एक दलाल चुनना

इक्विटी फंड्स क्या हैं?

इक्विटी फंड्स क्या हैं?
Equity Funds Kya Hain? । Types Of Equity Funds In India

इक्विटी म्यूचुअल फंड

मैं शेयर बाजारों में निवेश करना चाहता हूं लेकिन यह पता नहीं है कि किन शेयरों में निवेश करना चाहिए। मैं यह नहीं जानता कि ये स्टॉक कब खरीदना है और कब बेचना। विश्लेषण करने के लिए मेरे पास आवश्यक ज्ञान नहीं है।

अगर आप भी इसी तरह के सवालों से जूझ रहे हैं तो इक्विटी फंड आपके लिए बेहतरीन विकल्प है।

इक्विटी म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। वे पेशेवर फंड मैनेजर्स द्वारा प्रबंधित होते हैं जो शेयर बाजारों में निवेश करने से पहले संपूर्ण शोध और विश्लेषण करते हैं।

इक्विटी म्यूचुअल फंड को ज्यादा जोखिम वाला फंड माना जाता है लेकिन ये आमतौर पर उच्च रिटर्न देते हैं। इक्विटी फंड को भी तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

लार्ज कैप फंड जो बड़े बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। ये फंड बड़े कंपनियों जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील आदि में निवेश करते हैं जो निवेश के लिए अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं।

मिड कैप फंड अपेक्षाकृत मध्यम आकार की कंपनियों जैसे बैंक ऑफ इंडिया, टीवीएस मोटर्स आदि में निवेश करते हैं। आमतौर पर मिड कैप फंड लार्ज कैप फंडों की तुलना में ज़्यादा जोखिम भरा होते हैं लेकिन 3 से 5 साल के समय में अधिक रिटर्न की संभावना होती है।

स्माल कैप फंड छोटी कंपनियों में निवेश करते हैं। यह फण्ड सबसे ज़्यादा जोखिम वाले हैं लेकिन उच्चतम रिटर्न उत्पन्न करने की क्षमता रखते हैं। निवेशक आमतौर पर 5-7 वर्षों से अधिक के लिए छोटे कैप फंड में निवेश करते हैं।

बच्चों की शिक्षा के लिए निवेश का बेहतर विकल्प है Mutual Funds, जानिए कौन सा है सही

बच्चों की शिक्षा के लिए निवेश (Investment for Education) करने जा रहे हैं। आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता तथा लक्ष्य अवधि के अनुसार फंड्स का चयन करना चाहिए। म्यूचुअल फंड्‌स ( Mutual Funds)बेहतर विकल्प हो सकता है। यहां जानिए यह कैसे चुनें। तीन शीर्ष इक्विटी फंड्स का उल्लेख किया गया है जिन पर आप विचार कर सकते हैं।

Updated Nov 11, 2022 | 08:14 PM IST

Investment for Education-istock

बच्चों की शिक्षा के लिए म्यूचुअल फंड्‌स में भी निवेश कर सकते हैं।

बच्चों की शिक्षा मंहगी होती है। भारत तथा विदेश में शिक्षा की उच्च लागत के कारण परिवार की बचतों पर चोट पहुंच सकती है। कई माता-पिता अपने बच्चे की शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण (एजुकेशन लोन) लेते हैं। लोन के अलावा, म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) ऐसा अन्य क्षेत्र है जिस पर अपने बच्चे की शिक्षा की फंडिंग करने के लिए विचार कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड्स में एक अच्छी निवेश योजना से आपको अपने बच्चे को सर्वश्रेष्ठ संभावित शिक्षा दिलाने के जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है। बच्चों की शिक्षा के उद्देश्य से निवेश के लिए (Investment for Education) सही म्यूचुअल फंड कैसे चुने, आइये आपको यह जानकारी देते हैं।

जब बात म्यूचुअल फंड के बारे में की जाती है, तो विविध विकल्प उपलब्ध होते हैं। लेकिन, आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता तथा लक्ष्य अवधि के अनुसार फंड्स का चयन करना चाहिए। बच्चों की शिक्षा एक दीर्घकालिक लक्ष्य (15-18 वर्ष) होता है जिसके लिए आदर्श रूप से आपके बच्चे की छोटी आयु से ही प्लानिंग की शुरूआत की जानी चाहिए। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए इक्विटी फंड्स निवेश के लिए आदर्श विकल्प होते हैं। यहां पर उन तीन शीर्ष इक्विटी फंड्स का उल्लेख किया गया है जिन पर आप विचार कर सकते हैं।

