विशेषज्ञ राय

इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है

इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है
BTST And STBT Trading In Hindi

Investing और Trading में अंतर (Hindi)|

Investing और Trading शेयर बाजार के दो पहलू हैं इन्वेस्टमेंट के लिए आपको लम्बी अवधि और एक धैर्य mindset की जरुरत पड़ती हैं पर ट्रेडिंग की लिए आप शार्ट टर्म के लिए कर सकते हैं पर इसमें जोखिम ज्यादा हैं पर अपने स्किल्स और नॉलेज को अच्छा करके आप इसमे शरुवात कर सकते हैं । तो आईये जानते हैं संक्षेप में Investing और Trading के बारे में !!

Table of Contents

What is Investing in Stock Market (Hindi)

किसी भी निवेश से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि आखिर आप निवेश करना क्यों चाहते हैं और किस एसेट क्लास में निवेश करना चाहते हैं। निवेश के कई विकलप हैं जैसे रियल एस्टेट , गोल्ड या फिर कोई गवर्मेंट स्कीम पर इस ब्लॉग में हम जानेगे स्टॉक मार्किट में निवेश क्या होता हैं ? Stock मार्किट में निवेश की सबसे महत्वपूर्ण बात यहाँ हैं की आप किस अवधि के लिए पैसा लगाना चाहते हैं और कितना पैसा लगाना चाहते हैं अपने फाइनेंसियल गोल को ध्यान में रखते हुए।

निवेश लंबी अवधि का दृष्टिकोण लेता है चाहे निवेश के लिए लंबे समय के लिए स्टॉक में निवेश किया गया हो क्योंकि निवेश के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है। निवेशक धीरे-धीरे समय की अवधि में धन का निर्माण करते हैं। निवेश में आम तौर पर कई साल लगते हैं क्योंकि यह कई लाभों के साथ आता है जैसे कि लाभांश, स्टॉक स्प्लिट बोनस आदि। निवेशक को डाउनट्रेंड चक्र या साइडवेज मार्केट में धैर्य की आवश्यकता होती है। क्यूंकि आपका निवेश उस कंपनी की ग्रोथ से जुड़ा हैं जिसका आपने स्टॉक ले रखा हैं और इकनॉमिक एक्टिविटी आदि पर निर्भर करता हैं इसलिये इसमें समय लग सकता हैं ।

Stock Market में निवेश कैसे करें|How to start Investing in Stock Market

अगर आप नए इन्वेस्टर हैं और स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, तो सबसे पहले आपको उसके बारे में अच्छे से जानकारी जुटानी चाहिए। निवेश आप लम्बी अवधी और छोटी अवधि के लिए भी कर सकते हैं और पैसे को एकमुश्त या सिप के माध्यम से भी निवेश कर सकते इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है हैं अपने वित्तीय लक्ष्य को जानना सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक है।एक योजना बनाएं और दूसरा उसका पालन करने के लिए पर्याप्त अनुशासन बरतें।दूसरों को देखकर पैसा न लगाएं और स्टॉक की कीमत का सही आंकलन करें , वैल्यू देखें क्यूंकि इन्वेस्टर लम्बे समय के लिए निवेश करते हैं

वहीं शेयर मार्केट में जिस कंपनी में आप अपने पैसों को इन्वेस्ट करने वाले हैं, पहले उसके फंडामेंटल, ट्रैक रिकॉर्ड, हिस्ट्री चार्ट, मार्केट परफॉर्मेंस आदि चीजों के बारे में अच्छे से जान ले और कम कर्ज वाली कंपनियों का चुनाव करें आप इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सहायता भी ले सकते हैं।

स्टॉक मार्किट में निवेश के लिए एक डीमैट अकाउंट और बैंक अकाउंट के जरुरत होती हैं इसके बाद ही आप किसी कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं और उसे लम्बे समय तक रख सकते हैं तथा अपने फाइनेंसियल गोल के हिसाब से उसे बाद में बेच सकते हैं ।

