क्या बिटकॉइन भारत में वैध है

भारत में बिटकॉइन टैक्स के बारे में सब कुछ
बिटकॉइन एक प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी है, डिजिटल मुद्रा का दूसरा नाम जिसे भौतिक उत्पादों या सेवाओं के लिए व्यापारियों के साथ भुगतान के रूप में बदला जा सकता है। बिटकॉइन धारक एक केंद्रीकृत प्राधिकरण या बैंक को एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करने की आवश्यकता के बिना सीधे एक दूसरे के साथ उत्पादों या सेवाओं की खरीद, बिक्री और व्यापार कर सकते हैं, इसके मूल में ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी के लिए धन्यवाद।
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Bitcoin लीगल है या नहीं? Crypto ठगी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से किया सवाल
Bitcoin के लीगल स्टेटस का मुद्दा एक आपराधिक मामले में सामने आया है। यहां एक आरोपी पर क्या बिटकॉइन भारत में वैध है क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में लोगों को ठगने का आरोप लगा है।
- Mohammad Faisal
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- Updated: February 26, 2022 11:40 AM IST
भारत सरकार ने बजट 2022 पेश करते हुए डिजिटल ऐसेट की ट्रेडिंग से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर (tax) लगाया। इस कैटेगरी में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) और NFT शामिल होंगे। टैक्स के बाद सरकार ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के वैध या अवैध होने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। अब भारत के सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से देश में बिटकॉइन (Bitcoin) की कानूनी स्थिति पर स्पष्टता मांगी है। Also Read - Bitcoin की वैल्यू में एक बार फिर हुई बड़ी गिरावट, कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप
Bitcoin का लीगल स्टेटस
Bitcoin के लीगल स्टेटस का मुद्दा एक आपराधिक मामले में सामने आया है। यहां एक आरोपी पर क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में लोगों को ठगने का आरोप लगा है। केस सुनवाई के दौरान जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ ने आरोपी को अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की, लेकिन साथ ही सरकार से क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति पर अधिक स्पष्टता की मांग की। Also Read - Apex Legends Mobile कर बैठा गलती, वक्त से पहले जोड़ दिया Crypto लेजेंड
ET की खबर के मुताबिक, जस्टिस सूर्य कांत ने मामले में उपस्थित एएसजी ऐश्वर्या भट्टी से कहा, “आपको कानूनी स्थिति (बिटकॉइन पर) स्पष्ट करनी चाहिए।” Also Read - Top 5 Stable Coins: Tether (USDT) से TrueUSD (TUSD) तक टॉप 5 स्टेबल Cryptocurrency, जिनकी कीमत रहती है डॉलर के बराबर
क्या है Cryptocurrency ठगी का मामला?
इस केस में दो भाइयों अमित भारद्वाज और अजय भारद्वाज पर बिटकॉइन से जुड़ा ठगी का आरोप लगा है। दोनों भाइयों ने कथित तौर पर बिटकॉइन पर भारी मुनाफे के बदले निवेशकों से धन एकत्र किया। इन्होंने आरोपों से इनकार किया है.
अमित भारद्वाज को मार्च 2018 में पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था और 3 अप्रैल, 2019 को शीर्ष अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था। अमित को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी, जिस दौरान इनकी दिल का दौरा पड़ने के कारण मृत्यु हो गई। एएसजी भट्टी ने कहा कि अजय भारद्वाज जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
इन्होंने कहा कि इस मामले में 87,000 बिटकॉइन शामिल हैं और आरोपी को कई नोटिस जारी किए जा चुके हैं। यह भारत की ओर से इस तरह का पहला घोटाला है। ईडी ने शुरुआती घोटाले के अनुमानों को 2,000 करोड़ से संशोधित कर 20,000 करोड़ रुपये कर दिया है।
मामले की सुनवाई करने वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आरोपी को जांच अधिकारी से मिलने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही आईओ को चार सप्ताह में मामले पर एक नई स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
- Published Date: February 26, 2022 11:39 AM IST
- Updated Date: February 26, 2022 11:40 AM IST
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डेली अपडेट्स
भारत में क्रिप्टो आस्तियों का भविष्य | 20 Sep 2022 | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
यह एडिटोरियल 14/09/2022 को लाइवमिंट में प्रकाशित “Let’s take an inclusive approach to the regulation of crypto assets” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य और संबंधित मुद्दों के बारे में चर्चा की गई है।
संदर्भ:
