संकेतकों का उपयोग कैसे करें?

- केस को चार्ज करने के लिए टाइप-सी अडैप्टर का उपयोग करें (वर्तमान में 1ए से अधिक नहीं)। चार्ज करते समय संकेतक चमकता है।
- कृपया ईयरबड्स और चार्जिंग केस को हर 3 महीने में कम से कम एक बार चार्ज करें जब लंबे समय तक उपयोग में न हो।
एडिटोरियल
यह एडिटोरियल 08/11/2022 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “On disabled persons, Supreme Court gives a welcome order with problematic observations’’ लेख पर आधारित है। इसमें भारत में दिव्यांगजनों से संबंधित मुद्दों और इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के रुख के बारे में चर्चा की गई है।
संदर्भ:
भारत का संविधान दिव्यांगजनों सहित सभी व्यक्तियों की समानता, स्वतंत्रता, न्याय और गरिमा संकेतकों का उपयोग कैसे करें? सुनिश्चित करता है तथा सभी के लिये एक समावेशी समाज को अनिवार्य करता है। हालाँकि, दिव्यांगता को मापना एक जटिल परिघटना है क्योंकि अलग-अलग दृष्टिकोणों के कारण अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगता की परिभाषाएँ व्यापक रूप से भिन्न-भिन्न हैं।
इसे भारत के संदर्भ में देखें तो न्याय तक पहुँच और समावेशी होने का अधिकार एक चुनौती है क्योंकि भारत में ‘दिव्यांग’ के रूप में वर्गीकृत होने के लिये कठोर शर्तें आरोपित हैं, जिन्हें संबोधित किये जाने की आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र दिव्यांगता को कैसे देखता है?
- संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंगीकृत दिव्यांगजनों के अधिकारों पर अभिसमय (CRPD), 2006 की प्रस्तावना में दिव्यांगता को इस रूप में वर्णित किया गया है:
- ‘‘दिव्यांगता दिव्यांगजनों और व्यवहारगत एवं पर्यावरणीय बाधाओं के बीच अंतःक्रिया उत्पन्न होती है जो अन्य व्यक्तियों के साथ समान आधार पर समाज में उनकी पूर्ण एवं प्रभावी भागीदारी को अवरुद्ध करती है।’’
भारत में दिव्यांगता के संबंध में संवैधानिक प्रावधान
- समता और गरिमा कामूल अधिकार: भारत के संविधान के भाग III के तहत गारंटीकृत सभी मूल अधिकारों के पीछे व्यक्ति की समानता और गरिमा एक मौलिक धारणा है, जो दिव्यांगजनों के अधिकारों की भी रक्षा करती है।
- राज्य नीति के निदेशक सिद्धांत: भारत के संविधान के अनुच्छेद 41 में घोषणा की गई है कि राज्य अपनी आर्थिक सामर्थ्य और विकास की सीमाओं के भीतर काम पाने के, शिक्षा पाने के और बेकारी, बुढ़ापा, बीमारी और निःशक्तता तथा अन्य अनर्ह अभाव की दशाओं में लोक सहायता पाने के अधिकार को प्राप्त कराने का प्रभावी उपबंध करेगा।
- अनुच्छेद 46 राज्य के लिये यह दायित्व निर्धारित करता है कि वह कमज़ोर वर्गों के लोगों के शैक्षिक एवं आर्थिक हितों की विशेष देखभाल करेगा और सामाजिक अन्याय एवं सभी प्रकार के शोषण से उनकी संरक्षा करेगा।
भारत में दिव्यांगजनों को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?
-
संकेतकों का उपयोग कैसे करें?
