन की आवश्यकता होती है अब प्रश्न यह उठता हैं कि धन की व्यवस्था कहा से करें व्यावसायिक इकाई पर्याप्त धनराशि के बिना एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सकता धन के महत्व की व्याख्या करने के पूर्व यह आवश्यक है कि धन की आवश्यकता है कि धन की आवश्यकता क्यों पडती है इस कारण को जानना।
- व्यवसाय के लिए स्थाई सम्पत्ति क्रय करने के लिए जिससे कि वह अपनी व्यावसायिक क्रियाकलाप कर सके ।
- दैनिक व्यय का भुगतान- व्यवसाय में कई प्रकार के व्यय होते है जैसे कच्चा माल, परिवहन, मजदूरी, ढुलाई, किराया, डाकतार टेलीफोन आदि के लिए धन की आवश्यकता पड़ती हैं।
- व्यवसाय का विकास- आधुनिक समय में नई तकनिकी की सामग्री अथवा उपकरण मशीन क्रय हेतु धन की आवश्यकता पड़ती है।
- उत्पादन एवं विक्रय अथवा विक्रय एवं भुगतान में कुछ समय का अन्तराल होता है किन्तु व्यय तो निरन्तर चालू रहते हैं इसके लिए धन की आवश्यकता होती हैं।
- आकस्मिक व्ययों की पूर्ति हेतु कुछ तत्व ऐसे होते हैं जो आकस्मिक आ जाते है। जैसे मशीन चलते चलते अचानक खराब हो गई विशेषज्ञ को बुलाकर ठीक करवाने में हमे उसे फीस देती होगी इसके लिए धन की आवश्यकता पड़ती है।
व्यावसायिक वित्त का महत्व
वित्त व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण अंग है इसे व्यवसाय की जीवन-रेखा भी कह सकते है वित्त का महत्व निम्नलिखित कारणों से बढ़ गया है-
1. बड़े़ पैमाने के क्रियाओं की खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण आवश्यकता- आजकल समय प्रतियोगिता का समय है आज समस्त विश्व एक बड़ा बाजार बन गया खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण है आरै इस बाजार में बने रहने के लिए बडे़ पैमाने पर व्यापार करना पडत़ ा है इसके लिए एक बड़ी धनराशि की आवश्यकता होती है।
2. आधुनिक प्रौद्योगिकी खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण का प्रयोग- आपका वही व्यापार या उत्पाद की वस्तुएँ एवं सेवाएँ बाजार मे उपलब्ध खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण रहती है जो नई तकनीकी को प्रयाग करके बाजार में आया है नई तकनीकी की वस्तुए बाजार में उपलब्ध करने के लिए नई तकनीक की मशीन एवं प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारी की आवश्यकता होती है और इसके लिए बड़ी मात्रा में धन व्यय करना पड़ता है।
3. विक्रय संवर्धन- प्रतिस्पर्धा के भाग में उत्पादक अपनी वस्तुओं को बाजार में विक्रय करने के लिए एक बड़ी मात्रा में विज्ञापन, व्यक्तिगत बिक्री एवं कमीशन एजेण्ट की नियुक्ति करता है जिसके लिए विशाल धनराशि की आवश्यकता पड़ती है।
व्यावसायिक वित्त के प्रकार
- अल्पकालीन वित्त
- मध्यकालीन वित्त
- दीर्घकालीन वित्त
1. अल्पकालीन वित्त- दिन प्रतिदिन के दैनिक व्ययो का भुगतान करने हेतु जैस, मजदूरी, ढुलाई, डाकतार अखबार का वित्त आदि संक्षेप में हम कह सकते है कि अल्पकालीन वित्त एक वर्ष के अन्तराल वाली प्रवृति होती है।
2. मध्यकालीन वित्त- यह वित्त उन उद्देश्यों को पूरा करता है जो कम से कम एक वर्ष एवं अधिक से अधिक 5 वर्षों के लिए विनियोग होता है।
3. दीर्घकालीन वित्त- पांच वर्ष से अधिक अवधि की धनराशि की आवश्यकता पडने पर इसे दीर्घकालीन वित्त कहते हैं इसको व्यवसाय की स्थाई सम्पत्ति के लिए व्यय किया जाता है जैसे- मशीनरी, फर्नीचर, प्लांट, भूमि व भवन इत्यादि क्रय करना है।
व्यावसायिक वित्त के स्रोत
1. अल्पकालीन खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण वित्त के स्रोत
1. व्यापारिक वित्त- वितरको द्वारा विनिर्माताओं एवं व्यापारियों को कच्चामाल मशीन के पूर्जे आदि उधार विक्रय मे दी जाने वाली सुविधाएं ही व्यापारिक साख होती है यह आपूर्तिकर्ता द्धारा धन प्रदान करने के समान ही है।
