ट्रेडिंग क्या होती है?

ट्रेडिंग क्या होती है?
अल्गो ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग प्रकार है जिससे शेयर बाजार मे ट्रेडिंग की जाती है। हलाकि साधारण ट्रेडिंग के मुकाबले इस ट्रेडिंग प्रकार मे काफी अंतर है अल्गो ट्रेडिंग कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिये की जाती है की बाजार के हालत के अनुसार खदु निर्णय लेता है और ट्रेडिंग करता है। अल्गो ट्रेडिंग मे कंप्यूटर प्रोग्राम को जरुरी मार्किट डाटा अपलोड किया जाता है और उसके बाद उस डाटा के आधार पर कंप्यूटर प्रोग्राम ट्रेडिंग के लिए शेयर चुनता है और बेचने की सलाह भी देता है। इस तरह के ट्रेडिंग मे लोस्स होने की सम्भवना काफी कम हो जाती है हलाकि भारत मे यह विकल्प इतना ज्यादा लोकप्रिय नहीं है। सिर्फ बड़े पैमाने पर ट्रेड करने वाले निवेशक ट्रेडर ही इस तरह के तकनीक का इस्तेमाल करते है।
Options Trading: क्या होती है ऑप्शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्या हो आपकी रणनीति
Options Trading: निश्चित ही ऑप्शंस ट्रेडिंग एक जोखिम का सौदा है. हालांकि, अगर आप बाजार के बारे में जानकारी रखते हैं और कुछ खास रणनीति बनाकर चलते हैं तो इससे मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.
By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)
ऑप्शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )
डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.
क्या है ऑप्शंस ट्रेडिंग?
Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्तेमाल किया जाता है स्ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्स को भविष्य में जाता हुआ देखते हैं.
जानकारी के बिना ऑप्शंस ट्रेडिंग मौके का खेल है. ज्यादातर नए निवेशक ऑप्शंस में पैसा खो देते हैं. ऑप्शंस ट्रेडिंग क्या होती है? ट्रेडिंग में जाने से पहले कुछ बुनियादी बातों से परिचित होना आवश्यक है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड - इक्विटी स्ट्रैटेजी, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन हेमांग जानी ने ऑप्शंस ट्रेडिंग को लेकर कुछ दे रहे हैं जो आपके काम आ सकते हैं.
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धन की आवश्यकता: ऑप्शंस की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है, ज्यादातर एक महीने की, इसलिए व्यक्ति को किसी भी समय पूरी राशि का उपयोग नहीं करना चाहिए. किसी विशेष व्यापार के लिए कुल पूंजी का लगभग 5-10% आवंटित करना उचित होगा.
ऑप्शन ट्रेड का मूल्यांकन करें: एक सामान्य ट्रेडिंग क्या होती है? नियम के रूप में, कारोबारियों को यह तय करना चाहिए कि वे कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं यानी एक एग्जिट स्ट्रेटजी होनी चाहिए. व्यक्ति को अपसाइड एग्जिट पॉइंट और डाउनसाइड एग्जिट पॉइंट को पहले से चुनना होगा. एक योजना के साथ कारोबार करने से व्यापार के अधिक सफल पैटर्न स्थापित करने में मदद मिलती है और आपकी चिंताओं को अधिक नियंत्रण में रखता है.
जानकारी हासिल करें: व्यक्ति को ऑप्शंस और उनके अर्थों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ जार्गन्स से परिचित होने का प्रयास करना चाहिए. यह न केवल ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है? ट्रेडिंग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा बल्कि सही रणनीति और बाजार के समय के बारे में भी निर्णय ले सकता है. जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, सीखना संभव हो जाता है, जो एक ही समय में आपके ज्ञान और अनुभव दोनों को बढ़ाता है.
इलिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग से बचें: लिक्विडिटी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति को ट्रेड में अधिक आसानी से आने और जाने की अनुमति देता है. सबसे ज्यादा लिक्विड स्टॉक आमतौर पर उच्च मात्रा वाले होते हैं. कम कारोबार वाले स्टॉक अप्रत्याशित होते हैं और बेहद स्पेक्युलेटिव होते हैं, इसलिए यदि संभव हो तो इससे बचना चाहिए.
