क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं

Jagran Trending: जानें किन देशों में क्रिप्टोकरेंसी है वैध और किन देशों ने लगाई है पाबंदी
अगर आप बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) में निवेश कर मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि बिटकॉइन आपके देश में लीगल भी या नहीं? इसीलिए आज हम आपको यहां बताएंगे कि बिटकॉइन कहां लीगल है और कहां अवैध।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) खरीदने-बेचने या उसमें निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं? अगर आपका जवाब हां है, तो सबसे पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी आखिर आपके देश में लीगल है भी या नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सभी देशों में अलग-अलग नियम हैं। उनमें से कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल रुपये की जगह पर इस्तेमाल किया जा सकता है। मतलब क्रिप्टोकरेंसी से हर वो काम किए जा सकते हैं, जो कि नॉर्मल करेंसी से होते हैं। हालांकि कुछ अन्य देशों में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने पर आपको जेल हो सकती है। वहीं, कुछ देशों ने तो इसे विनियमित करने की जहमत तक नहीं उठाई है, क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी अधर में छोड़ दिया है। आइए इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं कि आखिर बिटकॉइन (क्रिप्टोकरेंसी) क्या है और कहां प्रतिबंधित है? कहां कानूनी हैं और कहां न तो कानूनी और न ही अवैध है?
क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल या डिजिटल करेंसी है। क्रिप्टोकरेंसी कई तरह की होती है। इसमें से बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है। बिटकॉइन की तरह ही कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। बिटकॉइन एक फेमस क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे आप छू तो नहीं सकते, लेकिन रख सकते हैं। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होती है, लेकिन काम वैसे ही करती है। इस करेंसी को वर्चुअल स्पेस में भी रखा जा सकता है। हालांकि, यह अभी भारत में लीगल नहीं है। सरकार ने ऐसी मुद्रा को मंजूरी नहीं दी है।
इन देशों में प्रतिबंधित है बिटकॉइन
दुनिया के अधिकांश हिस्सों में आमतौर पर क्रिप्टोकरेंसी का स्वागत किया जाता है। फिर भी कुछ देशों ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है, जिनमें अल्जीरिया, बोलीविया, बांग्लादेश, मिनिकन गणराज्य, घाना, नेपाल, मैसेडोनिया गणराज्य, कतर, वनुआटू देश मुख्य रूप से शामिल हैं। कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां क्रिप्टोकरेंसी कानूनी रूप से प्रतिबंधित हैं। ऐसे देशों में बिटकॉइन कुछ हद तक प्रतिबंधित है और इसका व्यापार या भुगतान के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है। इनमें बहरीन, चीन, हॉगकॉग, ईरान, कजाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, टर्की और वियतनाम मुख्य देश हैं।
वे देश जहां बिटकॉइन कानूनी है
कम से कम 111 राज्य ऐसे हैं, जहां बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कानून द्वारा मान्यता प्राप्त है। उदाहरण के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा जैसे प्रमुख देश क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आम तौर पर क्रिप्टो-फ्रेंडली रवैया अपनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चिली, फिनलैंड, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, आयरलैंड, जापान, लिथुआनिया, मॉरीशस, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त अरब अमीरात और वेनेजुएला ऐसे देश हैं, जहां बिटकॉइन पूरी तरह से कानूनी है।
इन देशों में ऑफिशियल लीगल टेंडर है क्रिप्टोकरेंसी
अल साल्वाडोर (El Salvador - Country in Central America) यह अब तक का एकमात्र देश है, जो क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता देता है। इसे निवेशकों के जोखिम के रूप में मान्यता दी गई थी। यदि भविष्य में अधिक से अधिक देश क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं क्रिप्टोकरेंसी को अपनाना शुरू करते हैं, तो अल सल्वाडोर का कदम इतिहास में एक उल्लेखनीय मिसाल हो सकता है।
वे देश जहां बिटकॉइन न तो कानूनी है और न ही अवैध
कुछ देशों ने अभी भी यह तय नहीं किया है कि बिटकॉइन का क्या किया जाए। इन देशों में कोई स्पष्ट नियम या कानूनी सुरक्षा नहीं है। ये देश अभी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने में लगे हुए हैं। ऐसे देशों में भारत के अलावा कई देश शामिल हैं, जिनमें प्रमुख देश अल्बानिया, अफगानिस्तान, अर्जेंटीना, ब्रिटिश वर्जिन आईलैन्ड्स, कंबोडिया, क्यूबा, पाकिस्तान और केन्या भी शामिल हैं।
क्यों भारत में लीगल नहीं है क्रिप्टोकरेंसी?