- चिह्नित नहीं करना, विकास से वंचित करना: भारत में दिव्यांगता को चिह्नित करने की जटिलता न केवल हमें मानव विकास के अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर पीछे रखती है, बल्कि किसी व्यक्ति को स्वास्थ्य देखभाल एवं कल्याण तक उनकी पहुँच को सुनिश्चित करने के लिये न्यायपालिका और नौकरशाही तक पहुँच सकने से अवरुद्ध भी करती है।
- इसके साथ ही, प्रमाणीकरण की एक परत दिव्यांगजनों (PwD), विशेष रूप से मानसिक दिव्यांगजनों को कल्याण के गलियारों तक पहुँचने से वंचित कर देती है क्योंकि उन्हें प्रवेश द्वार पर ही रोक दिया जाता है।
- इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवा प्रतिभाशाली दिव्यांगजनों को रोज़गार अवसरों से वंचित रहना पड़ता है क्योंकि रोज़गार के अवसर प्रायः शहरी क्षेत्रों में पाए जाते हैं। उन्हें कभी-कभी नौकरी छोड़नी भी पड़ती है क्योंकि परिवहन सुविधाएँ उपयुक्त नहीं होती हैं।
- राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की रिपोर्ट के अनुसार, शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में दिव्यांगता अधिक मौजूद है।
- लेकिन चूँकि प्राथमिक सर्वेक्षण अभी तक नहीं किया गया है, इसलिये अधिनियम के कार्यान्वयन हेतु नीति निर्माण अभी भी पाइपलाइन में है।
- भले ही स्कूली पाठ्यक्रम को त्वरित रूप से ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित कर दिया गया था, समावेशी शिक्षण को हानि उठानी पड़ी। इसने मौजूदा समस्याओं को और कष्टजनक बनाया।
- कंपनियों द्वारा लागत में कटौती के तरीके अपनाए जाने पर सबसे पहले उन्हें ही उनकी सेवाओं से मुक्त कर दिया जाता है।
आगे की राह
- बजट निर्माण और योजना में पारदर्शिता: दिव्यांगता प्रतिक्रिया योजना (Disability Response Planning) सभी मंत्रालयों के बजट का अंग हो।
- तदनुसार, शासन का नीतिगत प्रतिमान वंचित परिस्थितियों में रह रहे लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने और उन्हें विकास के हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करने की दिशा में सक्रिय हो।
- इसके अलावा,भौतिक डिज़ाइन के साथ-साथ सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) में दिव्यांगों के लिये सुलभ कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।
- यूनेस्को ने दिव्यांग शिक्षार्थियों पर कोविड-19 के प्रभाव को समझने के संबंध में अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि:
- ‘अधिगम के लिये सार्वभौमिक डिज़ाइन’ (Universal Design for Learning) दृष्टिकोण का उपयोग इन स्थितियों को संबोधित करने, अधिगम सामग्री विकसित करने और दूरस्थ शिक्षा की समावेशिता को बढ़ाने का एक तरीका हो सकता है।
- समस्या तब उत्पन्न होती है जब समाज दिव्यांगजनों को एक दायित्व या ‘चैरिटी’ के एक मामले के रूप में देखता है।
- ‘स्पेशल किड्स’ शब्द की पूरी अवधारणा ही त्रुटिपूर्ण है। कोई भी दिव्यांग व्यक्ति असाधारण रूप से व्यवहार किये जाने की इच्छा नहीं रखता है। हमें बस उनकी बुनियादी ज़रूरतों के प्रति संवेदनशीलता के निर्माण की आवश्यकता है।
- इस प्रकार, उनके अधिकार को एक अनिवार्य कदम के रूप में मान्यता दी जानी चाहिये न कि वह दूसरों की सद्भावना पर निर्भर हो।
- पारिवारिक स्तर पर जागरूकता, सामुदायिक स्तर पर संवेदनशीलता और सरकारी फ्रंटलाइन कार्यकर्त्ताओं एवं पेशेवरों के स्तर पर क्षमता की आवश्यकता है।
- भारत पोलियो और कुष्ठ से लड़ने में सक्षम हुआ क्योंकि हमने ट्रांसडिसिप्लिनरी दृष्टिकोण अपनाया। दिव्यांगता से संबद्ध कलंक को मिटाने के लिये भी इसी तरह के एक ‘ट्रांसडिसिप्लिनरी मॉडल’ की आवश्यकता है।
अभ्यास प्रश्न: चर्चा करें कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 ने भारत में दिव्यांगता से संबद्ध कलंक को मिटाने में किस हद तक योगदान किया है?