डायवर्सिफाइड ब्लूचिप इक्विटी फंड्स

डायवर्सिफाइड ब्लूचिप इक्विटी फंड अनेक दीर्घकालिक लक्ष्यों जैसे बच्चों की शिक्षा और सेवा निवृत्ति के लिए आदर्श हो सकते हैं। इस निवेश स्कीम के अंतर्गत ऐसी कंपनियों के शेयरों में निवेश किया जाता है जो संबंधित सेक्टर्स में अग्रणी हैं, और इस प्रकार से आपको विकासशील अर्थव्यवस्था के लाभ मिल जाते हैं। किसी खास उद्योग पर फोकस करने वाली स्कीमों की तुलना में डायवर्सिफाइड फंड्स में जोखिम एलिमेंट कम होते हैं। इक्विटी स्कीमों के ऐतिहासिक परफॉर्मेंस के आधार पर, आप अपने निवेश पर लगभग 12% दीर्घकालिक सीएजीआर की उम्मीद कर सकते हैं।

फ्लेक्सीकैप इक्विटी फंड्स

जैसा कि नाम से पता लगता है, इन स्कीमों में अग्रणी लार्ज, मिड तथा स्मॉल-कैप कंपनियों में निवेश किया जाता है। मार्केट कैप साइज के अनुसार, इन फंड्स के अंतर्गत निवेश अनुपातों को एडजस्ट किया जा सकता है, और इस प्रकार आप मार्केट की स्थिति के अनुसार सर्वश्रेष्ठ संभावित रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इस इक्विटी फंड्स क्या हैं? फंड की दीर्घकालिक सीईएजीआर 9% और अधिक की है।

बैलेंस्ड एडवेंटेज फंड्स

ये फंड हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स होते हैं जो जारी मार्केट दशाओं के आधार पर इक्विटी और डेट में आवंटन को परिवर्तित करने में इक्विटी फंड्स क्या हैं? समर्थ होते हैं। साथ ही इन्हें डायनामिक एसेट एलोकेशन फंड्स भी कहा जाता है, और इनसे दोनो एसेट श्रेणियों के सर्वश्रेष्ठ परिणाम मिलते हैं। उनके ऐतिहासिक परफॉर्मेंस को देखते हुए, आप स्कीमों इक्विटी फंड्स क्या हैं? की इस श्रेणी से दीर्घकालिक 8-12% की सीएजीआर की उम्मीद कर सकते हैं।

फंड्स को चुनते समय विचारणीय फैक्टर्स

उपयुक्त फंड्स को चुनते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखने से सहायता मिलेगी। सही फंड को चुनने में सहायता करने के लिए आइये कुछ महत्वपूर्ण पैरामीटर्स पर विचार करते हैं।

परफॉर्मेंस ट्रैक रिकार्ड:-

फंड्स को चुनते समय, कम से कम 5 वर्ष के ट्रैक रिकार्ड पर विचार करें। लेकिन, दीर्घकालिक ट्रैक रिकार्ड और भी अच्छा रहता है क्योंकि इससे निवेशकों को रिटर्न की भावी दर का अंदाजा लगाने में और पिछले मार्केट चक्रों के दौरान इसमें फेरबदल करने की योग्यता इक्विटी फंड्स क्या हैं? में सहायता मिलती है।

व्यय अनुपात

यह प्रशासनिक तथा प्रचालन लागतों को कवर करने के लिए फंड द्वारा निवेशकों से वसूली जाने वाली प्रतिशत-आधारित फीस है। किसी फंड का व्यय अनुपात इसके नेट रिटर्न्स को प्रभावित करता है। निम्न व्यय अनुपात से आपके पोर्टफोलियो में अधिक यूनिट्स आ सकेंगे जिससे आपके रिटर्न्स में बढ़ोतरी होगी। दीर्घकाल में, इन अतिरिक्त यूनिट्स से संबंधित कम्पाउंडिंग लाभ से आपके रिटर्न्स में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोतरी हो सकती है।

