बाज़ार बेचना

विशेष खुदरा दुकानों को शुरू करने के अलावा, यह देश भर में 15,000 खादी एवं ग्रोमोद्योग आयोग के केन्द्रों के माध्यम से अपना ब्रांड बेचने की भी योजना बना रहा है।
फैब इंडिया और केवीआईसी को टक्कर देने, अब खादी बाज़ार में आएगा पतंजलि
बाबा रामदेव की एक फाइल फोटो अपने ब्रांड के उत्पादों का प्रदर्शन करते हुए । फेसबुक
100 विशेष खुदरा दुकानों को खोलने के अलावा यह 15,000 केवीआईसी स्टोरों के माध्यम से भी अपने उत्पाद बेचने की बना रहा है योजना।
नई दिल्लीः प्रतिस्पर्धी खादी बाजार में भीड़ बढ़ने वाली है, क्योंकि बाबा रामदेव का पतंजलि आयुर्वेद क्षेत्र में कदम रखने की तैयारी कर रहा है। बाजार पर नियंत्रण और एकाधिकार प्राप्त करने के लिए राज्य के स्वामित्व वाले खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के प्रयासों के बीच में ऐसा हो रहा है।
एक उभरता ब्रांड
खादी बाजार में पतंजलि का आना पिछले कुछ वर्षों में नए क्षेत्रों में प्रवेश करने की अपनी नीति को ध्यान में रखकर तय किया गया है, जिसने पहली बार 2006 में अपनी दवाएं लॉन्च की थीं। कंपनी बढ़ रहे उपभोक्ता माल (एफएमसीजी) बाजार में स्थापित बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बराबरी कर रही बाज़ार बेचना है और साथ हाई साथ कई अन्य चेजों में भी शामिल है।
इसके खादी कपड़े वस्त्र अनुभाग के अंतर्गत आएंगे, जिसकी पहली बार 2016 में बाज़ार बेचना पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए घोषणा की गई थी। बालकृष्ण ने कहा, “हम खादी उद्योग को पुनः प्रचलित करने के कार्यक्रम के साथ उत्तरी भारत में कई हथकरघा बुनकरों के साथ काम कर रहे हैं। हमारे खादी उत्पाद 100 रुपए से कम से कम शुरू होने वाले सबसे सस्ते उत्पाद होंगे।”
अन्य क्षेत्रों की तरह ही इसके उत्पादों को भी पतंजलि ‘स्वदेशी’ मूल के रूप में बाजार में उतारेगा। बालकृष्ण ने कहा, “हमने हमेशा ‘स्वदेशी’ कार्यक्रम को कायम रखा है और स्वदेशी कपड़े बेचने के व्यवसाय में शामिल होने से हम स्वदेशी का समर्थन करने के अपने वादे को पूरा कर रहे हैं। खादी का उत्पादन ख़रीद सकने योग्य दरो पर भारतियों द्वारा भारत में ही होना चाहिए। हमें विदेशियों या विदेशी कंपनियों द्वारा उत्पादित कपड़े नहीं पहनने चाहिए जो इसे लाभ के उद्देश्यों के लिए बेचते हैं।“
क्या आधुनिक बाजार व्यवस्था जन-साधारण विरोधी नहीं है?
क्या आधुनिक बाज़ार व्यवस्था जनसाधारण की विरोधी नही है ?
