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शेयर के प्राइस पर वॉल्यूम का क्या प्रभाव पड़ता है?

शेयर के प्राइस पर वॉल्यूम का क्या प्रभाव पड़ता है?
dark cloud

Kohinoor Foods share delivered 160 percent return in 1 month hits upper circuit straight 35 days – Business News India

Multibagger penny stock: पिछले कुछ महीनों में भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली के दबाव के बावजूद कुछ शेयरों ने इस अवधि में शानदार प्रदर्शन किया है। कोहिनूर फूड्स के शेयर (Kohinoor Foods Ltd) उनमें से एक हैं। इस पेनी स्टॉक ने लगातार 35 ट्रेडिंग सेशंस में अपर सर्किट को हिट किया है। करीब दो महीनों में यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ₹7.75 से बढ़कर ₹38.40 प्रति स्तर हो गया है। इस अवधि में लगभग 395 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

कोहिनूर फूड्स के शेयर प्राइस हिस्ट्री

पिछले एक महीने में यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ₹14.85 से ₹38.40 के स्तर तक बढ़ गया है, इस अवधि में लगभग 160 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले दो महीनों में यह मल्टीबैगर स्टॉक 7.75 रुपये से बढ़कर 38.40 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है, इस अवधि में लगभग 395 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्टॉक पिछले एक साल से बंद था और इस पेनी स्टॉक में ट्रेडिंग की शुरुआत के बाद अब यह नियमित आधार बढ़ रहा है।

निवेशक पर प्रभाव

कोहिनूर फूड्स के शेयर प्राइस हिस्ट्री के मुताबिक, अगर किसी निवेशक ने एक महीने पहले इस स्टॉक में ₹1 लाख का निवेश किया होता, तो उसका ₹1 लाख आज ₹2.60 लाख हो जाता। इसी तरह अगर एक निवेशक ने दो महीने पहले इस मल्टीबैगर पेनी स्टॉक में ₹7.75 प्रति शेयर के हिसाब से ₹1 लाख का निवेश किया होता तो उसका ₹1 लाख आज ₹4.95 लाख हो गया होगा।

संबंधित खबरें

कोहिनूर फूड्स लिमिटेड की वर्तमान मार्केट कैप ₹142.35 करोड़ है और इसकी समाप्ति शुक्रवार को 9,978 के व्यापार की मात्रा के साथ हुई। पिछले 20 दिनों में इस मल्टीबैगर पेनी स्टॉक का औसत वॉल्यूम 8787 है। कोहिनूर फूड्स के शेयर की कीमत इस समय 38.40 रुपये है, जो इसका 52-सप्ताह का उच्च स्तर भी है। इसका 52-सप्ताह का निचला स्तर ₹7.75 है।

कंपनी के साथ जुड़ा अडानी का नाम

इस महीने की शुरुआत में अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) ने मैककॉर्मिक स्विट्जरलैंड जीएमबीएच से दिग्गज कोहिनूर ब्रांड सहित कई ब्रांडों के अधिग्रहण की घोषणा की थी। कंपनी ने एक बयान में कहा था कि इस अधिग्रहण से एडब्ल्यूएल को भारत में कोहिनूर ब्रांड के तहत रेडी टू कुक, रेडी टू ईट, करी और खाद्य पोर्टफोलियो के साथ कोहिनूर बासमती चावल ब्रांड पर विशेष अधिकार मिल जाएगा। कोहिनूर के घरेलू ब्रांड पोर्टफोलियो से FMCG कैटेगरी में एडब्ल्यूएल की स्थिति मजबूत होगी। इस अधिग्रहण से एडब्ल्यूएल चावल और अन्य खाद्य व्यवसायों में अधिक उत्पादों की पेशकश कर सकेगी। इस खबर के बाद से ही कोहिनूर फूड्स के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है।

काफी बड़ा है कोहिनूर फूड्स का कारोबार

कोहिनूर फूड्स फूड प्रोडक्ट्स के निर्माण, व्यापार और मार्केटिंग के व्यवसाय में लगा हुआ है। कंपनी दुनिया भर में ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बड़े स्तर पर सप्लाई चेन की सुविधा प्रदान कर रही है। कोहिनूर फूड्स के पास बासमती चावल के अलग अलग वैरायटीज से लेकर, खाने के लिए तैयार करी, रेडीमेड ग्रेवी, कुकिंग पेस्ट, चटनी, मसाले और सीज़निंग से लेकर फ्रोजन ब्रेड, स्नैक्स, स्वस्थ अनाज, और खाद्य तेल का कारोबार कर रही है

dark cloud cover candlestick pattern in Hindi

dark cloud cover candlestick pattern in hindi: मित्रो आज में आपको डार्क क्लाउड कवर कैंडलस्टिक पैटर्न की जानकारी देने वाला हु| क्या आपको पता है की डार्क क्लाउड पैटर्न का मार्केट पर क्या प्रभाव पड़ता है| डार्क क्लाउड कवर एक मंदी को दर्शाने वाली कैंडलस्टिक पैटर्न है|

