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इस सन्दर्भ में मैं SCO के RATS mechanism द्वारा किये जा रहे उपयोगी कार्य की प्रशंसा करता हूँ: PM— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2021

बिहार की 11 नदियों में प्रवाहित होगीं अटल की अस्थियां, ये होगा रूट

अस्थि कलश के बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय

अस्थि कलश को 23 अगस्त 2018 को गुरुवार सुबह 8 बजे 11 रथों पर बनाए गए रूट मैप के अनुसार बिहार की 11 प्रमुख नदी स्थलों में प्रवाहित करने के लिए रवाना किया जाएगा.

  • News18 Bihar
  • Last Updated : August 23, बाज़ार के सहभागी 2018, 06:49 IST

बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि कलश लेकर पटना पहुंचे. फिलहाल इस अस्थि कलश को पार्टी नेता कार्यकर्ताओं एवं आम जन के दर्शन के लिए बिहार भाजपा मुख्यालय में रखा गया है. अस्थि कलश को 23 अगस्त 2018 को गुरुवार सुबह 8 बजे 11 रथों पर, बनाए गए रूट मैप के अनुसार बिहार की 11 प्रमुख नदी स्थलों में प्रवाहित करने के लिए रवाना किया जाएगा. इन सभी 11 रथों पर बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में 11 टीमें सवार होंगी, जो अस्थि को विभिन्न नदियों में प्रवाहित करेंगी.

अटल के अस्थि कलश को बिहार की प्रमुख नदियों में प्रवाहित करने के लिए बिहार भाजपा की 11 टीम तैयार की गई हैं. अस्थि कलश का रूट मैप इस प्रकार है.

1. रूट: नवादा- हिसुआ- वजीरगंज- मानपुर- आजादपार्क- गया में विसर्जन
यात्रा सहभागी: गिरिराज सिंह, हरी मांझी, कृष्णा कुमार सिंह, ऋतू राज सिन्हा, राजीव रंजन, शिवेश राम, अनिल सिंह, अभय गिरी

2. रूट: आरा- गडहनी- चरपोखरी- पिरो- विक्रमगंज- नटवार दिनारा- सासाराम- मोहनिया- रामगढ- चौसा- राजपुर- बक्सर में विसर्जन
यात्रा सहभागी: अश्विनी कुमार चौबे, आर के सिंह, ब्रज किशोर बिन्द, गोपाल नारायण सिंह, राजेंद्र सिंह, छेदी पासवान, अमरेन्द्र प्रताप सिंह, सुखदा पाण्डेय, रामेश्वर चौरसिया, संजय सिंह टाइगर, प्रो० राजेंद्र गुप्ता, निवेदिता सिंह, राजेश्वर राज, ओम प्रकाश भुवन

3. रूट: पटना- फुलवारी- वाल्मी- भुसौला- खगौल- दानापुर- मनेर- बिहटा- महाबलिपुर- पालीगंज- दुल्हिन बाज़ार- विक्रम- नौबतपुर- मसौढ़ी- धनरुआ- नदवा- पुनपुन घाट पर विसर्जन

यात्रा सहभागी: सुशिल कुमार मोदी, राम कृपाल यादव, आशा सिन्हा, रामजन्म शर्मा, अनिल कुमार, अजित चौधरी, निखिल आनंद, उषा विद्यार्थी, श्रीकान्त निराला, अमृता भूषण, राकेश तिवारी

4. रूट: अरवल- दाउद नगर- गोह- रफीगंज- मदनपुर- औरंगाबाद- देव- अम्बा- नवीनगर- वारुण- डिहरी ऑन सोन नदी में विसर्जन

यात्रा सहभागी: गोपाल नारायण सिंह, अवधेश नारायण सिंह, सुशील कुमार सिंह, अनिल शर्मा, क्षितिज मोहन सिंह, धीरेन्द्र सिंह, अभय गिरी, रामाधार सिंह, मनोज शर्मा, राजन सिंह, चितरंजन कुमार, संतोष सिंह, सत्यनारायण यादव,

5. रूट: फतुहा नगर- खुशरूपुर- बखित्यारपुर शहर- हरनौत- बिन्द- बरबीघा- शेखपुरा- सिकंदरा- जमुई- नवीनगर- तेतरहट- लखीसराय- सूर्यगढ़ा- मिदनी चौक- मुंगेर में विसर्जन

