ग्रोथ या डिविडेंड?

Multibagger केमिकल कंपनी ने डिविडेंड के लिए किया रिकॉर्ड डेट का ऐलान, पिछले एक साल में दिया है 195% का रिटर्न
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने एक छोटे से बदलाव के साथ एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) को एक बार फिर से विदेशों में निवेश करने की इजाजत दे दी है
केमिकल सेक्टर की कंपनी यशो इंडस्ट्रीज (Yasho Industries) ने अपने शेयरहोल्डरों को वित्त वर्ष 2022 के लिए प्रति शेयर 0.50 रुपये का डिविडेंड देने का ऐलान किया है। कंपनी ने सोमवार 20 जून को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में बताया कि कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 30 अप्रैल 2022 को बैठक की थी, जिसमें शेयरहोल्डरों को 10 रुपये के फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर पर 5 फीसदी (0.50) का डिविडेंड देने की सिफारिश की है।
डिविडेंड देने के फैसले पर कंपनी को अभी शेयरहोल्डरों की सालाना जनरल मीटिंग (AGM) में मंजूरी लेनी होगी, जो मंगलवार 12 जूलाई 2022 को होनी है।
यशो इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में यह भी बताया कि डिविडेंड के भुगतान के लिए कंपनी ने 5 जुलाई 2022 की तारीख को रिकॉर्ड डेट के रूप में तय किया है। इसका मतलब है कि 5 जुलाई 2022 को शेयर बाजार का कारोबार खत्म होने के समय, कंपनी के जो शेयरहोल्डर होंगे, उन्हीं को डिविडेंड मिलेगा। अगर किसी निवेशक ने इससे पहले कंपनी के शेयर बेच दिए हैं या रिकॉर्ड डेट की तारीख के बाद खरीदा है, तो वह डिविडेंड का हकदार नहीं होगा।
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निवेशकों के लिए यह सप्ताह काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। कई कंपनियों इस सप्ताह शेयर मार्केट में एक्स-डिविडेंड हो रही हैं। आज यानी दिवाली के दिन शेयर मार्केट शाम 6:15 से एक घंटे के लिए खुला रहेगा।
निवेशकों के लिए यह सप्ताह काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। कई कंपनियों इस सप्ताह शेयर मार्केट में एक्स-डिविडेंड हो रही हैं। बता दें, आज यानी दिवाली के दिन शेयर मार्केट शाम 6:15 से एक घंटे के लिए खुला रहेगा। इस दौरान निवेशक शेयरों को खरीद और बेच पाएंगे। आइए डीटेल्स में जानते हैं डिविडेंड देने वाले स्टॉक्स के विषय में -
1- Cyient के निवेशकों को कितना मिलेगा डिविडेंड
कंपनी के बोर्ड ऑफ डॉरेक्टर्स ने 27 अक्टूबर 2022 की तारीख को डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट तय किया है। यानी कंपनी शेयर मार्केट में मंगलवार को एक्स-डिविडेंड के रूप में ट्रेड करेगी। बता दें, योग्य निवेशकों को कंपनी की तरफ से 10 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड दिया जाएगा। इस डिविडेंड का भुगतान कंपनी 9 नवबंर 2022 तक करेगी।
2- ICICI Lombard कब हो रहा है एक्स-डिविडेंड
कंपनी के बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर्स ने 28 अक्टूबर 2022 की तारीख को रिकॉर्ड डेट तय किया है। यानी कंपनी शेयर मार्केट में 27 अक्टूबर 2022 को एक्स-डिविडेंड हो जाएगी। बता दें. कंपनी ने प्रति शेयर 4.50 रुपये का डिविडेंड देने का फैसला किया है। जिसका भुगतान 16 नवबंर या उससे पहले किया जाएगा।
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3- इंफोसिस का रिकॉर्ड डेट इस दिन
दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस ने भी डिविडेंड देने का ऐलान किया है। कंपनी प्रति शेयर 16.50 रुपये का डिविडेंड देने की घोषणा किया है। इसके डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 28 अक्टूबर 2022 है। कंपनी शेयर मार्केट में 27 अक्टूबर को एक्स-डिविडेंड के रूप में ट्रेड करेगी।
4- स्मॉल कैप कंपनी भी बांट रही है मुनाफा
स्मॉल कैप कंपनी फोकस बिजनेस सॉल्यूशन ने भी डिविडेंड देने का फैसला किया है। कंपनी ने इस डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेय 27 अक्टूबर 2022 तय किया है। बता दें, योग्य निवशकों को कंपनी की तरफ से प्रति शेयर 0.38 रुपये का डिविडेंड देने का फैसला किया गया है।
5- KPI Green Energy के निवेशकों कों कितना मिलेगा डिविडेंड
KPI Green Energy की तरफ से भी योग्य निवेशकों को डिविडेंड दिया जाएगा। कंपनी ने इस डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 31 अक्टूबर 2022 तय किया है। कंपनी मार्केट में 28 अक्टूबर को एक्स-डिविडेंड हो जाएगी। बता दें, KPI Green Energy ने 0.25 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड देने का फैसला किया है।
(डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)
ज्यादा रिटर्न के साथ डिविडेंड से भी करनी है मोटी कमाई तो जानिए इन स्टॉक्स के बारे में
स्टॉक में पैसा बनाने के दो तरीके हैं। पहला है लोकप्रिय तरीका- कैपिटल गेन (यानी ग्रोथ) और दूसरा इतना लोकप्रिय तरीका नहीं है- डिविडेंड (यानी इनकम)। निवेशक कैपिटल गेन के प्रति जुनूनी होते हैं, यह.
स्टॉक में पैसा बनाने के दो तरीके हैं। पहला है लोकप्रिय तरीका- कैपिटल गेन (यानी ग्रोथ) और दूसरा इतना लोकप्रिय तरीका नहीं है- डिविडेंड (यानी इनकम)। निवेशक कैपिटल गेन के प्रति जुनूनी होते हैं, यह बात समझ में आती है। कैपिटल गेन किसे पसंद नहीं है- जितना ज्यादा उतना ही अच्छा। दूसरी तरफ, डिविडेंड निवेश अलग है। डिविडेंड निवेशक विकास नहीं चाहते हैं। बेशक, अगर उन्हें यह मिलता है तो वे ग्रोथ की तरफ देखेंगे, लेकिन वे सक्रिय रूप से इसकी तलाश नहीं करते हैं।
स्टेबिलिटी
एक स्थिर डिविडेंड देने वाली कंपनी में निवेश करने से आप चैन की नींद सो सकते हैं। ऐसा बिज़नेस एक स्थिर पैसिव इनकम देगा। बिज़नेस जितना अधिक स्थिर होगा, प्रॉफिट का हिस्सा उतना ही अधिक होगा जिसे डिस्ट्रीब्यूट किया जा सकता है। अन्य सभी बातें समान होने के कारण, ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनी कम डिविडेंड देने वाली समान आकार कि कंपनी की तुलना में अधिक स्टेबल होती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपको ज्यादा डिविडेंड देने वाले शेयरों में ग्रोथ या डिविडेंड? कूदना चाहिए। यदि कोई कंपनी अपने सभी मुनाफे को डिविडेंड के रूप में भुगतान करती है, तो यह हमेशा एक अच्छा संकेत नहीं हो सकता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि मुनाफे को वापस व्यवसाय में एक अच्छे रिटर्न पर निवेश करने का कोई मौका नहीं है।
डिविडेंड देने वाले स्टॉक के फायदे