आपने ऊपर पढ़ा कि कितने देशों में Cryptocurrency को लीगल कर दिया गया है। लेकिन, भारत सरकार का रुख इसके लिए स्पष्ट नहीं है। सरकार इसे रेगुलेट करने पर अभी विचार कर रही है।
Cryptocurrency पर बड़ी खबर- बंद होंगी सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी, सरकार संसद में पेश करेगी बिल, लेकिन.
क्रिप्टो करेंसी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कही थी यह बात.
Cryptocurrency Bill: केंद्र सरकार (Central Government) क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर जल्द ही बिल लाने की तैयारी में है. 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र (Winter Session) में सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बिल को संसद में पेश करेगी. इस बिल का नाम ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेनशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021’ है. न्यूज एजेंसी एएनआई में छपी खबर के मुताबिक देश में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की मांग इस बिल में की गई है.
शीतकालीन सत्र (Winter Session) के दौरान क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के अलावा 25 और बिल को पेश किया जाएगा. इस सत्र में कुल 26 बिल पेश होंगे, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार कानून लाने की बातें की जा रही थी. विधेयक के तहत क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा स्पष्ट होगी, यानी क्रिप्टो के दायरे में क्या होगा और क्या नहीं, लोगों को इसकी समझ होगी. हालांकि, अभी यह भी साफ नहीं है कि क्रिप्टो को डिजिटल एसेट के तौर पर पेश किया जाएगा या कमोडिटी के तौर पर. लेकिन इस सत्र के बाद काफी चीजें क्लियर हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन पर लगाई थी रोक
साल 2018 में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को बैन कर दिया गया था. करीब दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर कानून बनाने की बात कही थी. गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है. इसको इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है.
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जायेगा. इसमें आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं डिजिटल मुद्रा के निर्माण की सुविधा की बात कही गई है . इस विधेयक में भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. हालांकि, इसमें कुछ छूट की बात भी कही गई है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए.
क्रिप्टो करेंसी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कही थी यह बात
कुछ दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया था कि केंद्र सरकार की योजना क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने की नहीं है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सभी लोकतांत्रिक देशों से, साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि क्रिप्टो-करेंसी गलत हाथों में ना जाए,अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है. उन्होंने कहा कि डिजिटल युग ने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को पुनर्भाषित किया है और यह सार्वभौमिकता, शासन, नीति, कानूनों, अधिकारों और सुरक्षा को लेकर नए सवाल भी खड़े कर रहा है.