डीमैट अकाउंट की अधिक जानकारी के लिए आप निचे दिए लिंक पर क्लिक करके लेख पढ़ सकते हैं

What is Trading in Stock Market(Hindi)

Trading एक वस्तु का दूसरी वस्तु के साथ आदान-प्रदान है, लेकिन वित्तीय बाजार में एक व्यक्ति शेयर खरीदता है और दूसरा व्यक्ति शेयर बेचता है लेकिन शेयर को मुद्रा के आदान-प्रदान द्वारा श्रेय दिया जाता है।मुद्रा के आदान-प्रदान में शेयरों की खरीद और बिक्री में व्यापार होता है और शेयरों की खरीद और बिक्री के लिए होती है।,

ट्रेडिंग अल्पकालिक दृष्टिकोण के लिए होती है ट्रेडिंग ऊपर और नीचे की कीमतों में उतार-चढ़ाव से व्यापारियों को रोमांचित करती है।स्टॉक मार्केट में कई प्रकार की ट्रेडिंग की जा सकती हैं जैसे – इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, पोजिशनल ट्रेडिंग आदि। शार्ट टर्म ट्रेडिंग टाइम फ्रेम पे निर्भर करती हैं की कितने समय की लिए ट्रेड किया गया हैं यह एक दिन या कुछ दिनों और हफ्तों के लिए हो सकती हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग में जोखिम ज्यादा होता हैं क्यूंकि एक ही दिन में आपको अपनी पोजीशन काटनी पड़ती हैं चाहे प्रॉफिट हो या लॉस ।

Stock Market में Trading कैसे करें|How to start Trading in Stock Market

Stock Market में ट्रेडिंग से पहले आपको स्पष्ट होना चाहिए की इसमे पैसो का जोखिम हो सकता हैं इसलिए जरुरी स्किल और Knowledge का होना बहुत जरुरी हैं तो पहले अपनी स्किल और नॉलेज पे काम कीजिये जैसे के टेक्निकल एनालिसिस ,Chart को analyse करना की कहा पे ट्रेड का मौका मिलगा अपने रिस्क रिवॉर्ड को देख के उस से भी बड़ी चीज़े हैं ट्रेडिंग साइकोलॉजी और एक बेहतरीन ट्रेडिंग प्लान ।ट्रेडिंग और ट्रेडिंग प्लान के लिए निचे दिया गए लिंक पर क्लिक करके पढ़े ।

Trading Vs Investing|Trading और Investing में अंतर जाने

  • ट्रेडिंग ने शेयर बाजारों में मूल्य में उतार-चढ़ाव से पैसा कमाने का अवसर दिया जबकि निवेश के लिए बहुत धैर्य की आवश्यकता होती हैं।
  • ट्रेडिंग इंट्राडे शॉर्ट टर्म के लिए है जबकि निवेश कई सालों या दशकों के लिए भी लॉन्ग टर्म के लिए है।
  • ट्रेडिंग ट्रेडर में मुख्य रूप से तकनीकी विश्लेषण पर भरोसा करते हैं जो तकनीकी संकेतक या चार्ट विश्लेषण करते हैं, जबकि निवेश में निवेशक मुख्य रूप से बैलेंस शीट से पी & एल शीट और प्रबंधन गुणवत्ता नेतृत्व के मौलिक विश्लेषण पर भरोसा करते हैं।
  • ट्रेडिंग में मार्केट टाइमिंग शामिल है जबकि निवेश में मार्केट को समय दिया जाता हैं
  • निवेश और व्यापार दोनों के लिए शेयर बाजार में अलग दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है

स्वस्थ बाजार के लिए निवेशक और व्यापारी दोनों महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि व्यापारी और निवेशक ने बाजार को अस्थिरता और तरलता दी ताकि निवेशक या व्यापार बाजार में प्रवेश और निकास करें।