हम आधुनिक युग में जी रहे है | आधुनिक युग की बाज़ार व्यवस्था में जी रहे है | क्योंकि हमारे भोजन – वस्त्र , घर – मकान , शिक्षा – इलाज़ की सभी बुनियादी जरूरते बाज़ार से जुड़ने पर ही मिल पाती है और फिर छोटे – बड़े लाभ – मुनाफे कमाना तो बाज़ार व्यवस्था का अपरिहार्य हिस्सा है और यही बाज़ार व्यवस्था का वास्तविक लक्ष्य भी है | वर्तमान सामाजिक – व्यवस्था को बाज़ार व्यवस्था क्यों कहा जा रहा है ? इसका एकदम सीधा जबाब है कि इस सामाजिक व्यवस्था में राष्ट्र व् समाज के सभी लोगो को खरीद – बिक्री की प्रक्रिया से जुड़ना लाजिमी है | कुछ भी पाने के लिए कुछ बेचना और खरीदना जरूरी है | कुछ बेचे बिना कोई भी कुछ खरीद नही सकता | उदाहरण के लिए मजदूर को अपना भोजन , कपड़ा खरीदने के लिए अपनी श्रमशक्ति को बेचना जरूरी है .अपरिहार्य है | किसानो को अपनी खेती के लिये तथा अपने कपड़े -लत्ते तथा दूसरी जरुरतो के लिए अपने कृषि उत्पाद को या अपने किसी सदस्य की श्रम शक्ति को बेचना जरूरी है | यही स्थिति तमाम छोटे उत्पादकों की है |
इसके अलावा, चिकित्सा , शिक्षा तथा कानून व न्याय के क्षेत्र के लोगो के लिए भी जरूरी है कि वे पहले अपनी बौद्धिक क्षमता को बेचने लायक बने| इसके लिए विभिन्न क्षेत्रो का शिक्षा ज्ञान हासिल करे | फिर अपने शिक्षा ज्ञान का बिक्री – व्यापार करे | चाहे उसका नौकरी के जरिये वेतन आदि के रूप में मूल्य पाए या फिर अपने निजी काम धंधे के जरिये उसका व्यापार करे| अपनी सेवा का कम या ज्यादा मूल्य पाए और फिर उससे अपने जीवन को संसाधनों , सुविधाओं को खरीदे | व्यापारियों , उद्योगपतियों के मालो , सामानों की बिक्री से लाभ – मुनाफे के लिए आवश्यक ही है की वे अपने मालो , सामानों की बिक्री बाज़ार बढाये | इसी लक्ष्य से उत्पादन विनिमय को संचालित करे| यही वह हिस्सा है , जो बाज़ार – व्यवस्था का प्रबल हिमायिती है | उसका संचालक है | इसे आप इस तरह भी कह सकते है कि जंहा व्यापारी , उद्योगपति नही है या छोटे स्तर के है तो वंहा बाज़ार व्यवस्था नही है | अगर कंही व्यापारी व उद्योगपति अत्यंत छोटे स्तर के है तो इस बात का सबूत है कि अभी वंहा छोटे – मोटे बाज़ार तो है , पर बाज़ार व्यवस्था भी नही है | उदाहरण —- आज से 100 – 200 साल पहले भारतीय समाज में खासकर ग्रामीण समाज में लोगो के आवश्यकताओ कि पूर्ति ग्रामीण समाज में मौजूद श्रम विभाजन से ही पूरी हो जाती थी | किसी ख़ास सामान के लिए ही उन्हें बाज़ार जाना पड़ता था |लेकिन आधुनिक बाज़ार व्यवस्था बाज़ार बेचना के आगमन के साथ बाज़ार का यानी खरीद – बिक्री केंद्र का विकास नगर , शहर , कस्बे से होता हुआ हर चट्टी – चौराहे तक फ़ैल गया है | हर आदमी खरीद – बिक्री कि प्रक्रिया से जुड़ गया है और अधिकाधिक जुड़ता जा रहा है |आधुनिक युग कि बाज़ार व्यवस्था ने हर किसी कि महत्ता महानता को चीन लिया है , कयोंकि हर तरह का हुनर , ज्ञान , अनुभव , बिकाऊ माल बन गया है | उसे पाने का लक्ष्य मालो , सामानों कि तरह ही उसकी खरीद – फरोख्त बन गया है |आज कोई आश्चर्य नही कि , मनुष्य का मूल्य उसके गुणों के आधार पर नही बल्कि खरीद – बिक्री की क्षमता के आधार पर किया जा रहा है |इस बाज़ार व्यवस्था का अनिवार्य पहलु यह भी है कि यदि किसी के पास बेचने के लिए कुछ भी नही है या जिसका श्रम – सामान बिकाऊ नही है तो उसके जीने का अधिकार भी नही है |फिर तो वह किसी के सहारे या फिर भीख – दान अथवा ठगी , चोरी के जरिये ही जीवन जी सकता है |बाज़ार व्यवस्था के वर्तमान दौर के विकास में यही हो रहा है |आधुनिक आर्थिक व तकनिकी विकास के दौर में साधारण श्रम और साधारण उत्पादन कि बाज़ार में मांग घटी जा रही है | या तो उनकी बिक्री ही नही हो पा रही है , या फिर उनका मूल्य इतना कम है कि उससे न तो उपभोग के सामानों को खरीदकर श्रम शक्ति का पुनरुत्पादन किया जा सकता है और न ही बढ़ते लागत के चलते उन साधारण मालो , सामानों का ही पुन: उत्पादन किया जा सकता है | साधारण मजदूरों , किसानो ,सीमांत व छोटे किसानो, दस्तकारो तथा छोटे कारोबारियों कि यही स्थिति है| वे बाज़ार में टूटते जा रहे है |
चूँकि वर्तमान दौर की बाज़ार व्यवस्था विश्व – बाज़ार व्यवस्था का एक अंग है | इसका संचालन व नियंत्रण देश – दुनिया के धनाढ्य एवं उच्च हिस्से कर रहे है | उसे वे अपने जैसे लोगो के लिए या फिर अपने सेवको के लिए बाज़ार बाज़ार बेचना व्यवस्था को बदल रहे है |आम आदमी को उससे बाहर करते जा रहे है |बेकार , बेरोजगार , संकटग्रस्त होकर जीने और मरने के लिए छोड़ते जा रहे है |क्या यह बाज़ार व्यवस्था जनसाधारण के जीवन- यापन कि उसके बुनियादी हितो कि विरोधी नही है ? क्या जनहित में देश व समाज कि व्यवस्था में जनसाधारण कि आवश्यकतानुसार बदलाव अनिवार्य , अपरिहार्य नही हो गया है ?
