क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?

-
बिटकॉइन माइनिंग में काफी ज्यादा समय लगता है ऐसे में इस प्रोसेस में काफी ज्यादा बिजली (ऊर्जा) खर्च होती है।
Bitcoin : भारत में बिटकॉइन वैध है या नहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से स्पष्ट करने को कहा
नई दिल्ली, 25 फरवरी। बिटकॉइन घोटाले मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ये स्पष्ट करने को कहा है कि भारत में बिटकॉइन वैध है या नहीं। बतादें कि 2018 में सामने आए बिटकॉइन फ्रॉड के एक मामले के आरोपियों को जांच में सहयोग करने का निर्देश देते हुए कोर्ट ने ये सवाल पूछा है। 4 हफ्ते बाद मामले की अगली सुनवाई होगी।
पढ़ें :- तीन महीने बाद 50 हजार डॉलर के पार हुआ बिटकॉइन
गेन बिटकॉइन घोटाले में आरोपी पर जांच में सहयोग ना करने का आरोप
सुनवाई के दौरान ED की ओर से वकील ऐश्वर्या भाटी ने गेन बिटकॉइन घोटाले के आरोपी अजय भारद्वाज पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया। जिसपर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सदस्य जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र सरकार से पूछा कि ये बताएं कि बिटकॉइन देश में वैध है या नहीं।
मार्च 2018 में गिरफ्तार हुआ था आरोपी अजय भारद्वाज
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अजय भारद्वाज को अगस्त 2019 में एक करोड़ रुपये के मुचलके पर जमानत दी थी। अजय भारद्वाज पर आरोप है कि उसने बिटकॉइन में निवेश करने के नाम पर निवेशकों से धोखाधड़ी की थी। अजय भारद्वाज को मार्च 2018 में गिरफ्तार किया गया था। अब ED का आरोप है कि वो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है।
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे.
Crypto Currency क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार की दो टूक; बिटकॉइन या एथेरियम को नहीं कोई मान्यता, कहा- नुकसान के लिए हम जिम्मेदार नहीं
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारत में चल रही प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। सरकार ने दो टूक कह दिया है कि, बिटकॉइन, एथेरियम या एनएफटी को क़ानूनी मान्यता नहीं मिलेगी। बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने यह जानकारी दी। इसी के साथ सरकार ने यह भी साफ़ कर दिया है कि, बिटकॉइन या किसी भी निजी क्रिप्टोकरेंसी में जनता निवेश करेगी और उसमें नुकसान होता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की नहीं होगी।
समाचार एजेंसी एनएनआई से बात करते हुए वित्त सचिव ने कहा, “बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेंगी, केवल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी डिजिटल रुपया ही कानूनी निविदा होगा।”
उन्होंने कहा, “डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफ़ॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगा। हम गैर- डिजिटल संपत्ति के साथ डिजिटल संपत्ति जैसे हम अपने वॉलेट का उपयोग करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं या यूपीआई प्लेटफॉर्म के माध्यम से भुगतान करते हैं।”
उन्होंने कहा, “बाकी सभी कानूनी निविदा नहीं हैं, नहीं होंगे, कभी कानूनी निविदा नहीं बनेंगे। बिटकॉइन, एथेरियम, या अभिनेता की एनएफटी बनने वाली कोई भी तस्वीर कभी भी कानूनी निविदा नहीं बन पाएगी।”
सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं।
सोमनाथन ने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं कि बिटकॉइन या एथेरियम अवैध है, लेकिन यह वैध भी नहीं है। लेकिन मैं कह सकता हूं कि अगर क्रिप्टोकरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।”
सोमनाथन ने कहा कि विनियमन केवाईसी, विक्रेता के लाइसेंस की मांग कर सकता है, लेकिन सरकार द्वारा बाद में हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के साथ निर्णय लिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि, “हम यह भी देखेंगे कि दूसरे देशों में क्या हो रहा है।” डिजिटल रुपये के बारे में अधिक विस्तार से बताते हुए, सोमनाथन ने कहा कि, “डिजिटल रुपया बिटकॉइन और एथेरियम की तरह नहीं होगा।”
