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लिक्विड फंड्स क्या हैं

लिक्विड फंड्स क्या हैं

Liquid Funds क्या है?

तीसरा पॉइंट है कॉस्ट यानी एक्सपेंस रेशियो। दोस्तो एक्सपेंस रेशियो वो कोस्ट होता है जो म्यूचुअल फंड हमसे ईयरली हमारे पैसों को मैनेज करने के लिए लेती है और क्योंकि Liquid Funds के रिटर्न इक्विटी फंड के रिटर्न से बहुत कम होते हैं।

इस वजह से हमें उन Liquid Funds में ही निवेश करना चाहिए जिसका एक्सपेंस रेशियो सबसे कम हो। क्योंकि हम एक्सपेंस रेशियो जितना कम फीस देंगे वो हमारे रिटर्न्स में ही add होगा। जनरली लिक्विड फंड के एक्सपेंस रेशियो 0.1 परसेंट से लेकर 0.5 परसेंट तक होते हैं। और किसी भी फंड में निवेश करने से पहले चाहे वो लिक्विड फंड हो या इक्विटी फंड या कोई और हम एक्सपेंस रेशियो जरूर देखना चाहिए।

इनवेस्टमेंट होराइजन

चौथा प्वाइंट है इनवेस्टमेंट होराइजन यानी कि हम कितने टाइम के लिए इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं। दोस्तो Liquid Funds में अक्सर वैसे पैसे इन्वेस्ट करना चाहिए जिसकी जरूरत हमें एक साल में होगी। यानी हमने जैसा बताया कि Liquid Funds को हमें एक सेविंग फंड या इमरजेंसी फंड के फॉर्म में यूज करना चाहिए।

क्योंकि अगर हम अपने पैसों को ज्यादा लंबे समय के लिए निवेश कर सकते हैं क्योंकि तीन साल या पांच साल में हमें इक्विटी म्यूचुअल फंड में काफी रिटर्न मिल सकते है। इस तरह लिक्विड फंड्स हमारी सेविंग यानी कैश के यूज के लिए एक बहुत अच्छा ऑप्शन है और हम इनमें निवेश करके अपने पैसों को इनफ्लेशन से भी बचा सकते हैं। जो हमारे देश का सबसे बड़ा दुश्मन होता है।

हममें से ज्यादातर लोग अपनी सेविंग्स को अपने बैंक एकाउंट में रखते हैं जिस पर हमें 3.5 से 4 % का वार्षिक रिटर्न मिलता है। पर अगर हमें इन सेविंग्स पर 7 से 8 % का रिटर्न बनाने का मौका मिल रहा है तो क्या हम इसका फायदा नहीं उठाना चाहेंगे।

जी हां आज हम बात करेंगे लिक्विड फंड्स के बारे में। हम जानेंगे कि लिक्विड फंड्स क्या होते हैं ये कैसे काम करते हैं और हमें इनमें क्यों निवेश करना चाहिए। यह पोस्ट आपकी सेविंग्स को बढ़ाने में काफी हेल्पफुल हो सकता है। इसलिए आप इस पोस्ट को आखिर तक जरूर देखें।

मस्कार दोस्तो स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट amazingyan.in पर। आइए जानते हैं कि लिक्विड फंड्स क्या होते हैं।

Liquid Funds क्या है?

Liquid Funds में निवेश क्यों करें?

Liquid Funds में निवेश कैसे करें?

Liquid Funds क्या है?

दोस्तो Liquid Funds एक तरह के डेब्ट म्यूचुअल फंड होते हैं जो पब्लिक या प्राइवेट शॉर्ट टर्म लिक्विड फंड्स क्या हैं डेब्ट में इनवेस्ट करते हैं और उन रेट्स पर जो interest मिलता है वही लिक्विड फंड्स का रिटर्न होता है। लिक्विड फंड्स जिन डेब्ट्स में निवेश करते हैं उनकी मैच्योरिटी ड्यूरेशन एक दिन से लेकर मैक्सिमम 91 दिनों तक ही हो सकता है। यानी की लिक्विड फंड्स 91 दिनों से ज्यादा ड्यूरेशन के debt में निवेश नहीं करते हैं।

लिक्विड फंड्स मेंइनली कमर्शल पेपर्स, कॉर्पोरेट एफडीस, टिबिल्स, शॉर्ट लिक्विड फंड्स क्या हैं टर्म बॉन्ड्स इन सब चीजों में ही निवेश करते हैं। और क्योंकी इन चीजों में इंटरेस्ट पहले से फिक्स होता है। इस वजह से लिक्विड फंड्स में इक्विटी फंड्स की कंपैरिजन में रिस्क बहुत ही कम होता है।

Liquid Funds में निवेश क्यों करें?