Govt to introduce 'The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021' in winter session of Parliament
Bill seeks to create a facilitative framework for creation of official digital currency to be issued by RBI & ban all private cryptocurrencies in India pic.twitter.com/yeaLfuCiBs
— ANI (@ANI) November 23, 2021Cryptocurrency Bill: क्रिप्टो बैन की खबरों के बीच कीमतों में उछाल, नई करेंसी की हुई एंट्री
क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाने वाले 10 करोड़ लोगों के लिए आज बड़ा दिन है। केंद्र सरकार आज से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में बहुप्रतीक्षित ‘द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश करने के लिए तैयार है। क्रिप्टो उद्योग एक सकारात्मक रेग्युलेशन की प्रतीक्षा कर रहा है जो कुछ प्रतिबंधों के साथ क्रिप्टो में निवेश और व्यापार की अनुमति दे सकता है। क्रिप्टो बिल को लेकर अब तक पॉज़िटिव और नेगेटिव दोनों तरह की चर्चा रही है।
क्रिप्टो बिल पर WazirX के फाउंडर निश्चल शेट्टी का कहना है कि सरकार यह बिल क्रिप्टो को बैन करने के लिए नहीं, बल्कि इसे रेगुलेट करने के लिए लेकर आ रही है, निवेशकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। शायद यही कारण है कि आज क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भी बढ़त देखने को मिली। बिटकॉइन का कारोबार 57,000 डॉलर से ऊपर है।
दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में 6 फीसदी की तेजी देखने को मिली और ये 57,699 डॉलर के पार चली गई। इसकी कीमत हाल ही में लगभग 69,000 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। CoinGecko के अनुसार, क्रिप्टो का वैश्विक मार्केट कैपिटल अब बढ़कर 2.72 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether भी 7% से बढ़कर 4,337 डॉलर पर पहंच गई है। कॉइनडेस्क के अनुसार Dogecoin की कीमत 3% से बढ़कर 0.20 डॉलर , जबकि Shiba Inu 4% से बढ़कर 0.000039 डॉलर पहंच गई।
वहीं, क्रिप्टो बैन की खबरों के बीच सिंगापुर-बेस्ट वर्चुअल करेंसी एक्सचेंज कॉइनस्टोर (Coinstore) भारत में एंट्री हुई है। इस सिंगापुर-बेस्ट वर्चुअल करेंसी एक्सचेंज ने देश में अपने ऑपरेशन भी शरू कर दिए हैं।
कॉइनस्टोर (Coinstore) के मार्केटिंग हेड चार्ल्स टैन (Charles Tan) ने भारतीय बाजार में विस्तार की पर जोर देते हुए कहा, उनकी ऐप पर लगभग एक तिहाई यूजर भारत से हैं, ऐसे में भारतीय बाजार में विस्तार करना कंपनी ने को ठीक लगा। हालांकि, बैन की खबरों पर उन्होंने कहा, "पॉलिसी में थोड़े बदलाव हो सकते हैं, लेकिन कंपनी को उम्मीद है कि चीजें सकारात्मक रहेंगी। हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक हेल्थी फ्रेमवर्क प्रस्तुत करेगी।"
इसके अलावा टैन ने कहा कि कॉइनस्टोर भारत में लगभग 100 से अधिक कर्मचारी रखने की तैयारी में क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं है और भारतीय बाजार में मार्केटिंग से लेकर हायरिंग और क्रिप्टो संबंधी प्रोडक्ट्स के साथ सर्विसेज़ के डेवलपमेंट पर लगभग 20 मिलियन डॉलर खर्च करने की योजना है।
हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी के बैन को लेकर खबरें मीडिया में देखने को मिल रही है। खासकर सरकार द्वारा लाये जा रहे बिल को लेकर चर्चा है। तो चलिए जानते हैं कि क्रिपटोकरेंसी को लेकर नए बिल में क्या प्रावधान है ? क्यों सरकार इससे जुड़े खतरे को देखते हुए इसे बैन करने पर विचार कर रही है?