होल्डिंग पीरियड को परिभाषित करें: वक्त ऑप्शंस के मूल्य निर्धारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. प्रत्येक बीतता दिन आपके ऑप्शंस के मूल्य को कम करता है. इसलिए व्यक्ति को भी पोजीशन को समय पर कवर ट्रेडिंग क्या होती है? करने की आवश्यकता होती है, भले ही पोजीशन प्रॉफिट या लॉस में हो.
मुख्य बात यह जानना है कि कब प्रॉफिट लेना है और कब लॉस उठाना है. इनके अलावा, व्यक्ति को पोजीशन की अत्यधिक लेवरेज और एवरेजिंग से भी बचना चाहिए. स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही, ऑप्शंस ट्रेडिंग में ऑप्शंस खरीदना और बेचना शामिल है या तो कॉल करें या पुट करें.
ऑप्शंस बाइंग के लिए सीमित जोखिम के साथ एक छोटे वित्तीय निवेश की आवश्यकता होती है अर्थात भुगतान किए गए प्रीमियम तक, जबकि एक ऑप्शंस सेलर के रूप में, व्यक्ति बाजार का विपरीत दृष्टिकोण रखता है. ऑप्शंस को बेचते वक्त माना गया जोखिम मतलब नुकसान मूल निवेश से अधिक हो सकता है यदि अंतर्निहित स्टॉक (Underlying Stocks) की कीमत काफी गिरती है या शून्य हो जाती है.
ऑप्शंस खरीदते या बेचते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:
- डीप-आउट-ऑफ-द-मनी (OTM) विकल्प केवल इसलिए न खरीदें क्योंकि यह सस्ता है.
- समय ऑप्शन के खरीदार के खिलाफ और ऑप्शन के विक्रेता के पक्ष में काम करता है. इसलिए समाप्ति के करीब ऑप्शन खरीदना बहुत अच्छा विचार नहीं है.
- अस्थिरता ऑप्शन के मूल्य को निर्धारित करने के लिए आवश्यक कारकों में से एक है. इसलिए आम तौर पर यह सलाह दी जाती है कि जब बाजार में अस्थिरता बढ़ने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस खरीदें और जब अस्थिरता कम होने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस बेचें.
- प्रमुख घटनाओं या प्रमुख भू-राजनीतिक जोखिमों से पहले ऑप्शंस बेचने के बजाय ऑप्शंस खरीदना हमेशा बेहतर होता है.
नियमित अंतराल पर प्रॉफिट की बुकिंग करते रहें या प्रॉफिट का ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस रखें. अगर सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो ऑप्शंस ट्रेडिंग से कई गुना रिटर्न्स प्राप्त किया जा सकता है.
(डिस्क्लेमर : प्रकाशित विचार एक्सपर्ट के निजी हैं. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्य लें.)
Published at : 18 Oct 2022 11:42 AM (IST) Tags: Options Trading Derivatives Call Option Put Option Trading in Options Stop loss हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
What is Trading in Hindi – ट्रेडिंग क्या होता है? ट्रेडिग कितने प्रकार के होते हैं? और ट्रेडिंग क्या होती है? 2022 में ट्रेडिंग कैसे सीखें?