क्या इस देश के लोगो को इसपे सोचना नही चाहिए ………….
Old Coin Notes Sell : ऐसे नोट जो आपको बनायेंगे लखपति, यहाँ जानें कैसे
अगर आपके पास दुर्लभ सिक्के और नोट हैं और बाज़ार बेचना आप उन्हें बेचना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। लेकिन उन्हें अच्छे मूल्य पर आसानी से बेचना बहुत आसान नहीं है। आप में से अधिकांश लोग यह नहीं जानते हैं कि पुराने सिक्के और नोट सीधे खरीदार को कैसे बेचे जाते हैं। एक वास्तविक या विश्वसनीय सिक्का और नोट खरीदार (मुद्रा संग्राहक) खोजना सभी के लिए एक आसान काम है। आज की पोस्ट में, हम आपको कई विश्वसनीय वेबसाइटों और आपके पुराने नोटों और सिक्कों को बेचने के वैध तरीकों के बारे में बताएंगे।
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यदि आप एक पुराने सिक्के के खरीदार की तलाश कर रहे हैं, तो आपको इस पोस्ट पर इसके बारे में जानकारी मिल जाएगी। आपने शायद इंटरनेट पर IndiaMart , OLX, Quikr, और सिक्का बाज़ार जैसे नामों के बारे में सुना होगा, जिसके उदाहरण कई प्रमुख समाचार वेबसाइटें प्रदान करती हैं। इन समाचार वेबसाइटों पर बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो पूरी तरह से सच्चाई के विपरीत हैं। तो आज की इस पोस्ट में हम आपको सिर्फ सिक्के और नोट बेचने की वेबसाइट के बारे में ही नहीं बताएंगे, बल्कि हम आपको “मेरे आस-पास के पुराने सिक्के खरीदने वालों” की खदान के बारे में भी बताएंगे और अपने आस-पास के विक्रेताओं को कैसे ढूंढे इसके बारे में भी बताएंगे।
अगर आप अपने पुराने नोट और सिक्के बेचना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले पता होना चाहिए कि कौन से नोट और सिक्के आसानी से बिकेंगे। यदि आप ईमानदारी से कोई नोट या सिक्के बेचना चाहते हैं, तो आपको ऐसे सिक्के और नोट एकत्र करने होंगे जो अत्यंत दुर्लभ हैं, क्योंकि सामान्य सिक्के अधिक मात्रा में मूल्य नहीं दे सकते हैं। यह समझने के लिए कि कौन से सिक्के और नोट दुर्लभ हैं, हमारे वेबसाइट का अनुसरण करें । हम आपको तथ्यों और सबूतों के आधार पर 100% वास्तविक जानकारी प्रदान करेंगे।
Old Coin Notes Sell : कुछ सबसे मूल्यवान पुराने नोट
आइए हाल ही में नीलामियों में बिकने वाले उच्च-मूल्य वाले नोटों से शुरुआत करें। पुराने भारतीय नोट लगभग हर घर में देखे जा सकते हैं लेकिन जरूरी नहीं कि हर पुरानी भारतीय मुद्रा कीमती हो। तो आइए कुछ भावपूर्ण भारतीय नोटों पर चर्चा करें जो नीलामियों में बेचे जाते हैं।
अगर आपके पास 5 रुपये का ट्रैक्टर नोट और उसका सीरियल नंबर 786786 है जो आपको अच्छी रकम दे सकता है। तो पहला नोट जो आप यहां देख सकते हैं वह 5 रुपए का ट्रैक्टर नोट है जिस पर बिमल जालान के हस्ताक्षर थे और इस नोट के सीरियल नंबर में 22A 786786 है और यह नोट अनियंत्रित स्थिति में था। इस नोट को 2015 की नीलामी में 6100 रुपये में बेचा गया था।
NCDEX पर ग्वार में दुसरे दिन मुनाफावसूली हावी, 4% से ज्यादा टूटा ग्वार गम, ग्वार सीड
Guar Bhav Today 23 November 2022: किसान साथियों, बीते हफ्ते जिस रफ्तार से ग्वार की कीमतों में तेजी आई थी उसी रफ्तार से इस हफ्ते गिरावट देखने को मिल रही है। जहां हाजिर मंडियों में बीते तीन दिनों में ग्वार के भाव 800 से 1000 रुपए प्रति क्विंटल टूट चुके है। वहीं NCDEX पर भी ग्वार गम दिसंबर वायदा 13248 के स्तर को छूने के बाद आज 11920 के स्तर पर आ पहुंचा है।
NCDEX पर ग्वार में आज लगातार दुसरे दिन मुनाफावसूली हावी है , मुनाफावसूली के चलते आज के शुरूआती कारोबारी सत्र में खबर लिखें जाने तक ग्वार में 4 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है.