दरअसल, भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में नया बिल लाएगी। संसद में सरकार जो बिल लाने वाली है उस बिल की सूची में दसवें नंबर पर साफ साफ लिखा है कि भविष्य में आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली डिजिटल करेंसी के अलावा अन्य सभी क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस बिल का नाम ‘द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’, है।
इस बिल में ये भी उल्लेख किया गया है कि आरबीआई के ऑफिशल डिजिटल करेंसी के लिए एक फ्रेम वर्क तैयार किया जाएगा। इसका उद्देश्य है भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना है। हालांकि, कुछ करेंसी को रेगुलेट करने की अनुमति दी जाएगी परंतु वो कौन सी होंगी इसका उल्लेख नहीं है।
हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा अभी तक 'निजी' क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई परिभाषा स्पष्ट नहीं की गई है। ऐसे में यह संभावना है कि बिटकॉइन, एथेरियम और इस तरह के अन्य क्रिप्टो टोकन पर प्रतिबंध न लगे क्योंकि ये सार्वजनिक ब्लॉकचैन नेटवर्क पर आधारित हैं। इसका अर्थ है कि इन नेटवर्कों का उपयोग करके किए गए लेन-देन का पता लगाया जा सकता है। या हो सकता है निजी क्रिप्टोकरेंसी के रूप में सरकार का इशारा मोनेरो और डैश की ओर हो जो उपयोगकर्ताओं के ट्रैन्सैक्शन की गोपनीयता को उजागर नहीं करता है।
इस बिल के लागू किए जाने से भारत में क्रिप्टो करेंसी का बाजार बंद हो जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की 8 फीसदी आबादी क्रिप्टो करेंसी के बाजार में निवेश करती है। इन लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में कुल 70 हजार करोड़ रुपये निवेश किए हैं। ये निवेश एक ऐसे बाजार में किए गये हैं जिसे भारत सरकार ने मान्यता नहीं दी है, परंतु अब इनके निवेश पर प्रतिबंध लगाने की तलवार लटक रही है। निवेश करने का उद्देश्य जल्द से जल्द अमीर होने की लालसा है जिस वजह से इस बाजार ने युवाओं को सबसे अधिक आकर्षित किया है।
ये अनुमान लगाया गया था कि भविष्य में भारत के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले करीब 19 प्रतिशत लोग इस बाजार में निवेश करने की योजना बना रहे थे, जो अब इसपर एक बार फिर से विचार करने के लिए बाध्य हो गए हैं। यदि प्रतिबंध लगता है तो जिसने भी इस बाजार में निवेश किया है उसके पैसे डूब जाएंगे। इसका अर्थ है कि अगर क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा दिया गया तो करोड़ों लोगों द्वारा निवेश किए गए 70 हजार करोड़ रुपये डूब जाएंगे।
बता दें कि दुनिया भर में अभी इस समय 7 हजार से अधिक क्रिप्टो करेंसी चलन में हैं, जबकि भारत में ये संख्या 4 हजार है। इनमें से 2008 में लॉन्च की गई बिटकॉइन सबसे अधिक लोकप्रिय है। बिटकॉइन की कीमत वर्ष 2010 में 75 पैसे से भी कम थी जबकि आज की तारीख में इसकी कीमत 46 लाख रुपये है। मीडिया में बैन के खबरों का प्रभाव क्रिप्टो करेंसी के बाजार पर देखने को मिल रहा है। बिटकॉइन, इथीरियम सहित सभी क्रिप्टो में गिरावट देखने को मिली है है, अकेले बिटकॉइन में ये गिरावट 29 फीसदी की देखी गई है, जबकि ये क्रिप्टो करेंसी 30 प्रतिशत तक टूटी है।
पिछले हफ्ते पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित कर कहा था, 'डाटा गवर्नन्स के लिए मानक और मापदंड बनाने की आवश्यकता है। डाटा का सुरक्षित तरीके से सीमा पार प्रवाह की भी आवश्यकता है। क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन इसका उदाहरण हैं। ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतान्त्रिक राष्ट्र इस पर एक साथ काम करें और ये सुनिश्चित करें कि ये गलत हाथों में न जाए जो हमारे युवाओं खराब कर सकता है।'