फंड मैनेजर की निवेश शैली

फंड के मैनेजमेंट के लिए फंड मैनेजर्स उत्तरदायी होते हैं तथा इसकी परफॉर्मेंस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्कीम को चुनने से पहले, अपने फंड मैनेजर और उसकी निवेश विचार प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त कर लें। आप मार्केट तथा उम्मीदों के संबंध में उनकी सामान्य कमेंट्री को जानने के लिए फंड हाउस की फैक्टशीट्स इक्विटी फंड्स क्या हैं? को भी देख सकते हैं। इंटरव्यूज़ तथा न्यूज पोर्टल्स अन्य साधन हैं जिनसे आप फंड मैनेजर के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

हर मां-बाप अपने बच्चे को हर सर्वश्रेष्ठ चीज को, विशेष रूप से शिक्षा प्रदान करने की कोशिश करते हैं। सिस्टेमैटिक निवेश योजना (एसआईपी) के माध्यम से निरन्तर निवेश करना उस सम्पदा का सृजन करने का आदर्श तरीका है जिससे शिक्षा लागतों को कवर किया जा सकता है। जैसे जैसे हर वर्ष आपकी आय बढ़ती है, अपने निवेश को भी बढ़ाने पर विचार करें। इससे आपको समय पर अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद मिलेगी, और साथ ही भावी जीवन के लक्ष्यों के लिए प्रारम्भिक बढ़त भी प्राप्त हो जाएगी।

(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

इक्विटी फंड्स क्या है। Types Of Equity Funds In India

जैसे कि नाम से ही पता चल रहा है Equity Funds, वे फंड्स होते हैं, जो अपनी इक्विटी फंड्स क्या हैं? कुल पूंजी का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी उपकरणों यानी कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। यह हिस्सा उनके कुल पोर्टफोलियो का कम से कम 65% होता है। इक्विटी फंड म्यूचुअल फंड के अन्य फंड्स की तुलना में अधिक रिटर्न प्रदान करते हैं। हालांकि इक्विटी फंड्स द्वारा प्रदान रिटर्न्स बाजार जोखिमों पर निर्भर होते हैं और शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के आधार पर इक्विटी फंड्स पर मिलने वाले रिटर्न भी कम ज्यादा होते रहते हैं।

Types Of Equity Funds In India

इक्विटी फंडों को बाजार पूंजीकरण के आधार पर निम्न वर्गों में बांटा जा सकता है।

Equity Funds Kya Hain? । Types Of Equity Funds In India

Equity Funds Kya Hain? । Types Of Equity Funds In India

1 . स्मॉल कैप फंड ( SMALL CAP EQUITY FUNDS )

स्मॉल कैप फंड वे इक्विटी फंड्स हैं जो छोटी बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। इन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5000 करोड़ से कम होता है। इसके अलावा सेबी द्वारा परिभाषित वे कंपनियां जो बाजार पूंजीकरण के आधार पर 251वें स्थान से लेकर ऊपर की सभी कंपनियां है, वे सभी स्माल कैप कंपनियों के अंतर्गत आती हैं।

2 . मिड कैप फंड ( MID CAP EQUITY FUNDS )

मिड कैप फंड्स वे फण्ड होते हैं जो मध्यम बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। सेबी यानी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया के द्वारा परिभाषित यह कंपनियां बाजार पूंजीकरण के आधार पर 101वें से 250 वे स्थान के अंतर्गत आती है या फिर मध्यम आकार की वे कंपनियां जो 5000 करोड़ से 20000 करोड का बाजार पूंजीकरण रखती है वे कंपनियां मिडकैप कंपनियां कहलाती है।

3 . लार्ज कैप फंड्स ( LARGE CAP EQUITY FUNDS )

लार्ज कैप फंडस वे इक्विटी फंड्स है, जो बड़ी बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों में निवेश करते हैं। सेबी लार्ज कैप कंपनियों को परिभाषित करता है। सेबी की परिभाषा के आधार पर जो कंपनियां बाजार पूंजीकरण में 1 से लेकर 100 वी रैंक पर है वे सभी लार्ज कैप कंपनियां हैं। इसके अलावा जिन कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 20 हजार करोड़ से ऊपर है वे सभी लार्जकैप कंपनियां।

4 . मल्टी कैप फंड्स ( MULTI CAP EQUITY FUNDS )

मल्टी कैप फंड वे इक्विटी फंड होते हैं जो बाजार के उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखकर व अधिकतम रिटर्न हासिल करने के लिए निवेश का कुछ हिस्सा स्माल कैप फंड्स में, कुछ हिस्सा मिड कैप फंड्स में तथा कुछ हिस्सा लार्ज कैप फंड्स में निवेश करते हैं।

