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डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
डेलॉयट इंडिया में पार्टनर होम मिस्‍त्री कहते हैं कि अगर शौर्य पजेशन लेने से पहले घर को बेचते हैं तो फायदा उस स्थिति में लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन में आएगा अगर उन्‍होंने इस पर कम से कम तीन साल अधिकार रखा है. इस पर 20 फीसदी की दर से टैक्‍स लगेगा. साथ ही लागू सरचार्ज और सेस भी वसूला जाएगा. ऐसा नहीं होने पर इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर उनकी इनकम पर लागू स्‍लैब रेट से टैक्‍स लगेगा.

Stock Market में नुकसान से बचना है तो इन 8 बातों को गांठ बांध लें, वरना पड़ेगा पछताना

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published on: May 26, 2022 10:11 IST

Share Market - India TV Hindi News

Photo:FILE

Stock Market में लगातार गिरावट से निवेशक परेशान हैं। इस गिरावट में सबसे ज्यादा नुकसान छोटे निवेशकों को हो रहा है। ऐसे में अगर आप भी डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान शेयर बाजार में निवेश करते हैं और बीते कुछ महीनों की गिरावट से अपनी गाढ़ी कमाई गवां रहें हैं तो जल्द सचेत हो जाइए। शेयर बाजार के तमाम एक्सपर्ट अपनी कमाई की रोटी सेकते हैं। उनको आपके डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान नुकसान से कोई फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे में आपकी डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान समझदारी और सही फैसला ही आपको नुकसान से बचा सकता है। इसी को देखते हुए हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं जिसको फॉलो कर आप बाजार टूटने के बावजूद भयंकर नुकसान से बच सकते हैं। तो आइए, एक नजर डालते हैं उन 8 अहम बातों पर जिसको हर निवेशक को फॉलो करना चाहिए।

शेयर ट्रेडिंग से हुई इनकम पर कैसे टैक्‍स लगता है?

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शेयर ट्रेडिंग से डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान हुए फायदे या नुकसान को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) या लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर क्‍लासिफाई करना होगा.

एकेएम ग्‍लोबल में पार्टनर अमित माहेश्‍वरी कहते हैं, चूंकि पार्थ की शेयर ट्रेडिंग से इनकम है. इसलिए उन्‍हें इनकम टैक्‍स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने के लिए आईटीआर-2 का इस्‍तेमाल करना होगा.

हालांकि, पार्थ अगर इंट्रा-डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो उसे स्‍पेकुलेटिव बिजनेस के तौर पर देखा जाएगा. उस स्थिति में उन्‍हें आईटीआर-3 में अपना रिटर्न फाइल करने की जरूरत होगी. इसके अलावा शेयर ट्रेडिंग से हुए फायदे या नुकसान को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस (एसटीसीजी) या लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस के तौर पर क्‍लासिफाई करना होगा. शेयर से हुए गेंस को अगर एक साल तक रखा जाता है तो उसे एसटीसीजी में वर्गीकृत किया जाता है. वहीं, अगर इसे एक साल से ज्‍यादा समय के लिए रखा जाता है तो यह एलटीसीजी में क्‍लासिफाई होता है.

शेयर बाजार के नए निवेशक कैसे बचें नुकसान से, इन दस बातों को जरूर सीखें

शेयर बाजार

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 13, 2021, 10:04 IST

कोरोना संकट में जहां बाकी सेक्टर में बिजनेस काफी प्रभावित हुआ, वहीं शेयर बाजार में नए निवेशक तेजी से बढ़े हैं. कोरोना संकट के शुरुआती दौर में पिछले साल मार्च में शेयर बाजारों में तेज गिरावट आई। लॉकडाउन में ढ़ील के बाद फिर से बाजारों में तेज रिकवरी हुई. इस दौरान बहुत तेजी से शेयर बाजार में नए निवेशक बढ़ें. पिछले एक साल में रिकॉर्ड संख्या में नए डिमैट अकाउंट खुले हैं.
हालांकि इस दौरान बाजार बहुत ही उतार-चढ़ाव वाला रहा. शेयर बाजार में आए नए या युवा निवेशक अक्सर कुछ सामान्य गलतियां करते हैं. इस वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. किसी निवेशक को कुछ बुनियादी बातों को जरूर सीखना चाहिए और सामान्य सी गलतियां करने से बचना चाहिए.

Income Tax on Share Market Earning: जानिए शेयर बाजार से हुई कमाई पर कैसे लगता है इनकम टैक्स, समझ लेंगे तो होगा फायदा ही फायदा!

how taxation done on earnings from share market, see how much income tax you have to pay

Income Tax on Share Market Earning: जानिए शेयर बाजार से हुई कमाई पर कैसे लगता है इनकम टैक्स, समझ लेंगे तो होगा फायदा ही फायदा!

शेयर बाजार में अगर आप एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसी दिन शाम तक बेच देते हैं तो इसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान कहा जाता है। इस तरह से हुई कमाई को स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है। वहीं फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई को नॉन-स्पेक्युलेटिव बिजनस इनकम कहा जाता है। इंट्रा-डे और फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होता है। यानी 2.5 लाख रुपये तक की कुल कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, उसके ऊपर टैक्स डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा।

शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स

अगर आप शेयर बाजार में 1 साल से कम और 1 दिन से अधिक के लिए शेयर खरीदते हैं तो इससे हुए कमाई शॉर्ट टर्म कैपिल गेन कहलाती है। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर आपको फ्लैट 15 डे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान फीसदी टैक्स देना होता है। हालांकि, अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये तक ही है, तो आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि आप कौन से टैक्स स्लैब में आते हैं।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स

अगर शेयर बाजार में आप 1 साल से अधिक की अवधि के लिए शेयर खरीदते हैं तो 1 साल बाद उसे बेचने से हुई कमाई लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहलाती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 1 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता है, जबकि उससे अधिक की कमाई पर फ्लैट 10 फीसदी का टैक्स लगता है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस टैक्स स्लैब में आते हैं। हालांकि, अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये तक ही है, तो आपको कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है।

Intraday trading | इन्ट्रा डे ट्रेडिंग क्‍या है?

Intraday Trading

दोस्‍तों अगर आप शेयर बाजार में काम करते हैं या शेयर बाजार की थोडी सी जानकारी भी रखते हैं तो आपने एक शब्‍द बार बार सुना होगा जो कि अभी शेयर बाजार में बहुत ज्‍यादा प्रचलित है Intraday trading. क्‍या आप जानते हैं कि ये Intraday trading होता क्‍या है? आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं

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