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रिलिम्स
प्रश्न. भारत लाखों विकलांग व्यक्तियों का घर है। कानून के तहत उन्हें क्या लाभ उपलब्ध हैं? (2011)
ईएसआर टेस्ट: इसकी मीनिंग, महिला और पुरुष में संकेतकों का उपयोग कैसे करें? नॉर्मल रेंज ,और कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन रेट (ईएसआर- erythrocyte sedimentation rate) ब्लड टेस्ट का एक आवश्यक पैरामीटर है जो आमतौर पर आपके डॉक्टर द्वारा रिकमेंड किया जाता है यदि उसे आपके शरीर में किसी प्रकार की संकेतकों का उपयोग कैसे करें? सूजन या इन्फेक्शन का संदेह(doubt ) होता है। इस आर्टिकल में, ईएसआर क्या है, पुरुषों और महिलाओं में इसकी सामान्य सीमा, और ईएसआर के असामान्य स्तरों से निकाले जा सकने वाले इनफरेंस (inference) के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
ESR Test
- Total no.of Tests - 1
- Quick Turn Around Time
- Reporting as per NABL ISO guidelines
In this Article
ईएसआर टेस्ट क्या है? (What is an ESR Test?)
एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटशन रेट (ईएसआर) एक ब्लड टेस्ट है जो उस रेट को मापने के लिए किया जाता है जिस पर रेड ब्लड सैल्स ब्लड के सैंपल वाले टेस्ट ट्यूब में नीचे सेटल होते हैं। यह टेस्ट आम तौर पर किसी भी स्थिति का डायग्नोसिस करने के लिए किया जाता है जिससे सूजन हो सकती है। जिस रेट पर रेड ब्लड सैल्स सेटल होते हैं, उससे आपके डॉक्टर को आपके शरीर में किसी भी सूजन या इन्फेक्शन के बारे में पता चलता है।
महिलाओं में ईएसआर की सामान्य सीमा क्या है? (What is the normal range of ESR in females?)
एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटशन रेट (ईएसआर) की नार्मल रेंज की गणना वेस्टरग्रेन मेथड ( Westergren method ) का उपयोग करके की जाती है, जिसे ईएसआर को मापने संकेतकों का उपयोग कैसे करें? के लिए एक स्वर्ण मानक( gold standard) माना जाता है। इस विधि में, ब्लड के सैंपल को वेस्टरग्रेन-काट्ज़ ट्यूब( Westergren-Katz tube) में सोडियम साइट्रेट (sodium citrate) के साथ मिलाया जाता है और कमरे के तापमान पर एक घंटे के लिए ( vertically) वर्टिकली सेट किया जाता है। एक घंटे के बाद, रेड ब्लड सैल्स कितने सैटल हुए, इसे मापा जाता है।
औसतन, ईएसआर के लिए नार्मल रिफरेन्स रेंज महिलाओं के लिए लगभग 1 – 20 mm/h है। रोचेस्टर मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी के अनुसार, वेस्टरग्रेन मेथड का उपयोग करके, विभिन्न आयु समूहों की महिलाओं में ईएसआर की सामान्य सीमा नीचे सूचीबद्ध है-
क्र.सं. ऐज ग्रुप (साल) नार्मल ईएसआर रेंज (mm/h) 1. < 20 0 – 10 2. 20 – 50 0 – 20 3. > 50 0 – 30 Vital Screening Package
- Total no.of Tests - 81
- Quick Turn Around Time
- Reporting as per NABL ISO guidelines
पुरुषों में ईएसआर की सामान्य सीमा क्या है? (What is the normal range of ESR in males?)
औसतन, पुरुषों के लिए ईएसआर के लिए नार्मल रिफरेन्स रेंज लगभग 1 – 13 mm/h है। रोचेस्टर मेडिकल सेंटर यूनिवर्सिटी के अनुसार, वेस्टरग्रेन मेथड का उपयोग करके, विभिन्न आयु समूहों के पुरुषों में ईएसआर की सामान्य सीमा नीचे सूचीबद्ध है-
क्र.सं. ऐज ग्रुप (साल) नार्मल ईएसआर रेंज (mm/h) 1. < 20 0 – 10 2. 20 – 50 0 – 15 3. > 50 0 – 20 क्या होता है यदि ईएसआर स्तर असामान्य है? (What happens if the ESR level is abnormal?)