दोस्तों हमे बैंक में अपने सेविंग एकाउंट में रखे पैसों पर 3.5 से 4% रिटर्न मिलता है। वही Liquid Funds में हमें वार्षिक 7 से 8 पर्सेंट तक का रिटर्न मिल जाता है जो कि हमारे सेविंग एकाउंट से लगभग डबल है। इस तरह लिक्विड फंड्स में हम अपने कैश को सेविंग एकाउंट से कंपैरिजन में ज्यादा अच्छे से यूज कर सकते हैं।

दोस्तो एक बात ध्यान देने वाली है कि हर साल इनफ्लेशन लगभग 5% के रेट से बढ़ रही है। यानी हमारे पैसों की वैल्यू हर साल लगभग फाइव पर्सेंट से कम होती जा रही है और अगर ऐसे में हम अपने पैसों को 3.5 से 4% yearly interest वाले सेविंग एकाउंट में रखेंगे तो हमारे पैसों की वैल्यू हर साल सिर्फ रखे रखे ही 1 से 1.5 पर्सेंट कम हो जाएगी। इसलिए अगर हमें सिर्फ अपने पैसों की वैल्यू को मेंटेन रखना है तो हमें कम से कम इनफ्लेशन रेट के जितना वार्षिक रिटर्न अपनी सेविंग्स पर चाहिए ही चाहिए।

Liquid Funds में निवेश कैसे करें?

दोस्तो Liquid Funds में निवेश करना एक नॉर्मल म्यूचुअल फंड में निवेश करने के जैसा ही होता है। हम किसी भी म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म पर जाकर अपना एकाउंट ओपेन करवा सकते हैं और किसी भी लिक्विड फंड्स में अपने पैसों को निवेश करके अपनी सेविंग से स्टार्ट कर सकते हैं। साथ ही Liquid Funds से अपने पैसों को 24 घंटे के अंदर ही असानी से withdraw कर सकते हैं जो नॉर्मल म्यूचुअल फंड के तीन दिन के टाइम से काफी कम होता है। और इसी वजह से ही ऐसे लिक्विड फंड्स क्या हैं फंड्स को हम लिक्विड फंड्स बोलते हैं।

आइए अब हम Liquid Funds से जुड़ी 4 इंपोर्टेंट पॉइंट्स को अच्छे से समझते हैं।

पहला पॉइंट्स है रिस्क। Liquid Funds में रिस्क किसी भी इक्विटी फंड से बहुत कम तो होता है पर ऐसा नहीं है कि लिक्विड फंड्स में रिस्क है ही नहीं। अगर Liquid Funds में जिस कंपनी के बॉन्ड में निवेश किया है वो कंपनी bankrupt हो जाए तो उस लिक्विड फंड के रिटर्न थोड़े कम हो सकते हैं। पर ऐसा बहुत कम होता है और जनरली लिक्विड फंड के रिटर्न का चार्ट स्लोली और लगातार ऊपर जाता है।

दूसरा पॉइंट है रिटर्न। Liquid Funds को हमने एक इन्वेस्टमेंट से ज्यादा एक सेविंग फंड की तरह देखना चाहिए क्योंकि इसकी रिटर्न किसी भी सेविंग एकाउंट से काफी ज्यादा होते हैं।पर इक्विटी फंड से काफी कम। सेविंग एकाउंट यहां 3.5 से 4% तक के ईयरली रिटर्न देते हैं। वहीं इक्विटी म्यूचुअल फंड 12 से 15% तक के रिटर्न देते हैं। पर इक्विटी म्यूचुअल फंड लिक्विड फंड से कहीं ज्यादा रिस्की होते हैं और स्टॉक मार्केट में उतार चढ़ाव होने से उन पर काफी इफेक्ट पड़ता है। लेकिन Liquid Funds कभी भी स्टॉक में इन्वेस्ट नहीं करते और इसी वजह से इनके रिटर्न कम जरूर होते हैं पर वे इक्विटी म्यूचुअल फंड के कंपैरिजन मेंं बहुत स्टेबल और कंसिस्टेंट होते हैं

लिक्विड फंड में निवेश करना चाहती हैं? जानें इससे जुड़ी सारी जानकारी

आपने अक्सर लिक्विड फंड के बारे में सुना होगा. क्या आपको पता है कि क्या होता है लिक्विड फंड? कब और कैसे करें इसमें निवेश? हम देंगे आपको इससे जुड़ी सारी जानकारी.

