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शेयर कब खरीदें?

शेयर कब खरीदें?
अब इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक, आपने जिस कीमत पर शेयर खरीदा है, उसे ऑरिजिनल कॉस्ट के रूप में लिया जाएगा। यह यहां 100 रुपये है। लेकिन, अब एक शेयर की वैल्यू 1/6 रह गई है। इससे आपकी बुक्स में 84 रुपये का लॉस दिखाई देगा। अतिरिक्त सभी शेयरों बोनस शेयरों के इश्यू के लिए कॉस्ट ऑफ एक्विजिशन जीरो हो जाता है, क्यों उन्हें फ्री शेयर माना जाता है।

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ज्योतिषी - भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य से बात करें

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी (Astrologer in Hindi) से परामर्श करें। एस्ट्रोयोगी पर घर बैठे अपनी पसंद के शेयर कब खरीदें? किसी भी ज्योतिषाचार्य (Jyotish Acharya) से ऑनलाइन चैट या कॉल पर परामर्श करें और किसी भी तरह के मुद्दों के लिए ज्योतिष समाधान प्राप्त करें।

  • 5 साल
  • 0.65/Min
  • 11 साल
  • 1.6/Min

कस्टमर टेस्टिमोनियल्स

nice person having good command of his knowledge , waiting for the right time to strike as already confirmed by Acharya ji. Praying for the best.

she was very humble and polite and prediction was so accurate. she made the it so comfortable to talk. thank you

Best astrologer i have ever met. thank you mam for ur guidance. i will do all remedies. will connect with you again mam . 🙏🏻❤️

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य: Best Astrologer in Hindi

ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है। आज बहुत से लोग ऐसे हैं जो ज्योतिष (Jyotish) में विश्वास करते हैं। ज्योतिष वास्तव में मानवता का आधार है। व्यक्ति अपने जीवन की कई समस्याओं से ज्योतिष की मदद से निजात पा सकता है। भविष्य के बारे में विभिन्न बातों की भविष्यवाणी करके लोगों की मदद करने के लिए ज्योतिष बनाया गया है। ज्योतिष शास्त्र बहुत विशाल है, इसकी कई उप-शाखाएं हैं जो विभिन्न तरीकों से उपयोग कर सकते हैं। ज्योतिष की उन सभी उप-शाखाओं में मास्टर बनना आसान नहीं है। एस्ट्रोलॉजर्स (Astrologer in Hindi) के बारे में अपने ज्ञान और अनुभव के लिए प्रसिद्ध है। उन्हें कुंडली, वास्तु, रत्न विज्ञान, हस्तरेखा विज्ञान और कई अन्य ज्योतिषीय शाखाओं में बहुत अच्छा अनुभव होता है।

आज के युग में ज्योतिर्विद् मिलना दुर्लभ है, जिन्हें ज्योतिष (astrology in Hindi) में बहुत अच्छा काम करने का अनुभव है। आजकल कई नकली ज्योतिषी (Jyotishi) केवल पैसे के लिए बाजार में हैं क्योंकि अब अधिक संख्या में लोग ज्योतिषीय मदद लेते हैं, क्योंकि उनका जीवन अधिक जटिल और परेशानी भरा हो गया है। उनके पास अपनी समस्याओं को हल करने के लिए समय नहीं है। इस प्रकार उनके लिए आसान तरीका ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श करना है। वह उनकी व्यक्तिगत, पेशेवर या सामाजिक जीवन की समस्याओं को हल कर सकता है।

Nykaa Bonus Issue: इनवेस्टर्स के लिए क्या हैं नायका के बोनस शेयरों के मायने?

