डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?

उदाहरण के लिए; टाटा मोटर्स के 100 शेयर, इन्फोसिस के 50 शेयर आदि। इससे पता चलता है कि पूर्व में जारी किए गए प्रमाणपत्र अब डीमैट खाते में डिजिटल रूप में निवेशक को दिखाई दे रहे हैं। इसे डीमैट खाता कहा जाता है।
Demat Account| डिमॅट वास्तव में क्या है?
मोबाइल और इंटरनेट क्रांति के कारण आज हर कोई एक उंगली के स्पर्श पर वित्तीय लेनदेन कर रहा है। कोरोना महामारी के बाद लोगों को एक नया क्षेत्र की पहचान हुई। वह क्षेत्र है शेयर बाजार। शेयर बाजार में निवेश और ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है। लेकिन ज्यादातर लोगों के लिए डीमैट क्या है? इसकी प्रक्रिया में खाता खोलने के तरीके की जानकारी नहीं होती है। इस संबंध में हम Demat Account के बारे में विस्तृत जानकारी देखने का प्रयास करते है ।
Demat Account क्या होता है ?
Demat Account (डीमैट) का मतलब अंग्रेजी में Dematerialization है। (भौतिक रूप का आभासी रूप) पहले कंपनियां अपने शेयरधारकों को शेयर प्रमाणपत्र के रूप में शेयर जारी करती थीं। लेकिन 1996 में डिपॉजिटरी एक्ट लागू होने के बाद सर्टिफिकेट जारी करना बंद कर दिया गया और निवेशकों को डिजिटल फॉर्मेट में निवेश की सुविधा उपलब्ध करा दी गई।
डिपॉजिटरी क्या है?
हमारे देश में दो डिपॉजिटरी संस्था हैं, एक नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और दूसरा सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) है। कोई भी व्यक्ति या संस्था प्रत्यक्ष डिपॉजिटरी संस्था मे जाकर डीमैट खाता नहीं खोल सकता है।
उसके लिए डिपॉजिटरी की ओर से उनके पार्टिसिपेंट नियुक्त किए जाते हैं, उन्हें डीपी (डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट) या स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है। और यह एक तरह से डिपॉजिटरी के एजेंट का काम करते हैं। इन सभी पर सेंट्रल एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी का पूरा कंट्रोल होता है।
Depository Participant के रूप मे विभिन्न वित्तीय संस्थान, राष्ट्रीयकृत बैंक, सरकारी बैंक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स के रूप में काम कर रहे हैं।
उदा. Zerodha, Upstox, AngelOne, Alice Blue, HDFC Bank, ICICI Bank Direct,इत्यादी.
Demat Account | डीमैट खाता कैसे खोलें?
डीमैट खाता खोलने के लिए आपको सबसे पहले स्टॉक ब्रोकर (डीपी) का चयन करना होगा।
उदा. Zerodha , Upstox, AngelOne, Alice Blue , HDFC Bank, ICICI Bank Direct,इत्यादी. स्टॉक ब्रोकर(DP) द्वारा प्रदान किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर निम्नलिखित दस्तावेजों के आधार पर आवेदन करना होगा
1. जो व्यक्ति डीमैट खाता खुलवाना चाहता है उसके लिए पैन कार्ड होना अनिवार्य है अगर उसके पास पैन कार्ड नहीं है तो वह व्यक्ति डीमैट खाता नहीं खोल पाएगा।
2. संबंधित व्यक्ति का राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता होना अनिवार्य है। उस खाते का पिछले छह महीने का बैंक स्टेटमेंट होना जरूरी है।
3. संबंधित व्यक्ति की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। यदि आयु 18 वर्ष से कम है तो माता-पिता आवेदन कर सकते हैं।
4. साथ ही पते और फोटो के सबूत के तौर पर संबंधित व्यक्ति के पास पासपोर्ट, आधार कार्ड, इलेक्शन आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड जैसी फोटो आईडी होनी चाहिए।
Demat account में 1 अक्टूबर से नहीं कर पाएंगे लॉग-इन, अगर नहीं किया ये जरूरी काम
अगर आप डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? डीमैट अकाउंट होल्डर हैं और इसके ज़रिए स्टॉक मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है.
Demat account: अगर आप डीमैट अकाउंट होल्डर हैं और इसके ज़रिए स्टॉक मार्केट में शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) द्वारा 14 जून को जारी सर्कुलर के अनुसार, डीमैट अकाउंट होल्डर्स के लिए 30 सितंबर, 2022 तक टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल करना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर आप अपने अकाउंट में लॉग-इन नहीं कर पाएंगे. ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर Zerodha ने अपनी वेबसाइट पर कहा है, “नए एक्सचेंज नियमों के अनुसार, 30 सितंबर 2022 से पहले अपने अकाउंट में TOTP 2Factor लॉगिन इनेबल करना अनिवार्य है. ऐसा न करने पर आप Kite (इसके इन-हाउस ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) में लॉग इन नहीं कर पाएंगे.
