क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं

Jagran Trending: क्या हैं Cryptocurrencies और ये कैसे करते हैं काम? जानें इनमें निवेश के नफा-नुकसान
Jagran Trending Cryptocurrency क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। इस आर्टिकल में हम आपको क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की शुरुआत कैसे करें से लेकर इसके तमाम नफा-नुकसानों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
नई दिल्ली, मनीश कुमार मिश्र। Cryptocurrencies के बारे में आजकल हर कोई बात करता नजर आता है। शेयर बाजार की तरह ही अब प्रमुख क्रिप्टोरेंसीज के रेट्स सुबह-सुबह आपको सुर्खियों में देखने को मिल रही होगी। आइए, आज हम इन्हीं क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में विस्तार से समझते हैं। Cryptocurrencies क्या हैं, ये कैसे काम करते हैं और इनमें निवेश के क्या नफा-नुकसान हैं।
क्या हैं Cryptocurrencies?
क्रिप्टोकरेंसी वास्तव में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित डिसेंट्रलाइज्ड डिजिटल मनी है और इसे क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) से सुरक्षित किया गया है। अब आप जानना चाहेंगे कि यह Blockchain क्या है? आसान शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर (बही-खाता) है, जिसके इस्तेमाल का अधिकार सिर्फ यूजर्स को होता है। यह लेजर कई तरह के एसेट्स के लेनदेन को रिकॉर्ड रखता है जिसमें पैसे, घर आदि जैसे एसेट्स शामिल होते हैं। ब्लॉकचेन का अधिकार यूजर्स के साथ साझा किया जाता है और खास बात यह है कि यहां उपलब्ध जानकारियां पूरी तरह पारदर्शी, तात्कालिक और इतनी सुरक्षित होती हैं कि इसे यूजर्स क्या एडमिनिस्ट्रेटर भी इनमें किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकते। अब सेंट्रलाइज्ड और डिसेंट्रलाइज्ड मनी का फर्क भी समझ लेते हैं। सेंट्रलाइज्ड मनी हमारे लिए रुपया है, जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गवर्न किया जाता है। डिसेंट्रलाइज्ड मनी को गवर्न करने वाला कोई नहीं होता और इसके मूल्य में गिरावट या तेजी को सुपरवाइज करने वाली कोई अथॉरिटी नहीं होती।
Cryptocurrency का इतिहास
1980 में 'ब्लाइंडिंग एल्गोरिदम' की खोज हुई थी और क्रिप्टोकरेंसी के मूल में यही रहा है। यह एल्गोरिदम सभी डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित और अभेद्य रखने से संबंधित है। 2008 में लोगों के एक समूह ने आज के क्रिप्टो मार्केट की क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin बनाया और इसके सिद्धांत भी तैयार किए। बिटकाइन बनाने वाले लोगों के समूह का छद्म नाम 'सातोशी नाकामोतो' था। 2009 में दुनिया में Bitcoin को लॉन्च किया गया था। हालांकि, मर्चेंट्स को भुगतान के लिए इसके इस्तेमाल में वर्षों लग गए और 2012 में WordPress के लिए भुगतान Bitcoin से किया जाने लगा।
कैसे करें Cryptocurrency की खरीद-बिक्री
अगर आप क्रिप्टोकरेंसीज की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो सेंट्रल एक्सचेंजों, ब्रोकर्स या किसी ऐसे व्यक्ति से इसकी खरीदारी कर सकते हैं जिसके पास यह हो। इन्हीं माध्यमों से आप इनकी बिक्री भी कर सकते हैं। एक बार खरीदारी के बाद Cryptocurrency आपके डिजिट वॉलेट में आ जाता है। Digital Wallets भी दो तरह के होते हैं- हॉट एवं कोल्ड। हॉट डिजिटल वॉलेट इंटरनेट से जुड़ा होता है और आप आसानी से अपने वॉलेट में पड़े क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री कर सकते हैं। हालांकि, इसमें चोरी होने और धोखाधड़ी का खतरा होता है। कोल्ड स्टोरेज सुरक्षित तो होता है लेकिन लेनदेन आसान नहीं रहता।