Nykaa ने शेयरों में बड़ी बिकवाली रोकने के लिए दो-तरफा रणनीति अपनाई। कंपनी की यह रणनीति सफल साबित हुई है। लॉक-इन पीरियड खत्म होने पर शेयरों में बड़ी बिकवाली नहीं हुई।

Nykaa Bonus Issue: Nykaa ने बोनस शेयरों (Bonus shares) के लिए रिकॉर्ड डेट उस दिन रखी, जिस दिन उसके शेयरों के लिए लॉक-इन पीरियड (Lock-In period) खत्म हो रहा था। कंपनी ने शेयरों में बड़ी बिकवाली रोकने के लिए यह दो-तरफा रणनीति अपनाई। कंपनी की यह रणनीति सफल साबित हुई है। लॉक-इन पीरियड खत्म होने पर शेयरों में बड़ी बिकवाली नहीं हुई। सवाल है कि आगे क्या होगा?

नायका की यह रणनीति भले ही अभी शानदार दिख रही है, लेकिन इसकी कीमत कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों और प्री-आईपीओ शेयरहोल्डर्स के एक खास वर्ग को चुकानी पड़ी है। प्रमोटर और शुरुआती शेयरहोल्डर्स अब बहुत कम कैपिटल गेंस टैक्स के साथ इस शेयर से बाहर निकल सकते हैं। लेकिन, मैनेजमेंट ने शेयरों से बाहर निकलने की चाहत रखने वाले दूसरे शेयरहोल्डर्स के लिए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस टैक्स के रूप में एक बाधा खड़ी कर दी है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस का रेट सिर्फ 10 फीसदी है, जबकि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस पर इनकमट टैक्स का मार्जिनल रेट लागू होता है।

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बड़ी गिरावट के बाद बोनस इश्यू ने शेयरों की कीमतों को और गिरने से बचा लिया है। 9 नवंबर को यह शेयर 8 फीसदी गिरा था। बीते एक महीने में यह शेयर करीब 20 फीसदी गिर चुका है। एक्स-बोनस होने के बाद यह शेयर 171 रुपये पर खुला। फिर, करीब 173 रुपये तक आने से पहले चढ़कर 184 रुपये पर गया। यह 9 नवंबर के बंद स्तर के बराबर बैठता है।

ऐसा लगता है कि जोमैटो के शेयरों में लॉक-इन खत्म होने पर बड़ी गिरावट देखने के बाद नायका ने अपने शेयरों में बड़ी गिरावट रोकने के लिए बोनस इश्यू का दांव चला। जोमैटो के शेयर दो दिन में 30 फीसदी गिर गए थे, जिससे बाजार में अफरातफरी मच गई थी।

ज्योतिषी - भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य से बात करें

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी (Astrologer in Hindi) से परामर्श करें। एस्ट्रोयोगी पर घर बैठे अपनी पसंद के किसी भी ज्योतिषाचार्य (Jyotish Acharya) से ऑनलाइन चैट या कॉल पर परामर्श करें और शेयर कब खरीदें? किसी भी तरह के मुद्दों के लिए ज्योतिष समाधान प्राप्त करें।

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she was very humble and polite and prediction was so accurate. she made the it so comfortable to talk. thank you

Best astrologer i have ever met. thank you mam for ur guidance. i will do all remedies. will connect with you again mam . 🙏🏻❤️

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य: Best Astrologer in Hindi

ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है। आज बहुत से लोग ऐसे हैं जो ज्योतिष (Jyotish) में विश्वास करते हैं। ज्योतिष वास्तव में मानवता का आधार है। व्यक्ति अपने जीवन की कई समस्याओं से ज्योतिष की मदद से निजात पा सकता है। भविष्य के बारे में विभिन्न बातों की भविष्यवाणी करके लोगों की मदद करने के लिए ज्योतिष बनाया गया है। ज्योतिष शास्त्र बहुत विशाल है, इसकी कई उप-शाखाएं हैं जो विभिन्न तरीकों से उपयोग कर सकते हैं। ज्योतिष की उन सभी उप-शाखाओं में मास्टर बनना आसान नहीं है। एस्ट्रोलॉजर्स (Astrologer in Hindi) के बारे में अपने ज्ञान और अनुभव के लिए प्रसिद्ध है। उन्हें कुंडली, वास्तु, रत्न विज्ञान, हस्तरेखा विज्ञान और कई अन्य ज्योतिषीय शाखाओं में बहुत अच्छा अनुभव होता है।