आपने अक्सर लिक्विड फंड के बारे में सुना होगा. क्या आपको पता है कि ये होता क्या है? आज हम आपको देंगे इससे जुड़ी सारी जानकारी.

क्या होते हैं लिक्विड फंड्स?

ये एक तरह के डेट म्यूचुअल फंड्स होते है. इससे आप पैसा ट्रेजरी बिल्स, गवर्नमेंट सिक्यौरिटीज और कौल मनी जैसे बहुत शौर्ट टर्म वाले मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कर सकती हैं. इसको 91 दिनों के मेच्योरिटी पीरियड वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जा सकता है. आमतौर पर एक से तीन महीने की अवधि के लिए करते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपके बच्चे की स्कूल फी का इंस्टौलमेंट दो महीने बाद हो तो उसके लिए तय पैसा आप लिक्विड फंड में निवेश कर सकती हैं.

कब कर सकती हैं इस्तेमाल?

इसका इस्तेमाल तब किया जा सकता है, जब आपके पास नगद ज्यादा आ जाएं. ये रकम एक बड़े बोनस के रूप में हो सकती है या रियल एस्टेट की बिक्री से मिली नकदी हो सकती है. कई इक्विटी इन्वेस्टर्स के लिए ये एक फायदे का सौदा होता है. ये अपने निवेश को सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के जरिए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में बांटने के लिए भी लिक्विड फंड्स का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें बेहतर रिटर्न मिल सके.

क्या हो सकती हैं जोखिम?

सभी म्यूचुअल फंड्स की तुलना में लिक्विड फंड्स को सबसे कम जोखिम वाला जरिया माना जाता है. इनमें सबसे कम वोलैटिलिटी भी रहती है. इसकी वजह यह है कि लोग फंड्स आमतौर पर ज्याद क्रेडिट रेटिंग वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. इन फंड्स की नेट ऐसेट वैल्यू हासिल होनेवाली इंट्रेस्ट इनकम के दायरे तक ही बदलती है.

अपने लिए लिक्विड फण्ड का चुनाव कैसे करें? (How to select a liquid fund?)

आज मैं लिक्विड फण्ड (liquid fund) के बारे में चर्चा करूंगा| इस पोस्ट में जानेंगे की:

  1. लिक्विड फण्ड क्या होते हैं? What are Liquid Funds?
  2. लिक्विड फण्ड कहाँ निवेश करते हैं?
  3. लिक्विड फण्ड में कितना रिटर्न मिलता है?
  4. लिक्विड फण्ड में निवेश करने पर क्या रिस्क रहता है? (Risk with Liquid Funds)
  5. एक अच्छे लिक्विड फण्ड का चुनाव कैसे करें?

बहुत से निवेशक लिक्विड फण्ड (liquid fund) को बचत खाते में पैसे रखने का विकल्प मानते हैं| बचत खाते में आपको 4% का ब्याज मिलता है| Liquid fund में आपको 6-7% p.a. तक का रिटर्न मिल जाता है|

ध्यान दें liquid fund में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती| रिटर्न कम या ज्यादा भी हो सकता है| लिक्विड फंड्स के यूनिट बेचने पर आपके बैंक खाते में अगले दिन पैसा आ जाता है|

लिक्विड फण्ड क्या होते हैं? लिक्विड फण्ड काम कैसे करते हैं?

