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क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता
कॉइनस्विच कुबेर की ओर से उठाए गए कदम ने सभी को चौंका दिया है और अब क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए यूजर्स को उनके क्रिप्टो वॉलेट्स की मदद लेनी होगी। इसका असर कॉइनस्विच प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने वाले लाखों यूजर्स पर पड़ा है और इसपर ट्रेडिंग वॉल्यूम भी कम हुआ है। कंपनी ने कुछ दिन पहले ही यूजर्स को UPI की मदद से पेमेंट का विकल्प दिया था, जबकि NPCI क्रिप्टो एक्सचेंज के लिए UPI के इस्तेमाल को सही नहीं मानती।

कॉइनस्विच ऐप ने बंद किया क्रिप्टो खरीदने का विकल्प, पेमेंट ऑप्शंस हुए डिसेबल

Italy Needs to Levy a 26 P.c Tax on Crypto Income Exceeding 800,000

इटली ने एक मसौदा क्रिप्टो कानून विधेयक का प्रस्ताव किया है जो देश को 2,000 डॉलर (लगभग 1.62 लाख रुपये) से अधिक के क्रिप्टो मुनाफे पर 26 प्रतिशत कर लगाने की अनुमति देगा। अभी तक, विधेयक को सरकार द्वारा पारित किए जाने के लिए आवश्यक सभी आवश्यक अनुमोदन प्राप्त नहीं हुए हैं। यदि अनुमोदित हो, तो क्रिप्टो क्षेत्र के आसपास के कानून 2023 में देश में लागू हो सकते हैं। अन्य देशों की तरह, इटली क्रिप्टो क्षेत्र के लिए नियमन तैयार करने पर काम कर रहा है, ताकि क्षेत्र के साथ प्रयोग करने वाले निवेशक अधिक से अधिक सावधानियों का पालन कर सकें। .

जबकि क्रिप्टोकरेंसी काफी हद तक अनियमित हैं, क्रिप्टो लेनदेन के कुछ रिकॉर्ड रखने के लिए, दुनिया भर की सरकारें क्रिप्टो गतिविधियों से निकलने वाले मुनाफे पर कर लगाने की दिशा में काम कर रही हैं।

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी? What is cryptocurrency?

Cryptocurrency क्रिप्टोकरेंसी शब्द की उत्पति क्रिप्टोग्राफी से हुई है. क्रिप्शन वर्चुअल दुनिया में एक जाना माना एक शब्द है, यह एक तरह से कोड का निर्माण होता है जो कम्प्यूटर को दिये गए निर्देश क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता के अनुसार काम करता है. इस कोड इनक्रिप्शन या वर्चुअल वर्ल्ड में काम में ली जाने वाली आभासी मुद्रा ही क्रिप्टोकरेंसी कहलाती है. अगर आम भाषा में बात करें तो डिजिटल करेंसी ही क्रिप्टोकरेंसी है.

किप्टोकरेंसी Cryptocurrency दरसअल एक तरह का एल्गोरिथ्म है जिसे कम्प्यूटर पढ़ सकता है और कोई भी इसे परिवर्तित नहीं कर क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता सकता है. इस प्रक्रिया में क्रिप्टोग्राफी को आधार बनाते हुए एक यूनिट का निर्माण किया जाता है जो हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का उपयोग करके मुद्रा की कीमत निर्धारित करता है जिसे आम बोलचाल में कॉइन कहा जाता है जैसे बिटकॉइन, आॅल्टकॉइन, और लिटकॉइन.

कितनी तरह की क्रिप्टोकरेंसी? List of Cryptocurrency

क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखते हुए इसकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है क्योंकि ओपन सोर्स कॉन्सेप्ट होने के कारण कोई भी क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण कर सकता है. फिलहाल दुनिया भर में 500 से भी ज्यादा तरह की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है. उनमें से कुछ की सूची यहां दी जा रही है.

➤ कई क्लोन क्रिप्टोकरेंसी की वजह से यह सिर्फ एक क्रिप्टाकरेंसी की जगह क्रिप्टोकरेंसी का पूरा परिवार बन गया है जिसमें डिजिक्स डीएओ भी शामिल है.

कौन कर सकता है क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण? How cryptocurrency works

क्रिप्टोकरेंसी सामान्य तौर पर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है या फिर यह भी कहा जा सकता है कि क्रिप्टोकरेंसी अंतराष्ट्रीय मुद्रा का एक विकल्प है. क्रिप्टोकरेंसी का निर्माण कोई भी व्यक्ति, संस्था या संगठन कर सकता है और उसका मूल्य उस व्यक्ति या संस्था की विश्वसनियता पर ही निर्धारित होता है जो बढ़ भी सकता है और समाप्त भी हो सकता है.

जी हां, इसे छापा या ढाला जा सकता है जो किसी क्यूआर कोड या रीडेबल कोड की शक्ल दी जा सकती है जो कई तरह के कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर द्वारा पढ़ा जाता है लेकिन फिलहाल यह शुरू नहीं हुआ है. क्रिप्टोकरेंसी का ज्यादा उपयोग फिलहाल Online सेवाओं और वस्तुओं के भुगतान के तौर पर ही किया जा रहा है.

