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दलाल पर राय

दलाल पर राय
उन्होंने जोर देकर कहा कि “वो जिनता नाम ले रहे हैं, उनकी पार्टी दलाल पर राय में कोई भूमिका नहीं है। अब तक सबसे ज्यादा मांग AAP के टिकट की है। इसका नतीजा यह हुआ कि दलाल सक्रिय हो गए। पहले और अब जारी किए गए वीडियो में एक बात साफ है कि पैसे के दम पर टिकट नहीं दिया गया। हालांकि कुछ दलाल जरुर एक्टिव थे।”

किसान भर्मित नही हो रहे है दलाल और बिचौलियों के द्वारा भर्मित किया जा रहा है : मंत्री रामसूरत राय

मुज़फ़्फ़रपुर (संवाददाता/रूपेश कुमार)- कृषि बिल कानून के खिलाफ आये दिन देश के किसी न किसी हिस्से में सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया जा रहा है, साथ ही दिल्ली में किसानों द्वारा जारी आंदोलन बढ़ता ही दिख रहा है, वंही आज शहर के एक निजी होटल में भाजपा कोटे से बिहार सरकार में मंत्री रामसूरत राय पहुँचे, जंहा भाजपा जिला कमेटी ने उनका स्वागत किया.

पत्रकारों से बातचीत में मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि किसान भर्मित नही हो रहे है दलाल और बिचौलियों के द्वारा भर्मित किया जा रहा है, उन्होंने की बिहार के किसानों को भर्मित होने की जरूरत नही है, क्योंकि जिस कानून को लेकर कुछ बिचौलियों व दलालों के द्वारा किसान के नाम पर जो धरना प्रदर्शन हो रहा है, जो बिल्कुल निराधार है, क्योंकि उनका पहले जो मांग था कि MSP इस कानून के तहत जो लाया गया है उसको हटाया जाए,जबकि हमारे सरकार के द्वारा इस कानून में MSP है ही नही, साथ ही उन्होंने आज किसान स्वतंत्र है अपना अनाज किसी भी गल्ले, दुकानदार, फैक्ट्री में उचित मूल्य पर बेचने का अधिकार है, उसी चीज को पूरे देश मे लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि बिचौलियां और दलाल इस कानून दलाल पर राय दलाल पर राय को बंद करवाना चाहते है, जो हमारी सरकार नही मानने वाली है, क्योंकि मोदी है तो मुमकिन है भाजपा है तो भरोसा है.

इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार, जिला उपाध्यक्ष मनीष कुमार, हरिमोहन चौधरी, जिला महामंत्री सचिन कुमार, धर्मेंद्र साहू, जिला मंत्री आदर्श कुमार सिंह, संजीव झा, राकेश यादव, जिला प्रवक्ता सिद्धार्थ कुमार, रविकांत सिन्हा, किसान मोर्चा अध्यक्ष उमेश पाण्डेय, युवा मोर्चा अध्यक्ष नचिकेता पाण्डेय, अनिल सिंह, ओम प्रकाश तिवारी, रविरंजन शुक्ला, मुन्ना सिंह यादव,धनंजय झा, रीता पराशर, मोनालिसा, मिथलेश कुमार आदि शामिल हुए.

MCD Election: AAP दलाल पर राय ने स्टिंग को बताया ‘फर्जी’, कहा- ‘पैसे के बदले टिकट नहीं’

बीजेपी ने सोमवार को एक स्टिंग जारी करते हुए आम आदमी पार्टी पर एमसीडी चुनावों में टिकट के बदले उम्मीदवारों से पैसे वसूलने के आरोप लगाए।

Image: Twitter

बीजेपी ने सोमवार को एक स्टिंग जारी करते हुए आम आदमी पार्टी पर एमसीडी चुनावों में टिकट के बदले उम्मीदवारों से पैसे वसूलने के आरोप लगाए। जवाब में AAP ने स्टिंग की प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि कुछ दलाल एमसीडी चुनाव के उम्मीदवारों से पैसे वसूल रहे हैं। दिलीप पांडे ने कहा कि 'दलाल आप के टिकटों की हाई डिमांड का फायदा उठाकर ऐसा कर रहे हैं।'