क्रिप्टोकरेंसी के जरिए लेनदेन
क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकाइन को आप आसानी से एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं और इसके लिए आपके पास सिर्फ एक स्मार्टफोन होना चाहिए। अगर आपके पास क्रिप्टोकरेंसी है तो आप इसका इस्तेमाल किसी वस्तु या सेवाओं को खरीदने में कर सकते हैं या इसकी ट्रेडिंग कर सकते हैं या इसके बदले नकदी ले सकते हैं।
Cryptocurrency के नफा-नुकसान
Cryptocurrencies प्राइवेट और सुरक्षित हैं। ये डिसेंट्रलाइज्ड और पारदर्शी भी, इसके डाटा के साथ कोई भी छेड़छाड़ नहीं कर सकता। कुछ निवेशक महंगाई के खिलाफ हेजिंग के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं जैसे आम निवेशक गोल्ड का इस्तेमाल करते हैं। इन फायदों के साथ ही क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के कुछ नुकसान भी हैं। बहुत सारे निवेशक क्रिप्टोकरेंसी को नहीं समझते हैं। हर करेंसी के पीछे कोई अंडरलाइंग वैल्यू होता है। उदाहरण के तौर पर सरकार देश में उपलब्ध सोने के आधार पर रुपये छापती है। क्रिप्टोकरेंसीज में कोई भी अंडरलाइंग वैल्यू नहीं होता। इनमें जबरदस्त उतार-चढ़ाव आता है और यहां सिर्फ मांग और आपूर्ति जैसा नियम लागू होता है। इन्हीं जोखिमों को देखते हुए कई देशों में क्रिप्टोरकरेंसी प्रतिबंधित हैं।
Cryptocurrency : क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, इसपर ट्रेडिंग के लिए कैसे खोलते हैं अकाउंट? जानें सबकुछ
Cryptocurrency Exchange क्रिप्टो इकोसिस्टम का बहुत ही अहम हिस्सा है. भारत में भी बहुत से क्रिप्टो एक्सचेंज काम करते हैं, हम आपको बता रहे हैं कि ये कैसे काम करते हैं और इनके साथ एक ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोला जा सकता क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं है.
Cryptocurrency Exchange : क्रिप्टो एक्सचेंज किसी ब्रोकरेज फर्म की तरह होते हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) ने पिछले कुछ सालों में जबरदस्त तेजी से सुर्खियां हासिल की हैं, यहां तक कि जो लोग वर्चुअल करेंसी के कॉन्सेप्ट को लेकर नाक-भौं सिकोड़ते हैं, वो भी एक बार इसे देखे-जाने बिना नहीं रह पा रहे. सबसे बड़ी बात कि बहुत कम देश ऐसे हैं, जहां पिछले कुछ सालों में क्रिप्टो को उतनी पॉपुलैरिटी और ग्रोथ मिली है, जितनी इसे भारत में मिली (Cryptocurrency in India) है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टो को लेकर 'चिंताएं जताई थीं', लेकिन इसके बावजूद देश में क्रिप्टो का बाजार बड़ा ही हुआ है, खासकर पिछले एक साल में. लेकिन, लेकिन. हमें इसकी ग्रोथ और स्पीड को देखकर ही निवेश करना नहीं शुरू कर देना चाहिए, हमें इस बाजार के हर पहलू को समझना चाहिए. और इसी क्रम में हम इस लेख में आपको क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज (Cryptocurrency Exchange) के बारे में बता रहे हैं, जो कि क्रिप्टो इकोसिस्टम का एक बहुत ही अहम हिस्सा है.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?