What is Trading in Hindi – ट्रेडिंग क्या होता है? ट्रेडिग कितने प्रकार के होते हैं? और 2022 में ट्रेडिंग कैसे सीखें : दोस्तों क्या आप भी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करके पैसा कमाना चाहते हैं? ऐसे में हम आपको बता दे कि आज कल हर व्यक्ति शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के जरिए कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहता है। यदि आप भी उन लोगों में शामिल है, तो हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा।
जिसमें हम आपको बताएंगे कि ट्रेडिंग क्या होता हैं? ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? और वर्तमान समय में ट्रेडिंग करना कैसे सीखा जाए? जानते हैं इन सभी तथ्यों के बारे में इसके लिए हमारे आर्टिकल को अंत तक पढ़े।
What is Trading in Hindi
सबसे पहले जानते हैं कि
ट्रेडिंग क्या होता है? (What is Trading in Hindi)
यदि हम इसे आसान शब्दों में बताएँ तो ट्रेडिंग का मतलब व्यापार करना होता है। जैसे कि किसी वस्तु को खरीदकर उसे बेच देना ट्रेडिंग कहलाता है। यदि आप किसी कंपनी के शेयर को खरीदते हैं और 1 साल बाद उसे बेच देते हैं, तो इसे स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कहते हैं। मान लीजिए आप शेयर मार्केट में 1000 रुपए लगाते हैं और उसे 1200 रुपए में बेच देते हैं, तो इसी प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहा जाता है। आज के समय बहुत सारे व्यक्ति स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। लेकिन हम आपको बता दें इसमें वित्तीय जोखिम की संभावना रहती है। इसलिए जब भी आपको शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना हो तो अपने जिम्मेदारी पर करें।
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
हम आपको बता दें कि स्टॉक मार्केट में मुख्यतः चार प्रकार के ट्रेडिंग होते हैं-
- इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading)
- स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading)
- शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग (short term trading)
- लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग (Long term trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading)
शेयर मार्केट में 9: 15 से लेकर 3: 30 के अंदर यदि आप कोई शेयर खरीद कर बेच देते हैं, तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। यदि हम इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान के बारे में बात करें तो इसके फायदे और नुकसान निम्नलिखित किस प्रकार है।
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे
दोस्तों इंट्राडे ट्रेडिंग उन लोगों के लिए फायदे का सौदा हो सकता है जो एक अच्छे स्टॉक को खरीदते हैं। हम आपको पता है दे कि यदि आपने एक अच्छा स्टॉक खरीदते हो तो पर डे 10000 रुपए आसानी से कमा सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान
यदि हम इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान के बारे में बात करें तो दोस्तों इसमें स्टॉक खरीदने के बाद आप जितना फायदा कमाने की उम्मीद रखते हैं। इसमें नुकसान होने के चांस भी ठीक उतना ही है। इसलिए आप स्टॉक मार्केट को सही तरीके से एनालिसिस करके अपने पैसे इन्वेस्ट करें।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading)
इस ट्रेडिंग के जरिए आप शेयर मार्केट से कोई भी स्टॉक खरीद के कुछ दिनों या हफ्तों बाद बेच देते है। स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है। स्विंग ट्रेडिंग में एक ट्रेडर का लक्ष्य होता है कि वह छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लंबे समय में अच्छा इनकम हासिल करें।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
स्विंग ट्रेडिंग के जरिए आप अपने निवेश पर 5% से लेकर 10% तक मुनाफा कमा सकते हैं। यदि हम इसे कम अवधि के नजरिए से देखे तो आपके लिए मुनाफे का सौदा है। इसके अलावा इसमें दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि ट्रेडर को पूरा दिन लैपटॉप या कंप्यूटर के सामने बैठने की आवश्यकता भी नहीं है।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
स्विंग ट्रेडिंग का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसमें लाभ कमाने के लिए ज्यादा टाइम स्टॉक मार्केट के तकनीकी का विश्लेषण करना पड़ता है। यदि आप इन तकनीकी या चार्ट को अच्छी तरह देखकर पैसा इन्वेस्ट नहीं करते हैं, तो भारी नुकसान होने का चांस रहता है।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग (short term trading)
दोस्तों यदि कोई भी शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करता है तो उसका लक्ष्य कम समय में लाभ अर्जित करना होता है। यदि हम शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग की बात करें तो इसमे ट्रेडर कम समय के अंदर ज्यादा मुनाफा कमाना चाहता है। इसमें ट्रेडर कम समय से लेकर हफ्ते भर के लिए भी स्थिति के अनुसार ट्रेडिंग करता है। शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग के अपेक्षा नुकसान का ज्यादा चांस रहता है।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे
शॉर्ट टर्म के जरिए बहुत सारे निवेशकों ने अच्छी तरह एनालिसिस करके अच्छा मुनाफा कमाया है। शॉट टर्म ट्रेडिंग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यदि आप शॉर्ट टर्म में स्टॉक पर अच्छी तरह रिसर्च करके निवेश करते हैं तो लाभ कमाने के ज्यादा चांस रहते हैं।
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के नुकसान
यदि आपको शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में ज्यादा अनुभव हो तो तभी निवेश करें। वरना इसमें नुकसान होने के ज्यादा चांस रहते हैं। शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। क्योंकि शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग में जोखिम ज्यादा रहता है।
लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग (Long term trading)
जैसे कि इसके नाम से ही पता चलता है कि लंबे समय के ट्रेडिंग क्या होती है? ट्रेडिंग क्या होती है? लिए ट्रेडिंग यदि ऐसे में आप लंबे समय के लिए कोई स्टाक खरीदते हैं, जैसे कि 1 साल या उससे ज्यादा समय के लिए तो इसे लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग कहते हैं।
लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग के फायदे-
लोंग टर्म ट्रेडिंग में यदि आप 1 साल से ज्यादा समय के लिए ट्रेड करते हैं तो निवेशक टैक्स फ्री हो जाता है। लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में निवेशक को लाभ अर्जित करने का ज्यादा चांस रहता है। हम आपको बता दें कि ज्यादातर लोग लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में ही निवेश करने पर भरोसा रखते हैं।
लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग के नुकसान-
स्टॉक मार्केट में किसी भी प्रकार का ट्रेडिंग हो उसमें रिस्क तो होता ही हैं। लेकिन बाकी स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के तुलना में लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में नुकसान होने के चांस थोड़ा कम होता है। यदि ऐसे में आप निवेश करते समय एक अच्छा स्टॉक सिलेक्ट नहीं करते हैं तो लॉन्ग टर्म में भी नुकसान होने का रिस्क बढ़ जाता है।
2022 में ट्रेडिंग करना कैसे सीखे?
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए इसके विषय में नॉलेज की आवश्यकता होती है और ऐसे में स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए आपको लंबे अभ्यास की आवश्यकता होती है। तभी आप मुनाफा कमा सकते हैं। यदि आप स्टॉक मार्केट में कैसे ट्रेडिंग किया जाता है, इसके बारे में सीखना चाहते हैं तो यूट्यूब पर कई सारे फ्री में कोर्स कराए जाते हैं। जहाँ आप आसानी से ट्रेडिंग करना सीख सकते हैं।
इसके अलावा यदि आपको किताबें पढ़ना ट्रेडिंग क्या होती है? ज्यादा पसंद है, तो किताबें पढ़कर भी शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना सीख सकते हैं। यह किताबे मार्केट में आसानी से 500 रुपए से लेकर 1000 रुपए में मिल जाती है। हम आपको बता दें कि इन किताबों में ट्रेडिंग के बारे में बहुत सारे एक्सपीरियंस सीखने को मिलते हैं। इसलिए किताबों के माध्यम से ट्रेडिंग सीखना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
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अंतिम शब्द
दोस्तों हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से शेयर मार्केट से जुड़े ट्रेडिंग के बारे में अच्छी तरह समझाया है। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल (What is Trading in Hindi – ट्रेडिंग क्या होता है? ट्रेडिग कितने प्रकार के होते हैं? और 2022 में ट्रेडिंग कैसे सीखें?) पसंद आया होगा।
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Trading क्या है और यह कितने प्रकार की होती है? Trading Kya Hai?
दोस्तों एक बार फिर से आपका स्वागत है हमारा सपोर्ट वेबसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम ट्रेडिंग – Trading Kya Hai के बारे में आपको बताएंगे। आज के समय में ऑनलाइन ट्रेडिंग काफी ज्यादा प्रसिद्ध है और काफी सारी ऐसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। जिनकी मदद से आप ऑनलाइन ट्रेडिंग कर सकते हैं। लेकिन ऑनलाइन ट्रेडिंग करना काफी ज्यादा जोखिम भरा भी होता है। भारत में ट्रेडिंग काफी ज्यादा प्रसिद्ध हो गई है और काफी ज्यादा लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इस आर्टिकल में हम आपको ट्रेडिंग के बारे में सभी जानकारी काफी आसानी से देने वाले हैं। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि Trading Kya Hai? शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? इंट्राडे और स्विंग ट्रेडिंग क्या है? चलिए जानते हैं कि Trading Kya Hai?
Table of Contents
Trading Kya Hai?