5 . सेक्टर या थीमेटिक फंड्स ( SECTORAL OR THEMATIC EQUITY FUNDS )

वे इक्विटी फंड्स जो किसी विशेष सेक्टर जैसे कि बैंकिंग, आईटी, फार्मा, एफएमसीजी कंपनियों में निवेश करते हैं सेक्टर आधारित फंड्स कहलाते हैं। इसके अलावा वे फंड्स जो किसी विशेष थीम आधारित कंपनियों जैसे ट्रैवलिंग, हॉस्पिटैलिटी आदि में निवेश करते हैं, थीमेटिक फंड्स कहलाते है।

6 . इंडेक्स फंड्स ( INDEX EQUITY FUNDS )

इंडेक्स फंड्स एक प्रकार का इक्विटी फंड्स ही है, जो बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी जैसे लोकप्रिय शेयर बाजार सूचकांक के प्रदर्शन पर नजर रखता है और उनका अनुकरण करता है। यह फंड किसी विशेष सेक्टर पर भी आधारित हो सकते हैं जैसे फार्मा, आईटी, एफएमसीजी या ऑटो सेक्टर सूचकांक आदि।

7 . ईएलएसएस फंड्स ( ELSS EQUITY FUNDS )

ईएलएसएस फंड्स भी एक प्रकार का इक्विटी फंड ही है, जो इक्विटी यानी स्टॉक में निवेश करता है। लेकिन यह एक क्लोज एंडेड फण्ड है यानी इसमें आप जब चाहे तब पैसा नहीं निकाल सकते हैं। इसमें 3 साल का लॉकिंग पीरियड होता है। बाकी इक्विटी फंड्स की बजाय ईएलएसएस फंड्स भारतीय इक्विटी फंड्स क्या हैं? आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत निवेशकों को अपने कुल निवेश के 1.5 लाख रुपए तक की राशि पर कर छूट का लाभ भी प्रदान करता है।

8. डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स ( Diversified Equity Funds )

डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स, वे इक्विटी फंड्स होते हैं जो मल्टीकैप फंड्स की तरह ही सभी प्रकार के बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करते हैं। हालांकि यह आमतौर पर अपनी कुल संपत्ति का 40 से 60% लार्ज कैप कंपनियों के स्टॉक्स में, 20 से 35% मिड कैप कंपनियों के स्टॉक्स में तथा 10 से 15 परसेंट स्मॉल कैप कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करते हैं।

हर तरह की बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करने के कारण डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड्स मीडियम रिस्क, मीडियम गेन फंड्स माने जाते हैं।

9. डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड्स ( Dividend Yield Equity Funds )

डिविडेंड यील्ड फंड, ऐसे इक्विटी फंड्स होते हैं जो अपनी कुल संपत्ति का ज्यादा से ज्यादा प्रतिशत उन स्टॉक्स में निवेश करते हैं जो हाई डिविडेंड यील्ड स्टॉक्स होते हैं। यह फंड्स उन इन्वेस्टर्स के द्वारा ज्यादा पसंद किए जाते हैं जो पूंजीगत लाभ के साथ-साथ एक नियमित आय के लक्ष्य के साथ निवेश करते हैं।

यह फंड्स डिविडेंड यील्ड स्ट्रेटजी को अपनाकर अपनी कुल संपत्ति का न्यूनतम 65 प्रतिशत उन कंपनियों में निवेश करते हैं जो उच्च और नियमित लाभांश प्रदान करती हैं।

10. वैल्यू इक्विटी फंड्स ( Value Equity Funds )

ये वे इक्विटी फंड्स होते हैं जो वैल्यू इन्वेस्टिंग कंपनीज में निवेश करते हैं। स्टॉक मार्केट में बहुत सारी ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने किसी कारण से लोगों का भरोसा खो दिया है, लेकिन फिर भी वह अपने सिद्धांतों को बनाए रखे हुए हैं। जिसके कारण इन कंपनियों के स्टॉक की कीमत अंडरवैल्यूड हो जाती है। वारेन बुफेट भी इसी वैल्यू इन्वेस्टिंग सिद्धांत को अपनाकर निवेश करते हैं।

11. कॉण्ट्रा इक्विटी फंड्स ( Contra Equity Funds )