जब ये पैटर्न कैंडलस्टिक चार्ट पर बनती है तो आपको समज जाना चाहिए की अब मंदी की शुरुआत हो सकती है| लेकिन dark cloud कवर पैटर्न तब ज्यादा असर दिखाती है जब लम्बे बुलिश ट्रेंड के बाद चार्ट पर दिखे| dark cloud cover candlestick pattern in hindi आर्टिकल में अब इस कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे में आपको डिटेल में जानकरी देता हु |

Table of Contents

dark cloud cover candlestick pattern in Hindi

मित्रो डार्क क्लाउड कवर कैंडलस्टिक पैटर्न एक बेरिश कैंडलस्टिक पैटर्न है| जब शेयर मार्केट में बहुत तेजी का ट्रेंड चल रहा हो और शेयर के प्राइस पर वॉल्यूम का क्या प्रभाव पड़ता है? चार्ट पर ये कैंडल दिखे तो आपको सावधान हो जाना चाहिए| क्यूंकि dark cloud कवर पैटर्न बनने के बाद पूरी संभावना होती है की मंदी की शुरुआत हो जाए|

dark cloud cover candlestick pattern in hindi

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डार्क क्लाउड कवर पैटर्न तब ज्यादा काम करती है जब ये बुलिश ट्रेंड के एंड में दिखे| डार्क क्लाउड कवर दो दिन की एक कैंडलस्टिक पैटर्न होती है| जिसमे पिछले दिन की कैंडल एक बुलिश कैंडल स्टिक पैटर्न होती है और अगले दिन की कैंडल एक बेरिश कैंडल शेयर के प्राइस पर वॉल्यूम का क्या प्रभाव पड़ता है? होती है|

जब शेयर मार्केट में बुलिश ट्रेंड चल रहा होता है तब आपको एक बुलिश कैंडलस्टिक देखने को मिलती है| दुसरे दिन भी मार्केट ट्रेंड के हिसाब से गैप अप ही ओपन होता है| लेकिन दुसरे दिन मार्केट में तेजी टिक नहीं पाती है| ऊपर की तरफ से मार्केट में गिरावट देखने को मिलती है| अगले दिन की बेरिश कैंडल पिछले दिन की बुलिश कैंडल के आधे से भी ज्यादा हिस्से के निचे तक चली जाती है और निचे ही क्लोज देती है|

डार्क क्लाउड कवर की मुख्य विशेषता भी यही है की पहले दिन की बुलिश कैंडल के आधे हिस्से से, निचे की तरफ दुसरे दिन की बेरिश कैंडल क्लोज होनी चाहिए| तभी इसे हम डार्क क्लाउड कवर पैटर्न कह सकते है|

dark cloud cover candlestick pattern की विशेषताएं:

  • डार्क क्लाउड कवर पैटर्न एक बेरिश कैंडलस्टिक पैटर्न है मतलब की ये मंदी को दर्शाने वाली कैंडल है|
  • डार्क क्लाउड कवर पैटर्न तेजी के ट्रेंड के बाद दिखे तो सबसे ज्यादा अच्छा रिसल्ट देती है|
  • दो दिन की कैंडल मिलके डार्क क्लाउड कवर कैंडलस्टिक पैटर्न बनती है|
  • डार्क क्लाउड कवर पैटर्न में पहले दिन की कैंडल बुलिश होती है| जब की दुसरे दिन की कैंडल बेरिश होती है|
  • डार्क क्लाउड कवर पैटर्न के दुसरे दिन की बेरिश कैंडल पहले दिन की बुलिश कैंडल के आधे हिस्से के निचे क्लोज होनी चाहिए|
  • डार्क क्लाउड कवर पैटर्न में आपको एक लॉन्ग बुलिश और एक लॉन्ग बेरिश कैंडल, या एक शोर्ट बुलिश के साथ शोर्ट बेरिश कैंडल का कॉम्बिनेशन देखने को मिल सकता है|
  • डार्क क्लाउड पैटर्न का क्लोज हमेशा पहले दिन की बुलिश कैंडल के 50% के निचे ही होना चाहिए|
  • डार्क क्लाउड कवर पैटर्न बनने के बाद अगर अगले दिन मार्केट गिरावट के साथ ओपन हो तो ये बेरिश ट्रेंड का कन्फर्मेशन है|
  • डार्क क्लाउड कवर पैटर्न बनने के दिन जितना वॉल्यूम होता है उससे ज्यादा वॉल्यूम दुसरे दिन देखने को मिले तो बहुत अच्छा है|

dark cloud cover candlestick pattern को ट्रेड कैसे करे:

दोस्तों dark cloud cover candlestick pattern in hindi आर्टिकल में अब जानते है की आप इस कैंडल के आधार पर ट्रेडिंग कैसे कर सकते है| जब आपको डार्क क्लाउड कवर पैटर्न दिखे इसके बाद कन्फर्मेशन लेना जरुरी होता है| ये कैंडल दिखने के बाद दुसरे दिन अगर भारी वॉल्यूम के साथ बाजार में गिरावट दिखे तो आप को कन्फर्मेशन मिल जाता है|

आप डार्क क्लाउड कवर पैटर्न के आधार पर ट्रेड ले तो आपको पहले दिन की बुलिश कैंडलस्टिक के हाई का स्टॉप लोस लगाना जरुरी है| जब तक आपको कैंडलस्टिक चार्ट पर कोई बुलिश सिग्नल ना मिले तब तक आप अपनी पोजीशन को ओपन रख सकते है| मतलब की शोर्ट की पोजीशन में बने रहते है|

डार्क क्लाउड कवर मंदी को दर्शाती है इसलिए आपको शेयर बाजार में मंदी की पोजीशन बनानी होती है ना की तेजी की इस बात शेयर के प्राइस पर वॉल्यूम का क्या प्रभाव पड़ता है? का हमेशा ख़याल रखे| अगर आपने मंदी की पोजीशन बनायी है और बुलिश कैंडल के हाई को पार करके बाजार ऊपर की तरफ चला जाए तो आपको अपनी पोजीशन क्लोज कर देनी होती है इस बात का ख़ास ध्यान रखे|

निष्कर्ष:

मित्रो अब आपको dark cloud cover candlestick pattern in hindi आर्टिकल में डार्क क्लाउड कवर पैटर्न के बारे में जानकारी मिल चुकी होगी| डार्क क्लाउड कवर पैटर्न मंदी को दर्शाने वाली कैंडलस्टिक पैटर्न है| जब शेयर मार्केट में तेजी का दौर चल रहा हो और चार्ट पर ये पैटर्न दिखे तो आपको सावचेत हो जाना चाहिए की अब मंदी की शुरुआत हो सकती है|

डार्क क्लाउड कवर पैटर्न तेजी के बाद दिखे तो बहुत अच्छा रिजल्ट देती है| आपको डार्क क्लाउड कवर पैटर्न बनने के बाद इस कैंडल का कन्फर्मेशन करना जरुरी होता है| इस कैंडल का कन्फर्मेशन ये होता है की डार्क क्लाउड कवर पैटर्न बनने के बाद दुसरे दिन मार्केट में गिरावट आनी जरुरी है|

क्या ट्रेडिंग वॉल्यूम स्टॉक मूल्य को प्रभावित करता है?

कई निवेशक यह भूल जाते हैं कि शेयर बाजार की परिभाषित विशेषताओं में से एक यह है कि यह एक बाजार है। खरीदार और विक्रेता प्रत्येक स्टॉक की कीमत निर्धारित करने में मदद करते हैं, और जितने अधिक खरीदार और विक्रेता एक विशेष स्टॉक में रुचि रखते हैं, उतना ही अधिक तरल बाजार होगा। तरलता का इस बात पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है कि स्टॉक की कीमतें किसी भी दिशा में कितनी हिंसक रूप से आगे बढ़ सकती हैं, और इसका कारण स्टॉक के शेयरों में बाजार की प्रकृति से है।

ट्रेडिंग वॉल्यूम और शेयर की कीमतों के आर्थिक बुनियादी सिद्धांत
कई चीजों की तरह, अल्पावधि में स्टॉक की कीमत निर्धारित करती है कि आपूर्ति और मांग क्या है। अलग-अलग निवेशक कंपनी की भविष्य की संभावनाओं के कई तरह के आकलन करते हैं और इसलिए स्टॉक को अलग-अलग मूल्य प्रदान करते हैं। जब एक निवेशक उस कीमत पर शेयर खरीदने को तैयार होता है जिस पर दूसरा बेचने को तैयार होता है, तो दोनों को एक व्यापार से एक अवसर दिखाई देता है। इसके विपरीत, यदि सभी सहमत हैं कि एक उपयुक्त स्टॉक मूल्य पिछले व्यापार मूल्य से काफी ऊपर है, तो शेयरों का मूल्य तेजी से बढ़ेगा।