सोमनाथन ने आगे कहा, “डिजिटल रुपये के माध्यम से, आप अपना लेन-देन करते हैं जैसे आप वर्तमान में अपने डिजिटल वॉलेट जैसे पेटीएम, यूपीआई के माध्यम से कर रहे हैं। डिजिटल रुपया एक कानूनी निविदा है और नकद भुगतान के बराबर है।”
वित्त सचिव ने डिजिटल संपत्ति हस्तांतरण पर 30 प्रतिशत कर की दर के बारे में भी स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि कृषि को छोड़कर कोई भी अन्य आय सरकार की नीति के अनुसार कर योग्य है। उन्होंने कहा, “वर्तमान में हमारे पास क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्टता नहीं है, चाहे वह व्यावसायिक आय हो, पूंजीगत लाभ हो या यह एक सट्टा आय हो। कुछ लोग अपनी क्रिप्टो संपत्ति घोषित करते हैं, कुछ नहीं करते हैं। अब 1 अप्रैल, 2022 से, प्रति माह 30 की एक समान दर डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण पर शत-प्रतिशत कर लागू होगा।”
उन्होंने आगे कहा, “यह केवल क्रिप्टो के लिए नहीं है, यह सभी सट्टा आय के लिए है। उदाहरण के लिए, यदि मैं घुड़दौड़ लेता हूं, तो उस पर भी 30 प्रतिशत कर लगता है। किसी भी सट्टा लेनदेन पर पहले से ही 30 प्रतिशत कर है। इसलिए हमने कर का निर्णय लिया है क्रिप्टो एक ही दर पर। क्रिप्टो एक सट्टा लेनदेन है, इसलिए हम इसे 30 प्रतिशत की दर से कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “इथेरियम का वास्तविक मूल्य कोई नहीं जानता है। उनकी दर में दैनिक उतार-चढ़ाव होता है। क्रिप्टो के माध्यम से आय अर्जित करने वाले को अब 30 प्रतिशत का भुगतान करना होगा। यह सरकार की नई नीति है।
तो अब पेटीएम से भी खरीद सकेंगे बिटकॉइन! जानें कंपनी की क्या है प्लानिंग
डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम का कहना है कि अगर दुनियाभर में मशहूर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को मान्यता मिलती है तो वह भारत में इसकी ट्रेडिंग कर सकती है.
- Money9 Hindi
- Publish Date - November 4, 2021 / 06:29 PM IST
डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम (Paytm) का कहना है कि अगर दुनियाभर में मशहूर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को मान्यता मिलती है तो वह भारत में इसकी ट्रेडिंग कर सकती है. हालांकि देश में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं है. लेकिन जल्द ही वर्चुअल करेंसी को रेगुलेट किया जा सकता है. कुछ समय पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस ओर इशारा किया था. वहीं पेटीएम के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मधुर देवड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी नियम साफ नहीं है. सरकार इजाजत देगी तो वह बिटकॉइन को बेचेगी. उन्होंने कहा कि जैसे ही वर्चुअल करेंसी की खरीद और बिक्री देश में पूरी तरह वैध हो जाती है तो पेटीएम इसकी बिक्री पर फोकस करेगी.
देश का सबसे बड़ा IPO लाने की तैयारी में है पेटीएम
देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम का क्रिप्टोकरेंसी पर बयान ऐसे समय आया है जब वह देश का अब तक का सबसे बड़ा IPO (Initial public offer) लाने की तैयारी कर रही है. बता दें कि पेटीएम का IPO अगले सोमवार यानी 8 नवंबर को खुलेगा. कंपनी शेयर बाजार में IPO के जरिए प्रवेश करने वाली है. कंपनी का IPO करीब 18 हजार करोड़ रुपये का होगा.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के मामले में सबसे आगे है भारत
एक रिपोर्ट के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के मामले में भारत सबसे आगे है. देश में खासकर युवाओं के बीच क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का चलन बढ़ता जा रहा है. क्रिप्टो करेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है. लेकिन, इन्हें रेगुलेट नहीं किया जाता. बता दें कि RBI ने मार्च 2020 में इस पर बैन लगाया था. हालांकि सरकार इसके लिए तैयार नहीं थी. मार्च 2020 में कोर्ट ने इसे हटा दिया.
