भारत मे मुख्य ब्रोकिंग कंपनिया

शेयर मार्केट से शेयर की खरीदी कैसे करे

शेयर मार्केट से शेयर की खरीदी कैसे करे

काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी

हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।

IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।

कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा जुटाती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं।

क्या इसमें निवेश करने में रिस्क हो सकता है?
इसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, इसलिए इसे थोड़ा रिस्की तो माना ही जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए IPO बेहतर विकल्प है।

IPO में निवेश कैसे करें?
अगर आप IPO में इन्वेस्ट करना चाहते है तो उसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। ये अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है। इसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें। निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैड एकाउंट से लिंक्ड एकाउंट में होनी चाहिए। निवेश की रकम तब तक आपके एकाउंट से नहीं कटती जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाता।

जब भी कोई कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है यहां ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10, 20, 50, 100, 150, 200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर की कीमत भी दिखाई देती है।

IPO की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत दो तरह से तय होती है। इसमें पहला होता है प्राइस बैंड और दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू ।

प्राइस बैंड कैसे?
शेयर की कीमत को फेस वैल्यू कहा जाता है। जिन कंपनियों को आईपीओ लाने की इजाजत होती है वे अपने शेयर्स की कीमत तय कर सकती हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी और बैंकों को रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होती है। कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बुक-रनर के साथ मिलकर प्राइस बैंड तय करता है। भारत में 20% प्राइस बैंड की इजाजत है। इसका मतलब है कि बैंड की अधिकतम सीमा फ्लोर प्राइस से 20% से ज्यादा नहीं हो सकती है। फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर बोली लगाई जा सकती है। प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 105 तय होती है तो 105 रुपए को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है। अमूमन प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत ही कट ऑफ होती है।

आखिरी कीमत
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर के अनुसार बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगा सकता है। बोली लगाने वाला कटऑफ बोली भी लगा सकता है। इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय हो, वह उस पर इतने शेयर खरीदेगा। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।

अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
अगर कोई कंपनी अपना IPO लाती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदता है तो कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग नियम नहीं है।

ज्यादा मांग आने पर क्या होगा?
मान लीजिए कोई कंपनी IPO में अपने 100 शेयर लेकर आई है लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाती है तो कंपनी सेबी द्वारा तय फॉर्मूले के हिसाब से शेयर अलॉट होते हैं। कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए आई हुई अर्जियों का चयन होता है। इसके अनुसार जैसे किसी निवेशक ने 10 शेयर मांगे हैं तो उस 5 शेयर भी मिल सकते शेयर मार्केट से शेयर की खरीदी कैसे करे हैं या किसी निवेशक को शेयर नहीं मिलना भी संभव होता है।

शेयर मार्किट से पैसे कैसे कमाए - Share market in hindi

इस पोस्ट में आप जानेगे की शेयर मार्किट क्या होता है और शेयर मार्किट में पैसे कैसे लगाते है और डीमैट अकाउंट क्या होता है और कैसे खोले।

शेयर मार्किट से पैसे कैसे कमाए - Share market in hindi

अगर शाब्दिक अर्थ में कहें तो शेयर बाजार (Stock Market) किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने-बेचने की जगह है. भारत में बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) नाम के दो प्रमुख शेयर बाजार हैं. BSE या NSE में ही किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर ब्रोकर के माध्यम से खरीदे और बेचे जाते हैं.

कम्पनियां शेयर्स कैसे Issue करती हैं?: सबसे पहले कंपनियां अपने शेयर्स की स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग करवाकर IPO (Initial Public Offering) लाती है और अपने शेयर्स स्वंय द्वारा निर्धारित किये हुए मूल्य पर Public को Issue करती हैं. एक बार IPO पूरा हो जाने के बाद Shares Market में आ जाते हैं और स्टॉक एक्सचेंज और ब्रोकर्स के माध्यम से निवेशकों द्वारा आपस में ख़रीदे और बेचे जाते हैं

शेयर्स की Price कैसे बदलती हैं?: IPO लाते समय शेयर्स की कीमत कंपनी तय करती हैं लेकिन एक बार आईपीओ पूरा हो जाने के बाद Shares का मूल्य मार्केट की Demand शेयर मार्केट से शेयर की खरीदी कैसे करे और Supply के आधार बदलता रहता है. यह डिमांड और सप्लाई कंपनियों द्वारा समय-समय पर दी गई महत्वपूर्ण जानकारियों के आधार पर Change होती रहती है.आप इसे ऐसे समझ सकते है