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क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक ऐसा प्लेटफॉर्म होता है, जहां क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग होती है. ट्रेडिंग में क्रिप्टो को दूसरे किसी असेट (यानी या तो कोई दूसरा क्रिप्टो कॉइन या टोकन, या फिर फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर वगैरह) की खरीद-बिक्री के लिए इस्तेमाल किया जाता है. क्रिप्टो एक्सचेंज खरीददार और विक्रेता के बीच में इंटरमीडियरी यानी मध्यस्थ की तरह क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं काम करते हैं. इनकी आय के स्रोत कमीशन और ट्रांजैक्शन फीस होती हैं.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज काम कैसे करता है?
एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज किसी ब्रोकरेज फर्म की तरह काम करता है, यानी यह बायर और सेलर के बीच का माध्यम होता है. किसी एक्सचेंज के हिसाब से निवेशक पेमेंट के किसी भी माध्यम जैसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर, कार्ड ट्रांजैक्शन, यूपीआई वगैरह से इसपर अपना पैसा डिपॉजिट कर सकते हैं, जिसे वहां से क्रिप्टो कॉइन या टोकन खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह सुविधा उपलब्ध कराने के बदले निवेशक को क्रिप्टो एक्सचेंज को एक फीस देनी होती है.
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के लिए ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बहुत आसान है. लेकिन, ऐसा प्लेटफॉर्म ढूंढने के लिए, जो आपको बेसिक सुविधाएं तो दे ही, कुछ दूसरे बेनेफिट्स भी दे, इसके लिए आपको थोड़ी रिसर्च करनी पड़ेगी. मान लीजिए आप देश के पॉपुलर एक्सचेंज WazirX के साथ अपना अकाउंट खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ये स्टेप फॉलो करने होंगे-
- अपने स्मार्टफोन में WazirX ऐप डाउनलोड करिए और इसकी वेबसाइट पर जाकर साइन अप करिए.
- साइन अप क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं के लिए अपनी एक ईमेल आईडी डालिए और एक पासवर्ड सेट करिए.
- आपको इस ईमेल आईडी पर एक ईमेल आएगा, वहां जाइए, उसमें आपको Verify Email का ऑप्शन आएगा, जिसपर क्लिक करिए.
- इसके बाद आपके सामने चेकबॉक्स होगा, जिसपर क्लिक करने से पहले जरूरी है कि आप सभी टर्म्स एंड कंडीशन पढ़ लें. फिर चेकबॉक्स पर क्लिक करें.
लेकिन आपको ट्रेडिंग शुरू करने से पहले एक KYC (Know Your Customer) वेरिफिकेशन प्रोसेस से गुजरना होगा, जोकि अलग-अलग एक्सचेंज पर अलग-अलग हो सकता है.
क्रिप्टो एक्सचेंज क्या-क्या सुविधाएं देते हैं?
भारत में WazirX, CoinDCX, Binance और Unocoin जैसे एक्सचेंज सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं और इस्तेमाल किए जाते हैं. उदाहरण के लिए WazirX पर निवेशक क्रिप्टो कॉइन्स की आसानी से बाइंग, सेलिंग और ट्रेडिंग कर सकते हैं. WazirX निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं P2P (Peer-to-Peer) नेटवर्किंग की सुविधा भी देता है, जिसमें निवेशक सीधे दूसरे निवेशक के साथ ट्रेडिंग कर सकते हैं, इसमें उन्हें किसी थर्ड पार्टी और मध्यस्थ की जरूरत नहीं पड़ती है. सबसे दिलचस्प बात कि आप क्रिप्टो एक्सचेंज पर क्रिप्टो को फ्लैट करेंसी यानी रुपया, डॉलर जैसी ट्रेडिशनल करेंसी में भी कन्वर्ट करा सकते हैं, जोकि कन्वर्जन के बाद निवेशक के सोर्स अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
क्या होता है क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज? कैसे कर सकते हैं इसका इस्तेमाल? पढ़ें इससे जुड़ी सभी काम की बातें
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टर्म को जान लेना जरूरी है. इससे उन्हें सही तरीके से निवेश करने में मदद मिलती है. इनमें से एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी है. आइए इसके बारे में डिटेल में समझते और जानते हैं.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा
Updated on: Jan 10, 2022 | 2:48 PM
Cryptocurrency Exchange Explained: पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के बीच निवेश का एक पसंदीदा विकल्प बनकर सामने आया है. बड़ी संख्या में लोग खास तौर पर युवा क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने से पहले उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण टर्म को जान लेना जरूरी है. इससे उन्हें सही तरीके से निवेश करने में मदद मिलती है. इनमें से एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज भी है. आइए इसके बारे में डिटेल में समझते और जानते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश लोग यह समझते हुए करते हैं कि इसमें उन्हें छोटी अवधि में बड़ा रिटर्न मिलेगा. यह जोखिम भरा भी है क्योंकि इसमें उतार-चढ़ाव बना रहता है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का सबसे आसान और सीधा तरीका इसकी ट्रेडिंग (खरीदना और बेचना) का है. आप किसी भी क्रिप्टो क्वॉइन जैसे बिटक्वॉइन, Ethereum, Dogecoin, Cadence आदि की ट्रेडिंग कर सकते हैं. इन्हें ऑनलाइन एक्सचेंज के जरिए किया जाता है, जहां निवेशक अकाउंट को खोल और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज एक डिजिटल मार्केटप्लेस है, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी को खरीद और बेच सकते हैं. इन प्लेटफॉर्म्स की मदद से आप डिजिटल और रुपये या डॉलर के बदले एक्सचेंज में क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कर सकते हैं. ये प्लेटफॉर्म्स खरीदार और विक्रेता के बीच एक इंटरमीडियरी के तौर पर काम करते हैं और इनमें एक कमीशन या ट्रांजैक्शन फीस ली जाती है. CoinDCX, CoinSwitch Kuber, और UnoCoin भारत में मौजूद कुछ ऑनलाइन एक्सचेंज के उदाहरण हैं. एक निवेशक ऑनलाइन एक्सचेंज का क्रिप्टो क्वॉइन्स को वापस रुपये या डॉलर में बदलने के लिए भी इस्तेमाल कर सकता है. इसके बाद वे अपने बैंक अकाउंट से राशि को विद्ड्रॉ कर सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कैसे काम करता है?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्रिप्टोकरेंसी के खरीदार और विक्रेता के बीच एक इंटरमीडियरी या ब्रोकरेज कंपनी की तरह काम करता है. इसके जरिए खरीदार कई तरीकों का इस्तेमाल करके पैसे जमा करा सकता है जैसे सीधे बैंक से ट्रांसफर, यूपीआई, क्रेडिट या डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना आदि. इसकी सर्विसेज का इस्तेमाल करने के लिए हर ट्रांजैक्शन पर एक कमीशन या फीस तय की गई है.
जो पहली चीज खरीदार या निवेशक को करनी होती है, वह है कि सही ऑनलाइन एक्सचेंज को खोजना. इसके लिए प्लेटफॉर्म के इतिहास, विश्वसनीयता और यह ट्रेडिंग के लिए आपको क्या बेनेफिट्स देगा, ये शामिल हैं. इसके बाद आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है, जो बेहद आसान है.
आपको एक्सचेंज को चुनकर उसके ऐप को डाउनलोड करना और अकाउंट बनाना क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं है. यह आपसे कुछ जानकारी जैसे ईमेल एड्रेस के लिए पूछेगा. फिर, उस ईमेल एड्रेस पर एक वेरिफिकेशन ईमेल भेजा जाएगा और केवाईसी डिटेल्स भी पूछी क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं जा सकती हैं. अपनी ईमेल आईडी पर एड्रेस को वेरिफाई करें और केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा कर लें. इसके बाद ऐप पर पासवर्ड लगाएं और आप क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के लिए तैयार हैं.
ऐप, वॉलेट या एक्सचेंज से जुड़ा कोई पासवर्ड नहीं खोएं. इसे बाद में रिकवर नहीं किया जा सकता है.
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो क्रिप्टोकरेंसी से आप क्या समझते हैं सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?
यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.