आज के युग में ज्योतिर्विद् मिलना दुर्लभ है, जिन्हें ज्योतिष (astrology in Hindi) में बहुत अच्छा काम करने का अनुभव है। आजकल कई नकली ज्योतिषी (Jyotishi) केवल पैसे के लिए बाजार में हैं क्योंकि अब अधिक संख्या में लोग ज्योतिषीय मदद लेते हैं, क्योंकि उनका जीवन अधिक जटिल और परेशानी भरा हो गया है। उनके पास अपनी समस्याओं को हल करने के लिए समय नहीं है। इस प्रकार उनके लिए आसान तरीका ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श करना है। वह उनकी व्यक्तिगत, पेशेवर या सामाजिक जीवन की समस्याओं को हल कर सकता है।

क्या आप जानते हैं?

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ सातवीं कक्षा में थे तब उन्होंने शायरी शूरू की। उनकी पहली कोशिश एक हजो(निंदा) थी। क़िस्सा यूं है कि फ़ैज़ को स्कूल के ज़माने से ही नावेल और शायरी पढ़ने का शौक़ हो गया था। उनके भाई तुफ़ैल अहमद ख़ां जो उन से तीन साल बड़े थे, उनके एक दोस्त ने फ़ैज़ से पूछा, 'तुम शायरी पढ़ते ही हो कि लिखते भी हो।'
फ़ैज़ ने कहा, 'कभी लिखी तो नहीं।'
तब उन्होंने अपने दोस्त छज्जो राम की हजो लिखने की फ़रमाइश की। फ़ैज़ ने अपनी समझ के अनुसार लिख दी। अगले दिन स्कूल में उस हजो की धूम मची हुई थी।नर्म दिल फ़ैज़ को बड़ी ग्लानि हुई कि मेरे कारण छज्जो राम को हार्दिक कष्ट हुआ होगा। उन्होंने उसे ढूंढ कर उससे माफ़ी मांगी, लेकिन छज्जो राम तो बहुत ख़ुश था उस हजो की शेयर कब खरीदें? वजह से वह स्कूल में मशहूर हो गया। फ़ैज़ ने पंद्रह साल की उम्र में स्कूल में छात्रों की शायरी की प्रतियोगिता में अपनी ग़ज़ल पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया था।उस प्रतियोगिता के जज मौलवी मीर हसन थे जिन्होंने अल्लामा इक़बाल को भी पढ़ाया था। यही मीर हसन अल्लामा इक़बाल और फ़ैज़ दोनों के साझा उस्ताद थे, जिन्हें शम्सुल उलमा का ख़िताब भी मिला।

क्या आप जानते हैं?

अकबर इलाहाबादी

अकबर इलाहाबादी पूर्वी संस्कृति और सभ्यता के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने अपनी पूरी शायरी में अंग्रेज़ी सभ्यता पर कठोर व्यंग्य से काम लिया मगर स्वयं अपने पुत्र को शिक्षा के लिए लंदन भेज दिया, जिनका नाम इशरत हुसैन था। इशरत हुसैन को भेजते समय बहुत सारी प्रतिज्ञाएं भी लीं कि अपनी प्राच्य प्रम्परा को कभी न भूलना। एक बार इशरत का ख़त आने में बहुत देर हो गई तो अकबर इलाहाबादी ने अपना मशहूर क़तअ लिख भेजा जिसके दो शे'र मुलाहिज़ा हों;

इशरती घर की मोहब्बत का मज़ा भूल गए
खा के लंदन की हवा अह्द-ए-वफ़ा भूल गए

पहुंचे होटल में तो फिर ईद की परवा न रही
केक को चख के सिवइयों का मज़ा भूल गए

क्या आप जानते हैं?

