विशेषज्ञ राय

आसान विदेशी मुद्रा

आसान विदेशी मुद्रा
सबकी जिंदगी में घूमना-फिरना वो सपना होता है जिसे सब अपनी जिंदगी में बार-बार पूरा करना चाहते हैं। चाहे वो कोई मनोरंजक यात्रा हो या कोई बोरिंग बिजनेस ट्रिप, सफल यात्रा के लिए सफल प्लानिंग की बहुत ज़रूरत होती है। इसके लिए बहुत ज़रूरी है कि आपके पास एक अच्छा ट्रेवल पार्टनर हो वो हर काम करे जिससे आपकी किसी भी ट्रिप को सरल और खुशगवार बनाया जा सके। इसी प्रकार कि एक ज़िम्मेदारी होती है विदेशी करेंसी का खरीदना और बेचना। हो सकता है आपके लिए विदेशी मुद्रा को बेचने का आसान विदेशी मुद्रा काम अच्छीखासी कठिनाई का काम हो सकता है लेकिन थॉमस कुक का अनेक वर्षों का अनुभव इस परेशानी को सरलता से हल कर सकता है। तो चिंता किस बात की, अब विदेशी मुद्रा को बेचने का काम अब बीते दिनों की बात है क्यूंकी थॉमस कुक आपकी विदेशी मुद्रा संबंधी सभी परेशानियों का एक ही हल है।

भारत में फेरा और फेमा: मुख्य विशेषताएं, उद्देश्य और अंतर

सन आसान विदेशी मुद्रा 1997-98 के बजट में सरकार ने फेरा-1973 के स्थान पर फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) को लाने का प्रस्ताव रखा। दिसम्बर 1999 में संसद के दोनों सदनों द्वारा फेमा प्रस्तावित किया गया था। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद 1999 में फेमा प्रभाव में आ गया। फेमा के तहत, विदेशी मुद्रा से संबंधित प्रावधानों को संशोधित और उदार बनाया गया तांकि विदेशी व्यापार को आसान बनाया जा सके। सरकार को इस बात की उम्मीद है कि फेमा विदेशी मुद्रा बाजार को अनुकूल विकास प्रदान करेगा।

सन 1997-98 के बजट में सरकार ने फेरा-1973 के स्थान पर फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) को लाने का प्रस्ताव रखा। दिसम्बर 1999 में संसद के दोनों सदनों द्वारा फेमा प्रस्तावित किया गया था। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद 1999 में फेमा प्रभाव में आ गया। फेमा के तहत, विदेशी मुद्रा से संबंधित प्रावधानों को संशोधित और उदार बनाया गया तांकि विदेशी व्यापार आसान विदेशी मुद्रा को आसान बनाया जा सके। सरकार को इस बात की उम्मीद है कि फेमा विदेशी मुद्रा बाजार को अनुकूल विकास प्रदान करेगा।

ऑनलाइन विदेशी मुद्रा का विक्रय

विशेषकर विदेशी यात्रा का एक अलग ही रोमांच होता है। यह रोमांच चाहे भ्रमण के लिए हो या व्यापार के लिए हो, विदेशी मुद्रा का विनिमय और उससे जुड़ी परेशानियाँ एक जैसी ही होती हैं। लेकिन जब आप इस ट्रिप से वापस आसान विदेशी मुद्रा आ जाते हैं तब बची हुई विदेशी मुद्रा को आप बेचने का प्रयास करते हैं।

अधितर स्थितियों में विदेश यात्रा पर जाने वाले अपने साथ किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए थोड़ी एक्स्ट्रा विदेशी मुद्रा ले कर जाते हैं। क्यूंकी वे जानते हैं कि विदेशी मुद्रा को विदेशी धरती पर खरीदना महंगा और समय लगाने वाला होता है। इसलिए देर से सुरक्षा भली वाला नियम यहाँ भी लागू होता है और जरूरत से थोड़ी अधिक विदेशी करेंसी अपने साथ लेकर आसान विदेशी मुद्रा जाएँ और किसी भी अनदेखी परेशानी से बचें। ट्रिप से वापस आने के बाद अगर आप अपनी बची हुई विदेशी मुद्रा का विक्रय नहीं करते हैं तो वह आपके लिए मृत धन के समान है। कुछ लोग यह काम इसलिए भी नहीं कर पाते हैं कि वे ऑनलाइन विक्रय या एजेंट के माध्यम से आसान विदेशी मुद्रा विक्रय में से उपयुक्त माध्यम का चयन नहीं कर पाते हैं। थॉमस कुक के पास आपकी हर समस्या का हल है। फिर भी यदि आप अपनी अनुपयोगी विदेशी मुद्रा को ट्रिप कि यादगार बना कर, किसी डर के कारण या ठीक जानकारी न होने के कारण अपने पास रखना चाहते हैं तो इस्क्में आसान विदेशी मुद्रा कोई समझदारी नहीं है।

कंगाल पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 साल के निचले स्तर पर पहुंचा, जानिए भारत का इस मामले में क्या है हाल

Pakistan dollar reserves: पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 7.83 अरब डॉलर पर आ गया जो आसान विदेशी मुद्रा तीन साल का न्यूनतम स्तर है. यह केवल एक महीने के आयात के लिए पर्याप्त है. वहीं भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 573 अरब डॉलर के करीब है.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, (फोटो साभार PTI).