BTST और STBT Trading क्या है – [2022] BTST And STBT Trading In Hindi

BTST And STBT Trading In Hindi

BTST And STBT Trading In Hindi

बी. टी. एस. टी ट्रेडिंग क्या है – इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है What Is BTST Trading In Hindi

BTST And STBT,BTST Trading क्या है (BTST Trading For Beginners): आज ख़रीदे हुये शेयर को कल बेच देने को BTST (Buy Today Sell Tomorrow) ट्रेडिंग कहते है कई बार कोई स्टॉक आज जिस Price पर Close हुआ है अगले दिन उससे ज्यादा या कम में Open होता है इसका फायदा उठाने को BTST ट्रेडिंग कहते है

उदाहरण: मान लीजिये कोई शेयर है जो आज 10% गिर चूका है अब अगर आपको यह लगता है की ये शेयर बहुत गिर चूका है कल ये थोड़ा ऊपर जायेगा इस आधार पर अगर आज शेयर को buy करते है कल Sell करने के लिए इसे ही BTST Trading कहते है BTST Trading का अर्थ होता है आज खरीद कल बेच।

एस. टी. बी. टी. ट्रेडिंग क्या है – What Is STBT Trading In Hindi

STBT Trading क्या है (STBT Trading For Beginners): BTST के ठीक उलट एक और ट्रेडिंग स्टाइल होती है जिसे STBT (Sell Today Buy Tomorrow) कहते है जिसका अर्थ होता है आज बेच कल खरीद इसमें पहले Sell करना होता है और अगले दिन जब Share की कीमत और गिर जाये तब Buy किया जाता है जिस तरह BTST के लिए शेयर का चयन किया जाता है ठीक उसी प्रकार STBT के लिए भी शेयर का चयन किया जाता है

BTST और STBT को करने के नियम लगभग एक जैसे होते है बस फर्क इतना सा ही है की BTST में आज खरीदेंगे और कल बेचेंगे और STBT में आज बेचेंगे और कल खरीदेंगे। Sell और Buy के बीच के अंतर को प्रॉफिट में गिना जाता है।

BTST And STBT Trading Tips In Hindi (जोखिम और फायदे)

BTST ट्रेडिंग को Cash Market और Futures Market दोनों में किया जा सकता है लेकिन STBT ट्रेडिंग को सिर्फ Futures Market में किया जा सकता है कैश मार्किट में खरीदने पर पूरा पैसा अपनी जेब से देना होता है और फ्यूचर मार्किट में खरीदने पर मार्जिन मिलता है जिससे कम पैसे में भी ज्यादा Quantity खरीदी जा सकती है।

BTST पर मार्जिन मिलता है या नहीं ये ब्रोकर To ब्रोकर निर्भर करता है जैसे Zerodha BTST पर कोई मार्जिन नहीं प्रोवाइड करता है वहीं ICICI Direct 5 गुना तक मार्जिन देता है जिसे 5 Trading Days में Settle करना होता है। भारतीय शेयर बाजार में STBT पर मार्जिन ट्रेडिंग Allowed नहीं है लेकिन BTST पर मार्जिन ट्रेडिंग Allowed है।

BTST Trading और STBT Trading में सबसे बड़ा Risk Gap Up और Gap Down Opening का होता है इसकी वजह से अप्रत्यशित फायदा या नुकसान दोनों हो सकता है।

BTST Trading Delivery Settlement

भारतीय शेयर बाजार में शेयर्स की डिलीवरी T+2 Trading Days में होती है जिसमें T का अर्थ होता है वह इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है दिन जब शेयर ख़रीदे गये है इसके अलावा और 2 दिन लगते है जिसे Clearing Day और Settlement Day के नाम से जाना जाता है। जिस दिन शेयर ख़रीदे है उसके तीसरे दिन वो शेयर डीमैट अकाउंट में आ जाते है।

BTST ट्रेडिंग T+1 Day में होती है जिसकी वजह से BTST Trading में शेयर्स डीमैट अकाउंट में नहीं आते है क्योंकि डीमैट अकाउंट में शेयर्स को आने में कम से कम 3 दिन लगते है