भारत में और विश्व भर में खरीद, बिक्री और ट्रेडिंग जैसी वित्तीय गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के एक माध्यम के रूप में निवेशकों के बीच क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की मात्रा और लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास अभिसमय रिपोर ्ट 2021 के अनुसार, वर्ष 2021 में 7.3% भारतीय क्रिप्टोकरेंसी का स्वामित्व रखते थे।
यह सराहनीय है कि भारत जीवन के लगभग हर पहलू में ही तेज़ी से डिजिटलीकरण की ओर आगे बढ़ रहा है लेकिन इसके साथ ही एक अंतर्निहित चिंता भी है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। चिंता यह है कि वर्तमान में भारत के पास क्रिप्टो परिसंपत्ति बाज़ार को नियंत्रित करने के लिये कोई भी नियामक ढाँचा मौजूद नहीं है।
एक नियामक ढाँचे की अनुपस्थिति न केवल इस क्षेत्र में प्रवेश करने के इच्छुक व्यवसायों के लिये अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न करती है, बल्कि निवेशकों के लिये परिहार्य धोखाधड़ी का जोखिम भी पैदा करती है। एक अविनियमित पारितंत्र मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और आतंक वित्तपोषण को भी अवसर प्रदान कर सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
- क्रिप्टोकरेंसी रुपया या अमेरिकी डॉलर की ही तरह विनिमय का एक माध्यम है, लेकिन यह प्रारूप में डिजिटल है जो मौद्रिक इकाइयों के सृजन को नियंत्रित करने और धन के विनिमय को सत्यापित करने के लिये एन्क्रिप्शन तकनीकों (Encryption techniques) का उपयोग करती है।
- बिटकॉइन (Bitcoin) विश्व की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोरेंसी है जो बाज़ार पूंजीकरण के अनुसार विश्व की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी भी है।
- अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी को राष्ट्रीय सरकारों द्वारा विनियमित नहीं किया जाता है; उन्हें वैकल्पिक मुद्रा या वित्तीय विनिमय के साधन के रूप में देखा जाता है जो राज्य की मौद्रिक नीति के दायरे से बाहर होते हैं।
- सितंबर 2021 में अल साल्वाडोर विश्व का ऐसा पहला देश बन गया जिसने बिटकॉइन को वैध मुद्रा/लीगल टेंडर के रूप में मान्यता प्रदान की।
क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन के मामले में भारत की स्थिति
- वर्ष 2017 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक चेतावनी जारी कर आगाह किया कि वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टोकरेंसी भारत में वैध मुद्रा नहीं हैं।
- हालाँकि इन आभासी मुद्राओं पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया।
- वर्ष 2019 में RBI ने क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेडिंग, माइनिंग, होल्डिंग या हस्तांतरण/उपयोग को भारत में वित्तीय जुर्माने या/और 10 वर्ष तक के कारावास के दंड के अधीन घोषित किया।
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क्या बिटकॉइन भारत में वैध है
- RBI ने यह घोषणा भी की कि वह भविष्य में भारत में डिजिटल रुपए को वैध मुद्रा के रूप में लॉन्च कर सकता है।
- आभासी परिसंपत्ति/क्रिप्टोकरेंसी के रूप में प्राप्त उपहारों के मामले में प्राप्तकर्ता पर कर लगाया जाएगा।
क्रिप्टोकरेंसी से संबद्ध संदिग्ध क्षेत्र
- अस्थिर प्रकृति: क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का सट्टा है। इसमें अधिक मात्रा में निवेश बाज़ार अस्थिरता (Market Volatility) उत्पन्न करता है, यानी कीमतों में उतार-चढ़ाव को अवसर देता है जिसके परिणामस्वरूप लोगों को भारी नुकसान हो सकता है।
- विश्वसनीयता और सुरक्षा: चूँकि क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन का एक डिजिटल मोड है, यह हैकर्स, आतंकी वित्तपोषण और ड्रग लेनदेन के लिये एक अत्यंत आम मंच बन गया है।
- उदाहरण के लिये, अपराधियों द्वारा बिटकॉइन में फिरौती का क्या बिटकॉइन भारत में वैध है भुगतान करने के लिये ‘वन्नाक्राई’ वायरस का उपयोग किया गया था।
- इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा, वस्तु या प्रतिभूति के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है।
- उदाहरण के लिये, भारत में केवल RBI के पास ही नकदी सृजन का अधिकार है जिसे वह न्यूनतम रिज़र्व सिस्टम बनाए रखते हुए करता है। यह मांग और आपूर्ति का एक संतुलन बनाए रखता है।
- लेकिन क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय संस्थागत नियमों पर निर्भर नहीं होती बल्कि एन्क्रिप्टेड और प्रोटेक्टेड होती है जिससे पूर्वनिर्धारित एल्गोरिथम रेट पर धन की आपूर्ति में वृद्धि करना कठिन हो जाता है।
आगे की राह
- क्रिप्टोकरेंसी को परिभाषित करना: क्रिप्टोकरेंसी को संबंधित राष्ट्रीय कानूनों के तहत प्रतिभूतियों या अन्य वित्तीय साधनों के रूप में स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिये।