ट्रेडिंग को हिंदी में “व्यापार” कहते हैं। ट्रेडिंग में हम किसी वस्तु या फिर किसी सेवा को कम दाम में खरीद कर उस वस्तु या सेवा को दाम बढ़ जाने पर बेचते हैं। ट्रेडिंग का सबसे मुख्य मकसद यह है कि किसी भी वस्तु को कम दाम में खरीद कर अधिक दाम में बेचकर मुनाफा कमाना है। आज के समय में सबसे ज्यादा ट्रेडिंग शेयर मार्केट में की जाती है। लोग कंपनियों के शेयर को खरीदते हैं और इन्हीं शेयर को बेचकर हजारों लाखों रुपए काफी आसानी से कमा लेते हैं। अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको शेयर मार्केट ट्रेडिंग के बारे में ट्रेडिंग क्या होती है? जानकारी होनी चाहिए। चलिए जानते हैं कि शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या होती है?
शेयर मार्किट ट्रेडिंग क्या है?
जब आप शेयर मार्केट में किसी भी शेयर को खरीदते हैं और 1 साल के भीतर आपके द्वारा खरीदे गए शेयर को प्राइस बढ़ने के बाद बेचते हैं तो यह शेयर मार्केट ट्रेडिंग कहलाती है। शेयर मार्केट 9:15 AM से 3:30 PM तक खुलती है। इस बीच ट्रेडर्स कम दाम में शेयर को खरीदते हैं और दाम बढ़ जाने पर उन शेयर को बेच भी देते हैं जिससे कि उनको मुनाफा हो सके। इस तरह ट्रेडिंग क्या होती है? से ट्रेडर्स शेयर मार्केट Trading के जरिए काफी आसानी से पैसे कमा सकते हैं। लेकिन शेयर मार्केट ट्रेडिंग काफी ज्यादा जोखिम भरी है क्योंकि कभी-कभी इसमेें आपके द्वारा खरीदे गए शेयर के दाम नहीं बढ़ते हैं और इस तरह से आपके पैसे चले भी जाते हैं। अब हम जानेंगे कि ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है।
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
शेयर मार्केट के अंतर्गत ट्रेडिंग मुख्य रूप से केवल चार प्रकार की होती है। सभी ट्रेडर्स पैसे कमाने के लिए अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेडिंग करते हैं।
- Intraday Trading
- Scalping Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
Intraday Trading क्या है?
Intrading Trading एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें केवल 1 दिन के लिए ट्रेडिंग की जाती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर्स मार्केट खुलने के बाद शेयर को खरीद लेते हैं और और मार्केट को बंद होने से पहले वह अपने खरीदे गए शेयर को भेज देते हैं। इस प्रकार यह ट्रेडिंग केवल 1 दिन ही चलती है। ऐसे ट्रेडर्स को जो इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं इंट्राडे ट्रेडर्स कहलाते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग Scalping Trading से थोड़ी कम जोखिम भरी होती है।
Scalping Trading क्या है?
Scalping Trading एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें ट्रेडर्स केवल कुछ सेकंड और मिनटों के लिए ट्रेडिंग करते हैं। यह ट्रेडिंग काफी ज्यादा जोखिम भरी होती है क्योंकि इस ट्रेडिंग में ट्रेडर्स अपने पैसे गवा सकते हैं। स्काल्पिंग ट्रेडिंग केवल वो ट्रेडर्स ही करते हैं जो शेयर को कुछ मिनट या कुछ सेकंड के लिए खरीदते हैं और बेच देते हैं। जो ट्रेडर्स स्काल्पिंग ट्रेडिंग करते हैं उन्हें स्केपर्स कहा जाता है।
Swing Trading क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है जो कुछ दिनों के लिए चलती है । ट्रेडर्स इस प्रकार की ट्रेडिंग में खरीदे गए शेयर को कुछ दिनों के बाद भी बेच सकते हैं। अगर कोई भी ट्रेडर्स चाहता है कि वह खरीदे गए शेयर को 10 से 12 दिनों के बाद बेचना है तो वह स्विंग ट्रेडिंग ही करता है। स्विंग ट्रेडिंग की खास बात यह है कि ट्रेडिंग में चार्ट को दिनभर देखना नहीं होता है। यह ट्रेडिंग उन लोगों के लिए काफी ज्यादा बेहतर है जो लोग जॉब करते हैं या फिर स्टूडेंट हैं। इस ट्रेडिंग में उनका पूरा दिन नहीं जाएगा आपको केवल शेयर को खरीदना है और जब आप चाहे तो शेयर को बेच सकते हैं।
Positional Trading क्या है?