यह फंड्स अपनी इक्विटी का न्यूनतम 65 प्रतिशत ऐसे अंडर परफॉर्मिंग स्टॉक्स में निवेश करते हैं जो सस्ते वैल्यूएशन के कारण लॉन्ग टर्म में अच्छा प्रदर्शन करते हैं। इनका मकसद फंडामेंटल प्राइस से कम कीमत पर ऐसे स्टॉक्स खरीदने का होता है जो लंबे समय में अच्छा प्रदर्शन करें और निवेशकों को अच्छे रिटर्न कमा कर दें। यह फंड्स इस विश्वास के साथ इन अंडर परफॉर्मिंग स्टॉक्स में निवेश करते हैं कि दीर्घकाल में स्टॉक्स स्थिर हो जाएंगे और अपने वास्तविक मूल्य पर आ जाएंगे।

12. फोकस्ड इक्विटी फंड्स ( Focused Equity Funds )

फोकस्ड फंड इक्विटी फंड्स कमीशन होते हैं जो लार्ज कैप, मिड कैप, स्माल कैप और मल्टीकैप फंड्स में निवेश करते हैं। सेबी की गाइडलाइंस के अनुसार फोकस्ड फंड्स केवल 30 स्टॉक्स में ही निवेश कर सकते हैं। फोकस्ड फंड कुल संपत्ति का न्यूनतम 65 प्रतिशत इक्विटी में निवेश कर सकते हैं।

Equity Funds Kya Hain? । Types Of Equity Funds In India

Equity Funds Kya Hain? । Types Of Equity Funds In India

इनके इक्विटी फंड्स क्या हैं? बारे में भी पढ़े -:

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NPS Pension: अब हर महीने रिटायरमेंट के बाद मिलेंगे 2 लाख रुपये, सरकारी स्कीम का उठाए फायदा

करोड़पति बनने के लिए किसी रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं बल्कि रेगुलर निवेश और सही स्कीम चुनने की जरूरत होती है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप रिटायरमेंट के बाद हर महीने 2 लाख रुपये तक की पेंशन ले सकते है.

NPS Pension: अब हर महीने रिटायरमेंट के बाद मिलेंगे 2 लाख रुपये, सरकारी स्कीम का उठाए फायदा

HR Breaking News, Digital Desk- बुढ़ापे के खर्चे की चिंता सभी को होती है. अगर आप भी चाहते हैं कि आपका बुढ़ापा सुरक्षित हो और आपको बुढ़ापे में पैसे कि दिक्कत न हो तो आप पहले से प्लानिंग शुरू कर दें. रिटायरमेंट (Retirement) के लिए पैसे बचाने की शुरुआत तभी कर देनी चाहिए जिस दिन आपकी नौकरी शुरू हो. दरअसल, आप जितनी जल्दी सेविंग्स की शुरुआत करेंगे रिटायरमेंट तक आपको उतना ही ज्यादा पैसा मिलेगा. रिटायरमेंट फंड जमा करने के लिए आपके पास बहुत सारे निवेश विकल्प मौजूद हैं जैसे EPF, NPS, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड्स, रियल एस्टेट वगैरह.

सरकार चला रही है कई योजनाएं-

इक्विटी फंड्स क्या हैं?
आपके रिटायर्मेंट को सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं बनाई है, जहां पर आप निवेश कर सकते है. अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आप भी यह जरूर सोचते होंगे कि जब आप रिटायर हों तो आपको पेंशन के तौर पर हर महीने मोटी रकम मिले. लेकिन इसके लिए आपको आज से ही निवेश करना होगा, ताकि 60 साल के बाद आपका बुढ़ापा सिक्योर रह सके.

क्या है NPS योजना-


नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक सरकारी पेंशन योजना है, जिसमें इक्विटी और डेब्ट इंस्ट्रूमेंट दोनों में शामिल है. NPS को सरकार की तरफ से गारंटी मिलती है. रिटायरमेंट के बाद ज्यादा मासिक पेंशन पाने के लिए आपको NPS योजना में निवेश करना चाहिए.

आयकर में मिलेगी छूट-


NPS पेंशन योजना सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), सुकन्या समृद्धि योजना आदि की तरह ही सरकारी योजना है. इसमें कोई भी इन्वेस्टर maturity अमाउंट का सही इस्तेमाल कर अपनी मासिक पेंशन राशि को ज्यादा बढ़ा भी सकता है. NPS के जरिए आप सालाना 2 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं. इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत आप अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं. अगर आप NPS में निवेश करते हैं तो आपको 50,000 रुपये तक का अतिरिक्त टैक्स छूट मिलेगा.