यात्रा बाज़ार के सहभागी सहभागी: डॉ० प्रेम कुमार, राधा मोहन शर्मा, पिंकी कुशवाहा, प्रेम रंजन पटेल, अचल सिन्हा, प्रकाश भगत, रामानंद झा, विकाश सिंह, संजीव क्षत्रिय, रविन्द्र चरण यादव, अजय प्रताप सिंह

6. रूट: नरपतगंज- फारबिसगंज- अररिया- किशनगंज- पूर्णिया (आर एम् साह चौक)- रौतारा (कटिहार)- मिरचाई बाड़ी- बस्तौल- सनौली- झाऊआ (कटिहार)- महानंदा नदी में कलश विसर्जन

यात्रा सहभागी: विनोद कुमार सिंह, कृष्ण कुमार ऋषि, उदय प्रताप सिंह, निखिल चौधरी, डॉ दिलीप जयसवाल, मुन्ना चौधरी, विजय खेमका, प्रदीप सिंह, तारकिशोर प्रसाद, विजय खेमका, मंचन केशरी, विजय मंडल, अशोक अग्रवाल, सिकंदर सिंह, चन्द्र भूषण ठाकुर, अलोक भगत

7. रूट: बख्तियारपुर- बाढ़- मोकामा- लखीसराय- सफियासराय (मुंगेर)- सुल्तानगंज- बेलहर- कटोरिया- बांका- खुशिया- अमरपुर- भागलपुर शहर भ्रमण- कलश विसर्जन, नवगछिया- गंगा घाट खगड़िया कलश विसर्जन

यात्रा सहभागी: रामनारायण मंडल, सैयद सहनावाज़ हुसैन, पुतुल सिंह, सम्राट चौधरी, कृष्ण मोहन सिंह, कुमार प्रणय, एन के यादव, इ० शैलेन्द्र, अनिल कुमार यादव, अमन पासवान, अर्जित चौधरी, मनोज यादव, लालन पासवान, मृणाल शेखर

8. (a) रूट: अनजानपीर- लालगंज (घटारो)- बेदौली चौक- वैशाली ब्लॉक- सरैया- मरवन- पताही- भागवानपुर- जीरो मईल- झपहा- खनुआ- कतौन्झा- बागमती नदी में अस्थि विसर्जन
(b) रूट: रुन्नीसैदपुर- सीतामढ़ी- गोइन्का कॉलेज- बाजपट्टी- पुपरी- बेनीपट्टी- रहिका- मधुबनी- बिरौल- निर्मली (सुपौल)- पिपरा- सिघेश्वर (मधेपुरा)- सहरसा- कोशी बलुआ में विसर्जन
यात्रा सहभागी: नन्द किशोर यादव, सुरेश शर्मा, राजेश वर्मा, अजय निषाद, सजल झा, रविन्द्र चरण यादव

9. (a) रूट: गोविन्दचक- नयाँ गाँव- शीतलपुर- आमी- नगरपालिका चौक- भगवान बाज़ार- रिविलगंज- सिमरिया- मांझी घाघरा नदी में अस्थि विसर्जन
(b) रूट: एकमा- रसलपुर- दरौन्धा- बबुनिया मोड़- बरहरिया मोड़- मीरगंज- थावे- गोपालगंज (आंबेडकर चौक)- महमदपुर- डुमरिया घाट में अस्थि विसर्जन

यात्रा सहभागी: मंगल पाण्डेय, राजीव प्रताप रूडी, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, ओम प्रकाश यादव, जनक चमार, विनय कुमार सिंह, मिथिलेश तिवारी, रूप नारायण मेहता, ब्रजेश रमण

10. रूट: तेतरिया- चकिया- कल्याणपुर- केसरिया- बेलवा- पिपरा कोठी- छतौनी चौक- गाँधी काम्प्लेक्स- कचहरी चौक- तुरकौलिया- गोविंदपुर- अरेराज- हरिसिधि- सुगौली- रक्सौल- बेतिया- चनपटिया- नरकटियागंज- रामनगर- लौरिया- बगहा- गंडक नदी में अस्थि विसर्जन

यात्रा सहभागी: राधा मोहन सिंह, डॉ संजय जायसवाल, सतीश चन्द्र दुबे, प्रमोद कुमार, राणा रंधीर सिंह, अखिलेश कुमार सिंह, डॉ० लालबाबू प्रसाद, पंकज कुमार सिन्हा, संजीव सिंह

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कटिहार: नगर पंचायत बनने के बाद भी जर्जर बारसोई बाज़ार की सड़क

