नई क्रिप्टो मुद्रा

एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह के अनुसार, आरबीआई और सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देने के लिए उठाए गए कदम इस समय उचित हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जून में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी को ‘स्पष्ट खतरा’ बताया था।
सरकार, रिजर्व बैंक की वजह से वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो में गिरावट के असर से अछूता रहा भारत
नई दिल्ली। विश्व में क्रिप्टो करेंसी में आई बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है, वहीं भारत में इसका ख़ास असर नहीं हुआ है। इसका श्रेय सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सतर्क रुख को जाता है। आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है और उसने इसमें लेनदेन को लेकर आगाह भी किया है।
वहीं सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन की मांग को कम करने के लिए कर का रास्ता चुना है। क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 2021 में तीन हजार अरब डॉलर था, जिसका नई क्रिप्टो मुद्रा कुल बाजार मूल्य अब एक हजार अरब डॉलर से भी कम रह गया है। हालांकि, भारतीय निवेशक इससे काफी हद तक बचे रहे हैं जबकि बहामास का एफटीएक्स बाजार लोगों द्वारा बिकवाली के बाद दिवालिया हो गया है। भारत में आरबीआई पहले दिन से ही क्रिप्टोकरेंसी का विरोध कर रहा है, जबकि सरकार शुरू में एक कानून लाकर ऐसे माध्यमों को विनियमित करने का विचार कर रही थी। हालांकि, सरकार बहुत विचार-विमर्श के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वर्चुअल मुद्राओं के संबंध में वैश्विक सहमति की आवश्यकता है क्योंकि नई क्रिप्टो मुद्रा ये सीमाहीन हैं और इसमें शामिल जोखिम बहुत अधिक हैं।
आतंकवाद को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद का वित्तपोषण आतंकवाद से भी ज़्यादा ख़तरनाक है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि आतंकवाद का ख़तरा किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता है और न ही जोड़ा जाना चाहिए. The post आतंकवाद को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए: अमित शाह appeared first on The Wire - Hindi.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद का वित्तपोषण आतंकवाद से भी ज़्यादा ख़तरनाक है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि आतंकवाद का ख़तरा किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता है और न ही जोड़ा जाना चाहिए.
आतंकियों को धन की आपूर्ति पर रोक लगाने संबंधी विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह. (फोटो साभार: फेसबुक/@MHA)
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के वित्त पोषण को आतंकवाद से बड़ा खतरा बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और न ही जोड़ा जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को ‘आतंकवाद को कोई धन नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) के लक्ष्य को प्राप्त करने नई क्रिप्टो मुद्रा के लिए आतंक के वित्तपोषण के तरीकों, माध्यम और प्रक्रियाओं (मोड-मीडियम-मेथड) को समझकर, उन पर कड़ा प्रहार करने में ‘वन माइंड, वन एप्रोच’ के सिद्धांत को अपनाना होगा.
Terror Funding नई क्रिप्टो मुद्रा आतंकवाद से बड़ा खतरा है आतंक का वित्तपोषण: गृह मंत्री अमित शाह
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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के वित्त पोषण को आतंकवाद से बड़ा खतरा बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को ‘आतंकवाद को कोई धन नहीं’ (नो मनी फॉर टेरर) के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आतंक के वित्तपोषण के “तरीकों, माध्यम और प्रक्रियाओं” (मोड-मीडियम-मेथड) को समझकर, उन पर कड़ा प्रहार करने में ‘वन माइंड, वन एप्रोच’ के सिद्धांत को अपनाना होगा।
राष्ट्रीय राजधानी स्थित होटल ताज पैलेस में, आतंकियों को धन की आपूर्ति पर रोक लगाने संबंधी विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में शाह ने यह बात कही। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सम्मेलन का आयोजन किया था। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले कुछ सालों में भारत में आतंकवादी घटनाओं में अत्यधिक कमी आई है और इसके परिणामस्वरूप आतंकवाद के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान में भी भारी कमी आई है।
CIIS 2021: डार्क नई क्रिप्टो मुद्रा वेब पर अवैध गतिविधियां और क्रिप्टो करेंसी का चलन
CIIS 2021: मोहम्मद रफीक, भोपाल। डार्क वेब पर संचालित होने वाली अवैध गतिविधियां पहले से ही साइबर अपराध के रूप में बड़ा खतरा थीं, लेकिन अब क्रिप्टो करेंसी (आभासी मुद्रा) के लेन नई क्रिप्टो मुद्रा देन ने इसे और भयावह कर दिया है। डार्क वेब पर हथियारों की बिक्री, नशीले पदार्थ सहित कई अवैध कारोबार संचालित हो रहे हैं। पहले किसी देश की मुद्रा के तौर पर भुगतान करने के दौरान अपराधी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आ जाते थे। अब क्रिप्टो करेंसी के जरिये भुगतान किया जा रहा है। सभी देश इस समस्या से निपटने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन अभी तक बहुत कारगर उपाय सामने नहीं आ सके हैं। मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा आयोजित साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन एंड इंटेलिजेंस समिट 2021 में भी इस विषय पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने विमर्श किया गया और जानकारियां साझा कीं। मालूम हो, डार्क वेब इंटरनेट की दुनिया में वह व्यवस्था होती है, जहां सर्च इंजन का दखल नहीं है और एक अलग व्यवस्था के तहत अवैध कारोबार फल-फूल रहे हैं।
RBI ने किया बड़ा ऐलान, SBI, HDFC और ICICI बैंक के ग्राहकों के लिए खुशखबरी, जानिए पूरी डिटेल
नई दिल्ली: यदि आपका खाता SBI, HDFC और ICICI बैंक पर है तो उन ग्राहकों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है। 1 नवंबर से बड़ी डील में यूज होने वाले डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट को रिजर्व बैंक ने (RBI) लॉन्च कर दिया है। आरबीआई की ओर से इस डिजिटल रूपए का लाभ केवल कुछ ही बैक उठा पाएंगे, जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक शामिल है।
ये सुविधा ऐसे ग्राहको के लिए है जो बड़े पैमाने पर पैसों का लेनदेन करते है। अब इन बैकों जुड़े लोग अपने पैसे का लेने देन डिजिटल करेंसी” से कर सकेंगे। अब इसके बाद से इस डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट का इस्तेमाल बड़े सौदों के इस्तेमाल में किया जा सकेगा।