बिटकॉइन क्या है? Bitcoin कैसे ख़रीदे? Mining की जानकारी हिंदी में
परंतु यदि आपको Digital Currency बिटकॉइन क्या है? यह कैसे काम करती है? इसके फायदे और नुकसान तथा इसका इस्तेमाल कहां किया जाता है इसके बारे में बुनियादी बातें नहीं पता तो आज के इस लेख में हम आपको इस डिजिटल मुद्रा (ई-करेंसी) के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं।
Bitcoin Kya Hai in Hindi |
बिटकॉइन क्या है? (Bitcoin in Hindi)
वर्ष 2009 में सतोशी नाकामोतो द्वारा ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में निर्मित बिटकॉइन (Bitcoin) दुनिया की पहली विकेंद्रीकृत आभासी मुद्रा (Cryptocurrency) है। इस डिजिटल करेंसी का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है और ना ही इसे किसी सरकारी संस्थान या केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित किया जाता है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिसे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के जरिए बनाया गया है।
वर्चुअल करेंसी होने के कारण इसे देख या छू पाना, सिक्कों या नोट की तरह इसे जेब में रखकर घूम पाना संभव नहीं है यह कंप्यूटर/स्मार्टफोन में प्रोग्रामिंग के जरिए इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होता है।
Bitcoin कैसे काम करता है?
Bitcoin पीयर-टू-पीयर तकनीक पर काम करता है जिसका अर्थ है यहां होने वाले सभी लेनदेन एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर के बीच होते हैं और इन सभी लेन-देन का हिसाब ब्लॉकचेन में सुरक्षित होता है तथा हर ट्रांजैक्शन वेरीफाई की जाती है।
ब्लॉकचेन ही वह सार्वजनिक बहीखाता है जिस पर बिटकॉइन का पूरा नेटवर्क टिका हुआ है इसकी मदद से ही बिटकॉइन वॉलेट बैलेंस और खर्च करने वाले के बैलेंस की गणना और नई ट्रांजैक्शन को वेरीफाई किया जा सकता है।
Bitcoin को स्टोर करने के लिए Wallet की आवश्यकता होती है। बिटकॉइन वॉलेट का इस्तेमाल करना काफी आसान है यहां अकाउंट बनाने पर आपको एक एड्रेस मिलता है जिसे आप अपने दोस्त या किसी ऐसे व्यक्ति को दे सकते हैं जिससे आप पेमेंट प्राप्त करना चाहते हैं।
बिटकॉइन वॉलेट 1 सीक्रेट key रखता है जिसे Private Key या seed कहते हैं जो लेन-देन पर हस्ताक्षर करने के लिए इस्तेमाल में लाए जाते हैं। हर लेनदेन बिटकॉइन वॉलेट्स के बीच मूल्यों का हस्तांतरण है जो ब्लॉक चैन में शामिल हो जाता है।
Bitcoin Mining Meaning in Hindi
बिटकॉइन बनाने और इसके ट्रांजैक्शन को ब्लॉकचेन में सुरक्षित करने की प्रक्रिया को ‘बिटकॉइन माइनिंग‘ (Bitcoin Mining) कहा जाता है, जिसमें क्रिप्टोग्राफी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। और यह काम बड़े-बड़े कंप्यूटर पर बैठे वह लोग करते हैं जिन्हें क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन को सॉल्व करना आता है इन्हें क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? माइनर्स (क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? Bitcoin Miners) कहा जाता है। और इन्हें माइनिंग के बदले Rewards के रूप में Bitcoins मिलते है।
Bitcoin Mining पूरी तरह से ब्लॉकचेन पर निर्भर होती है सभी बिटकॉइन नेटवर्क पर मौजूद पब्लिक Ladger (बही खाते) को देखा जा सकता है केवल कंफर्म हो चुके ट्रांजैक्शन ही ब्लॉकचेन में शामिल होते हैं। और सभी नए ट्रांजैक्शन को वेरीफाई किया जाता है जिससे यह पता लगाया जा सके कि नए ट्रांजैक्शन को करने वाले के पास इतने बिटकॉइन है या नहीं और क्या वह ही इसका मालिक है। इस पूरे सिस्टम को ‘प्रूफ ऑफ वर्क‘ कहा जाता है।
Miners चाह कर भी इस पूरे सिस्टम के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते क्योंकि Bitcoin Nodes ऐसे ब्लॉक को रिजेक्ट कर देते है जिनमें इनवेलिड डाटा होता है।
बिटकॉइन के फायदे (Benefits)
- बिटकॉइन के जरिए लेन-देन काफी सस्ता होता है, यहां ना के बराबर चार्ज और ट्रांजैक्शन फीस लगती है।
बिटकॉइन के नुकसान
-
बिटकॉइन माइनिंग में काफी ज्यादा समय लगता है ऐसे में इस प्रोसेस में काफी ज्यादा बिजली (ऊर्जा) खर्च होती है।
Bitcoin का इस्तेमाल (Use)
बिटकॉइन को आसानी से किसी भी भौतिक मुद्रा की मदद से खरीदा या एक्सचेंज किया जा सकता है और भौतिक मुद्रा को आसानी से बिटकॉइन में कन्वर्ट किया जा सकता है। ऐसे में लोग इसका इस्तेमाल इन्वेस्टमेंट करने, रेमिटेंस (विदेशी लेन-देन) के लिए, काला धन छुपाने तथा कुछ लोग गैर कानूनी गतिविधियां करने के लिए भी कर रहे हैं।
-
#1. निवेश कर पैसा कमाने के लिए: बिटकॉइन के रेट पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं ऐसे में लोग इसे निवेश का सबसे अच्छा जरिया बता रहे हैं और इसका इस्तेमाल अपने पैसे से मुनाफा कमाने के लिए कर रहे हैं।
1 बिटकॉइन की कीमत कितनी है?