NSE ने अपने सर्कुलर में क्या कहा
इस सर्कुलर में कहा गया है, “सदस्य अपने डीमैट अकाउंट में लॉग-इन करने के लिए ऑथेंटिकेशन फैक्टर्स में से एक के रूप में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं.” दूसरा तरीका “नॉलेज फैक्टर” हो सकता है, जिसके तहत पासवर्ड या पिन के रूप में कुछ ऐसा होना चाहिए, जो केवल यूजर को पता हो. इसके अलावा, या एक “पोजेशन फैक्टर” भी हो सकता है. इसका एक्सेस केवल यूजर के पास होता है. जैसे- स्मार्टफोन या डेस्कटॉप पर वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी), सिक्योरिटी टोकन या ऑथेंटिकेटर ऐप्स. ग्राहकों को ईमेल और एसएमएस दोनों के माध्यम से ओटीपी होगा. ऐसे मामलों में जहां बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन संभव नहीं है, वहां सर्कुलर के मुताबिक सदस्यों को नॉलेज फैक्टर (पासवर्ड/पिन), पोजेशन फैक्टर (ओटीपी/सिक्योरिटी टोकन) और यूजर आईडी का इस्तेमाल करना होगा.
Zerodha का बयान
ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? Zerodha ने अपनी वेबसाइट पर कहा, “नए एक्सचेंज नियमों के अनुसार, 30 सितंबर 2022 से पहले अपने अकाउंट में TOTP 2Factor लॉगिन इनेबल करना अनिवार्य है. ऐसा न करने पर आप Kite (इसके इन-हाउस ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म) में लॉग इन नहीं कर पाएंगे. TOTP का मतलब टाइम-बेस्ड वन-टाइम पासवर्ड है. Zerodha ने कहा कि यह TOTP केवल एक छोटी अवधि के लिए वैलिड होगी – आमतौर पर 30 सेकंड. हर 30 सेकंड में इसे री-जनरेट किया जा सकेगा.
सर्कुलर के अनुसार, बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का इस्तेमाल पासवर्ड/पिन या ओटीपी/सिक्योरिटी टोकन के साथ किया जाएगा. हालांकि, जहां बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन संभव नहीं है, वहां ओटीपी/सिक्योरिटी टोकन के साथ पासवर्ड/पिन का उपयोग करके डीमैट खातों में लॉगिन की अनुमति दी जाएगी. Upstox के यूजर्स को ओटीपी और पिन डालना होगा. मोबाइल लॉगिन के मामले में ओटीपी या पिन डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? के साथ बायोमेट्रिक्स का उपयोग किया जाएगा. Zerodha के अनुसार, TOTP प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति को अपने पीसी या मोबाइल फोन पर नीचे दिए गए ऐप्स में से एक ऐप डाउनलोड करना होगा:
डीमैट अकाउंट कितने प्रकार के होते हैं?
डीमैट अकाउंट 3 प्रकार के होते हैं –
- रेगुलर डीमैट अकाउंट
- रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट
- नॉन-रिपेट्रिएबल डीमैट अकाउंट
रेगुलर डीमैट अकाउंट
रेगुलर डीमैट अकाउंट सिर्फ उन इन्वेस्टर के लिए उपलब्ध हैं जो भारतीय हैं। रेगुलर डीमैट अकाउंट उन इन्वेस्टर के लिए उपयुक्त है जो अपने खुद के शेयरों से निपटते हैं। रेगुलर डीमैट अकाउंट इन्वेस्टर को शेयरों के तेजी से ट्रांज़ैक्शन करने की इजाजत देता है।
इन्वेस्टर अपने शेयर को रेगुलर डीमैट अकाउंट से दुसरे संस्थानों में ट्रांसफर कर सकते हैं ताकि बिना किसी शुल्क के शेयरों के सभी रिकॉर्ड रेगुलर डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक कॉपी के रूप में इकठ्ठा किये जाते हैं। रेगुलर डीमैट अकाउंट सभी बैंकों और डिस्काउंट ब्रोकर द्वारा ऑफर किया जाता है।
ऑनलाइन डीमैट खाता कैसे खोलें | Demat account kaise khole in hindi
नीचे ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने के लिए कुछ स्टेप दिए गए डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? हैं जिन्हें फॉलो करके आप अपना डीमैट अकाउंट बना सकते हैं –
- अपनी पसंदीदा डीपी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं।