यही कारण है कि भविष्य में आपको डिविडेंड देने वाली कंपनी की तलाश करना बेहतर है। साल का यह समय डिविडेंड बोनान्ज़ा का है। वित्तीय वर्ष खत्म होने ग्रोथ या डिविडेंड? के करीब आ रहा है। कंपनियां जल्द ही शेयरधारकों को अपना सालाना डिविडेंड बांटने की प्रक्रिया शुरू करेंगी। इस अस्थिर शेयर बाजार में इन साफ-सुथरे छोटे डिविडेंड भुगतान को प्राप्त करना अच्छा है जो सीधे आपके बैंक खातों में जाते हैं, वह भी तब जब जब स्टॉक की कीमतें नहीं बढ़ रही हैं। ज्यादा डिविडेंड यील्ड देने वाले शेयर काफी आकर्षक होते हैं। जब फिक्स्ड डिपाजिट दरें इतनी कम हैं, तो उच्च डिविडेंड वाले स्टॉक की तुलना में बहुत अच्छे हैं।
आइए बाजार में शीर्ष 3 डिविडेंड देने वाले शेयरों को देखें-
#कोल इंडिया
कोल इंडिया भारत का सबसे बड़ा कोयला उत्पादक है। यह भारत के कुल कोयला उत्पादन का 82% हिस्सा है। सिर्फ भारत ही नहीं, कंपनी को दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी होने का गौरव प्राप्त है। भारत अपनी ऊर्जा का 55-60% जीवाश्म ईंधन के माध्यम से उत्पन्न करता है और इसका बहुत कुछ कोयले के माध्यम से होता है। देश में अधिकांश ताप विद्युत संयंत्र कोयले से संचालित होते हैं। कोल इंडिया भारत के 10 महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) में से एक है और कोयला मंत्रालय के अंतर्गत आता है। भारत सरकार कंपनी का 66.13% हिस्सा है और सबसे बड़ा शेयरधारक है।
# आईटीसी
1910 में भारतीय तंबाकू कंपनी (ITC) के रूप में स्थापित, कंपनी FMCG, पैकेजिंग, होटल और कृषि जैसे कई उद्योगों में उपस्थिति के साथ एक बड़े समूह के रूप में विकसित हुई है। हालांकि कंपनी के पास कई प्रोडक्ट कि सीरीज है, लेकिन यह सिगरेट में प्रसिद्ध है। ITC 100 से अधिक वर्षों से सिगरेट बना रहा है। यह भारत में निर्विवाद रूप से मार्केट लीडर है। ITC का सिगरेट सेगमेंट उसके FMCG डिवीजन के अंतर्गत आता है, जो उसके कुल राजस्व का 65% हिस्सा है। आईटीसी को कई फंड मैनेजरों के पोर्टफोलियो में जगह मिलती है क्योंकि कंपनी अपने शेयरधारकों को स्थिर लाभांश देती है। पिछले पांच वर्षों में आईटीसी का लाभांश भुगतान औसत 69% रहा है।
#अंबुजा सीमेंट
अंबुजा सीमेंट 70 बाजारों में सेवाएं देने वाली होलसिम ग्रुप (जिसे पहले लाफार्जहोल्सिम के नाम से जाना जाता था) का एक हिस्सा है। अंबुजा सीमेंट का अनूठा उत्पाद पोर्टफोलियो भारतीय जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप बनाया गया है। कंपनी प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों संसाधनों का जिम्मेदारी से उपयोग करने में उद्योग की अग्रणी है और इसके लिए उसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। अंबुजा सीमेंट अपनी वित्तीय रिपोर्टिंग के लिए एक कैलेंडर वर्ष प्रारूप (31 दिसंबर को समाप्त) का पालन करता है। अंबुजा सीमेंट के लिए पांच साल का औसत लाभांश भुगतान अनुपात 42.5% है। अंबुजा सीमेंट के लिए पांच साल की औसत लाभांश उपज 2.5% है।
डिस्क्लेमर- यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है। यह स्टॉक की सिफारिश नहीं है और इसे इस तरह नहीं माना जाना चाहिए। यह लेख इक्विटीमास्टर डॉट कॉम से सिंडिकेट किया गया है।
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव : कहां करें निवेश?
इन दिनों शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। लेकिन इस उतार-चढ़ाव के दौर में भी निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि बाजार में निवेश का एक ऐसा भी विकल्प है, जहां उतार-चढ़ाव का इस्तेमाल प्रतिफल हासिल करने के लिए किया जाता है। यह विकल्प है आर्बिट्राज फंड।
क्या है आर्बिट्राज फंड?
बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर में कम जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए आर्बिट्राज फंड निवेश का एक बेहतर विकल्प है। ये इक्विटी म्युचुअल फंड की श्रेणी में आते हैं। मतलब इसमें कम से कम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है। जबकि बाकी निवेश डेट और ग्रोथ या डिविडेंड? मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में किया जाता है। आर्बिट्राज फंड इक्विटी मार्केट के कैश और फ्यूचर (डेरिवेटिव) सेगमेंट में किसी शेयर की कीमत में अंतर का फायदा उठाकर प्रतिफल देते हैं। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव वाले दौर में दोनों सेगमेंट के बीच कीमतों का अंतर बढ़ जाता है। जब बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ता है, तब ये फंड ज्यादा प्रतिफल देते हैं, लेकिन जब उतार-चढ़ाव कम होता है तो प्रतिफल में भी कमी आती है।
कैसे काम करता है?
इसमें एक सेगमेंट से कम कीमत पर शेयर खरीद कर दूसरे सेगमेंट में ज्यादा कीमत पर बेच दिया जाता है। इसे एक उदाहरण की मदद से समझा जा सकता है। मान लीजिए किसी कंपनी के एक शेयर की कीमत कैश सेगमेंट में 500 रुपये है और फ्यूचर/डेरिवेटिव सेगमेंट में 550 रुपये है। इसलिए अगर कोई निवेशक एक ही समय में इस शेयर को कैश सेगमेंट में खरीदकर फ्यूचर सेगमेंट में बेच दे तो उसे 50 रुपये का मुनाफा होगा। इस तरह आर्बिट्राज फंड कैश सेगमेंट और फ्यूचर सेगमेंट में कीमतों के बीच अंतर का फायदा उठाता है।
क्या है आर्बिट्राज फंड?
इस फंड को काफी सुरक्षित माना जाता है। फंड मैनेजर इक्विटी में निवेश करने के बाद डेरिवेटिव मार्केट में उस सौदे को हेज करता है। इससे कैश मार्केट में खरीदे गए शेयर पर जोखिम काफी हद तक घट जाता है और शेयरों में ज्यादा गिरावट आने पर भी पोर्टफोलियो सुरक्षित बना रहता है।
क्या हैं टैक्स प्रावधान?
ये फंड इक्विटी म्युचुअल फंड की कैटेगरी में आते हैं। इसलिए इस पर टैक्स भी इक्विटी की तरह हीं लगता है। यहां हम इसके दोनों ऑप्शन ग्रोथ और डिविडेंड में टैक्स प्रावधान की बात करेंगे।
ग्रोथ ऑप्शन : एक साल से कम अवधि में अगर आप रिडीम करते हैं तो इनकम शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन मानी जाएगी और आपको 15 फीसदी (प्लस 4 फीसदी सेस) शॉर्ट टर्म कैपिटल ग्रोथ या डिविडेंड? गेन टैक्स देना होगा। लेकिन अगर आप एक साल के बाद रिडीम करते हैं तो इनकम लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन मानी जाएगी और आपको सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 10 फीसदी (प्लस 4 फीसदी सेस) लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। एक लाख रुपये से कम की आय पर कोई टैक्स देय नहीं होगा।
डिविडेंड ऑप्शन : अगर आप डिविडेंड प्लान लेते हैं तो आपको निवेश की अवधि के दौरान, जो प्रतिफल लाभांश के रूप में मिलता है, वह आपकी सालाना आय में जुड़ जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से उस रकम पर टैक्स अदा करना होगा। साथ ही, अगर किसी वित्त वर्ष में लाभांश 5 हजार रुपये से ज्यादा है तो लाभांश राशि पर आपसे 10 फीसदी टीडीएस काट लिया जाएगा।
ग्रोथ या डिविडेंड?