दिलीप पांडे ने कहा कि “रिश्वत लेकर किसी भी उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया गया है।” उन्होंने आगे कहा कि “एमसीडी चुनाव हारने के डर से बीजेपी स्टिंग पर भरोसा कर रही है।” दिल्ली में MCD चुनाव के लिए मतदान 4 दिसंबर को होगा और नतीजे 7 दिसंबर को आएंगे।

वरिष्ठ आप नेता दिलीप पाण्डेय ने कहा कि “रोज-रोज आ रहे फर्जी स्टिंग से साफ है कि बीजेपी एमसीडी का चुनाव बुरी तरह हार रही है। आपने 15 साल दिल्ली में क्या किया? अगर उन्होंने 15 साल में कुछ किया होता तो उन्हें नकली स्टिंग नहीं करना पड़ता।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि “वो जिनता नाम ले रहे हैं, उनकी पार्टी में कोई भूमिका नहीं है। अब तक सबसे ज्यादा मांग AAP के टिकट की है। इसका नतीजा यह हुआ कि दलाल सक्रिय हो गए। पहले और अब जारी किए गए वीडियो में एक बात साफ है कि पैसे के दम पर टिकट नहीं दिया गया। हालांकि कुछ दलाल जरुर एक्टिव थे।”

बिंदू श्रीराम ने दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के कथित सहयोगी पुनीत गोयल, दिनेश सराफ और आरआर पठानिया का एक स्टिंग ऑपरेशन किया। स्टिंग में उन्हें रोहिणी-डी के वार्ड नं. 54 के लिए 80 लाख रुपये की मांग करते हुए सुना जा सकता है। इससे एक दिन पहले उन्होंने आरोप लगाए थे कि पार्टी मेहनती कार्यकर्ताओं को छोड़कर केवल अमीर लोगों को टिकट दिया गया।

ऐसा पहली बार नहीं है जब आम आदमी पार्टी पर पैसे लेकर टिकट बांटने के आरोप लगे हों। 15 नवंबर को आप विधायक अखिलेश पति त्रिपाठी के कथित बहनोई ओम सिंह और उनके पीए शिव शंकर पांडे, सहयोगी प्रिंस रघुवंशी को दिल्ली ACB ने गिरफ्तार किया। उन पर टिकट के बदले 90 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। इसके बाद बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी ने दावा किया कि आप ने 70 लाख से 1 करोड़ रुपये के बदले में 90 फीसदी टिकट बेचे।

झज्जर अधिकतर ने पहली बार में ही चखा जीत का स्वाद

झज्जर अधिकतर ने पहली बार में ही चखा जीत का स्वाद

जिला परिषद चुनाव में रविवार को हुई मतगणना में इस बार में 8 महिलाओं को चौधर मिली है। एक-दो को छोड़कर लगभग सभी दलाल पर राय विजयी प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार जिला परिषद का चुनाव लड़ा और जीत का स्वाद चखा। जजपा की टिकट पर पिछले विस में हलका बहादुरगढ़ से हारने वाले संजय दलाल जिला परिषद का चुनाव जीत गए। जिला प्रशासन द्वारा जारी सूची के अनुसार वार्ड- एक से जजपा समर्थित राजीव कुमार, वार्ड-दो से निर्दलीय मेघा देवी वार्ड-तीन से निर्दलीय रविंद्र विजयी रहे। इसके अलावा वार्ड-चार से निर्दलीय गीता देवी विजयी रहीं। वार्ड-पांच से जजपा समर्थित संजय दलाल, वार्ड 6 से निर्दलीय नीतू विजयी रही। वार्ड-सात से निर्दलीय राजेंद्र सिंह, वार्ड-आठ से जोगेंद्र बेनीवाल, वार्ड-9 से भाजपा समर्थित सोमप्रभा योगेश सिलानी, ,वार्ड-10 से कांग्रेस समर्थित अमित भोलू, वार्ड -11 से निर्दलीय ज्योति जीते। वार्ड-12 से निर्दलीय ललिता, वार्ड संख्या 13 दलाल पर राय से निर्दलीय संजय कुमार जीते। वार्ड-14 से निर्दलीय प्रेम लता, वार्ड 15 से भी निर्दलीय दलाल पर राय शिव कुमार ने जीत हासिल की। वार्ड-16 से निर्दलीय निशा, वार्ड-17 से भाजपा समर्थित कप्तान सिंह, वार्ड संख्या 18 से निर्दलीय अशोक कुमार ने जीत हासिल की।