- स्टार्टअप पारितंत्र को क्रिप्टो से जोड़ना: भारत के स्टार्टअप पारितंत्र को क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी द्वारा नई ऊर्जा प्रदान की जा सकती है, जहाँ ब्लॉकचेन डेवलपर्स, डिज़ाइनर, प्रोजेक्ट मैनेजर, बिजनेस एनालिस्ट, प्रमोटर्स और मार्केटर्स जैसे कई रोज़गार अवसर सृजित हो सकते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की धुरी: चूँकि क्रिप्टो परिसंपत्ति राष्ट्रीय सीमाओं को पार करती है, वे वित्तीय बाज़ार शासन के अंतर्राष्ट्रीय समन्वयन के लिये एक धूरी या लिंचपिन के रूप में कार्य कर सकती हैं।
- हालाँकि भारत जैसी कई उभरती और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (emerging and developing economies- EMDEs) में क्रिप्टो परिसंपत्ति का विनियमन अभी नवजात अवस्था में ही है।
- क्रिप्टोकरेंसी प्रवाह को विनियमित करने के लिये एक जोखिम-आधारित और संदर्भ-विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय सहयोग अत्यंत आवश्यक है।
- डिजिटल मुद्रा एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी।
- हालाँकि CBDC को ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का पूरा लाभ उठाने के लिये अन्य क्रिप्टोकरेंसी के साथ तालमेल बिठाए रखने की भी आवश्यकता होगी।
अभ्यास प्रश्न: ‘‘यह उपयुक्त समय है कि भारत क्रिप्टोकरेंसी पर अपने ‘वेट एंड वाच’ नीति से आगे कदम बढाए।’’ टिप्पणी करें।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:
प्रश्न:“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)
- यह एक सार्वजनिक बहीखाता है जिसका निरीक्षण हर कोई कर सकता है, लेकिन जिसे कोई एकल उपयोगकर्त्ता नियंत्रित नहीं करता है।
- ब्लॉकचेन की संरचनाऔर डिज़ाइन ऐसा है कि इसमें मौजूद सारा डेटा क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ही होता है ।
- ब्लॉकचेन की बुनियादी सुविधाओं पर निर्भर एप्लीकेशन बिना किसी की अनुमति के विकसित किये जा सकते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2
(d) केवल 1 और 3उत्तर: (d)
प्रश्न. हाल ही में कभी-कभी समाचारों में आने वाले शब्द 'वानाक्राई, पेट्या और इंटर्नलब्लू' निम्नलिखित में से किससे संबंधित हैं (2018)
(a) एक्सोप्लैनेट
(b) क्रिप्टोकरेंसी
(c) साइबर हमले
(d) लघु उपग्रहउत्तर: (c)
मेन्स:
प्रश्न . क्रिप्टोकरेंसी क्या है? यह वैश्विक समाज को कैसे प्रभावित करता है? क्या यह भारतीय समाज को भी प्रभावित कर रहा है? (2021)
Bitcoin News : क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?
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Is Bitcoin legal in India : बिटकॉइन की बढ़ती हुई तेजी ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है की क्या उन्हें Bitcoin पर निवेश करना चाहिए अगर वे बिटकॉइन पर इनवेस्ट करते हैं तो किसी प्रकार के परेशानियों का सामना तो नहीं करेंगें?
एक तरह बिटकॉइन क्रिप्टोकरंसी की बढ़ती तेजी लोगों को ललचा रही है तो दूसरी तरफ सरकार की इसके प्रति ख़ामोशी लोगों को कन्फ्यूज करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही. लोग बार-बार इस चीज पर विचार कर रहे हैं की क्या बिटकॉइन भारत में बैन है?
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन के पहले भाग में हमने बताया था की बिटकॉइन क्या है? Bitcoin एक डिजिटल करेंसी है जिसे देखा और छुवा नहीं जा सकता बिटकॉइन पर किसी सरकार व संस्था का कन्ट्रोल नहीं है. यह ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित है.
लोगों द्वारा माना जाता है की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी दुनिया का भविष्य है? इसके अलावा हमने बताया था की Bitcoin का मालिक कौन है और उनका नेटवर्थ क्या है.
क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?
क्रिप्टोकरेंसी और सरकार का जुमला काफी पहले से ही चला आ रहा है. हालांकि इस पर हमेसा से वाद विवाद चला है और आज भी किसी एक पक्ष पर पूरी तरह निर्णय नहीं लिया गया है? परन्तु साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को हरी झण्डी दिखाते हुए इसे एक्सचेंज, निवेश और स्टॉक खरीदने के लिए पूरी तरह समर्थन दे दिया गया है. इस आधार पर कहा जा सकता है की ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के साथ एक्सचेंज के लिए Bitcoin का इस्तेमाल किया जा सकता है
आखिर में
हमे पूरी उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख…क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? (Is Bitcoin legal in India) पसंद आया होगा. कृपया करके इस लेख को अधिक से अधिक Shear करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सके. अगर लेख से संबंधित किसी प्रकार की शिकायत हो तो Comment Box के माध्यम से हमें अवश्य कहें.