ईएसआर का असामान्य स्तर विभिन्न बीमारियों का संकेत दे सकता है जो इस बात पर निर्भर करता है कि रिफरेन्स रेंज से कितनी भिन्नता है।
ईएसआर के निम्न स्तर (Low Levels of ESR)
यदि ईएसआर का रिफरेन्स रेंज सीमा से कम है, तो यह निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में से एक का संकेतक हो सकता है:
- ल्यूकिमिया (Leukaemia )
- सिकल सेल एनीमिया (Sickle cell anemia)
- कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive heart failure)
- उच्च रेड ब्लड सेल और सफेद ब्लड सेल काउंट(High red blood cell and white blood cell count)
- इंक्रीसड ब्लड थिकनेस (Increased blood thickness)
- प्रोटीन फाइब्रिनोजेन का निम्न स्तर(Low levels of the protein fibrinogen)
ईएसआर के उच्च स्तर (High levels of ESR)
यदि ईएसआर का स्तर सामान्य सीमा से थोड़ा अधिक है, तो यह निम्नलिखित स्वास्थ्य स्थितियों में से एक के लिए संकेत कर सकता है:
- खून की कमी( Anaemia)
- रूमेटाइड गठिया(Rheumatoid arthritis)
- किडनी रोग(Kidney disease)
- थाइरोइड की बीमारी(Thyroid disease)
- लिंफोमा( Lymphoma)
- रेड ब्लड सैल्स में असामान्यताएं(Abnormalities in red blood cells)
- हड्डी में इन्फेक्शन(Bone infection)
- ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis)
- सिस्टमिक इन्फेक्शन (Systemic infection)
- हृदय इन्फेक्शन( Heart infection)
यदि आपकी टेस्ट रिपोर्ट में ईएसआर का स्तर 100 mm/h से अधिक है, तो यह निम्न में से किसी भी विकार (disorders)का संकेत हो सकता है:
- श्वेत ब्लड सैल्स कैंसर (वाल्डेनस्ट्रॉम का मैक्रोग्लोबुलिनमिया)[White blood cell cancer (Waldenstrom’s macroglobulinemia)]
- प्लाज्मा सेल कैंसर (मल्टीपल मायलोमा)[Plasma cell cancer (multiple myeloma)]
- ब्लड वाहिका सूजन (अतिसंवेदनशीलता वास्कुलिटिस)[Blood vessel inflammation (hypersensitivity vasculitis)]
- अस्थायी धमनीशोथ[Temporal arteritis]
निष्कर्ष (take away)
एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटशन रेट (ईएसआर) उस रेट को बताती है जिस पर आपके रेड ब्लड सैल्स को कमरे के तापमान पर रखा जाता है। ईएसआर का असामान्य स्तर कुछ अंडरलाइंग हेल्थ डिसऑर्डर्स का संकेत हो सकता है। अब जब आप जानते हैं कि ईएसआर की रेफरेन्स रेंज क्या है और ईएसआर के असामान्य स्तर क्या संकेत दे सकते हैं, तो आप अपनी टेस्ट रिपोर्ट का बेहतर अध्ययन और एनालिसिस कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) (Frequently Asked Questions (FAQs)
1. मैं अपना ईएसआर टेस्ट कैसे करवा सकता हूं? (How can I get my ESR test done?)
आप अपना ईएसआर टेस्ट रेडक्लिफ लैब में आसानी से करवा सकते हैं। आप या तो हमारे केंद्र पर कॉल कर सकते हैं या अपने टेस्ट की बुकिंग के लिए सीधे ऑफिशियल वेबसाइट के माध्यम से इसे बुक कर सकते हैं। दोनों ही मामलों में, हम आपका ब्लड सैंपल लेने के लिए अपने फ्लेबोटोमिस्ट को निःशुल्क भेजेंगे।
2. ईएसआर टेस्ट की कीमत कितनी होगी? (How much will the ESR test cost me?)
रेडक्लिफ लैब्स में, हम हेमोग्राम ( Haemogram) टेस्ट प्रोवाइड करते हैं जिसमें सीबीसी टेस्ट और ईएसआर टेस्ट शामिल होते हैं जिनकी कीमत 840/- रुपये होती है। हालाँकि, आप यह टेस्ट पूरे भारत में 299/- रुपये में विशेष छूट (special discount) के तहत करवा सकते हैं।
3. डॉक्टर ईएसआर टेस्ट रिकमेंड कब कर सकते हैं?(When can a doctor recommend the ESR test?)