BTST Trading में STT (Security Transaction Tax) इंट्राडे की तुलना में 10 गुना तक ज्यादा लगते है और DP Charges जिसे डीमैट चार्जेज भी कहते है वो नहीं लगते है बाकि के सभी Charges Normal है जैसे सब में लगते है वैसे इसमें भी लगते है।

इन्हें भी जरूर पढ़िए:

Stock Market Trading के लिए बहुत ज्यादा Skill और Knowledge होना जरूरी है जो लोग Share Market में नये है उन्हें पहले Stock Market Trading के Basics सीख लेने चाहिये उस के बाद एक Trading Strategy बनाकर ट्रेडिंग शुरू करनी चाहिए।

उम्मीद करता हु आपको समझ आया होगा की BTST ट्रेडिंग क्या होती है और STBT ट्रेडिंग क्या होती है STBT And BTST Trading In Hindi अगर अभी भी आपके मन में कोई सवाल है BTST Trading In Hindi – STBT Trading In Hindi से जुड़ा हुआ तो कमेंट में जरूर बताये और इस पोस्ट को अपने सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करिये और ब्लॉग पर Visit करते रहिये।

पांच तरह की होती है शेयर मार्केट में ट्रेडिंग, जानिए हर जरूरी जानकारी

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स्टॉक ट्रेडिंग अगर तरीके से की जाए तो ये काफी प्रॉफिटेबल हो सकती है। शेयर ट्रेडिंग की शुरुआत कम रकम से की जा सकती है। पहले स्टॉक ट्रेडिंग ऑफलाइन हुआ करती थी लेकिन अब ऑनलाइन ट्रेडिंग काफी तेजी से बढ़ रही है। ऑनलाइन ट्रेडिंग निवेश सुविधाजनक हो गया है।

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यूरोप में जॉइंट स्टॉक कंपनियों के साथ स्टॉक ट्रेडिंग अस्तित्व में आई। यूरोपीय साम्राज्यवाद में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूरोपीय शहरों में इनफॉर्मल स्टॉक मार्केट बढ़ने लगे। अपने शेयरों का व्यापार करने वाली पहली जॉइंट-स्टॉक कंपनी डच ईस्ट इंडिया कंपनी थी। इसने एम्स्टर्डम स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से अपने शेयर जारी किए थे।

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भारत और एशिया में ट्रेडिंग के लिए पहला एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज था। इसे 1875 में स्थापित किया गया था। भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज है जहां शेयर ट्रेडिंग होती है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज।

शेयर ट्रेडिंग पांच प्रकार की होती हैं -

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1. डे ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग में सेम डे में स्टॉक खरीदना और बेचना होता है। इस तरह की ट्रेडिंग में कुछ मिनटों या घंटों के लिए ही स्टॉक रख जाते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग में काफी एक्सपीरियंस की जरूरत पड़ती है।

2. स्कैलपिंग

इसे माइक्रो-ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है। स्कैल्पिंग और डे-ट्रेडिंग दोनों इंट्राडे ट्रेडिंग के सबसेट हैं। स्कैल्पिंग में सेम डे जल्दी-जल्दी और कई सौदे कर छोटा-छोटा मुनाफा कमाने की कोशिश की जाती है।

3. स्विंग ट्रेडिंग

इस शैली का उपयोग शॉर्ट टर्म स्टॉक ट्रेंड और पैटर्न के लिए किया जाता है। इस ट्रेडिंग का इस्तेमाल स्टॉक खरीदने के कुछ दिनों के अंदर लाभ अर्जित करने के लिए किया जाता है।

4. मोमेंटम ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग में एक ट्रेडर स्टॉक के मोमेंटम का फायदा उठाता है। अपवर्ड मोमेंटम में ट्रेडर स्टॉक को बेचता है। डाउनवर्ड मूवमेंट में ट्रेडर काफी मात्रा में स्टॉक खरीदता है। कीमत बढ़ने पर बेचता है।