अगर शेयर्स ख़रीदने वालो की संख्या बेचने वालो से ज्यादा होगी तो Shares की Price बढ़ेंगे

और उसका अगर उल्टा होता है यानी बेचने वालो की संख्या खरीदने वालो से ज्यादा है तो Price कम होगी

Sensex क्या होता है? Sensex बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और Sensex का निर्धारण BSE में लिस्टेड Top 30 Companies के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) के आधार पर किया जाता हैं. अगर सेंसेक्स बढ़ता हैं तो इसका मतलब हैं कि BSE में रजिस्टर्ड ज्यादातर कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं. और इसी तरह अगर सेंसेक्स गिरता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि अधिकांश कंपनियों का प्रदर्शन ख़राब रहा हैं.

Nifty क्या हैं? Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड Top 50 Companies के मार्केट कैपिटलाइजेशन आधार पर किया जाता हैं.अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं

Demat Account क्या हैं?: जिस तरह बैंक अकाउंट में रूपये जमा कर सकते हैं उसी तरह Demat Account में आपके निवेश से संबंधी सभी Securities जैसे Share, Bonds, Government Securities, Mutual Funds आदि को Electronic Form में Store किया जाता हैं.

Trading Account क्या हैं?: Trading Account का उपयोग आपके शेयर व्यवसाय में Share Sell and Purchase करने के काम आता है. यह Account आप किसी अच्छे Broker के पास खोल सकते हैं और ऑनलाइन सुविधा होने के कारण आप इस अकाउंट की सहायता से कभी भी शेयर्स खरीद और बेच सकते हैं. zerodha मेरा फेवरिट है क्यूंकि ये भरोसेमंद है और सिक्योर है. मै zerodha में ही ट्रेडिंग करता हूँ.

डीमेट अकाउंट कैसे खोले? ट्रेडिंग और डीमेट अकाउंट खोलने के लिये यह जरुरी है की आप किसी बेस्ट ब्रोकर से ओपन कराए जैसे की Zerodha. आप zerodha में अपने मोबाइल या कंप्यूटर से कुछ ही मिनट्स में demat अकाउंट खोल सकते है और शेयर खरीदना और बेचना शुरू कर सकते है अकाउंट एक्टिवेट होने के बाद. demat और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए इस लिंक पर जाये

फीस और चार्जेज (Zerodha):

  • Free equity delivery All equity delivery investments (NSE, BSE), are absolutely free — ₹ 0 brokerage.
  • Intraday and F&O trades Flat Rs. 20 or 0.03% (whichever is lower) per executed order on intraday trades across equity, currency, and commodity trades.
  • Free direct MF All direct mutual fund investments are absolutely free — ₹ 0 commissions & DP charges.

zerodha में ट्रेडिंग बिलकुल फ्री है आपको कोई फीस या चार्ज नहीं देना है सिर्फ अकाउंट खोलने के लिए 300 रुपये की फीस देनी है. और अगर आप intraday ट्रेडिंग करेंगे तब आपको 20 रुपये पर आर्डर देने होंगे

Demat और Trading Account खोलने के लिए आपको जिन डोक्यूमेंट्स की जरूरत होगी

  1. PAN Card
  2. Aadhar Card
  3. Income Proof (for IPO only)
  4. Cancel Cheque
  5. Signature
  6. Live photo with code

इन सभी दस्तावेज़ों को जमा करते समय इस बात का ध्यान रखें इन सभी प्रमाण पत्रों में आपका नाम सही और स्पष्ट लिखा हो और एक ही तरीके से लिखा हो

शेयर खरीदना और बेचना

सब पहले आपको zerodha पर अपना डीमैट अकाउंट खोल लेना है जो की बहुत आसान है इसके बाद जब आपका डीमैट अकाउंट एक्टिवेट हो जाये तो आप उसमे लॉगिन करके पहले शेयर रिसर्च करेंगे की कोनसी कंपनी के शेयर खरीदने में आपको फायदा होगा।

शेयर आप 2 तरह से खरीदते है एक तो सुबह खरीद कर शाम में बेचने के लिए जिसको इंट्राडे ट्रेडिंग बोलते है और दूसरे शेयर को होल्ड करने के लिए कुछ दिन या महीनों के लिए। दोनों ही तरीके अपनी जगह पर अच्छे है लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए शेयर मार्किट में इन्वेस्ट करना बेस्ट होता है जिसमे लॉस कम और फायदा ज़्यादा होता है।

zerodha डैशबोर्ड में आप आसानी से कोई भी कंपनी का शेयर खरीद सकते है और उसको बेच सकते है। शेयर मार्किट के लिए डीमैट अकाउंट कैसे खोले और उसके बाद शेयर कैसे ख़रीदे और कैसे बेचे और शेयर रिसर्च कैसे करे ये सब चीज़े लाइव देखने के लिए आप ये वीडियो देखिये