तहसील को बना दिया दलालों का अड्डा, हर काम के लिए लगता है सुविधा शुल्क

विमल कृष्ण राय
घोसी। यूपी में योगी आदित्य नाथ की सरकार है। सूबे में सत्ता संभालते ही योगी जी ने कहा था कि अधिकारी हों या कर्मचारी अगर भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए तो उनको बख्शा नहीं जाएगा। योगी सरकार को धीरे धीरे 5 साल बीतने वाले हैं। लेकिन न तो भ्रष्टाचार खत्म हुआ और न ही भ्रष्टाचार पर कोई लगाम लगी। अधिकारी हों या दलाल पर राय कर्मचारी आज भी मनमाने ढंग से अनैतिक कार्यों को अंजाम देने में लगे हुए हैं, वहीं अधिकारी और कर्मचारियों के इशारे पर दलालों का ऐसा मकडज़ाल तहसील कार्यालय में बुना गया है, कि आम आदमी अपना कोई भी काम बिना रुपए चढ़ाए नहीं करा पा रहा है।

तहसील में दलाल और बिचौलियों के इशारे पर हर वह अनैतिक कार्य को बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। कायदे-कानून के लिहाज से यह उचित नहीं कहा जा सकता है। लेकिन यहां सब कुछ पैसे की माया है, दलालों-बिचौलियों के जरिए सुगमता से हर काम करा दिया जाता है।

हर बात के लिए तय है सुविधा शुल्क
तहसील कार्यालय में आम जनता की कोई सुनवाई नहीं हैं। तहसील से जुड़े कार्यो के लिए बनाए गए हेल्प डेस्क का भी पालन नहीं हो रहा है। त्रुटि सुधार, खसरा-खतौनी की नकल, बटांकन, बंटवारा, सीमांकन, नामांतरण और डायवर्सन, ईडब्ल्यूएस, हैसियत प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र सरीखे काम के लिए सरकारी फीस के अलावा सुविधा शुल्क की राशि भी तय है, जो लोग शुल्क दे देते हैं, उनके काम तो आसानी से हो रहे हैं, लेकिन जो सुविधा शुल्क नहीं देते हैं, उनके काम तहसील के दलाल पर राय अधिकारियों और कर्मचारियों ने दरकिनार रखते हुए महीनों तक नहीं किए जाते हैं। साथ ही अगर अधिकारी किसी आदेश पर दस्तखत करता है तो तो उस आदेश पर मुहर तक लगवाने के लिए सुविधा शुल्क लिया जाता है। मरता क्या न करता मजबूरी में सुविधा शुल्क देता है। इतना ही नहीं सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हो या निजी जमीन का विवाद, सभी केसों को जरुरत से ज्यादा लंबित रखा जाता है, ताकि पीड़ित पक्ष मजबूरन सुविधा शुल्क दे। फिर भी शुल्क नहीं मिलता है, तो काम लंबित ही रहता है।

एंटी दलाल पर राय भूमाफिया पोर्टल और संपूर्ण समाधान दिवस फेल
तहसील अंतर्गत तमाम ग्राम सभाओं में सरकारी चकरोड और पोखरी पर भूमाफियाओं का कब्जा है। समय समय पर समाज सेवी और जन साधारण द्वारा एंटी भूमाफिया पोर्टल और संपूर्ण समाधान दिवस पर शिकायत दर्ज किया जाता है। शिकायत मिलते ही अधिकारी संबंधित कर्मचारियों को कार्रवाई के निर्देशित करते हैं। कर्मचारीगण कागज में मामले का निस्तारण आईजीआरएस को शून्य दिखाने के लिए देते हैं, ताकि जिले से लेकर सूबे के आला अधिकारियों को ये मैसेज मिले कि तहसील में कार्य बखूबी हो रहा है। लेकिन इसका जमीनी हकीकत कुछ और है आलम ये है कि भूमाफियाओं द्वारा चकरोड और दलाल पर राय पोखरी पर अतिक्रमण कायम रहता है। तहसील क्षेत्र में एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों ऐसे मामले हैं।

आखिरकार योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को उन्ही के अधिकारी और कर्मचारी कैसे पतीला लगाते हैं ये अगर देखना है तो आप घोसी तहसील का रुख कर सकते हैं।

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