Liquid funds भी म्यूच्यूअल फण्ड का एक विकल्प हैं| Liquid fund एक प्रकार के debt mutual fund होते हैं|

लिक्विड फण्ड शेयर बाज़ार में निवेश नहीं करते|

लिक्विड फण्ड बांड (bonds) में निवेश करते हैं| Liquid fund ऐसे बांड में निवेश करते हैं जो की 91 दिन के भीतर मेच्योर हो रहे हों| सरकारी बांड्स (Government Bonds) और निजी कंपनी के bonds (bonds from private companies) में निवेश करते हैं| इस निवेश से जो रिटर्न मिलता है, उससे आपके यूनिट का NAV धीरे-धीरे बढ़ता रहता है|

लिक्विड फण्ड में रिस्क क्या लिक्विड फंड्स क्या हैं होता है? Risk in Liquid Funds

सबसे बड़ा रिस्क यह है की जिस कंपनी के बांड में पैसा निवेश किया है, वह कंपनी डिफ़ॉल्ट (default) कर दे| इसका मतलब किसी वजह कंपनी पैसा लौटा न पाए| इस रिस्क को क्रेडिट रिस्क (Credit Risk) भी कहा जाता है|

अगर पैसा नहीं लौटा, तो आपके लिक्विड फण्ड का NAV गिर जाएगा| मतलब की आपको नुकसान हो सकता है|

ध्यान दें सरकारी बांड में default की संभावना नहीं होती| यह रिस्क केवल Corporate Bonds (निजी कंपनी के बांड्स) में रहता है|

लिक्विड फण्ड का चुनाव कैसे करें? How to choose Liquid Fund?

जैसे की ऊपर चर्चा करी है की liquid fund में कुछ रिस्क होता है| अब यह रिस्क रहेगा| इस रिस्क को आप पूरे तरीके से नहीं हटा सकते| यह रिस्क केवल तभी हट सकता है जब की लिक्विड फण्ड केवल सरकारी बांड में निवेश करें|

परन्तु क्योंकि सरकारी बांड में रिटर्न कम मिलता है, फण्ड मेनेजर corporate bond में भी निवेश करते हैं| ऐसा करने से रिटर्न तो बढ़ता है परन्तु रिस्क भी बढ़ जाता है|

हर म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी का लिक्विड फण्ड होता है| परन्तु फण्ड के रिटर्न में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता|

आम तौर पर रिटर्न में 0.2% से 0.3% तक का अंतर होगा| ऐसे में बेस्ट रिटर्न वाले लिक्विड फण्ड की ओर भागना अच्छा विचार नहीं है|

निवेश करते समय आपको इन दो बातों को सुनिश्चित करना होगा|

  1. आपके लिक्विड फण्ड का बांड डिफ़ॉल्ट न करे: यह सुनिश्चित करना बहुत मुश्किल है| अगर आप ऐसा चाहते हैं तो आपको ऐसा लिक्विड फण्ड चुनना होगा, जो की केवल सरकारी बांड में निवेश करे| परन्तु फिर रिटर्न थोड़े कम होंगे|
  2. अगर डिफ़ॉल्ट हो भी, तो आपको बहुत ज्यादा नुकसान न हो: यह बात आप सुनिश्चित कर सकते हैं|

#1 केवल बड़े लिक्विड फण्ड में निवेश करें (Invest in bigger funds)

आप ऐसे लिक्विड फण्ड को चुनें जिसका size कम से कम 10,000 करोड़ रुपये हो|

इसका फायदा यह है की बड़े फण्ड को बहुत सारी कंपनी के बांड में निवेश करना होगा| अगर किसी वजह कोई कंपनी डिफ़ॉल्ट भी करती है, तो आपके फण्ड के NAV पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा|

एक उदहारण से समझते हैं| 10,000 करोड़ निवेश करने के लिए फण्ड मेनेजर को शायद 100-150 कंपनी में निवेश करना पड़े| मान लिए सभी कंपनी में बराबर निवेश किया है| अगर कोई बांड default भी कर देता है, तो आपके NAV पर 0.5-1% का प्रभाव पड़ेगा|

यहीं अगर फण्ड 200 करोड़ रुपये का होता, तो शायद 10-20 कंपनी के बांड से ही काम चल गया होता| ऐसे में किसी बांड में डिफ़ॉल्ट हुआ, तो 5-10% का असर पड़ेगा|

इसीलिए कम से कम 10,000 कोर्ड के कार्पस वाले लिक्विड फण्ड में ही निवेश करें|

#2 अधिक प्रतिष्ठित और बड़ी म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के लिक्विड फण्ड में निवेश करें

इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में छोटे और बड़े म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी में कोई फर्क नहीं पड़ता|

पर जब बात डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड और लिक्विड फण्ड की आती है, बड़ी कंपनियों के साथ ही निवेश करें|