बारसोई अनुमंडल से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर नीम तल्ला चौक और डकैत पूजा गांव है। 2017 में यह इलाका सरकार द्वारा नगर पंचायत घोषित कर दिया था गया था। इसके बाद यहां के लोगों में उम्मीद जगी थी कि नगर पंचायत होने से क्षेत्र में विकास होगा। लेकिन कार्यकाल के पूरे 5 साल बीत जाने के बाद भी बारसोई डकैत पूजा का क्षेत्र अत्यंत पिछड़ा हुआ है।

पीएम्इंडिया

पंतप्रधान नरेंद्र मोदी शांघाय सहकार्य संघटनेच्या राष्ट्र प्रमुखांच्या 21 व्या बैठकीत दूरदृश्य प्रणाली द्वारे बाज़ार के सहभागी झाले सहभागी

पंतप्रधान नरेंद्र मोदी शांघाय सहकार्य संघटनेच्या राष्ट्र प्रमुखांच्या 21 व्या बैठकीत दूरदृश्य प्रणाली द्वारे झाले सहभागी

पंतप्रधान नरेंद्र मोदी शांघाय सहकार्य संघटनेच्या राष्ट्र प्रमुखांच्या 21 व्या बैठकीत दूरदृश्य प्रणाली द्वारे आणि अफगाणीस्तानसंदर्भातल्या एससीओ- सीएसटीओ संयुक्त सत्रात व्हिडीओ संदेशाद्वारे सहभागी झाले.

शांघाय सहकार्य संघटनेच्या राष्ट्र प्रमुखांची 21 वी बैठक 17 सप्टेंबर 2021 ला दुशांबे इथे संमिश्र स्वरुपात घेण्यात आली.

ताजिकिस्तानचे अध्यक्ष इमोमाली रहमोन या बैठकीच्या अध्यक्षस्थानी होते.

पंतप्रधान नरेद्र मोदी यांनी व्हिडीओ लिंकच्या माध्यमातून परिषदेला संबोधित केले.

दुशांबे इथे परराष्ट्र व्यवहार मंत्री डॉ एस जयशंकर यांनी भारताचे प्रतिनिधित्व केले.

शांघाय सहकार्य संघटना व्यापक क्षेत्रात वाढत्या कट्टरपंथामुळे निर्माण झालेल्या समस्यांकडे लक्ष वेधतानाच हे या प्रदेशातल्या उदारवादी आणि प्रगतीशील संस्कृती आणि मुल्ये यांच्या विपरीत असल्याचे पंतप्रधानांनी आपल्या संबोधनात सांगितले.

अफगाणिस्तानमधल्या सध्याच्या घडामोडीमुळे कट्टरतावादाकडे झुकणारा कल अधिक वाढू शकतो असे त्यांनी सांगितले.

संयम , वैज्ञानिक आणि बाज़ार के सहभागी तर्कसंगत विचारांना प्रोत्साहन देणाऱ्या कार्यक्रमावर शांघाय सहकार्य संघटनेला काम करता येईल , या क्षेत्रातल्या युवकांसाठी ते समर्पक राहील असे त्यांनी सुचवले.

भारताच्या विकास कार्यक्रमात डिजिटल तंत्रज्ञानाचा उपयोग करण्याच्या भारताचे अनुभव त्यांनी सांगितले आणि हे ओपन सोर्स उपाय शांघाय सहकार्य संघटनेच्या इतर देशांसमवेत सामायिक करण्याची तयारी दर्शवली.

या प्रांतात कनेक्टीव्हिटी उभारण्याच्या महत्वाबाबत बोलताना , परस्पर विश्वास वाढवण्याच्या दृष्टीने , कनेक्टीव्हिटी प्रकल्प पारदर्शक , सहभाग आणि सल्लामसलत युक्त असावेत , असे पंतप्रधान म्हणाले.

शिखर परिषदे नंतर शांघाय सहकार्य संघटना आणि सामुहिक सुरक्षा करार संघटना यांच्यात अफगाणिस्तानसंदर्भात सत्र झाले. व्हिडीओ संदेशा द्वारे पंतप्रधान त्यात सहभागी झाले.

प्रांतात दहशतवाद कदापि खपवून घेतला जाणार नाही यासंदर्भात शांघाय सहकार्य संघटनेने आचारसंहिता विकसित करावी असे त्यांनी सुचवले. अफगाणिस्तान मधून अमली पदार्थ , शस्त्रास्त्रे आणि मानवी तस्करीचा धोका अधोरेखित केला. अफगाणिस्तानमध्ये मानवतेच्या दृष्टीकोनातून संकटाचा उल्लेख करत अफगाणिस्तानमधल्या जनतेप्रती भारताच्या दृढ ऐक्याचा त्यांनी पुनरुच्चार केला.