यह छोटा सा काम करके शेयर बाजार से कमा सकते हैं करोड़ों

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नोएडा. हर शख्स की कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाने की चाहत होती है। अगर आप भी कम समय में ज्यादा पैसा कामाना चाहते हैं तो आप की यह चाहत शेयर बाजार (Share market) से पूरी हो सकती है। अब सवाल पैदा होता है कि शेयर बेजार में काम कैसे शुरू की जाए। यानी शेयर बाजार में निवेश और ड्रेडिंग (Trading and Investment in stock market) के करने से पहले क्या करना पड़ता है। आइए आज हम आपके इन ही उलझनों को दूर कर ये बताएंगे कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कैसे कर सकते हैं।

फाइनेंशियल एक्सपर्ट (Financial expert) और ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर रीपू दमन गॉड ने बताया कि शेयर बाजार में निवेश या ट्रेड करने के लिए एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। यह अकाउंट किसी भी शेयर ब्रोकर के माध्यम से खुलवाया जा सकता है। ये दोनों अकाउंट एक साथ खुल जाते हैं। आमतौर पर डीमैट अकाउंट को खुलवाने की औसतन फीस 500 रुपए तक होती है, लेकिन ज्‍यादातर ब्रोकर कंपनियां (Broakage houses in india) पहले एक साल के लिए यह अकाउंट फ्री खोल देती है। हालांकि, इसके बाद हर साल कंपनी अकाउंट मेंटेनेंस के लिए 200 से 500 रुपए तक फीस चार्ज करती है।

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए पैन (PAN Card) , आधार कार्ड (Aadhar Card) या एक अन्य ID के अलावा बैंक अकाउंट (Bank Account) का डिटेल देना होता है। ये सभी दस्तावेज देने के बाद निवेशक का डीमैट और ट्रेडिंग खाता खुल जाता है। अजकल ऑनलाइन डीमैट खाते खुलवाए जा सकते हैं। इसके लिए आपको किसी भी ब्रोकिंग कंपनी की वेबसाइट पर जाकर खुद का रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद मांगे गए सभी दस्तावेज आपको अपलोड करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपको 24 घंटे के बाद आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की आईडी और पासवर्ड दे दी जाएगी। इसके बाद अप अपने मोबाइल या डेस्क टॉप पर कंपनी का ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के बाद दिए गए लॉगइन आईडी और पासवर्ड से लॉगइन कर ट्रेड और निवेश शुरू कर सकते हैं। यानी अकाउंट खोलने के 72 घंटे के भीतर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा आप कंपनी के कस्टोमर केयर नम्बर पर कॉल करके भी शेयर खरीद और बेच सकते हैं।

देश में कई बड़े शेयर ब्रोकर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें सबसे प्रमुख ब्रोकरों के वेबसाइट की यूआरएल नीचे दी गई है। इन में से किसी भी वेबसाइट पर जाकर आप अपना डीमैट अकाउंट खुलवा सकते हैं। अकाउंट खुलवाने से पहले ब्रोकर हाउस से ब्रोकरेज की पूरी जानकारी ले लें, क्योंकि कुछ कंपनियां बहुत ज्यादा ब्रोकरेज चार्ज करती है, जिसकी वजह से आपकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा ब्रोकर के पास ही चला जाता है।
https://www.angelbroking.com
https://www.motilaloswal.com/
https://www.karvy.com/
https://www.sharekhan.com/
https://trade.indiabulls.com/
https://zerodha.com/
https://www.smctradeonline.com/
https://www.rkglobal.net/
https://www.tradeswift.net/
https://choicebroking.in