यदि आपको निम्न में से एक या अधिक संकेतकों का उपयोग कैसे करें? लक्षण हैं तो आपका डॉक्टर आपको ईएसआर टेस्ट रेकमेंड कर सकता है:
“स्थायी विकास लक्ष्यों के 2030 एजेंडा को पाने के लिए खाद्य असुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए”: एफएओ अधिकारी
नई दिल्ली: सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा गरीबी, भूख को खत्म करना और ग्रह और उसके प्राकृतिक संसाधनों की स्थायी सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है. एजेंडा में सात साल, यह समझने की जरूरत है कि भूख और खाद्य असुरक्षा को खत्म करने और टिकाऊ कृषि सुनिश्चित करने में दुनिया कहां खड़ी है. खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के प्रभारी अधिकारी, कोंडा रेड्डी चाववा ने एनडीटीवी से उन उपायों के बारे में बात की जो भारत इन मुद्दों को हल करने के लिए अपना सकता है.
एनडीटीवी: यह देखते हुए कि सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए 2030 के एजेंडे में लगभग सात साल हैं, हम इसे प्राप्त करने से कितने दूर हैं और क्या यह एक वास्तविकता की तरह दिखता है?
कोंडा रेड्डी चाव्वा: मैं सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के बारे में बात करता हूं, विशेष रूप से वे जो खाद्य और कृषि से संबंधित हैं. एसडीजी संकेतकों के लिए 2022 एफएओ की रिपोर्ट “खाद्य और कृषि पर प्रगति पर नज़र रखने” में कहा गया है कि मूल रूप से हम COVID-19 से पहले भी ट्रैक पर नहीं हैं, और कोरोनावायरस महामारी की शुरुआत के साथ, चीजें बहुत खराब हो गईं क्योंकि इसने भोजन की पहुंच को प्रभावित किया और रोजगार के अवसर, जिसने सब कुछ चुनौतीपूर्ण बना दिया. इसलिए देशों के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करना महत्वपूर्ण है, और सभी हितधारकों को संकेतकों का उपयोग कैसे करें? संकेतकों का उपयोग कैसे करें? खाद्य और कृषि से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए एक साथ आने की जरूरत है.
NDTV: हम सभी ने कोरोनावायरस महामारी के कारण कठिन समय देखा है. आपको क्या लगता है कि प्राथमिकता क्या होनी चाहिए, और हम इसे दोबारा प्रभाव के बिंदु पर कैसे संबोधित कर सकते हैं?
कोंडा रेड्डी चाव्वा: यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि भारत में, जहां हर क्षेत्र COVID-19 के कारण प्रभावित हुआ है, यह संकेतकों का उपयोग कैसे करें? वास्तव संकेतकों का उपयोग कैसे करें? में कृषि क्षेत्र था जिसने देश का समर्थन करना जारी रखा. सभी देशों को यह जानने की जरूरत है कि कृषि में निवेश करना कितना महत्वपूर्ण है. इसलिए, भविष्य में, जब हमें किसी महामारी का सामना करना पड़ेगा, तो हमारे पास विभिन्न समुदायों को मदद देने के लिए एक बफर स्टॉक होगा. इसके अलावा, हमें विशेष रूप से ग्रामीण समुदायों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने पर भी ध्यान देने की जरूरत है. हमें उनके साथ जुड़ने और यह पहचानने की जरूरत है कि रोजगार सीरीज का विस्तार करने की कोशिश करते हुए हम मूल्य श्रृंखला में कैसे काम कर सकते हैं. तो, यह केवल उत्पादन के बारे में नहीं है, बल्कि हम इससे आगे कैसे जा सकते हैं, इस बारे में सोचने पर केंद्रित है.
NDTV: जब हम COP27 के बारे में बात करते हैं, तो हमें बताएं कि हम कैसे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम खाद्य सुरक्षा, पोषण और जलवायु परिवर्तन को एक साथ संबोधित करें?
कोंडा रेड्डी चाव्वा: कृषि के बारे में एक बात यह है कि यह जलवायु से गंभीर रूप से प्रभावित है. जलवायु परिवर्तनशीलता और बढ़ते तापमान के कारण बाढ़, सूखा और अन्य आपदाएं आती हैं, जो उत्पादकता को और अधिक प्रभावित करती हैं, विशेषकर जानवरों और पौधों दोनों में. लेकिन इसका समाधान कृषि में भी है. हमें यह देखने की जरूरत है कि हम इसे कैसे अच्छे इस्तेमाल में ला सकते हैं और इसके लिए समुदायों के साथ काम कर सकते हैं. हमें यह देखने की जरूरत है कि हम अपनी फसलों का सिलेक्शन कैसे करते हैं. हमारी नीतियां खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों के समाधान पर केंद्रित रही हैं और हमने इसे हासिल कर लिया है. लेकिन, अब यह देखने का समय है कि हम पोषण सुरक्षा के मुद्दे का समाधान कैसे कर सकते हैं. मुझे लगता है, कुछ मायनों में, पोषण सुरक्षा की चुनौती हमें फसल विकल्पों पर विचार करने का मौका देती है. हम किसानों को ऐसी फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जो अधिक जलवायु अनुकूल और कम पानी के इस्तेमाल वाली हों, जैसे कि बाजरा.