बता दें कि सरकार को चिंता है कि क्रिप्टो बाजार मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए रास्ते बना सकता है। इसके पीछे का कारण क्रिप्टो करेंसी का कोई रेगुलेटर न होना है और न ही कोई इसे नियंत्रित करता है। ये सब ऑटोमेटिक होता है, परंतु स्पेशल कंप्यूटर और सोफ्टवेयर के जरिए होता है। क्रिप्टो करेन्सी का कोई फिज़िकल फोर्म नहीं है, परंतु इसका डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है। ऐसे में इसे हैक करना आसान है और गैर कानूनी गतिविधियों के लिए इसका इस्तेमाल बढ़ा है। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके में इसपर कोई रोक नहीं है, परंतु की केंद्र बाँकों ने इन्हें मान्यता भी नहीं दी है।
आरबीआई कई बार भारत में क्रिप्टो के बढ़ते प्रचलन पर गंभीर चिंता जताया चुका है। आरबीआई का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी से देश की व्यापक आर्थिक ( Macro Economic) और वित्तीय स्थिरता (Financial Stability) प्रभावित हो सकती है। आरबीआई तो इसे वर्ष 2018 में बैन तक लगा चुका है, परंतु सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 में बैन को हटा दिया था। हालांकि, आरबीआई ने अपनी डिजिटल करेन्सी लाने की बात कही थी और अब उसी दिशा में सरकार अपने कदम बढ़ा रही है।
कई विशेषज्ञों के अनुसार, चूंकि क्रिप्टो करेंसी केवल कंप्यूटर कोड का हिस्सा हैं, इसलिए इसे प्रतिबंधित करना कठिन है। क्रिप्टो को एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर करना पेन ड्राइव के जरिए म्यूजिक शेयर करने से जैसा है, जिसका अर्थ है कि रेगुलेटरी बैन वास्तव में लोगों की एक-दूसरे को क्रिप्टो भेजने की क्षमता को नहीं छीनेगा।
सरकार क्रिप्टो करेन्सी से जुड़े प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाती है तो इससे जुड़े ग्राहकों के लिए क्रिप्टो में व्यापार करना मुश्किल हो सकता है, परंतु पूरी तरह से रोक नहीं सकती क्योंकि इसका वैकल्पिक तरीका भी निकाला जा सकता है। हालांकि, बैन लगने के बाद भारत में इस बाजार के बढ़ने की संभावनाएँ कम हो जाएंगी। इसके अलावा बैंक और क्रिप्टो एक्सचेंजों के बीच लेन-देन भी बंद हो जाएगा और क्रिप्टो के ग्राहक क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए अपनी स्थानीय मुद्रा को परिवर्तित नहीं कर पाएंगे।
इस बीच, भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म WazirX के सीईओ निश्चल शेट्टी ने ट्वीट कर बताया, "क्रिप्टो रेगुलेशन बिल को शीतकालीन सत्र के लिए सूचीबद्ध किया गया है। विवरण ज्यादा नहीं बदला गया है। कयास दोनों तरफ से कयास लगाए जा रहे। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि सरकार के भीतर अधिक लोग जानते हैं कि क्रिप्टो कैसे काम करता है।"
Cryptocurrency Bill: क्रिप्टो बैन की खबरों के बीच कीमतों में उछाल, नई करेंसी की हुई एंट्री
क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाने वाले 10 करोड़ लोगों के लिए आज बड़ा दिन है। केंद्र सरकार आज से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में बहुप्रतीक्षित ‘द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश करने के लिए तैयार है। क्रिप्टो उद्योग एक सकारात्मक रेग्युलेशन की प्रतीक्षा कर रहा है जो कुछ प्रतिबंधों के साथ क्रिप्टो में निवेश और व्यापार की अनुमति दे सकता है। क्रिप्टो बिल को लेकर अब तक पॉज़िटिव और नेगेटिव दोनों तरह की चर्चा रही है।
क्रिप्टो बिल पर WazirX के फाउंडर निश्चल शेट्टी का कहना है कि सरकार यह बिल क्रिप्टो को बैन करने के लिए नहीं, बल्कि इसे रेगुलेट करने के लिए लेकर आ रही है, निवेशकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। शायद यही कारण है कि आज क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भी बढ़त देखने को मिली। बिटकॉइन का कारोबार 57,000 डॉलर से ऊपर है।
दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में 6 फीसदी की तेजी देखने को मिली और ये 57,699 डॉलर के पार चली गई। इसकी कीमत हाल ही में लगभग 69,000 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। CoinGecko के अनुसार, क्रिप्टो का वैश्विक मार्केट कैपिटल अब बढ़कर 2.72 ट्रिलियन डॉलर हो गया है। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether भी 7% से बढ़कर 4,337 डॉलर पर पहंच गई है। कॉइनडेस्क के अनुसार Dogecoin की कीमत 3% से बढ़कर 0.20 डॉलर , जबकि Shiba Inu 4% से बढ़कर 0.000039 डॉलर पहंच गई।
वहीं, क्रिप्टो बैन की खबरों के बीच सिंगापुर-बेस्ट वर्चुअल करेंसी एक्सचेंज कॉइनस्टोर (Coinstore) भारत में एंट्री हुई है। इस सिंगापुर-बेस्ट वर्चुअल करेंसी एक्सचेंज ने देश में अपने ऑपरेशन भी शरू कर दिए हैं।
कॉइनस्टोर (Coinstore) के मार्केटिंग हेड चार्ल्स टैन (Charles Tan) ने भारतीय बाजार में विस्तार की पर जोर देते हुए कहा, उनकी ऐप पर लगभग एक तिहाई यूजर भारत से हैं, ऐसे में भारतीय बाजार में विस्तार करना कंपनी ने को ठीक लगा। हालांकि, बैन की खबरों पर उन्होंने कहा, "पॉलिसी में थोड़े बदलाव हो सकते हैं, लेकिन कंपनी को उम्मीद है कि चीजें सकारात्मक रहेंगी। हम क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक हेल्थी फ्रेमवर्क प्रस्तुत करेगी।"
इसके अलावा टैन ने कहा कि कॉइनस्टोर भारत में लगभग 100 से अधिक कर्मचारी रखने की तैयारी में है और भारतीय बाजार में मार्केटिंग से लेकर हायरिंग और क्रिप्टो संबंधी प्रोडक्ट्स के साथ सर्विसेज़ के डेवलपमेंट पर लगभग 20 मिलियन डॉलर खर्च करने की योजना है।
हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी के बैन को लेकर खबरें मीडिया में देखने को मिल रही है। खासकर सरकार द्वारा लाये जा रहे बिल को लेकर चर्चा है। तो चलिए जानते हैं कि क्रिपटोकरेंसी को लेकर नए बिल में क्या प्रावधान है ? क्यों सरकार इससे जुड़े खतरे को देखते हुए इसे बैन करने पर विचार कर रही है?
दरअसल, भारत सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में नया बिल लाएगी। संसद में सरकार जो बिल लाने वाली है उस बिल की सूची में दसवें नंबर पर साफ साफ लिखा है कि भविष्य में आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली डिजिटल करेंसी के अलावा अन्य सभी क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस बिल का नाम ‘द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’, है।
इस बिल में ये भी उल्लेख किया गया है कि आरबीआई के ऑफिशल डिजिटल करेंसी के लिए एक फ्रेम वर्क तैयार किया जाएगा। इसका उद्देश्य है भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना है। हालांकि, कुछ करेंसी को रेगुलेट करने की अनुमति दी जाएगी परंतु वो कौन सी होंगी इसका उल्लेख नहीं है।
हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा अभी तक 'निजी' क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई परिभाषा स्पष्ट नहीं की गई है। ऐसे में यह संभावना है कि बिटकॉइन, एथेरियम और इस तरह के अन्य क्रिप्टो टोकन पर प्रतिबंध न लगे क्योंकि ये सार्वजनिक ब्लॉकचैन नेटवर्क पर आधारित हैं। इसका अर्थ है कि इन नेटवर्कों का उपयोग करके किए गए लेन-देन का पता लगाया जा सकता है। या हो सकता है निजी क्रिप्टोकरेंसी के रूप में सरकार का इशारा मोनेरो और डैश की ओर हो जो उपयोगकर्ताओं के ट्रैन्सैक्शन की गोपनीयता को उजागर नहीं करता है।
इस बिल के लागू किए जाने से भारत में क्रिप्टो करेंसी का बाजार बंद हो जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की 8 फीसदी आबादी क्रिप्टो करेंसी के बाजार में निवेश करती है। इन लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में कुल 70 हजार करोड़ रुपये निवेश किए हैं। ये निवेश एक ऐसे बाजार में किए गये हैं जिसे भारत सरकार ने मान्यता नहीं दी है, परंतु अब इनके निवेश पर प्रतिबंध लगाने की तलवार लटक रही है। निवेश करने का उद्देश्य जल्द से जल्द अमीर होने की लालसा है जिस वजह से इस बाजार ने युवाओं को सबसे अधिक आकर्षित किया है।