शाह नसीर

शाह नसीर की गिनती अठारहवीं शताब्दी के प्रसिद्ध शायरों में होती है। शाह नसीर ने अपनी ज़िंदगी में बेशुमार शे'र कहे मगर अपना दीवान संकलित नहीं किया। जो कलाम कहते उसे एक जगह रखते जाते और जब बहुत सारा कलाम जमा हो जाता तो तकिए की तरह एक लम्बे से थैले में रख देते। घर वालों को निर्देश देते कि इसकी देखभाल करते रहना। शाह नसीर के बहुत से शागिर्द हुए जिनके कलाम को न केवल दुरुस्त करते बल्कि कभी कभी ग़ज़लें भी कह कर देते और मुशायरे पढ़वाते। सख़्त ज़मीनों और मुश्किल रदीफ़ व क़ाफ़िये में शे'र कहना उनका शौक़ था। शायरी की वजह से ही शाह आलम के दरबार में पहुंच हुई। उनका देहांत हैदराबाद में हुआ और उसके बाद उनका दीवान "चमनिस्तान-ए-सुख़न" के नाम से प्रकाशित हुआ। यह मशहूर शे'र उन्हीं से सम्बद्ध है:
ख़्याल-ए-ज़ुल्फ़ दोता में नसीर पीटा कर
गया है सांप निकल तो लकीर पीटा कर

क्या आप जानते हैं?

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ सातवीं कक्षा में थे तब उन्होंने शायरी शूरू की। उनकी पहली कोशिश एक हजो(निंदा) थी। क़िस्सा यूं है कि फ़ैज़ को स्कूल के ज़माने से ही नावेल और शायरी पढ़ने का शौक़ हो गया था। उनके भाई तुफ़ैल अहमद ख़ां जो उन से तीन साल बड़े थे, उनके एक दोस्त ने फ़ैज़ से पूछा, 'तुम शायरी पढ़ते ही हो कि लिखते भी हो।'
फ़ैज़ ने कहा, 'कभी लिखी तो नहीं।'
तब उन्होंने अपने दोस्त छज्जो राम की हजो लिखने की फ़रमाइश की। फ़ैज़ ने अपनी समझ के अनुसार लिख दी। अगले दिन स्कूल में उस हजो की धूम मची हुई थी।नर्म दिल फ़ैज़ को बड़ी ग्लानि हुई कि मेरे कारण छज्जो राम को हार्दिक कष्ट हुआ होगा। उन्होंने उसे ढूंढ कर उससे माफ़ी मांगी, लेकिन छज्जो राम तो बहुत ख़ुश था उस हजो की वजह से वह स्कूल में मशहूर हो गया। फ़ैज़ ने पंद्रह साल की उम्र में स्कूल में छात्रों की शायरी की प्रतियोगिता में अपनी ग़ज़ल पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया था।उस प्रतियोगिता के जज मौलवी मीर हसन थे जिन्होंने अल्लामा इक़बाल को भी पढ़ाया था। यही मीर हसन अल्लामा इक़बाल और फ़ैज़ दोनों के साझा उस्ताद थे, जिन्हें शम्सुल उलमा का ख़िताब भी मिला।

क्या आप जानते हैं?

अकबर इलाहाबादी

अकबर इलाहाबादी पूर्वी संस्कृति और सभ्यता के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने अपनी पूरी शायरी में अंग्रेज़ी सभ्यता पर कठोर व्यंग्य से काम लिया मगर स्वयं अपने पुत्र को शिक्षा के लिए लंदन भेज दिया, जिनका नाम इशरत हुसैन था। इशरत हुसैन को भेजते समय बहुत सारी प्रतिज्ञाएं भी लीं कि अपनी प्राच्य प्रम्परा को कभी न भूलना। एक बार इशरत का ख़त आने में बहुत देर हो गई तो अकबर इलाहाबादी ने अपना मशहूर क़तअ लिख भेजा जिसके दो शे'र मुलाहिज़ा हों;

इशरती घर की मोहब्बत का मज़ा भूल गए
खा के लंदन की शेयर कब खरीदें? हवा अह्द-ए-वफ़ा भूल गए

पहुंचे होटल में तो फिर ईद की परवा न रही
केक को चख के सिवइयों का मज़ा भूल गए

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