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इस साल हम SCO की भी 20वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

यह ख़ुशी की बात है कि इस शुभ बाज़ार के सहभागी अवसर पर हमारे साथ नए मित्र जुड़ रहे हैं।

मैं ईरान का SCO के नए सदस्य देश के रूप में स्वागत करता हूँ।

मैं तीनों नए डायलॉग partners – साऊदी अरब, Egypt और क़तर – का भी स्वागत करता हूँ: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2021

SCO की 20वीं वर्षगाँठ इस संस्था के भविष्य के बारे में सोचने के लिए भी उपयुक्त अवसर है।

मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियाँ शांति, सुरक्षा और trust-डेफिसिट से संबंधित है: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2021

और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ता हुआ radicalisation है।

अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इस चुनौती को और स्पष्ट कर दिया है: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2021

यदि हम इतिहास पर नज़र डालें, तो पाएंगे कि मध्य एशिया का क्षेत्र moderate और progressive cultures और values का गढ़ रहा है।

सूफ़ीवाद जैसी परम्पराएँ यहाँ सदियों से पनपी और पूरे क्षेत्र और विश्व में फैलीं।

इनकी छवि हम आज भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं: PM

— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2021

भारत में और SCO के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी moderate, tolerant और inclusive संस्थाएं और परम्पराएँ हैं।

SCO को इनके बीच एक मजबूत network विकसित करने के लिए काम करना चाहिए।

इस सन्दर्भ में मैं SCO के RATS mechanism द्वारा किये जा रहे उपयोगी कार्य की प्रशंसा करता हूँ: PM

— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2021

चाहे financial inclusion बढ़ाने के लिए UPI और Rupay Card जैसी technologies हों, या COVID से लड़ाई में हमारे आरोग्य-सेतु और COWIN जैसे digital platforms, इन सभी को हमने स्वेच्छा से अन्य देशों के साथ भी साझा किया है: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2021

भारत central एशिया के साथ अपनी connectivity बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

हमारा मानना है कि land locked central एशियाई देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़ कर अपार लाभ हो सकता है: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2021

कनेक्टिविटी की कोई भी पहल one-way street नहीं हो सकती।

आपसी trust सुनिश्चित करने के लिए connectivity projects को consultative, पारदर्शी और participatory होना चाहिए।

इनमें सभी देशों की टेरीटोरियल इंटीग्रिटी का सम्मान निहित होना चाहिए: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2021

हाट परिसर पंडरी में, दस दिवसीय प्रदर्शनी का कल से होगा शुभारंभ

फ़ाइल फोटो

रायपुर : छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा हाट परिसर, पंडरी में दीपावली के उपलक्ष्य में दस दिवसीय हस्तशिल्प एवं हाथकरघा वस्त्रों की भव्य प्रदर्शनी-सह-विक्रय का आयोजन किया जा रहा है। इस त्योहार के सीजन में यह प्रदर्शनी राजधानीवासियों के आकर्षण का केंद्र रहेगी। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य हस्तशिल्पकारों एवं बुनकरों को बेहतर बाजार उपलब्ध कराना है।

21 अक्टूबर तक चलने वाले इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध हस्तशिल्प ढोकरा शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, बांस शिल्प, कालीन शिल्प, शीसल शिल्प, गोदना शिल्प, तुमा शिल्प, टेराकोटा शिल्प और छोद कांसा के 35 शिल्पकार एवं हाथकरघा वस्त्रों में कोसे की साड़िया, दुपट्टा, सलवार सूट, ड्रेस मटेरियल, बेडशीट एवं विभिन्न प्रकार की रेडीमेड वस्त्र के साथ 25 बुनकर समितियां सहभागी होंगे।

इसी तरह माटी शिल्प की विभिन्न सजावटी वस्तुएँ, उपयोगी सामग्रियों के साथ 10 माटीकला शिल्पकार, खादी बोर्ड के 2 एवं बिलासा के 1 हितग्राही अपने उत्पादों के साथ अपनी कला का प्रदर्शन-सह-विक्रय कर सकेंगे। दस दिवसीय हस्तशिल्प एवं हाथकरघा प्रदर्शनी में ग्राहकों को उनकी पसंद के अनुरूप गृह-उपयोगी एवं साज-सजावट की सामग्री उचित दामों पर उपलब्ध रहेगा।

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ना-शाइस्ता के अर्थ देखिए

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