देश में डीमैट अकाउंट की सेवाएं NSDL और CDSL दो कंपनियां प्रदान करती है। देशभर के सभी ब्रोकर इन्हीं दोनों कंपनियों से मिलकर डीमैट अकाउंट की सेवाएं देते हैं। देशभर के सभी निवेशकों के शेयर इन्हीं दोनों कंपनियों NSDL और CDSL की डिपॉजिटरी में रखे जाते हैं। इन के शेयरों के साथ ब्रोकर्स भी छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं। हालांकि, Trading Account ब्रोकर की कंपनी में खोला जाता है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयर की खरीद और बिक्री होती है। इसमें खरीद और बिक्री का पूरा रिकॉर्ड रहता है। इसमें यह सभी जानकारी दर्ज होती है कि किस दिन कितने बजे किस रेट पर शेयर खरीदा या बेचा गया। इसका पूरा रिकॉर्ड ब्रोकर्स के पास रहता है। इसके अलावा यह रिकॉर्ड स्टॉक एक्सचेंज के पास भी होता है। इसका लाभ यह है कि दो शेयर मार्केट से शेयर की खरीदी कैसे करे जगह पर रिकॉर्ड होने के चलते निवेशक या ट्रेडर के साथ धोखाधड़ी की आशंका नहीं रहती है।

स्‍टॉक मार्केट (Stock Market) में जरूरी नहीं है कि लंबे समय के लिए निवेश करके ही कमाई हो। स्‍टॉक मार्केट (Stock Market) में हर दिन कमाई का मौका भी मिलता है। सिर्फ इसके लिए जरूरी है कि स्‍टॉक मार्केट खुलने के पहले ही कुछ तैयारी कर ली जाए और फिर बाजार खुलते ही पोजिशन ले ली जाए। ज्‍यादातर ब्रोकर डेली टिप्‍स जारी करते हैं, जो वह अपने कस्‍टमर्स को भेजती हैं। कई ब्रोकरेज कंपनियां इन टिप्‍स के लिए प्रीमियम सर्विस भी देती हैं। रोज कमाई के लिए जरूरी नहीं है कि लोगों के पास बहुत पैसा हो, कुछ हजार रुपए में भी स्‍टॉक मार्केट से कमाई शुरू की जा सकती है।

What is Stock Market? क्या है स्टॉक मार्केट

स्टॉक मार्केट बाजारों और एक्सचेंजों की एक संग्रह को निर्मित करता है जहाँ कंपनियों के शेयर को खरीद बिक्री जारी करने के नियमित गतिविधियाँ की जाती है। ऐसी गतिविधियाँ संस्थानीकृ औपचारिक एक्सचेंजो ओटीसी या मार्केटप्लेस के जरिए संचालित होती है। जो नियमों को एक्जिट निर्धारण के तहत अपडेट किया जाता है। किसी एक देश या क्षेत्र में कई स्टॉक ट्रेडिंग स्थान हो सकते, जो स्टॉक्स सिक्यॉरिटीज के अन्य प्रकारों में ट्रांजेक्शन की अनुमति देते हैं। इसके लिए स्टॉक मार्केट ओर स्टॉक एक्सचेंज दोनों का ही परस्पर उपयोग किया जाता है। स्टॉक एक्सचेंज अक्सर स्टॉक मार्केट का नया सब सेट होता है।

अगर कोई यह कहता है कि स्टॉक मार्केट में ट्रेड करता है, इसका सीधा मतलब है कि वह किसी स्टॉक एक्सचेंज पर शेयरों की खरीद या बिक्री करता है। जो सारा स्टॉक मार्केट का ही एक हिस्सा है।

भारत के दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज।

पहला बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज जिससे बीएसई(BSE) के नाम से जाना जाता है| बीएससी भारत और एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, जो मुंबई में स्थित है। इसकी स्थापना 1975 में हुई थी।

दूसरा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड, जिसे एनएससी (NSE) के नाम से जाना जाता है। एनएसजी भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज है। यह मुंबई में स्थित है। इसकी स्थापना 1972 में हुई थी। कारोबार के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा स्टाक एक्सचेंज है।

स्टॉक मार्केट, इक्विटी मार्केट, मुख्य रूप से स्टॉक एक्सचेंज ट्रेडेड कॉर्पोरेट बांड की ट्रेडिंग के लिए जाना जाता है, और स्टॉक मार्केट में अन्य फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ एवं स्टॉक कमोडिटीज ओर बांड्स पर आधारित डेरिवेटिव की भी ट्रेडिंग होती है।

स्टॉक मार्केट को कैसे समझा जा सकता है

आज के दौर में भारत में लगभग हर चीज़ की खरीददारी ऑनलाइन तरीके से की जा सके। प्रत्येक कमोडिटी के लिए आमतौर पर एक निर्धारित बाजार होता है। संक्षेप में कह सकते हैं, स्टॉक मार्केट एक सुरक्षित, रेगुलेटेड माहौल उपलब्ध कराता है जहाँ बाजार में भाग लेने वाले शून्य से शून्य जोखिम और विश्वास के साथ शेयरों की खरीद बिक्री की ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।

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