- ऋण एवं अग्रिम-जब खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण कोई राशि निश्चित अवधि की समाप्ति के पूर्व भुगतान करने का वचन व्यापारिक वर्ग द्वारा दिया जाता है तो यह बैंक ऋण कहलाता है यह ऋण पृथक ऋण खाता खोल कर दिया जाता है व्यापारी अपनी आवश्यकतानुसार ऋण की राशि अपने ऋण खाते से निकाल सकता है।
- नकद साख-जब बैंक किसी व्यापारी को उसके निर्मित माल के स्टॉक वचन पत्र, प्रतिभूतियों या सरकारी बाण्डों के आधार पर उधार देती है तो उसे नकद साख कहते है।
- बैंक अधिविकर्ष-व्यापारी के खाते में जमा राशि से अधिक रकम निकालने की अनुमति बैंक द्वारा दिया जाता है तो इस अतिरिक्त राशि को अधिविकर्ष कहते हैं। यह एक अल्पकालीन ऋण है।
- बिलों को बट्ठे पर भुनाना-बैंक विनिमय विपत्रों को समय से पूर्व बट्ठे पर भुनाकर व्यापारी को धन उपलब्ध कराती है देयतिथि पर बिल का भुगतान बैंक द्वारा ले लिया जाता है
4. ग्राहकों से अग्रिम- जब व्यवसायी अपने ग्राहक से किसी उत्पाद की पूर्ति हेतु अग्रिम की रूप में कोई राशि प्राप्त करता हैं तो वह ग्राहक से अग्रिम होता है ग्राहक से अग्रिम रूप में प्राप्त की गई राशि उत्पाद के मूल्य का एक भाग होता है।
खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण
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एनआरओ खाता
संयुक्त खाते दो या अधिक एनआरआई और / या पीआईओ द्वारा या किसी खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण निवासी रिश्तेदार (एस) के साथ एनआरआई / पीआईओ द्वारा खोले जा सकते हैं 'पूर्व या उत्तरजीवी' आधार हालांकि, एनआरआई / पीआईओ खाता धारक के जीवन काल के दौरान, निवासी रिश्तेदार खाता संचालित कर सकता है केवल पावर ऑफ अटॉर्नी धारक के रूप में।
खाता खोलना :
- विदेश से धनप्रेषण,
- खाताधारक की अल्पकालिक भेंट के दौरान विदेशी मुद्रा/ नोटों/ यात्री चेकों के आगम,
- ड्राफ्ट/ वैयक्तिक चेकों के आगम,
- उसी व्यक्ति के विद्यमान एफसीएनआर/ एनआरई खातों से अंतरण,
- रूपए में वास्तविक संव्यवहारों को प्रस्तुत करने वाले स्थानीय स्रोतों से निधियाँ,।
- उनके बच्चों की शिक्षा से संबंधित व्यय को पूरा करने के लिए यूएस डॉलर 30,000/- तक प्रति शैक्षणिक वर्ष
- खाताधारक या उसके परिवारजनों के विदेश में चिकित्सा खर्चों को पूरा करने के लिए यूएस डॉलर 1,00,000/-तक
- उनके द्वारा न्यूनतम 10 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए धारित अचल संपत्तियों के विक्रय आगमों को दर्शानेवाला यूएस डॉलर 1,00,000/- प्रति वर्ष तक।
- वर्तमान आय जैसे किराया, लाभांश, पेंशन, ब्याज इत्यादि, लागू करों का निवल।
अनुमत जमा
खाताधारक के भारत में पात्र देयों या अंतरणों या भारत में उसके अस्थायी दौरे के समय खाताधारक द्वारा प्रस्तुत विदेशी मुद्रा नोटों या सामान्य बैंकिंग चैनलों के माध्यम से भारत के बाहर से प्राप्त धनप्रेषणों से आय।
अनुमत नामे
- निवेशों के लिए भुगतान सहित खाता प्रकार और व्यापारिक उपकरण सभी स्थानीय भुगतान, भारतीय रिजर्व बैंक के विनियमों के अनुपालन के अध्यधीन।
- प्रयोज्य करों का निवल, भारत में वर्तमान आय का भारत से बाहर विप्रेषण।
ब्याज दर
इन खातों पर ब्याज दरें घरेलू दरों के समान ही हैं।
इन जमाराशियों पर अर्जित ब्याज, प्रचलित दरों पर आयकर की स्रोत पर कटौती के अध्यधीन है।
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सीएफडी जटिल उपकरण हैं और लीवरेज के कारण तेजी से पैसे खोने के उच्च जोखिम के साथ आते हैं। सीएफडी व्यापार करते समय 83% खुदरा निवेशक खातों के बीच पैसे खो जाते हैं। आपको यह समझना चाहिए कि क्या आप समझते हैं कि सीएफडी कैसे काम करती है और क्या आप अपना पैसा खोने का उच्च जोखिम ले सकते हैं।