बिटकॉइन की कीमत लाखों में है और यह निरंतर बढ़ती घटती रहती है, फरवरी 2021 की शुरूआत में दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक Elon Musk ने बिटकॉइन में 1.5 अरब डॉलर का निवेश करने की घोषणा की जिसके बाद यह अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। मंगलवार को बिटकॉइन ने $50000 यानी ≈ 3600000 रुपए का आंकड़ा छू लिया।
सोमवार को एलोन मस्क के निवेश के बाद एक बिटकॉइन (₿) की कीमत ≈ $48215 के उच्च स्तर पर थी।
बिटकॉइन की कीमत बढ़ती या घटती क्यों है?
बिटकॉइन प्रोटोकॉल के मुताबिक बिटकॉइन की माइनिंग फिक्स है और यह डिमांड और सप्लाई पर काम करती है एक रिपोर्ट के मुताबिक कुल 21 मिलियन बिटकॉइन ही माइन किए जा सकते हैं। ऐसे में जब माइनर्स की संख्या में बढ़ोतरी होती है तो इससे मुनाफा कमा पाना मुश्किल हो जाता है।
तथा यह एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम है इसीलिए किसी भी संस्थान या किसी व्यक्ति के पास इसे कंट्रोल करने की ताकत नहीं है।
क्या भारत में Bitcoin वैध (Legal) है? (इसका भविष्य क्या है?)
सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी होने के कारण बिटकॉइन का इस्तेमाल दुनिया के लगभग अधिकतर देश करते हैं कुछ देशों में यह लीगल है तो कुछ देशों में इसे बैन किया जा चुका है।
भारत में भी वर्ष 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने Bitcoin की कुछ कमियों को उजागर करते हुए इस पर बैन लगा दिया। परंतु मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे वैध बताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के बैन को हटा दिया और अब यह भारत में पूरी तरह से Legal (मान्य) है। आप चाहे तो बिटकॉइन को खरीद, इसमें इन्वेस्ट या इसकी ट्रेडिंग आदि कर सकते है।
फिलहाल खबरें यह भी आ रही है कि भारत Bitcoin जैसी एक सरकारी डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है।
बिटकॉइन कैसे खरीदें? (Buy Bitcoins)
बिटकॉइन खरीदने के लिए इंटरनेट पर अलग-अलग तरीके के ऐप्स और वेबसाइट उपलब्ध है जिनमें से CoinSwitch Kuber, Zebpay और Unocoin, WazirX (Crypto Trading Exchange India) जैसे एप्स काफी पॉपुलर है। आप इन्हें अपने स्मार्टफोन में डाउनलोड करके अपना अकाउंट बनाकर आसानी से बिटकॉइन खरीद और एक्सचेंज व ट्रेडिंग कर सकते हैं।
इसके साथ ही आप इन एप्स के जरिए पेमेंट रिसीव या सेंड कर सकते हैं यहां आपको एक वॉलेट भी मिल जाता है तथा इन पर आप भारतीय रुपए में लेन देन कर सकते हैं और कुछ ऐप यूपीआई के जरिए भी बिटकॉइन खरीदने व एक्सचेंज करने की सुविधा देते हैं।
आप चाहे तो इन Website/Apps की मदद से बिटकॉइन के अलावा किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी निवेश कर सकते हैं।
Zebpay (Crypto Trading Exchange), CoinSwitch Kuber जैसे ऐप्स केवल ₹100 से बिटकॉइन में निवेश करने की सुविधा देते हैं।
बिटकॉइन खरीदें और निवेश करें:
-
सबसे पहले Unocoin App डाउनलोड करें या इसकी वेबसाइट पर जाएं।
अंतिम शब्द
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले आपको इसके बारे में कुछ बुनियादी बाते पता होनी चाहिए, जिससे आप Bitcoin में अपने हिसाब से निवेश कर सकें। साथ ही इसके फायदे और नुकसान तथा इसका इस्तेमाल कहाँ किया जाता है यह भी आपने जान लिया है। आप चाहे तो अपनी रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार इसमें निवेश कर सकते है।
परन्तु ध्यान रहे किसी से पैसा उधार लेकर या लोन आदि लेकर कभी इस तरह के निवेश में पैसा न लगाएं, केवल वही राशि लगाएं जिसका आप वहन कर सकें।
डिस्क्लेमर: यहां साझा की गई सामग्री कानूनी, वित्तीय, निवेश, या अन्य प्रकार की सलाह नहीं है।
क्या बिटकॉइन भारत में वैध है?