Positional Trading एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें आप कुछ महीने के लिए भी ट्रेड कर सकते हैं। यानी कि आप खरीदे गए शेयर को कुछ महीने के बाद भी बेच सकते हैं। इस प्रकार की ट्रेडिंग में ट्रेडर्स काफी आसानी से पैसे कमा लेते हैं। ट्रेडर्स शेयर को तभी बेचते हैं जब उन्हें अच्छा मुनाफा मिलता है। यह ट्रेडिंग सबसे कम जोखिम भरी होती है। इस ट्रेडिंग में शेयर बाजार के Up-down से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है।
Trading Account क्या है?
अगर आप Trading करना चाहते हैं तो ट्रेडिंग करने के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट जरूर होना चाहिए। ट्रेडिंग अकाउंट एक ऐसा अकाउंट होता है जिसकी मदद से आप शेयर को खरीद और भेज सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से आप खरीद या बिक्री का आर्डर, स्टॉक एक्सचेंज कर सकते हैं। जो ट्रेडर्स ट्रेडिंग करते हैं वह सभी ट्रेडिंग अकाउंट जरूर खुलबाते हैं।
अगर आप किसी भी शेयर को खरीदना चाहते हैं और इसके लिए आप ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे जमा करना चाहते हैं तो यह भी आप काफी आसानी से कर सकते हैं। जितने रुपए की मदद से आप किसी शेयर को खरीदना चाहते हैं, उतने रुपए आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा करें और बाद में आप शेयर को खरीद कर रख सकते हैं। अगर आपके ऑर्डर के अनुसार आपका शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर बिकने के लिए तैयार होगा तो आपको वे शेयर मिल जाएंगे और इतने ही रुपए आपके ट्रेडिंग अकाउंट से भी ट्रेडिंग क्या होती है? कट जाएंगे। तो इस तरह से आप ट्रेडिंग करने के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट जरूर खुलवाएं। अब तक आप जान चुके होंगे कि Trading Kya Hai?
निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको ट्रेडिंग – Trading Kya Hai के बारे में संपूर्ण जानकारी दे दी है। आप हमारे इस आर्टिकल की मदद से काफी आसानी से Trading Kya Hai इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सबसे पहले हमने आपको बताया है कि Trading Kya Hai और ट्रेडिंग कितनी प्रकार की होतीहै। ट्रेडिंग चार प्रकार की होती है जिसमें से सबसे सरल ट्रेडिंग पोजीशनल ट्रेडिंग होती है क्योंकि इसमें सबसे कम जोखिम होता है। अगर आप ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो काफी सावधानी से करें। दोस्तों अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो हमें जरूर बताएं। साथ ही हमारे इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगों में शेयर करें।
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है-delivery trading Kya Hai (Full Information) | डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे ?
दोस्तों स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके है लेकिन आज हम आपको डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में बताएँगे की डिलीवरी ट्रेडिंग क्या होती है और डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे,डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकशान और फायदे क्या क्या है क्या हमें डिलीवरी ट्रेडिंग करना चाहिए या नहीं करना चाहिए ये सारे सवालो के जवाब इस पोस्ट में हमने आपको बताया है
डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है (Full Information)-what delivery trading in Hindi
जब भी आप स्टॉक मार्केट में से शेयर को खरीदते हो और उसे अपने पास कुछ ज्यादा समय तक रखते है तो यही ट्रेडिंग आपकी डिलीवरी ट्रेडिंग कहलाती है डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक अपने शेयर को एक लम्बे अवधि तक होल्ड करके रखते है और जब प्राइस ज्यादा बड जाता है तब उस शेयर को बेचकर प्रॉफिट कमा लेते है तो यही होती है डिलीवरी ट्रेडिंग |