- अपना नाम, फोन नंबर और निवास पूछने वाले फॉर्म को भरें। इसके बाद आपको अपने दिए गये मोबाइल नंबर पर एक OTP प्राप्त होगा।
- अगले फॉर्म पर जाने के लिए OTP दर्ज करें। अपने केवाईसी विवरण जैसे – जन्म तिथि, पैन कार्ड, संपर्क विवरण, बैंक खाता विवरण भरें।
- अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है और डीमैट अकाउंट नंबर जैसे विवरण अपने ईमेल और मोबाइल पर प्राप्त हो जाएंगे।
कुछ और भी: एक इन्वेस्टर के पास कई अकाउंट हो सकते हैं। ये अकाउंट एक ही डीपी, या अलग डीपी के साथ हो सकते हैं। जब तक इन्वेस्टर सभी अनुप्रयोगों के लिए kyc विवरण प्रदान कर सकता है, तब तक वे कई डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं।
Demat Account Ke Fayde
पिछले कुछ सालो में तकनीकी प्रगति के कारण डीमैट अकाउंट रखने के बहुत सारे फायदे प्राप्त किए हैं जो निम्न हैं –
- कारोबारी अपनी सुविधा के मुताबिक लेन-देन कर सकते हैं, जिससे यह आसान और समय की बचत करने वाला बन सकता है।
- लेन-देन रजिस्टर करने के लिए कोई कठिन कागजी कार्रवाई जरूरी नहीं है।
- शेयर प्रमाण पत्र, बांड, आदि की भौतिक डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? प्रतियों (physical copies) की चोरी, देरी, या धोखाधड़ी का कोई खतरा नहीं है क्योंकि copies को इलेक्ट्रॉनिक रूप में संग्रहीत किया जाता है।
- ऋण के साथ–साथ इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स रखने के लिए आपके पास एक एकीकृत मंच (integrated platform) है।
- बोनस, विभाजन, विलय, समेकन आदि के मामले में automatic क्रेडिट डीमैट खाते में पंजीकृत जाते हैं।
- कई संचार जरूरतों को खत्म करता है प्रत्येक हितधारक (stakeholder) के लिए कंपनी, कारोबारी, इन्वेस्टर से संपर्क करने की जरूरत को हटाने के लिए लेनदेन के बारे में इलेक्ट्रॉनिक अलर्ट के जरिये से सूचित किया जाता है।
- पते में बदलाव को डिपॉजिटरी प्रतिभागी (Participant) के जरिये से इन्वेस्टर द्वारा इन्वेस्ट की गई हर कंपनी के साथ अपडेट किया जाता है।
- पहले के विपरीत जब शेयरों का लेन-देन सिर्फ (एक साथ कई) में किया जाता था अब एक शेयर डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? को खरीदा/बेचा जा सकता है ।
- स्टाम्प ड्यूटी लागतों के हटने से, जो अन्यथा पहले प्रतिभूतियों (securities) के भौतिक अभिलेखों (physical records) से जुड़े थे, कारोबार की लागत में जरूर कमी हुई है।
Demat Account Ke Nuksan
डीमैट अकाउंट कुछ नुक्सान निम्न हैं –
- आपको तकनीकी जानकारी होनी चहिये।
- पोर्टफोलियो का लगातार बदलते रहना।
- Account freezing problem
- Annual maintenance charge
- Regular supervision of your demat account
- High frequency of trading
डीमैट अकाउंट कैसे खोले ?
दोस्तों क्या आप Demat Account खोलना चाहते है पर नही जानते कि Demat Account कैसे खोले, तो अंत तक बने रहिए। जिस तरह बैंक में एक चालू और बचत, खाते का संचालन होता है ठीक वैसे ही Demat Account ने डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? Share Market में ट्रेडिंग और निवेश को बना दिया है.
जब कोई डीमैट खाता खोलता है तो निवेशको को कई विकल्प दिए जाते है और ये तय करना होगा आपको किस डीपी का चयन करना है. यहाँ एक बात की जानकारी जरुर होनी चाहिए कि जब भी आपके डीमैट अकाउंट में ट्रांजेक्शन होता है तो उसका चार्ज Pay करता पड़ता है इसके बारे में आपको नीचे विस्तार से बताया गया है. हर एक ब्रोकर का अपना अलग Charge होता है इसलिए पहले आप सभी ब्रोकर्स फर्म्स के Charges Plan के बारे में जानकारी हासिल करे तभी डीमैट अकाउंट ओपन करवाएं.
डीमैट अकाउंट कैसे खोले ?
