इक्विटी निवेश

एसआईपी के जरिये भी पा सकते हैं लक्ष्य
बच्चों को बेहतर शिक्षा देना हर माता-पिता की कोशिश होती है। इसके लिए वे सिस्टमैटिक निवेश योजना (एसआईपी) के जरिये भी निरंतर निवेश कर सकते हैं। हर साल आय बढ़ने के साथ निवेश बढ़ाने पर भी विचार करें। इससे समय पर लक्ष्य पाने में मदद मिलेगी। -आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार
Mutual Fund: बच्चों की पढ़ाई पर भारी खर्च से देगा राहत, इन तीन इक्विटी निवेश फंड्स में कर सकते हैं निवेश
बच्चों को पढ़ाना काफी महंगा हो गया है। लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच बच्चों इक्विटी निवेश को विदेश में शिक्षा दिलाना बड़ी चुनौती है क्योंकि इसके इक्विटी निवेश लिए काफी पैसे की जरूरत होती है। उनके इस सपने के पूरा करने के लिए ज्यादातर माता-पिता शिक्षा ऋण लेते हैं। वहीं, कई माता-पिता कर्ज लेने से बचते हुए म्यूचुअल फंड का रास्ता अख्तियार करते हैं।
14 नवंबर यानी आज बाल दिवस है। म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर इस बाल दिवस पर आप बच्चों को बेहतर शिक्षा का तोहफा दे सकते हैं। लंबी अवधि के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स में अधिक रिटर्न के लिए समझदारी से निवेश करना होगा।
विस्तार
बच्चों को पढ़ाना काफी महंगा हो गया है। लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच बच्चों को विदेश में शिक्षा दिलाना बड़ी चुनौती इक्विटी निवेश है क्योंकि इसके लिए काफी पैसे की जरूरत होती है। उनके इक्विटी निवेश इस सपने के पूरा करने के लिए ज्यादातर माता-पिता शिक्षा ऋण लेते हैं। वहीं, कई माता-पिता कर्ज लेने से बचते हुए म्यूचुअल फंड का रास्ता अख्तियार करते हैं।
14 नवंबर यानी आज बाल दिवस है। म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू कर इस बाल दिवस पर आप बच्चों को बेहतर शिक्षा का तोहफा दे सकते हैं। लंबी अवधि के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड्स में अधिक रिटर्न के लिए समझदारी से निवेश करना होगा।
लक्ष्य अवधि के अनुसार करें चुनाव
बच्चों की शिक्षा एक दीर्घकालिक लक्ष्य है। इसे पूरा करने के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए कई विकल्प हैं। लेकिन, जोखिम उठाने की क्षमता और लक्ष्य अवधि के अनुसार फंड्स का चुनाव करना चाहिए।
Investment & Return: अस्थिर बाजार में कहां करें निवेश? इक्विटी, गोल्ड या FD कौन-सा विकल्प सबसे बेहतर
- News18Hindi
- Last Updated : October 06, 2022, 16:42 IST
हाइलाइट्स
इस साल अब तक इक्विटी, गोल्ड और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से बेहतर रिटर्न नहीं मिला.
जियो-पॉलिटिकल टेंशन के कारण महंगाई और ब्याज दर बढ़ने से मार्केट पर बुरा असर पड़ा.
बाजार विशेषज्ञ अब भी लंबी अवधि के लिए इक्विटी मार्केट में निवेश की सलाह दे रहे हैं.इक्विटी निवेश
नई दिल्ली. इस वर्ष में निवेश के मोर्चे पर लोगों को इक्विटी, गोल्ड, क्रिप्टोकरेंसी और सुरक्षित निवेश योजनाओं से निराशा हाथ लगी. साल की शुरुआत में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई चैन बाधित होने से महंगाई और कच्चे तेल के दाम बढ़ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता रही. जिसकी वजह से दुनियाभर इक्विटी निवेश के शेयर बाजार और कमोडिटी मार्केट प्रभावित रहे और इस वजह से यहां किए गए निवेश पर मिलना वाला रिटर्न भी निराशाजनक रहा.
वहीं, अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है और इक्विटी निवेश आगे भी आक्रामक पॉलिसी रूख बरकरार रखने के संकेत दिए हैं. यूएस सेंट्रल बैंक के इस फैसले का असर दुनियाभर के बाजारों पर देखने को मिला. भारतीय बाजार भी इस वजह इक्विटी निवेश इक्विटी निवेश से टूट गए. हालांकि, अब मार्केट में फिर से तेजी आई है.
प्रॉपटेक में निजी इक्विटी निवेश 2021 में 35% चढ़कर 741 मिलियन अमरीकी डालर हो गया: Housing.com रिपोर्ट
देश की अग्रणी डिजिटल रियल एस्टेट फर्म की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, प्रॉपटेक फर्मों में निजी इक्विटी (पीई) निवेश पिछले कैलेंडर वर्ष के दौरान 35% बढ़कर रिकॉर्ड 741 मिलियन अमरीकी डालर हो गया, जो रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रौद्योगिकी को अपनाने से प्रेरित है। , हाउसिंग डॉट कॉम ।
- प्रॉपटेक में पीई का प्रवाह 2009-2021 के दौरान 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
- प्रॉपटेक फर्मों में पीई निवेश 2010 से 55% की सीएजीआर से बढ़ रहा है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
म्यूचुअल फंड निवेशकों को यूनिट जारी करके और प्रस्ताव दस्तावेज में बताए गए उद्देश्यों के अनुसार प्रतिभूतियों में फंड का निवेश करके धन जमा करने का एक साधन है.
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म्यूचुअल फंड कंपनियों के निकाय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा जनवरी, 2022 में 14,888 करोड़ रुपये और दिसंबर, 2021 में 25,077 रुपये था.
इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी योजनाओं में शुद्ध रूप से प्रवाह मार्च, 2021 से लगातार जारी है और इस दौरान शुद्ध रूप से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का पूंजी निवेश हुआ. यह म्यूचुअल फंड की इक्विटी से जुड़ी योजनाओं के प्रति निवेशकों के सकारात्मक रुझान को दर्शाता है.
इससे पहले इस तरह की योजनाओं से लगातार आठ माह जुलाई, 2020 से फरवरी 2021 के बीच 46,791 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी.
उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) फरवरी के अंत में घटकर 37.56 लाख करोड़ रुपये इक्विटी निवेश रह गईं, जो जनवरी के अंत में 38.01 लाख करोड़ रुपये थीं.
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