विशेषज्ञ राय

गोल्ड और ईटीएफ

गोल्ड और ईटीएफ
प्रत्यक्ष स्वर्ण मूल्य निर्धारण के कारण, गोल्ड ETF धरण में सम्पूर्ण पारदर्शिता रहती है| इसके साथ ही, इसके अनोखे ढाँचे और सृजन तंत्र के चलते, भौतिक स्वर्ण की तुलना में ETF के व्यय कम हैं|
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गोल्ड की कीमत

Diwali 2022: सोने की ज्वेलरी नहीं, गोल्ड ईटीएफ में करें निवेश, जानिए क्यों

Diwali 2022: दिवाली पर गोल्ड (Gold) खरीदना शुभ माना जाता है। हर साल अगर दिवाली पर कुछ पैसा आप गोल्ड में इनवेस्ट करते हैं तो लंबी अवधि में आपके पास अच्छा सोना जमा हो जाता है। इसका इस्तेमाल आप बच्चों की शादी गोल्ड और ईटीएफ के दौरान कर सकते हैं। तब आप पर गोल्ड खरीदने का दबाव नहीं होगा। पिछले कुछ सालों में गोल्ड में निवेश के कई विकल्प आ गए हैं। इनमें गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF), गोल्ड फंड (Gold Fund) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) शामिल हैं।

एक्सपर्टस का कहना है कि आप दिवाली पर फिजिकल गोल्ड (Physical Gold) की जगह गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ खरीदना बहुत आसान है। गोल्ड ईटीएफ आपके डीमैंट अकाउंट में रहता है, जिससे इसके खोने या चोरी होने का कोई डर नहीं रहता है। अगर प्योरिटी की बात करें तो गोल्ड ईटीएफ स्कीमें 99.5 प्योरिटी वाले गोल्ड खरीदती हैं। इसे शेयरों की तरह एक्सचेंजों में कभी भी खरीदा या बेचा जा सकता है। निवेशक चाहे तो गोल्ड की एक यूनिट भी खरीद सकता है।

गोल्ड फंड में क्यों निवेश करें जब गोल्ड में निवेश कर सकते हैं?

गोल्ड फंड में क्यों निवेश करें जब गोल्ड में निवेश कर सकते हैं?

गोल्ड ETF वह एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड है जो घरेलु भौतिक गोल्ड (स्वर्ण) के मूल्य पर निगरानी रखती है| ये निष्क्रिय निवेश उपकरण हैं जो स्वर्ण के मूल्यों पर आधारित हैं और गोल्ड बुलियन में निवेश करते हैं| भारत में, स्वर्ण आम तौर पर आभूषणों के रूप में धरण किये जाते हैं, जिसका एक बनायी और अपव्यय कारक होता है (बिल मूल्य के १०% से भी ज्यादा) गोल्ड फंड में निवेश में इन गोल्ड और ईटीएफ कारकों का अस्तित्व नहीं होता|

गोल्ड ETF खरीदने का यह तात्पर्य है कि आप इलेक्ट्रॉनिक अभिरूप में इसे खरीद रहे हैं| आप ठीक वैसे ही गोल्ड ETF खरीद और बेच सकते हैं जैसा आप स्टॉक कारोबार में करते हैं| जब आप गोल्ड ETF छुडाते हैं, आपको स्वर्ण भौतिक रूप में नहीं मिलता, उसके समतुल्य आपको राशि प्राप्त हो जाती है| गोल्ड ETF का कारोबार डीमटेरियलाइस्ड अकाउंट (Demat) और ब्रोकर के ज़रिये होता है, जो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से गोल्ड में निवेश का एक बहुत ही आसान मार्ग है|

धनतेरस के दिन 50 रुपये गोल्ड और ईटीएफ में भी खरीद सकते हैं गोल्ड, करना होगा ये काम

aajtak.in

धनतेरस की खरीदारी शुरू हो चुकी है. इस दिन गोल्ड और ईटीएफ सोना खरीदना शुभ माना जाता है. इसलिए लोग सोना और उससे बनी ज्वैलरी की खरीदारी करते हैं. कुछ लोग इस दिन सोना खरीदकर निवेश की भी शुरुआत करते हैं. अगर आप निवेश के लिए सोना खरीदना चाहते हैं, तो आप 50 रुपये में सोना खरीद सकते हैं. सोने के निवेश के लिए तमाम ऑप्शन में से एक है गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF). अब गोल्ड ईटीएफ क्या है पहले समझ लेते हैं.

क्या है गोल्ड ईटीएफ?

गोल्ड ईटीएफ गोल्ड बुलियन में निवेश करते हैं. लेकिन ये गोल्ड और ईटीएफ फिजिकल मेटल के रूप में निवेश नहीं होता है. इसे इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेंट में म्यूचुअल फंड यूनिट्स की तरह रखा जाता है. ये एक डीमैट खाते में जमा गोल्ड और ईटीएफ होता है. गोल्ड ईटीएफ की भी स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग और ट्रेडिंग होती है. अगर आप निवेश करना चाहते हैं, तो कभी भी गोल्ड ईटीएफ को खरीद सकते हैं और अपनी सुविधा के अनुसार बेच भी सकते हैं.

गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश में भारी बढ़ोतरी, 7 साल की ऊंचाई पर

Gold Exchange Traded Funds-ETF

स्वर्ण एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold Exchange Traded Funds-ETF) में जनवरी में शुद्ध निवेश 200 करोड़ रुपये रहा है. यह सात साल का सबसे ऊंचा स्तर है. दुनिया के विभिन्न हिस्सों में उभरे भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती को देखते हुये निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं. यह लगातार तीसरा महीना रहा जबकि स्वर्ण ईटीएफ में शुद्ध निवेश आया है. एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार जनवरी में स्वर्ण ईटीएफ में 202 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ. इससे पिछले महीने यह निवेश 27 करोड़ रुपये रहा था.

अक्टूबर में Gold ETF से 31.45 करोड़ रुपये की निकासी की गई
नवंबर में इसमें 7.68 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. हालांकि, अक्टूबर में स्वर्ण ईटीएफ (Gold ETF) से 31.45 करोड़ रुपये की निकासी की गई थी. सितंबर गोल्ड और ईटीएफ में इन कोषों में 44 करोड़ रुपये और अगस्त में 145 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था. स्वर्ण ईटीएफ में ताजा मासिक निवेश दिसंबर, 2012 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. उस समय इसमें 474 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था.

वित्त वर्ष 2019-20 में चमका गोल्ड ईटीएफ, 6 साल बाद बढ़ा निवेश

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कोरोना गोल्ड और ईटीएफ वायरस की वजह से निवेशक निवेश के सुरक्षित विकल्पों का रुख कर रहे हैं. कोविड-19 से वैश्विक अर्थव्यवस्था और बाजारों में जोखिम बढ़ा है. ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में निवेश जारी रहने की उम्मीद है.

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड फंडों का एसेट अंडर मैनेजमेंट मार्च 2020 के अंत तक 79 फीसदी बढ़कर 7,949 करोड़ रुपये हो गया. यह मार्च 2019 के में 4,447 करोड़ रुपये था. बीते कुछ सालों मे निवेशकों का रुझान इक्विटी निवेश की तरफ बढ़ा है.

एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, हाल ही में खत्म वित्त वर्ष में निवेशकों ने 14 गोल्ड ईटीफ में शुद्ध रूप से 1,613 करोड़ रुपये का निवेश किया. इससे पहले शुद्ध निवेश साल 2012-13 में हुआ था. तब निवेशकों ने नेट 1,414 करोड़ रुपये डाले थे.

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