NCDEX ग्वार वायदा आज फिर टूटा
NCDEX वायदा पर कल ग्वार गम और ग्वार सीड की कीमतों (Guar Price Today) 6 फीसदी की गिरावट रही, जोकि आज भी जारी है ।
खबर लिखे जाने तक NCDEX पर ग्वार गम दिसंबर वायदा अनुबंध बीते कारोबारी दिन के मुकाबले 137 रुपये मंदा जबकि ग्वार सीड दिसंबर वायदा 04 रुपये तेज खुला, बाज़ार खुलने के बाद कल से जारी मुनाफावसूली के चलते ग्वार गम व ग्वार सीड में करीब 4 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की जा चुकी है ।
शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन चढ़ा, Paytm का शेयर और 5% टूटा
स्थानीय शेयर बाजारों (Stock Markets) में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही. BSE Sensex 92 अंक की बढ़त में रहा. वैश्विक स्तर पर मजबूत रुख के बीच बैंक शेयरों में लिवाली से बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 91.62 अंक यानी 0.15 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,510.58 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 361.94 अंक तक चढ़ गया था. पूरे दिन में सेंसेक्स ने 61,780.90 का उच्च स्तर और 61,442.69 का निचला स्तर छुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में भारतीय स्टेट बैंक, बजाज फाइनेंस, डॉ. रेड्डीज, कोटक महिंद्रा बैंक, सन फार्मा, मारुति, NTPC, एक्सिस बैंक और ICICI बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहे. वहीं नुकसान में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, टाइटन, भारती एयरटेल और बजाज फिनसर्व शामिल हैं.
Nifty50 का हाल
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 23.05 अंक यानी 0.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,267.25 पर बंद हुआ. एनएसई पर निफ्टी आईटी, निफ्टी मेटल और निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स को छोड़कर अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स बढ़त के साथ बंद हुए हैं. निफ्टी पर अपोलो हॉस्पिटल्स, एचडीएफसी लाइफ, जेएसडब्ल्यू स्टील, बजाज फाइनेंस, एसबीआई टॉप गेनर्स रहे. दूसरी ओर अडानी एंटरप्राइजेस, अडानी पोर्ट्स, हीरो मोटोकॉर्प, पावरग्रिड और टेक महिन्द्रा टॉप लूजर्स रहे.
Paytm की पेरेंट कंपनी One 97 Communications का शेयर गिरकर नए रिकॉर्ड लो पर आ गया है. पेटीएम का शेयर पिछले दो दिनों में 16 प्रतिशत से ज्यादा टूटा है. बुधवार को पेटीएम का शेयर बीएसई पर 5.20 प्रतिशत टूटकर 452.30 रुपये और एनएसई पर 5.62 प्रतिशत गिरकर 450 रुपये पर बंद हुआ है. पूरे दिन के कारोबार में शेयर बीएसई पर 440.35 रुपये तक भी गया था, जो इसका रिकॉर्ड लो है.
वैश्विक बाजारों की स्थिति
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मजबूती का रुख था. अमेरिकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट में मंगलवार को तेजी थी. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय बाज़ार बेचना तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.05 प्रतिशत की बढ़त के साथ 89.29 डॉलर प्रति बैरल रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 697.83 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
आईनॉक्स विंड की अनुषंगी कंपनी आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज की बाजार में शुरुआत बुधवार को कमजोर रही. सूचीबद्धता के पहले दिन इसके शेयर 65 रुपये प्रति शेयर के आईपीओ प्राइस बैंड के मुकाबले करीब आठ प्रतिशत की गिरावट पर रहे. आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी के शेयर ने कारोबार की शुरुआत बीएसई में 6.92 प्रतिशत के नुकसान के साथ 60.50 रुपये के भाव पर की. कारोबार के दौरान एक समय यह 8.92 प्रतिशत गिरकर 59.20 प्रति शेयर के भाव पर आ गया था. एनएसई में कंपनी का शेयर 7.69 प्रतिशत के नुकसान के साथ 60 रुपये के भाव पर सूचीबद्ध हुआ.