डिलीवरी ट्रेडिंग में आप चाहे तो अपने शेयर को एक दिन, हफ्ते ,महीने,साल ,पाच साल ,दस साल जब तक रखना चाहते हो तब तक रख सकते हो इसका कोई निर्धारित समय नहीं होता है ये intraday trading से बिलकुल अलग है intraday trading में same day ट्रेडिंग की जाती है शेयर को जिस दिन खरीदते है और उसी दिन बेच भी देते है लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट होता है |
निवेसको को शेयर खरीदने और बेचने के लिए एक डीमैट खाता होना आवश्यक है इसी खाते से आप शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग कर सकते है |
डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करे-how to do delivery trading :
डिलीवरी ट्रेडिंग करना तभी सही रहता है जब आप long term investment करते है डिलीवरी ट्रेडिंग में आप स्टॉक खरीदते है और अपने डीमेट खाते में होल्ड करके रखते है इसलिए आपका डीमैट खाता होने अनिवार्य है |
आप किसी भी ब्रोकरेज जैसे Upstox, zerodha, 5 paisa, groww, Astha trad, angel broking में डीमैट अकाउंट ओपन करके डिलीवरी ट्रेडिंग सुरु कर सकते है लेकिन ध्यान रहे हर एक ब्रोकर के कुछ हिडन चार्ज रहते है उन्हें स्टडी करने के बाद ही किसी ब्रोकरेज में ट्रेडिंग करे
डिलीवरी ट्रेडिंग में जब हम शेयर खरीदते है तब हमें फुल कैश पेमेंट करना होता है जब आप शेयर खरीद लेते है उसके बाद आपके शेयर आपके डीमैट खाते में सेव रहते है
delivery/holding trading जो सुरुआती निवेशक होते है उनको डिलीवरी ट्रेडिंग के द्वारा स्टॉक मार्केट में इंटर होना चाहिए स्टॉक मार्केट में उनकी ट्रेडिंग या फिर इन्वेस्टिंग की सुरुआत करना चाहिए
दोस्तों किसी भी ब्रोकरेज में leverage/margin प्रोवाइड करते है अगर आपके अकाउंट में 10 हज़ार रूपए है तो आपको 1 लाख या 1 लाख से भी ज्यादा अमाउंट दे देते है स्टॉक खरीदने के लिए लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में जो भी अमाउंट आपके पास है उसी अमाउंट में आपको शेयर खरीदना है
उधाहरण से समझते है : मानलो किसी स्टॉक रिलायंस इन्फ्रा की जो स्टॉक प्राइस है 100 रूपए है मतलब 1 शेयर की प्राइस 100 रूपए है डिलीवरी में रिलायंस इन्फ्रा की एक शेयर खरीदने के लिए आपको 100 रूपए ही देना पड़ेगा यहाँ पर कोई लिवरेज या मार्जिन नहीं मिल रहा है लेकिन कुछ ब्रोकर येसे भी है जो डिलीवरी के लिए भी आपको थोडा बहुत मार्जिन प्रोवाइड करते है
अगर आपको विडियो फार्मेट में डिलीवरी ट्रेडिंग में sell और buy कैसे करते है इसको समझने के लिए हमने आपके लिए एक विडियो प्रोवाइड किया है जो tech & finance YouTube channel से लिया गया है और इस विडियो में angel broking ब्रोकरेज का सहारा लेकर आपको बताएँगे –
डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे-benefit of delivery trading:
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक लम्बे समय तक ट्रेडिंग कर सकते है और ये निवेशको के लिए फायदेमंद है
- आप जिस भी कंपनी में निवेश करते है उनके द्वारा निकाला गया बोनस से भी आपको फायदा हो सकता है
- यदि पूरी समझ और सही जानकरी के साथ डिलीवरी रीडिंग करे तो आप हमेशा फायदे में रहोगे
- ट्रेडिंग में एक अच्छे शेयर में इन्वेस्ट करने पर आपको बैंक से लोन लेने में मदत भी मिलती है
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशको को ब्रोकरेज नहीं देना पड़ता
- ट्रेडिंग करते समय सभी शेयर्स की डिलीवरी अपने डीमैट खाते में ले सकते है
- डिलीवरी ट्रेडिंग में एक फायदा ये है की निवेशक अपने शेयर को तब तक होल्ड करके रख सकता है जब तक उस शेयर को बेचने का सही समय ना आ जाये