Vaishali Basu Sharma
Share
केंद्र सरकार द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर को हितधारकों ने निवेशकों को हतोत्साहित करने वाला बताया है . इनका मानना है कि आने वाला दौर डिजिटलीकरण और टेक्नोलॉजी का है , ऐसे में अगर भारत ने इसके लिए अनुकूल माहौल तैयार नहीं किया तो यह कुछ प्रमुख व्यवसायों और निवेशकों को खो देगा .
भारत में क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के कर निहितार्थ के बारे में काफी अनिश्चितता के बाद केंद्र सरकार ने अंततः 2022-23 के केंद्रीय बजट में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स ( वीडीए ) से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत के समग्र कर की घोषणा की .
क्रिप्टो रिसर्च एजेंसी क्रेबैको (CREBACO) ने बताया है कि 30% टैक्स लागू होने के बाद पहले दो दिनों में भारतीय एक्सचेंज में इसके वॉल्यूम में लगभग 55% की और डोमेन ट्रैफिक में 40% से अधिक की गिरावट देखी है . यह कई मायनों में इस बात का संकेत है कि भारतीय क्रिप्टो स्पेस नए कर दिशानिर्देशों पर कैसे प्रतिक्रिया दे रहा है .
दूसरी ओर , भारत सरकार ने ग्यारह क्रिप्टो एक्सचेंज से चुकाई नहीं गई जीएसटी के 95.86 करोड़ रुपये (958 मिलियन डॉलर ) की वसूली की है . केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ( सीबीआईसी ) ने कई क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे कॉइन डीसीएक्सम बाई यूकॉइन , कॉइन स्विच कुबेर , अनकॉइन और फ्लिटपे (Coin DCX, Buy Ucoin, Coin Switch Kuber, Unocoin , Flitpay) द्वारा बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी का पता लगाया था . हालांकि , ज़ानमाई लैब्स बड़ी चोरी का पता लगा था , जहां वज़ीरएक्स नाम का एक क्रिप्टो एक्सचेंज संचालित होता था .
जीएसटी की वसूली और क्रिप्टो लेनदेन से होने वाली आय पर 30% कर ने भारत में क्रिप्टो टैक्स पर चल रही बहस को बढ़ाया ही है .
30 प्रतिशत कर का नियम 1 अप्रैल , क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? 2022 से प्रभावी हुआ है , लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष (2021-22 की अवधि ) के लिए क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर भी कर लगाया जाएगा . इसके लिए आयकर अधिनियम , 1961 में एक नई धारा 115 BBH जोड़ी गई है .
वीडीए पर लगे अन्य करों में ट्रांसफर पर एक प्रतिशत टीडीएस , कोई बुनियादी छूट नहीं , किसी नुकसान पर कोई सेट - ऑफ नहीं , होल्डिंग अवधि के बावजूद कोई इंडेक्सेशन लाभ नहीं है और उपहार का क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? लगने वाला टैक्स भी शामिल हैं .
भारत में स्टॉक और इक्विटी फंड से होने वाले लाभ पर 10-15 प्रतिशत और गैर - इक्विटी विकल्प , संपत्ति और सोने पर 20 प्रतिशत या मामूली दर से कर क्या बिटकॉइन भारत में वैध है? लगाया जाता है . वर्चुअल संपत्तियों पर इतनी ऊंची दर पर टैक्स लगाने को उद्योग के हितधारकों ने आक्रामक कदम माना है .