ये अनुमान लगाया गया था कि भविष्य में भारत के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले करीब 19 प्रतिशत लोग इस बाजार में निवेश करने की योजना बना रहे थे, जो अब इसपर एक बार फिर से विचार करने के लिए बाध्य हो गए हैं। यदि प्रतिबंध लगता है तो जिसने भी इस बाजार में निवेश किया है उसके पैसे डूब जाएंगे। इसका अर्थ है कि अगर क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा दिया गया तो करोड़ों लोगों द्वारा निवेश किए गए 70 हजार करोड़ रुपये डूब जाएंगे।
बता दें कि दुनिया भर में अभी इस समय 7 हजार से अधिक क्रिप्टो करेंसी चलन में हैं, जबकि भारत में ये संख्या 4 हजार है। इनमें से 2008 में लॉन्च की गई बिटकॉइन सबसे अधिक लोकप्रिय है। बिटकॉइन की कीमत वर्ष 2010 में 75 पैसे से भी कम थी जबकि आज की तारीख में इसकी कीमत 46 लाख रुपये है। मीडिया में बैन के खबरों का प्रभाव क्रिप्टो करेंसी के बाजार पर देखने को मिल रहा है। बिटकॉइन, इथीरियम सहित सभी क्रिप्टो में गिरावट देखने को मिली है है, अकेले बिटकॉइन में ये गिरावट 29 फीसदी की देखी गई है, जबकि ये क्रिप्टो करेंसी 30 प्रतिशत तक टूटी है।
पिछले हफ्ते पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम को संबोधित कर कहा था, 'डाटा गवर्नन्स के लिए मानक और मापदंड बनाने की आवश्यकता है। डाटा का सुरक्षित तरीके से सीमा पार प्रवाह की भी आवश्यकता है। क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन इसका उदाहरण हैं। ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतान्त्रिक राष्ट्र इस पर एक साथ काम करें और ये सुनिश्चित करें कि ये गलत हाथों में न जाए जो हमारे युवाओं खराब कर सकता है।'
बता दें कि सरकार को चिंता है कि क्रिप्टो बाजार मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए रास्ते बना सकता है। इसके पीछे का कारण क्रिप्टो करेंसी का कोई रेगुलेटर न होना है और न ही कोई इसे नियंत्रित करता है। ये सब ऑटोमेटिक होता है, परंतु स्पेशल कंप्यूटर और सोफ्टवेयर के जरिए होता है। क्रिप्टो करेन्सी का कोई फिज़िकल फोर्म नहीं है, परंतु इसका डिजिटल ट्रांजेक्शन होता है। ऐसे में इसे हैक करना आसान है और गैर कानूनी गतिविधियों के लिए इसका इस्तेमाल बढ़ा है। अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके में इसपर कोई रोक नहीं है, परंतु की केंद्र बाँकों ने इन्हें मान्यता भी नहीं दी है।
आरबीआई कई बार भारत में क्रिप्टो के बढ़ते प्रचलन पर गंभीर चिंता जताया चुका है। आरबीआई का कहना है कि क्रिप्टो करेंसी से देश की व्यापक आर्थिक ( Macro Economic) और वित्तीय स्थिरता (Financial Stability) प्रभावित हो सकती है। आरबीआई तो इसे वर्ष 2018 में बैन तक लगा चुका है, परंतु सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2020 में बैन को हटा दिया था। हालांकि, आरबीआई ने अपनी डिजिटल करेन्सी लाने की बात कही थी और अब उसी दिशा में सरकार अपने कदम बढ़ा रही है।
कई विशेषज्ञों के अनुसार, चूंकि क्रिप्टो करेंसी केवल कंप्यूटर कोड का हिस्सा हैं, इसलिए इसे प्रतिबंधित करना कठिन है। क्रिप्टो को एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर करना पेन ड्राइव के जरिए म्यूजिक शेयर करने से जैसा है, जिसका अर्थ है कि रेगुलेटरी बैन वास्तव में लोगों की एक-दूसरे को क्रिप्टो भेजने की क्षमता को नहीं छीनेगा।