जब किसी स्टॉक में बहुत अधिक निवेशक रुचि होती है, तो स्टॉक के मूल्य पर अलग-अलग विचारों की अधिक संख्या व्यापार के शेयर के प्राइस पर वॉल्यूम का क्या प्रभाव पड़ता है? अधिक अवसर पैदा करती है। यह आम तौर पर कीमतों के बीच संकुचित फैलाव के रूप में दिखाई देता है जो खरीदार भुगतान करने को तैयार हैं और मूल्य विक्रेता शेयरों के लिए स्वीकार करने को तैयार हैं। उदाहरण के लिए, कई सक्रिय रूप से कारोबार किए गए शेयरों में खरीदारों से बोली मूल्य और विक्रेताओं से पूछे जाने वाले मूल्य के बीच प्रति शेयर केवल एक पैसा फैलता है। जिन शेयरों में अपेक्षाकृत कम ट्रेडिंग वॉल्यूम होता है, उनमें प्रति शेयर एक पैसा या अधिक का फैलाव हो सकता है।

क्यों कम कारोबार वाले स्टॉक आपको ऊबड़-खाबड़ सवारी के लिए ले जा सकते हैं
ज्यादातर समय, ट्रेडिंग वॉल्यूम का प्रभाव अपेक्षाकृत तटस्थ होता है। चूंकि कम कारोबार वाले शेयरों के साथ बोली और मांग की कीमतों के शेयर के प्राइस पर वॉल्यूम का क्या प्रभाव पड़ता है? बीच फैलाव व्यापक है, उच्च व्यापारिक मात्रा वाले शेयरों के बीच चिकनी आंदोलनों की तुलना में उनकी कीमतें घुटने के बल चलती हैं।

जहां निवेशक वास्तव में अंतर देखते हैं, हालांकि, जब कोई कंपनी महत्वपूर्ण समाचारों की घोषणा करती है। उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले स्टॉक के साथ, आप आम तौर पर एक बार की छलांग या गिरावट के बाद अपेक्षाकृत सुचारू व्यापार देखेंगे, क्योंकि स्टॉक का अनुसरण करने वाले बड़ी संख्या में निवेशक नई जानकारी के प्रभाव का तेजी से आकलन कर सकते हैं। कम बार-बार कारोबार किए जाने वाले शेयरों के साथ, हालांकि, स्विंग बहुत अधिक हो सकती है, और स्टॉक की कीमत कई बार ओवरशूट और रिवर्स कर सकती है क्योंकि अपेक्षाकृत कम संख्या में निवेशक शेयरों के लिए उपयुक्त नई कीमत पर सहमत होने के लिए लड़ते हैं।

ट्रेडिंग वॉल्यूम अपने आप में स्टॉक की कीमत को सीधे प्रभावित नहीं करता है, लेकिन इसका पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है रास्ता जो शेयर चलते हैं। कम कारोबार वाले शेयरों को देखने वाले निवेशकों को खरीदने से पहले इसमें शामिल बढ़ी हुई अस्थिरता के बारे में पता होना चाहिए।

स्टॉक के बारे में और निवेश कैसे शुरू करें, इसके बारे में अधिक जानने के लिए, द मोटली फ़ूल ब्रोकर सेंटर देखें और अपने लिए सबसे अच्छा ब्रोकर खोजें।

यह लेख द मोटली फ़ूल नॉलेज सेंटर का हिस्सा है, जिसे निवेशकों के एक शानदार समुदाय के एकत्रित ज्ञान के आधार पर बनाया गया था। हमें सामान्य रूप से ज्ञान केंद्र या विशेष रूप से इस पृष्ठ पर आपके प्रश्न, विचार और राय सुनना अच्छा लगेगा। आपका इनपुट हमें दुनिया को बेहतर तरीके से निवेश करने में मदद करेगा! हमें ईमेल करें [email protected] . धन्यवाद - और मूर्ख!