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“भारत में क्रिप्टोकरेंसी वैध है या नहीं?, नियमों को स्पष्ट करे केंद्र सरकार” – सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court on Cryptocurrency (Bitcoin): इस साल बजट 2022 के बाद से ही देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर तमाम अटकलें और आशंकाओं के दौर शुरू हो चुके हैं। और अब देश की सर्वोच्च अदालत (सुप्रीम कोर्ट) ने भारत सरकार से क्रिप्टोकरेंसी पर अपना रुख़ स्पष्ट रूप क्या बिटकॉइन भारत में वैध है से देश के सामने पेश करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिए गए कि वह ये साफ़ करे कि बिटकॉइन (Bitcoin) भारत में क्या बिटकॉइन भारत में वैध है वैध है या नहीं?
ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)
बता दें जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत की पीठ ने बिटकॉइन में कारोबार से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को ये निर्देश दिए और भारत सरकार से इस मामले में एक हलफनामा दायर करने को कहा है।
इतना ही नहीं सरकार से ये भी कहा गया है कि वह अपने हलफ़नामे में क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन आदि) कारोबार से जुड़े नियमों के बारे में भी पूरी जानकारी साझा करे।
Supreme Court on Cryptocurrency: अदालत में क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने ये सुनवाई अजय भारद्वाज और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ़ निवेशको को ज्यादा रिटर्न का लालच देकर बिटकॉइन (Bitcoin) के कारोबार से जोड़ने से संबंधित मामले को लेकर की है। असल में इस मामले में कथित आरोपियों ने अपने खिलाफ दर्ज कई आईएफ़आर को निरस्त करने की अपील की है।
इस पर सरकार की तरफ से पेश हुई अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि देश भर में आरोपी के खिलाफ 47 FIR दर्ज हैं, लेकिन इसके बाद भी वह जाँच में सहयोग नहीं कर रहा है।
दिलचस्प रूप से तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ शुरू में इस घोटाले का आकार ₹2000 करोड़ तक क्या बिटकॉइन भारत में वैध है अनुमानित था, जो बिटकॉइन के वर्तमान मूल्य के हिसाब से अब ₹20,000 करोड़ का हो गया है। सामने ये आया है कि यह मामला असल में 87,000 Bitcoins से सम्बंधित है।
वैसे इस बीच सरकार को दिए गए निर्देश को लेकर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को ये आश्वासन दिया कि सरकार जल्द क्रिप्टोकरेंसी कारोबार की वैधता पर एक हलफनामा दायर करेंगी।
Supreme Court on Cryptocurrency (Bitcoin): क्यों सुर्ख़ियों में है क्रिप्टोकरेंसी?
ग़ौर करने वाली बात ये है कि इस बार के बजट 2022 में जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भारत में किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफ़र (लेनदेन) आदि से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगाने का ऐलान किया तो देश में डिजिटल एसेट्स के क़ानूनी भविष्य को लेकर अटकलें तेज कर दी थीं।
ये कहा जाने लगा था कि सरकार इसको क़ानूनी मान्यता देने का मन बना रही है। लेकिन इसके बाद ख़ुद वित्त मंत्री की ओर से इन अटकलों का खंडन कर दिया गया, और बताया गया कि टैक्स लगाने का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि सरकार इसको आधिकारिक रूप से मान्यता दे रही है।
इसके साथ ही कुछ ही दिनों पहले, भारत के वित्त सचिव, टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने अपने बयान में कहा कि बिटकॉइन (Bitcoin) और इथीरियम (Ethereum) या नॉन फंजीबल टोकन (NFTs) को भारत में कभी भी वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) घोषित नहीं किया जा सकता।
और हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांता दास (Shaktikanta Das) ने भी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को देश की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा ख़तरा बताया था।
ऐसे में भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर अभी भी कुछ साफ़ तौर पर कह पाना मुश्किल सा ही नज़र आ रहा है, लेकिन इतना ज़रूर है कि इसको अभी तक पूरी तरह से नकारा भी नहीं गया है।
साथ ही आपको बता दें कि कुछ ही दिनों पहले एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने वर्चुअल डिजिटल एसेट (Virtual Digital Asset) जैसे – क्रिप्टोकरेंसी, एनएफ़टी आदि से संबंधित विज्ञापनों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है।
जानकारो के अनुसार, केंद्र सरकार भारत में क्रिप्टकरेंसी और अन्य डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने के लिए बिल के प्रावधानों को तैयार कर रही है।