जो लोग एक साल तक के लिए इनमें निवेश कर रहे हैं, वे डिविडेंड ऑप्शन को चुन सकते हैं, बशर्ते डिविडेंड को जोड़ने के बाद भी उनकी टैक्स योग्य आय 5 लाख रुपये से कम हो। क्योंकि अगर होल्डिंग पीरियड एक साल से कम है तो ग्रोथ स्कीम में आपको 15 फीसदी शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा। वहीं, जिनका होल्डिंग पीरियड एक साल से अधिक है, उनके लिए ग्रोथ ऑप्शन अच्छा रहेगा।
एक बार शेयर खरीदकर 2 तरह से पा सकते हैं मुनाफा, जानें क्या होता है डिविडेंड
एक बार शेयर खरीदकर 2 तरह से पा सकते हैं मुनाफा
Dividend Stocks: अमूमन शेयर खरीदने के बाद अगर उसमें ग्रोथ आती है तो उसका फायदा निवेशकों को मिलता है. लेकिन क्या ऐसा हो सकता है कि एक ही जगह निवेश करें और उस पर 2 तरह से आपको मुनाफा हो. बहुत से लोगों को इस बारे में ज्यादा अंदाजा नहीं होगा. शेयर बाजार में यह भी संभव है. इस तरह का फायदा आप ज्यादा डिविडेंड देने वाले शेयरों में निवेश कर उठा सकते हैं.
शेयर बाजार की चाल हर समय एक जैसी नहीं रहती है. बाजार में कभी तेजी आती है तो कभी छोटे सेंटीमेंट से भी बाजार नीचे आने लगता है. जब बाजार में गिरावट शुरू होती है तो कई शेयरों का भाव भी गिरने लगता है और निवेशकों का रिटर्न निगेटिव हो सकता है. ऐसे में निवेशकों के मन में डर भी बैठने लगता है. जो निवेशक ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, कई बार वे इस कंडीशन में शेयर भी बेचने लगते हैं. अगर आप भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं तो डिविडेंड स्टॉक बेहतर विकल्प है.
क्या है डिविडेंड?
कुछ कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा देती रहती हैं. मुनाफे का यह हिस्सा वे शेयरधारकों को डिविडेंड के रूप में देती हैं. इन्हें डिविडेंड यील्ड स्टॉक भी कहते हैं. गर इन कंपनियों के शेयर खरीदते हैं तो इसमें 2 तरह से फायदा होगा.
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Dividend Stocks: 2 तरह से फायदा
- एक तो फायदा यह होगा कि कंपनी होने वाले मुनाफे का कुछ हिस्सा आपको देगी.
- दूसरी ओर शेयर में तेजी आने से भी आपको मुनाफा होगा. मसलन किसी कंपनी के शेयर में आपने 10 हजार रुपए निवेश किए हैं और एक साल में शेयर की कीमत 25 फीसदी चढ़ती है तो आपका निवेश एक साल में बढ़कर 12500 रुपये हो जाएगा.
- ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों में निवेश का एक फायदा यह है कि आप अपने शेयर बेचे बिना भी इनकम कर सकते हैं.
मुनाफे वाली कंपनियां देती हैं डिविडेंड
आमतौर पर पीएसयू कंपनियां डिविडेंड के लिहाज से अच्छी मानी जाती हैं. जानकारों का कहना है कि अगर कोई कंपनी डिविडेंड दे रही है तो इसका मतलब साफ है कि उस कंपनी को मुनाफा आ रहा है. कंपनी के पास कैश की कमी नहीं है. डिविडेंड देने के ऐलान से शेयर को लेकर भी सेंटीमेंट अच्छा होता है और उसमें तेजी आती है. हालांकि ऐसे शेयर चुनते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि निवेश उसी कंपनी में करें जिनका ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर ग्रोथ के साथ रेग्युलर डिविडेंड देने का हो.
ये कंपनियां देती है डिविडेंड
देश में ऐसी कंपनियों की कमी नहीं हैं, जो अपने शेयरधारकों को समय-समय पर डिविडेंड देती हैं. ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनियों की सूची में कोल इंडिया, वेदांता लिमिटेड, बीपीसीएल, आईओसी, आरईसी, NMDC, NTPC और सोनाटा सॉफ्टवेयर जैसी कंपनियां शामिल हैं.
(Disclaimer: हम यहां निवेश की सलाह नहीं दे रहे हैं. यह डिविडेंड स्टॉक के बारे में एक जानकारी है. स्टॉक मार्केट के अपने जोखिम है. निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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