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए निवेशक को सेबी से पंजीकृत डिपोजटरी Particioent के साथ डीमैट अकाउंट खोलने की आवश्यकता है. डीमैट अकाउंट 3 दिन में खुल जायेगा और इसको खोलने डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? के लिए आपको डिजिटल फॉर्म भरना होगा. जिसके बाद आपके कुछ जरुरी दस्तावेज लगेंगे जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि. आपको इन पर्सन वेरिफिकेशन करना होगा जिसे ब्रोकर करते है. डीमैट अकाउंट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीको से खोला जा सकता है और नीचे आप ऑनलाइन डीमैट अकाउंट और ऑफलाइन डीमैट अकाउंट खोलने के बारे में जान पाएंगे.
अगर आप डीमैट अकाउंट खोलना चाहते है तो आपके पास नीचे बताये गये सभी जरुरी दस्तावेज होना जरुरी है. इनमे से एक भी नही होगा तो आपका अकाउंट Open नही होगा.
- पहचान प्रमाण पत्र
- आपका एड्रेस प्रूफ
- आय प्रमाण पत्र
- आपका पैन कार्ड
- बैंक का प्रमाण / कैंसल चैक
- 3 पासपोर्ट आकार वाली फोटो
डीमैट अकाउंट के शुरूआती और सालाना Charges कितने होते है
डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए अलग अलग शुल्क है ये 6 तरह के Charges होते है आइये जानते है इनके बारे में ..
डीमैट अकाउंट खुलवाने पर आपको जो शुल्क देना होगा उसे अकाउंट ओपनिंग चार्ज कहते है और ये वन टाइम Free होती है। यानी पहली बार अकाउंट खुलवाने पर आपको कोई पैसा नही देना होगा. जबकि कुछ बैंक अकाउंट क्लोजिंग चार्ज भी लेते है.
ब्रोकर चार्ज
आप अपने अकाउंट से जो भी शेयर खरीदते और बेचते हो उसपर ब्रोकर का चार्ज बनता है और सभी ब्रोकर के अलग अलग चार्ज होते है.
फंड ट्रांसफर चार्ज
पेमेंट, NEFT/RTGS/IMPS और चेक से ट्रांसफर किये फंड के लिए ब्रोकर कोई चार्ज नही लेते है.
सालना चार्ज
ब्रोकर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट पर सालभर का मेंटेनेंस चार्ज लगाते है जोकि 150 रूपये से लेकर 900 रूपये तक होते है.
डीमैट खाते के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प कैसे चुनें (इनेबल करें)
भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के साथ पासवर्ड/पिन अथवा OTP/सुरक्षा टोकन में से एक विकल्प चुन कर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल किया जा सकता है। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा यदि उपलब्ध नहीं है तो उसके स्थान पर डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए पासवर्ड/पिन के साथ OTP/सुरक्षा टोकन के विकल्प चुने जा सकते हैं।
माहेश्वरी ने बताया, “हर बार बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन के जरिए डीमैट खाते में लॉग इन करना संभव नहीं हो सकता। खासकर जब लॉग इन डेस्कटॉप पर किया जा रहा हो। ऐसे में 1 अक्टूबर के बाद खाते में लॉग इन करने के लिए स्टॉकब्रोकरों द्वारा दोनों विकल्प, डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? पासवर्ड के साथ ओटीपी का प्रयोग किया जा सकता है।” निवेशकों को अपने स्टॉकब्रोकर्स से इस विषय में जानकारी जरूर ले लेनी चाहिए कि 1 अक्टूबर से वे किस विकल्प के साथ डीमैट खाते में लॉग इन कर सकते हैं।
डीमैट अकाउंट क्या होता है
Demat account login new rules: भारतीय स्टॉक एक्सचेंज द्वारा 14 जून, 2022 को जारी किए गए सर्कुलर के अनुसार यदि डीमैट खाताधारकों ने अपने खाते में 30 सितंबर, 2022 तक टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प नहीं चुना (इनेबल नहीं किया) तो अब वे अपने खाते में लॉग इन नहीं कर सकेंगे।
सर्कुलर के अनुसार खाताधारक द्वारा लॉग इन करने के लिए बायोमीट्रिक ऑथेंटिकेशन को एक विकल्प के रूप में प्रधानता देना बेहतर होगा। दूसरे स्टेप के लिए वे ऐसी जानकारी का विकल्प चुनें जो सिर्फ खाताधारक को ही मालूम हो जैसे कि पासवर्ड, पिन या फिर पजेशन फैक्टर।
ऑनलाइन स्टॉकब्रोकर जेरोधा (Zerodha) ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, “विनिमय के नए नियमों के अनुसार 30 सितंबर, 2022 तक डीमैट खाते में लॉग इन करने के लिए TOTP टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन का विकल्प चुनना (इनेबल करना) अनिवार्य होगा। ऐसा न करने पर खाताधारक काइट (Kite) में लॉग इन नहीं कर सकेंगे”। काइट (Kite), स्टॉकब्रोकिंग कंपनी का अपना कारोबारी प्लेटफॉर्म है।