क्रिप्टो एक्सचेंज और ट्रेडिंग में आई कमी

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ज्यादातर क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स ने भारत में क्रिप्टो रेग्युलेशंस के बाद ट्रेडिंग में गिरावट दर्ज की है। जेबपे, वजीर-X और जियोटस जैसे इन प्लेटफॉर्म्स में मिलने वाले पेमेंट के तरीकों में भी बदलाव देखने को मिले हैं। मनीकंट्रोल के मुताबिक, मोबिक्विक अकेला वॉलेट था, जिसकी मदद से यूजर्स कई प्लेटफॉर्म्स पर क्रिप्टो खरीद पा रहे थे, लेकिन अप्रैल की शुरुआत से यह विकल्प भी अब उपलब्ध नहीं है।

भारत में सभी तरह के वर्चुअल असेट्स पर अब 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसीज और डिजिटल असेट्स से जुड़े हर तरह के लेनदेन के साथ सोर्स पर एक प्रतिशत टैक्स (TDS) कटेगा। बीते दिनों सामने आया है कि सरकार फ्रॉड्स को रोकने के लिए अनरेग्युलेटेड क्रिप्टोकरेंसी पर भी नियंत्रण चाहती है। हालांकि, भारत सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसीज पर किस तरह नियंत्रण करेगी, इस बारे में अभी कुछ साफ नहीं है।

किस आधार पर किया जाए क्रिप्टोकरेंसी खरीदने का फैसला?

क्रिप्टोकरेंसी नया कॉन्सेप्ट नहीं है और अमेजन जैसे कई कंपनियां इससे भुगतान का विकल्प देती हैं। हालांकि, क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता क्रिप्टोकरेंसी पर नियंत्रण आसान नहीं है क्योंकि कोई संस्था या नियामक संगठन इसके मार्केट में फ्लो को मॉनीटर नहीं करता। यानी कि इसकी वैल्यू घटेगी या बढ़ेगी, इसपर कुछ नहीं कहा जा सकता जबकि किसी करेंसी का स्थिर रहना महत्वपूर्ण होता क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी खरीदने या इसमें निवेश करने का फैसला इससे जुड़े रिस्क को ध्यान में रखने के बाद ही किया जाना चाहिए।

भारत में मार्च, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर लगा बैन हटा दिया है, यानी कि इसे खरीदना या इस्तेमाल करना अवैध नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट्स ज्यादा सुरक्षित होते हैं और इनमें मिडिलमैन ना होने के चलते ज्यादा प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी पड़ती।

Cryptocurrency पर लगने जा रही लगाम: क्रिप्टो पर नकेल कसने वाले बिल सहित विंटर सेशन में 26 विधेयक ला रही सरकार

केंद्र सरकार ने Cryptocurrency पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में संसद में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए एक बिल पेश करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने का प्रावधान क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता है।

हालांकि सरकार क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए कुछ छूट भी दे सकती है। वहीं, बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने का सुविधाजनक ढांचा मिल जाएगा। क्रिप्टोक्यूरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 के विनियमन सहित कुल 26 बिल शीतकालीन सत्र में पेश किए जाएंगे।

क्रिप्टो पर अभी तक कोई विनियमन नहीं

वर्तमान में, देश में Cryptocurrency के संबंध में कोई नियमन नहीं है। इस वजह से, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ Cryptocurrency पर बैठक की और मजबूत नियामक कदम उठाने के संकेत दिए। सरकार का मानना ​​है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेगुलेशन न होने के कारण इसका इस्तेमाल टेरर फंडिंग और काले धन की आवाजाही के लिए किया जा रहा है।

पीएम की बैठक के बाद Cryptocurrency पर बीजेपी नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में संसदीय पैनल की पहली बैठक हुई. इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसे रेग्यूलेट जरूर किया जाना चाहिए।

Govt to introduce ‘The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021’ in winter session of Parliament

Bill seeks to create a facilitative framework for creation of official digital currency to be issued by RBI & ban all private cryptocurrencies in India pic.twitter.com/yeaLfuCiBs

क्रिप्टोकरेंसी के साथ वित्तीय स्थिरता की चिंतन

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास का भी बयान सामने आया। दास ने एसबीआई के कॉन्क्लेव में कहा था, ‘जब आरबीआई कहता है कि क्रिप्टोकरेंसी में मैक्रोइकॉनॉमिक और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंता है, तो इस मुद्दे पर गहराई से चर्चा करने की जरूरत है।

Cryptocurrency Bill | Parliament Winter Session | 26 Bills In Parliament | Govt to introduce Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill |

सभी निजी Cryptocoins पर लगेगा Ban, भारत सरकार जल्द ही लॉन्च करेगी डिजिटल Cryptocurrency

नई दिल्ली (TBN – The Bihar Now डेस्क)| क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में वैश्विक उछाल के बीच केंद्रीय वित्त मंत्रालय जल्द ही राज्य द्वारा जारी क्रिप्टोकरेंसी पर फैसला करेगी. हालांकि सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे.

वीएचपी नेता गिरीश भारद्वाज (Girish Bharadwaj) को 10 नवंबर को लिखे एक पत्र में केंद्रीय उप निदेशक (मुद्रा) संजू यादव ने इस बात की पुष्टि की है कि सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को अभी भी भारत में कानूनी निविदा या सिक्का नहीं माना जाता है.

चिट्ठी में ये भी कहा क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता गया कि सरकार भारत में एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा (digital currency) पेश कर सकती है. वीएचपी नेता ने आतंकवाद, ड्रग्स और अन्य ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों’ के लिए इसके इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए सभी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी.

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