सरकार क्रिप्टो करेन्सी से जुड़े प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगाती है तो इससे जुड़े ग्राहकों के लिए क्रिप्टो में व्यापार करना मुश्किल हो सकता है, परंतु पूरी तरह से रोक नहीं सकती क्योंकि इसका वैकल्पिक तरीका भी निकाला जा सकता है। हालांकि, बैन लगने के बाद भारत में इस बाजार के बढ़ने की संभावनाएँ कम हो जाएंगी। इसके अलावा बैंक और क्रिप्टो एक्सचेंजों के बीच लेन-देन भी बंद हो जाएगा और क्रिप्टो के ग्राहक क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए अपनी स्थानीय मुद्रा को परिवर्तित नहीं कर पाएंगे।
इस बीच, भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म WazirX के सीईओ निश्चल शेट्टी ने ट्वीट कर बताया, "क्रिप्टो रेगुलेशन बिल को शीतकालीन सत्र के लिए सूचीबद्ध किया गया है। विवरण ज्यादा नहीं बदला गया है। कयास दोनों तरफ से कयास लगाए जा रहे। हालांकि, अच्छी खबर यह है कि सरकार के भीतर अधिक लोग जानते हैं कि क्रिप्टो कैसे काम करता है।"
क्रिप्टो करेंसी से लेन-देन की इजाजत, RBI के प्रतिबंध को SC ने हटाया
आरबीआई ने अप्रैल 2018 में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग से जुड़ी वित्तीय सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. आज सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटा दिया है.
संजय शर्मा
- नई दिल्ली,
- 04 मार्च 2020,
- (अपडेटेड 04 मार्च 2020, 12:26 PM IST)
- अप्रैल, 2018 में RBI ने लगाया था बैन
- IAMAI ने SC में बैन को दी थी चुनौती
क्रिप्टो करेंसी पर लगे बैन को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है. बुधवार को सुनवाई के दौरान क्रिप्टो करेंसी पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से लगाए गए बैन को हटाने का आदेश सुनलाया गया है. आरबीआई ने 2018 में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग से जुड़ी वित्तीय सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं की गई थी.
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने 2018 के आरबीआई सर्कुलर पर आपत्ति जताते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसने विनियमित संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी में व्यवसाय ना करने के लिए निर्देश जारी किया था. IAMAI के सदस्य एक-दूसरे के बीच क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज करते हैं.
RBI ने 2018 में लगाया था बैन
IAMAI ने अपने तर्क में दावा किया कि RBI के कदम ने वर्चुअल करेंसी (VCs) के माध्यम से वैध व्यावसायिक गतिविधि पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है. RBI ने 6 अप्रैल, 2018 को एक सर्कुलर से निर्देश जारी किया था कि इसके द्वारा विनियमित सभी इकाईयां वर्चुअल करेंसी में सौदा नहीं करेंगी या किसी व्यक्ति या इकाई को इससे संबंधित सेवाएं प्रदान नहीं करेंगी.
क्या होती है क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी होती है. यह एक स्वतंत्र मुद्रा है, जिसका कोई मालिक नहीं होता. यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती. डिजिटल या क्रिप्टो करेंसी इंटरनेट पर चलने वाली एक वर्चुअल करेंसी हैं.
2009 में हुई थी शुरुआत
इंटरनेट पर इस वर्चुअल करेंसी की शुरुआत जनवरी 2009 में बिटकॉइन के नाम से हुई थी. रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में बिटकॉइन, रिप्लड, एथेरम और कार्डनो जैसे करीब 2,116 क्रिप्टो करेंसी प्रचलित हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण 119.46 अरब डॉलर है.
बिना बैंक कर सकते हैं पेमेंट
इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल कर दुनिया के किसी कोने में किसी व्यक्ति को पेमेंट किया जा सकता है और सबसे खास बात यह है कि इस भुगतान के लिए किसी बैंक को माध्यम बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती. यह पीयर टू पीयर टेक्नोलॉजी पर आधारित है.