- शेयर खरीदते और बेचते समय ब्रोकरेज फीस नहीं देना होता है डिलीवरी ट्रेडिंग ये एक बड़ा फायदा है
डिलीवरी ट्रेडिंग के नुकशान-loss of delivery trading :
- दोस्तों किसी भी ट्रेडिंग में निवेशको के लिए ट्रेडिंग में कुछ फायदे होते है तो कुछ नुकशान भी उठाना होता है
- डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए एडवांस में पैसे देना होता है लेकिन आपके पर्याप्त मात्र में धन की उपलब्धता नही है तो आप डिलीवरी ट्रेडिंग नहीं कर सकते लेकिन आपके पास प्रयाप्त मात्र में धन उपलब्ध है तो आसानी से ट्रेडिंग कर सकते है
- यह एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है इसमे इन्वेस्टरो को धर्य रखना होता है
- स्टॉक मार्केट क्रेश होने का डर रहता है इसलिए इसमें नुकशान होने का खतरा रहता है
- दूसरी बात ये भी की लाभी समय तक इन्वेस्ट करने के बाद भी अच्छे रिटर्न आने की उम्मीद नहीं रहती है
डिलीवरी ट्रेडिंग शुल्क- delivery trading charges in Hindi :
- डिलीवरी ट्रेडिंग में सबसे पहला शुल्क GST का लगता है ये GST का शुल्क 18% देना होता है वो भी ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन चार्ज दोनों पर देना होता है
- 1899 में भारत स्टाम्प एक्ट ने गवर्नमेंट को डिलीवरी ट्रेडिंग पर स्टाम्प शुल्क लगाया गया है
- इसमें STT (security transaction tax) लगता है जो की 0.25% खरीद और बिक्री पर लगता है इसके अलावा CTT और ट्रांजेक्शन चार्ज भी डिलीवरी ट्रेडिंग में सामिल है
- बात करे exchange transition charge की इसमें NSE और BSE कुछ चार्ज लेते ट्रेडिंग क्या होती है? है यह चार्ज आपको 0.00325% खरीद और बिक्री पर देना होता है
- ब्रोकरेज चार्ज आपको 0.2% देना ही पड़ता है कुछ ब्रोकरेज चार्ज जीरो होता है और फुल ब्रोकरेज सर्विस में 0.2% ब्रोकरेज देना ही पड़ता है
- इसमें SEBI (security and exchange board of India) चार्ज भी लगता है वो चार्ज 0.0001% का जो शेयर खरीद और बिक्री पर लगता है
- स्टाम्प ड्यूटी देना होता है जो हर राज्य की अलग अलग होती है इसके अलावा कुछ और चार्ज देने होते है जैसे अनुअल चार्ज और टैक्स चार्ज आपको पे करने होते है |
डिलीवरी ट्रेडिंग में सावधानी (caution of delivery trading) :
- डिलीवरी ट्रेडिंग में आपको हमेशा लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करना चाहिए
- डिलीवरी ट्रेडिंग में आपके पास प्रयाप्त राशी होनी चाहिए तभी आप इन्वेस्टमेंट कर सकते है
- ट्रेडिंग करते समय कुछ transaction चार्ज भी लगते है जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए
- निवेशको को शेयर खरीदते समय कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करना बहुत जरुर होता है
- किसी भी ब्रोकरेज के जरिये इन्वेस्ट या ट्रेडिंग करते है तो उसके हिडन चार्ज जानना बहुत जरुरी होता है
निष्कर्ष :
दोस्तों यदि आप सुरुआती ट्रेडर है और आप डिलीवरी ट्रेडिंग के बारे में जानते है तो आपके लिए ये जरुरी होगा की आप लगातार डिलीवरी ट्रेडिंग में बने रहे क्योकि डिलीवरी ट्रेडिंग एक लॉन्ग टर्म प्रोसेस है
उम्मीद करते है हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी डिलीवरी ट्रेडिंग को लेकर आपको समझ आ गयी होगी क्योकि आप सुरुआती निवेशक है तो ये बाते जानना बहुत जरुरी होता है इसके अलावा हमारे द्वारा जानकारी में कोई कमी है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते है हम आपकी समस्या का निराकरण देने की कोशिश करेंगे |
लास्ट में ये कहना सही रहेगा की जब भी आप इन्वेस्ट करने का सोचते है उससे पहले उस ट्रेडिंग और शेयर्स की सम्पूर्ण जानकारी जुटा लेना चाहिए ताकि आप नुकशान से बच कसो हलाकि ट्रेडिंग एक येसा प्लेटफार्म है जहा आपको नुकशान भी झेंलना पड़ सकता है लेकिन उस नुकशान से कुछ न कुछ सिखने भी मिलता है |