Kohinoor Foods share delivered 160 percent return in 1 month hits upper circuit straight 35 days – Business News India

Multibagger penny stock: पिछले कुछ महीनों में भारतीय शेयर बाजार में भारी बिकवाली के दबाव के बावजूद कुछ शेयरों ने इस अवधि में शानदार प्रदर्शन किया है। कोहिनूर फूड्स के शेयर (Kohinoor Foods Ltd) उनमें से एक हैं। इस पेनी स्टॉक ने लगातार 35 ट्रेडिंग सेशंस में अपर सर्किट को हिट किया है। करीब दो महीनों में यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ₹7.75 से बढ़कर ₹38.40 प्रति स्तर हो गया है। इस अवधि में लगभग 395 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

कोहिनूर फूड्स के शेयर प्राइस शेयर के प्राइस पर वॉल्यूम का क्या प्रभाव पड़ता है? हिस्ट्री शेयर के प्राइस पर वॉल्यूम का क्या प्रभाव पड़ता है?

पिछले एक महीने में यह मल्टीबैगर पेनी स्टॉक ₹14.85 से ₹38.40 के स्तर तक बढ़ गया है, इस अवधि में लगभग 160 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले दो महीनों में यह मल्टीबैगर स्टॉक 7.75 रुपये से बढ़कर 38.40 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है, इस अवधि में लगभग 395 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। स्टॉक पिछले एक साल से बंद था और इस पेनी स्टॉक में ट्रेडिंग की शुरुआत के बाद अब यह नियमित आधार बढ़ रहा है।

निवेशक पर प्रभाव

कोहिनूर फूड्स के शेयर प्राइस हिस्ट्री के मुताबिक, अगर किसी निवेशक ने एक महीने पहले इस स्टॉक में ₹1 लाख का निवेश किया होता, तो उसका ₹1 लाख आज ₹2.60 लाख हो जाता। इसी तरह अगर एक निवेशक ने दो महीने पहले इस मल्टीबैगर पेनी स्टॉक में ₹7.75 प्रति शेयर के हिसाब से ₹1 लाख का निवेश किया होता तो उसका ₹1 लाख आज ₹4.95 लाख हो गया होगा।

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कोहिनूर फूड्स लिमिटेड की वर्तमान मार्केट कैप ₹142.35 करोड़ है और इसकी समाप्ति शुक्रवार को 9,978 के व्यापार की मात्रा के साथ हुई। पिछले 20 दिनों में इस मल्टीबैगर पेनी स्टॉक का औसत वॉल्यूम 8787 है। कोहिनूर फूड्स के शेयर की कीमत इस समय 38.40 रुपये है, जो इसका 52-सप्ताह का उच्च स्तर भी है। इसका 52-सप्ताह का निचला स्तर ₹7.75 है।

कंपनी के साथ जुड़ा अडानी का नाम

इस महीने की शुरुआत में अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) ने मैककॉर्मिक स्विट्जरलैंड जीएमबीएच से दिग्गज कोहिनूर ब्रांड सहित कई ब्रांडों के अधिग्रहण की घोषणा की थी। कंपनी ने एक बयान में कहा था कि इस अधिग्रहण से एडब्ल्यूएल को भारत में कोहिनूर ब्रांड के तहत रेडी टू कुक, रेडी टू ईट, करी और खाद्य पोर्टफोलियो के साथ कोहिनूर बासमती चावल ब्रांड पर विशेष अधिकार मिल जाएगा। कोहिनूर के घरेलू ब्रांड पोर्टफोलियो से FMCG कैटेगरी में एडब्ल्यूएल की स्थिति मजबूत होगी। इस अधिग्रहण से एडब्ल्यूएल चावल और अन्य खाद्य व्यवसायों में अधिक उत्पादों की पेशकश कर सकेगी। शेयर के प्राइस पर वॉल्यूम का क्या प्रभाव पड़ता है? इस खबर के बाद से ही कोहिनूर फूड्स के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है।

काफी बड़ा है कोहिनूर फूड्स का कारोबार

कोहिनूर फूड्स फूड प्रोडक्ट्स के निर्माण, व्यापार और मार्केटिंग के व्यवसाय में लगा हुआ है। कंपनी दुनिया भर में ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बड़े स्तर पर सप्लाई चेन की सुविधा प्रदान कर रही है। कोहिनूर फूड्स के पास बासमती चावल के अलग अलग वैरायटीज से लेकर, खाने के लिए तैयार करी, रेडीमेड ग्रेवी, कुकिंग पेस्ट, चटनी, मसाले और सीज़निंग से लेकर फ्रोजन ब्रेड, स्नैक्स, स्वस्थ अनाज, और खाद्य तेल का कारोबार कर रही है

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