वीडीए पर लगे नए कर में क्रिप्टो संपत्तियां जैसे बिटकॉइन , डॉगकोइन आदि , नॉन - फंजीबाल टोकन ( एनएफटी ) और ऐसी कोई भी संपत्ति जो भविष्य में विकसित हो सकती है , शामिल हैं . गौर करने वाली बात यह है कि महज क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों पर टैक्स लगाने से वे भारत में वैध नहीं हो जाते हैं . यहां परिभाषा , कराधान और गणना (computation) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर स्पष्टता का व्यापक अभाव है .
यहां तक कि कुछ समय पहले भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी केंद्र से यह स्पष्ट करने के लिए कहा था कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार या वर्चुअल डिजिटल मुद्रा वैध है या नहीं .
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत में वीडीए को विनियमित करने वाला एक कानून पेश किया जाएगा – लेकिन तब जब उनके विनियमन पर वैश्विक सहमति बन जाएगी . सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कानून पर काम कर रही है , लेकिन इसे तैयार होने में समय लग सकता है .
क्रेबैको के अनुसार , 105 मिलियन से अधिक लोग , जो भारत की कुल आबादी का 7.90 प्रतिशत है , वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के मालिक हैं , जिनकी कुल संपत्ति 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है . उच्च कर दर बड़े निवेशकों को प्रभावित नहीं करेगी , जो थे पहले से ही 30 प्रतिशत टैक्स ब्रैकेट में थे लेकिन छोटे निवेशक और छात्र , जो अब तक क्रिप्टो निवेश पर टैक्स फ्री रिटर्न का लाभ ले रहे थे , अब प्रभावित होंगे .
देश के प्रमुख डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर ज़ेरोधा के संस्थापक और सीईओ नितिन कामथ का मानना है कि ‘ अन्य टोकन या कटौती के खिलाफ नुकसान को सेट - ऑफ करने के विकल्प के बिना 30% टैक्स टर्नओवर में गिरावट का कारण बन सकता है .’
1 जुलाई 2022 से नफे या नुकसान की स्थिति में किसी रेजिडेंट सेलर द्वारा वीडीए के ट्रांसफर पर एक प्रतिशत कर कटौती ( टीडीएस ) लागू होगा . हालांकि यह कटौती कुल देयता (liability) के साथ एडजस्ट हो जाती है और टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय बाद में रिफंड का दावा किया जा सकता है . लेकिन हितधारकों की शिकायत है कि प्रावधान लिक्विडिटी को प्रभावित कर रहा है और ऐसे व्यापारी , जो ऐसी संपत्ति की लगातार खरीद - बिक्री में शामिल होते हैं , बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे . उदाहरण के लिए , यदि कोई व्यापारी एक वर्ष में 300 बार ट्रेड कर रहा है , तो उसकी पूरी पूंजी टीडीएस में लॉक हो सकती है .
इस प्रावधान को विभिन्न कारणों से सबसे अधिक समस्याग्रस्त माना जा रहा है . पूंजी का ऐसे लॉक हो जाना और अनावश्यक अनुपालन आवश्यकताओं को बढ़ाने के अलावा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि ‘ ट्रांसफर ’ के दायरे में क्या - क्या आता है .
उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो को न केवल खरीदा और बेचा जाता है , बल्कि एयरड्रॉप , फोर्किंग , स्टेकिंग , पी 2 पी लेंडिंग और वॉलेट ट्रांसफर के माध्यम से भी लेन - देन होता है . इसे वस्तुओं और सेवाओं के बदले भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है . ऐसे में सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि क्या ट्रांसफर के ये सभी तरीके उन ट्रांसफर जिन पर टीडीएस कटौती लागू होगी , के दायरे में आएंगे .
2022-23 के केंद्रीय बजट में कहा गया है कि टीडीएस काटने और जमा करने की जिम्मेदारी खरीदार पर होगी . हालांकि , खरीदार के पास विक्रेता डेटा जैसे पैन आदि की अनुपलब्धता सरीखी लॉजिस्टिक कठिनाइयों के कारण यह जिम्मेदारी एक्सचेंज पर आ सकती है .
भारत में वीडीए पर टैक्स देते समय अधिग्रहण की लागत को छोड़कर किसी भी व्यय के लिए कोई कटौती की अनुमति नहीं होगी . इसी तरह , ऐसी संपत्ति के ट्रांसफर से लाभ कमाने वाले व्यक्ति