5. पोजिशन ट्रेडिंग

पोजीशन ट्रेडर्स के शॉर्ट टर्म प्राइस मूवमेंट के बजाय स्टॉक की लंबी अवधि की क्षमता को भुनाने के उद्देश्य से महीनों के लिए स्टॉक खरीदारी करते हैं। यह स्टाइल उन लोगों के लिए सही है जो मार्केट प्रोफेशनल या मार्केट के रेगुलर पार्टिसिपेंट नहीं हैं।

पांच तरह की होती है शेयर मार्केट में ट्रेडिंग, जानिए हर जरूरी जानकारी

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स्टॉक ट्रेडिंग अगर तरीके से की जाए तो ये काफी प्रॉफिटेबल इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है हो सकती है। शेयर ट्रेडिंग की शुरुआत कम रकम से की जा सकती है। पहले स्टॉक ट्रेडिंग ऑफलाइन हुआ करती थी लेकिन अब ऑनलाइन ट्रेडिंग काफी तेजी से बढ़ रही है। ऑनलाइन ट्रेडिंग निवेश सुविधाजनक हो गया है।

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यूरोप में जॉइंट स्टॉक कंपनियों के साथ स्टॉक ट्रेडिंग अस्तित्व में आई। यूरोपीय साम्राज्यवाद में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूरोपीय शहरों में इनफॉर्मल स्टॉक मार्केट बढ़ने लगे। अपने शेयरों का व्यापार करने वाली इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है पहली जॉइंट-स्टॉक कंपनी डच ईस्ट इंडिया कंपनी थी। इसने एम्स्टर्डम स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से अपने शेयर जारी किए थे।

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भारत और एशिया में ट्रेडिंग के लिए पहला एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज था। इसे 1875 में स्थापित किया गया था। भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज है जहां शेयर ट्रेडिंग होती है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज।

शेयर ट्रेडिंग पांच प्रकार की होती हैं -

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1. डे ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग में सेम डे में स्टॉक खरीदना और बेचना होता है। इस तरह की ट्रेडिंग में कुछ मिनटों या घंटों के लिए ही स्टॉक रख जाते हैं। इस तरह की ट्रेडिंग में काफी एक्सपीरियंस की जरूरत पड़ती है।

2. स्कैलपिंग

इसे माइक्रो-ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है। स्कैल्पिंग और डे-ट्रेडिंग दोनों इंट्राडे ट्रेडिंग के सबसेट हैं। स्कैल्पिंग में सेम डे जल्दी-जल्दी और कई सौदे कर छोटा-छोटा मुनाफा कमाने की कोशिश की जाती है।

3. स्विंग ट्रेडिंग

इस शैली का उपयोग शॉर्ट टर्म स्टॉक ट्रेंड और पैटर्न के लिए किया जाता है। इस ट्रेडिंग का इस्तेमाल स्टॉक खरीदने के कुछ दिनों के अंदर लाभ अर्जित करने के लिए किया जाता है।

4. मोमेंटम ट्रेडिंग

इस ट्रेडिंग में एक ट्रेडर स्टॉक के मोमेंटम का फायदा इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है उठाता है। अपवर्ड मोमेंटम में ट्रेडर स्टॉक को बेचता है। डाउनवर्ड मूवमेंट में ट्रेडर काफी मात्रा में स्टॉक खरीदता है। कीमत बढ़ने पर बेचता है।

5. पोजिशन ट्रेडिंग

पोजीशन ट्रेडर्स के शॉर्ट टर्म प्राइस मूवमेंट के बजाय स्टॉक की लंबी अवधि की क्षमता को भुनाने के उद्देश्य से महीनों के लिए स्टॉक खरीदारी करते हैं। यह स्टाइल उन लोगों के लिए सही है जो मार्केट प्रोफेशनल या मार्केट के रेगुलर पार्टिसिपेंट नहीं हैं।

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