एनडीटीवी: भारत में पोषण को संबोधित करने वाले विभिन्न प्रोग्राम हैं, जैसे एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम और पोषण माह, लेकिन यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. हम अपने प्रयासों को दोगुना कैसे कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कैसे कर सकते हैं कि कोई बच्चा भूख से नहीं मर रहा है?
कोंडा रेड्डी चाव्वा: 1960 के दशक में जहां हम थे, वहां से फूड सिक्योरिटी हासिल करने के मामले में हमें जबरदस्त सफलता मिली है. जनसंख्या में वृद्धि के बावजूद, हम अपने प्रोडक्शन लेवल को लगातार बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को हल करने में सक्षम हैं, और अब पोषण सुरक्षा को संबोधित करने का समय है. हमें प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करने और अपने द्वारा खाए जाने वाले भोजन में विविधता लाने की आवश्यकता है. हमें केवल चावल और गेहूं की व्यवस्था को ही नहीं, बल्कि अन्य खाद्य पदार्थों को देखना है. इसके अलावा, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों को बाजरा उगाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, हमें इन खाद्य पदार्थों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में भी शामिल करना होगा, ताकि समुदाय ‘स्थानीय रूप से विकसित हो सकें और स्थानीय रूप से खा सकें’. यह हमारे कार्बन फुटप्रिंट्स और जलवायु पर गंभीर प्रभावों को कम करने में भी मदद करेगा.
NDTV: क्या जागरूकता इन सभी चिंताओं को दूर करने के लिए फायदेमंद हो सकती है?
कोंडा रेड्डी चाव्वा: हां, जागरूकता महत्वपूर्ण है, जैसे कि पैकेज के संदर्भ में किसानों की मदद करना, उन्हें ट्रेनिंग देना, और उन्हें यह समझने में मदद करना कि क्लाइमेट चेंज को अनुकूल कैसे बनाना है. इसके अलावा, हमें कंज्यूमर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है. भारत में, चावल और गेहूं सिस्टम इतनी अच्छा है कि ज्यादातर किसान इसे उगाते हैं. इसलिए, हमें उनके लिए प्रोत्साहन बढ़ाने की जरूरत है ताकि वे खाद्य सुरक्षा और पोषण से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए वैकल्पिक फसलें उगा सकें और उत्पादन कर सकें.
एसडीजी का उद्देश्य गरीबी और भूख को उनके सभी रूपों और आयामों में खत्म करना है, और यह सुनिश्चित करना है कि सभी मनुष्य गरिमा और समानता और स्वस्थ वातावरण में अपनी क्षमता को पूरा कर सकें.
मोटर व्हीकल एक्ट उल्लंघन पर करें कड़ी कार्यवाही: परिवहन आयुक्त झा
भोपाल (Bhopal) , 14 नवंबर . परिवहन आयुक्त एसके झा ने मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं. आयुक्त झा सोमवार (Monday) को पुलिस (Police) प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (पीटीआरआई) मुख्यालय भोपाल (Bhopal) में हुई राज्य सड़क सुरक्षा समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे. बैठक में अतिरिक्त पुलिस (Police) महानिदेशक पीटीआरआई जी. जनार्दन ने सभी सड़क निर्माण एजेंसियों को मार्ग संकेतक तत्काल ठीक करने के निर्देश दिये.
समिति की बैठक में पुलिस (Police) एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों को मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये गए. ओवर-लोडेड, मादक पदार्थों का सेवन कर, शराब पीकर, बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, तेज गति से, मोबाइल का उपयोग करते शत-प्रतिशत वाहन चालकों के विरुद्ध कार्यवाही होगी. सभी विभागों के नोडल अधिकारियों को सभी जिलों के कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों को बगैर हेलमेट के वाहन संचालन पर कार्यालय में प्रवेश प्रतिबंधित करने संबंधी निर्देश जारी करने को कहा गया.