2 लाख रुपये मिलगी मासिक पेंशन-


NPC में 40 सालों तक हर महीने 5000 रुपये जमा करने पर आपको 1.91 करोड़ रुपये मिलेंगे. इसके बाद आपको मैच्युरिटी अमाउंट के निवेश पर 2 लाख मासिक पेंशन मिलेगी. इसके तहत आपको Systematic Withdrawal Plan (SWP) इक्विटी फंड्स क्या हैं? से 1.43 लाख रु और 63,768 रुपये का मासिक रिटर्न भी मिलेगा. इसमें निवेशक के जिंदा रहते तक वार्षिकी से 63,768 रुपये मासिक पेंशन मिलती रहेगी.

20 साल में 63,768 रु मासिक पेंशन-


यदि आप 20 साल से लेकर सेवानिवृति तक हर महीने 5000 रु निवेश करते है तो 1.91 करोड़ से 1.27 करोड़ की एक मुश्त maturity अमाउंट मिलेगा. इसके बाद 6% रिटर्न से 1.27 करोड़ रुपये पर आपको हर महीने 63,768 रु मासिक पेंशन मिल सकता है.

NPS दो तरह के होते हैं-


NPS दो तरह के होते हैं, NPS टियर 1, और NPS टियर -2. टियर-1 में न्यूनतम निवेश 500 रुपये है जबकि टियर-2 में 1000 रुपये है. हालांकि इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होती है. NPS में निवेश के तीन विकल्प मिलते हैं, जिसमें निवेशक को ये चुनना होता है कि उसका पैसा कहां निवेश किया जाएगा. इक्विटी, कॉर्पोरेट डेट और सरकारी बॉन्ड्स. इक्विटी में ज्यादा एक्सपोजर होने पर इसमें रिटर्न भी ज्यादा मिलता है. ध्यान रहे कि कोई भी निवेश आप अपने निवेश सलाहकार से बातचीत करके ही करें.

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अब रिटायरमेंट के बाद हर माह मिलेंगे 2 लाख रुपए, बस करना होगा ये काम

नईदिल्ली। NPS Pension On investing will you get Rs 2 lakh जैसे जैसे उम्र ढलती जाती है सबसे बड़ी चिंता होती है घर के खर्चें। इस बुढ़ापे में न तो आप काम कर सकते है और न ही पैसे कमा सकते है। अगर ऐसी स्थिति में आप चाहते है कि बुढ़ापा सुरक्षित रहे और पैसे की परेशानियां न हो तो आप बुढ़ाापा आने से पहले ही प्लानिंग कर ले।

NPS Pension On investing will you get Rs 2 lakh रिटायरमेंट के लिए पैसे बचाने की शुरुआत तभी कर देनी चाहिए जिस दिन आपकी नौकरी शुरू हो। अगर आप अभी से अपना पैसा सेविंग करते होंगे तो रिटायरमेंट के बाद यही पैसा आपका बहुत काम आएगा। रिटायरमेंट फंड जमा करने के लिए आपके पास बहुत सारे निवेश विकल्प मौजूद हैं जैसे EPF, NPS, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड्स।

वहीं केंद्र सरकार आपकी रिटायमेंट को सुरक्षित करने के लिए केंद्र सरकार ने कई योजनाएं बनाई है। जहां आप ​निवेश करके आसानी से अपने बुढ़ापे के समय पैसा कमा सकते है। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आप भी यह जरूर सोचते होंगे कि जब आप रिटायर हों तो आपको पेंशन के तौर पर हर महीने मोटी रकम मिले।

नेशनल पेंशन सिस्टम

नेशनल पेंशन सिस्टम ये केंद्र सरकार की सरकारी पेंशन योजना है। जिसमें इक्विटी और डेब्ट इंस्ट्रूमेंट दोनों में शामिल है। इसमें आपको सरकार की तरफ से गारंटी भी मिलती है। अगर आप अपने बुढ़ापे को सुरक्षित करना चाहते है तो इसमें आप निवेश कर सकते है।

NPC में 40 सालों तक हर महीने 5000 रुपये जमा करने पर आपको 1.91 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके बाद आपको मैच्युरिटी अमाउंट के निवेश पर 2 लाख मासिक पेंशन मिलेगी। इसके तहत आपको Systematic Withdrawal Plan (SWP) से 1.43 लाख रु और 63,768 रुपये का मासिक रिटर्न भी मिलेगा।

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