Pakistan forex reserves: पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक चुनौती (Pakistan economic crisis) का सामना कर रहा है. उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है. कर्ज के लिए वह दुनिया के सामने हाथ फैला रहा है. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) जैसे ग्लोबल इंस्टीट्यूशन उसे बेल-आउट पैकेज देने से झिझक रहे हैं. इस बीच पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार बड़ी गिरावट के साथ 7.83 अरब डॉलर पर आ गया है. यह वर्ष 2019 के बाद पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा का न्यूनतम स्तर है. दूसरी तरफ रिजर्व बैंक ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India dollar reserves) पांच अगस्त को समाप्त सप्ताह में 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.978 अरब डॉलर रह गया.

पाकिस्तान के पास केवल एक महीने के आयात का रिजर्व

इस रिपोर्ट के मुताबिक, “पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक के आंकड़ों से पता चला है कि उसका विदेशी मुद्रा भंडार लगभग तीन वर्षों में अपने सबसे निचले स्तर पर गिरकर 7.83 अरब डॉलर पर आ गया है. यह अक्टूबर 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है.’’ एक सप्ताह पहले पांच अगस्त को पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 8.385 अरब डॉलर था. हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार एक महीने के आयात खर्चों के लिए काफी है.

इधर रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार पांच अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 572.978 अरब डॉलर रह गया. इससे पहले 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 2.315 अरब डॉलर बढ़कर 573.875 अरब डॉलर रहा था. पांच अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट का मुख्य कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

FCA में गिरावट से विदेशी मुद्रा भंडार घटा

आरबीआई के शुक्रवार को जारी किये गये भारत के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 1.611 अरब डॉलर घटकर 509.646 अरब डॉलर रह गयी. डॉलर में अभिव्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखे जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियों में यूरो, पौंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्यवृद्धि अथवा मूल्यह्रास आसान विदेशी मुद्रा के प्रभावों को शामिल किया जाता है.

आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 67.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 40.313 अरब डॉलर हो गया. समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 4.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.031 अरब डॉलर हो गया. जबकि आईएमएफ में रखे देश का मुद्रा भंडार 30 लाख डॉलर घटकर 4.987 अरब डॉलर रह गया.

विदेशी मुद्रा का प्रबंधन जरूरी

विदेशी मुद्रा का प्रबंधन जरूरी

बीते आठ महीनों में विदेशी आसान विदेशी मुद्रा पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयर और बॉन्ड की बिकवाली कर लगभग 40 अरब डॉलर भारत से निकाल लिया है. इसी अवधि में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 52 अरब डॉलर की कमी हुई है. अमेरिकी डॉलर की तुलना में भारतीय रुपये के मूल्य में गिरावट जारी है. निर्यात की अपेक्षा आयात में तेजी से वृद्धि हो रही है. इसका मतलब है कि हमें भुगतान के लिए निर्यात से प्राप्त डॉलर से कहीं अधिक डॉलर की जरूरत है.

सामान्य परिस्थितियों में आसान विदेशी मुद्रा भी भारत के पास डॉलर की संभालने लायक कमी रहती आयी है, जो अमूमन सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) का एक से दो प्रतिशत होती है. आम तौर पर यह 50 अरब डॉलर से कम रहती है और आयात से अधिक निर्यात होने पर इसमें बढ़ोतरी होती है. इस कमी की भरपाई शेयर बाजार में विदेशी निवेश, विदेशी कर्ज, निजी साझेदारी या बॉन्ड खरीद से की जाती है.

विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर पर , 1991 में रिजर्व घटने पर गिरवी रखना पड़ा था सोना

forex

1991 में जब चंद्रशेखर देश के प्रधानमंत्री बने थे तो देश का विदेशी मुद्रा भंडार 1.1 अरब डॉलर ही रह गया था और भारत को सोना गिरवी रखना पड़ा था

रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 21 जून को आसान विदेशी मुद्रा समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 4.202 अरब डॉलर बढ़कर 398.649 अरब डॉलर हो गई. इस दौरान देश का सोना भंडार 22.958 अरब डॉलर के पूर्वस्तर पर रहा. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से विशेष आहरण अधिकार 42 लाख डॉलर बढ़कर 1.453 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पास देश का भंडार 96 लाख डॉलर बढ़कर 3.354 अरब डॉलर हो गया.

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