समिति की बैठक में स्कूली पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा संबंधी पाठ्य-सामग्री शामिल करने और उच्च शिक्षा विभाग में वाहन संचालन के लिये प्रशिक्षण की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गए. अवस्कों के वाहन संचालन पर नियमानुसार कठोरता पूर्वक रोक लगाने के निर्देश दिये.
समस्त सड़क निर्माण एजेंसियों को क्षतिग्रस्त मार्ग संकेतक आवश्यकता अनुसार सुधारने अथवा परिवर्तित करने के निर्देश दिये गए. रम्बल स्ट्रीप तथा खराब हो रही रोड मार्किंग को भी तत्काल ठीक करने को निर्देशित किया गया.
SOUNDPEATS मिनी वायरलेस ईयरबड्स ब्लूटूथ 5.2
- दोनों ईयरबड्स को वापस रखें, चार्जिंग केस पर सफेद रोशनी दो बार चमकती है, ईयरबड चार्ज होने लगते हैं।
- केस का ढक्कन खुला होने के साथ, चार्जिंग केस बटन को 10 सेकंड के लिए तब तक दबाकर रखें जब तक कि सफेद रोशनी 2 बार राख न हो जाए, पूरी तरह से रीसेट हो जाए।
- ईयरबड्स को सक्रिय करने के लिए केस का ढक्कन बंद करें और फिर से खोलें।
पहनने का
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साउंडपीट्स एयर3 गेम मोड में कम लेटेंसी सुनिश्चित करने और इमेज के साथ साउंड सिंक सुनिश्चित करने के लिए नवीनतम तकनीक को अपनाता है।
वॉयस प्रॉम्प्ट "गेम मोड" के साथ गेम मोड को सक्रिय करने के लिए बाईं ओर ट्रिपल टैप करें और "गेम मोड से बाहर निकलें" के साथ मोड को निष्क्रिय करें।क्यू एंड ए
Q1: चार्जिंग केस पर संकेतक क्या बताता है?
केस चार्ज करते समय, संकेतक धीरे-धीरे चमकता है।
- केस को चार्ज करने के लिए टाइप-सी अडैप्टर का उपयोग करें (वर्तमान में 1ए से अधिक नहीं)। चार्ज करते समय संकेतक चमकता है।
- कृपया ईयरबड्स और चार्जिंग केस को हर 3 महीने में कम से कम एक बार चार्ज करें जब लंबे समय तक उपयोग में न हो।
- चार्जिंग केस में कोई शेष शक्ति नहीं है। अगर केस की बैटरी खत्म हो जाती है, तो केस ईयरबड को बंद नहीं कर सकता।
- कृपया सुनिश्चित करें कि ईयरबड को चार्जिंग केस में सही ढंग से रखा गया संकेतकों का उपयोग कैसे करें? है, और चार्जिंग केस और ईयरबड दोनों पर संपर्ककर्ता साफ हैं। कृपया उन्हें माइक्रोबर कपड़े जैसी किसी चीज़ से साफ़ करने का प्रयास करें।
Q4: खेलने का समय वर्णित के समान क्यों नहीं है?
एक बार चार्ज करने पर 17.5 घंटे तक लगातार इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। ईयरबड्स एक बार चार्ज करने के लिए 5 घंटे काम करते हैं और चार्जिंग केस अतिरिक्त 2.5 रिचार्ज प्रदान करता है।
एफसीसी स्टेटमेंट
- रिसीविंग एंटीना को रीओरिएंट या रीलोकेट करें।
- इक्विपमेंट और रिसीवर के बीच का पृथक्करण बढ़ाएं।
- उपकरणों को एक सर्किट पर एक आउटलेट से कनेक्ट करें, जिससे रिसीवर जुड़ा हुआ है।
- सहायता के लिए डीलर या अनुभवी रेडियो / टीवी तकनीशियन से परामर्श लें।
- यह डिवाइस हानिकारक हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
- इस उपकरण को किसी भी हस्तक्षेप को स्वीकार करना चाहिए, जिसमें हस्तक्षेप शामिल है जो अवांछित ऑपरेशन का कारण हो सकता है।
अनुपालन के लिए जिम्मेदार पार्टी द्वारा स्पष्ट रूप से अनुमोदित नहीं किए गए परिवर्तन या संशोधन उपकरण को संचालित करने के लिए उपयोगकर्ता के अधिकार को शून्य कर सकते हैं।
दस्तावेज़ / संसाधन
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