ऐसा इसलिए की उनकी प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुँच सकता है| उनके पास इतनी आर्थिक शक्ति भी हो सकती है की अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए आपको कुछ राहत दे सकें|

#3 फण्ड का expense ratio कम हो

जितना कम एक्सपेंस रेश्यो (expense ratio) होगा, आपके रिटर्न उतना ही बढेगा|

आपको expense ratio की जानकारी ValueResearch की वेबसाइट पर मिल जायेगी|

select best liquid fund बेस्ट लिक्विड फण्ड hindi

#4 लिक्विड फण्ड की Star rating पर ध्यान न दें

लिक्विड फण्ड का चुनाव करते समय म्यूच्यूअल फण्ड रेटिंग्स (mutual fund ratings) पर बिल्कुल ध्यान न दें|

अगर rating पर ज्यादा ध्यान देंगे, तो गलती हो सकती है| ऐसा इसलिए क्योंकि rating काफी हद तक रिटर्न पर ज़ोर देती हैं (रिस्क पर नहीं)|

कुछ समय पहले एक 5-star लिक्विड फण्ड का NAV एक दिन में 10% गिर गया क्योंकि एक बांड में डिफ़ॉल्ट हो गया था|

#5 केवल रिटर्न के पीछे न भागें

बहुत सारे निवेशक किसी भी फण्ड का चुनाव पिछले कुछ समय में मिले रिटर्न (past performance) के आधार पर करते हैं| अगर आप इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड के चुनाव के समय ऐसा करते हैं, तब आपको शायद बहुत ज्यादा परेशानी न हो|

परन्तु अगर डेब्ट म्यूच्यूअल फण्ड या लिक्विड म्यूच्यूअल फण्ड के चुनाव के पुराने रिटर्न पर बहुत ज्यादा ध्यान देंगे, तो परेशानी हो सकती है|

जैसे की मैंने ऊपर चर्चा करी है विभिन्न लिक्विड फण्ड के रिटर्न में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता| कुछ फण्ड मेनेजर अपने फण्ड को बेहतर दिखाने के लिए अधिक रिस्क ले सकते हैं (जिससे की उनके फण्ड को बेहतर रिटर्न मिले)| हो सकता है वह बेकार कंपनियों के बांड में निवेश करें| ऐसी कंपनी में डिफ़ॉल्ट की संभावना भी ज्यादा हो सकती है|

लिक्विड फण्ड में आप केवल बचत खाते (savings account) से थोड़े से बेहतर रिटर्न पाने के लिए करते हैं| रिटर्न का बहुत ज्यादा पीछा न करें| नुकसान भी हो सकता है| बड़े लिक्विड फण्ड में निवेश करें|

क्या आप लिक्विड फंड में पैसा रखना चाहते हैं, लेकिन कैसे चुनेंगे बेस्ट लिक्विड फंड?

Liquid Fund: अच्छे लिक्विड फंड को चुनने के लिए क्रेडिट रेटिंग, AUM, एक्स्पेंस रेशियो, लिक्विडिटी जैसे पहलू को ध्यान में लेना चाहिए.

  • Vijay Parmar
  • Publish Date - July 16, 2021 / 05:02 PM IST

क्या आप लिक्विड फंड में पैसा रखना चाहते हैं, लेकिन कैसे चुनेंगे बेस्ट लिक्विड फंड?

Liquid Fund: आपके पास कुछ अतिरिक्त फंड है, लेकिन उसे कहां निवेश करना चाहिए वह समझ में नहीं आता या आप अस्थायी निवेश करना चाहते है तो लिक्विड फंड को चुन सकते है. सरप्लस कैश को कम अवधि के लिए जोखिम से दूर और सुरक्षित जगह पर निवेश करने के लिए लिक्विड फंड अच्छा विकल्प है.

लिक्विड फंड क्या हैः

म्यूचुअल फंड विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिसमें एक प्रकार है लिक्विड फंड. लिक्विड फंड डेट फंड कैटेगरी में सबसे ज्यादा लोकप्रिय फंड है.

लिक्विड फंड का पैसा कहां निवेश होता हैः

आपका पैसा ट्रेजरी बिल्सं, गर्वमेंट सिक्योशरिटीज और कॉल मनी जैसे शॉर्ट टर्म वाले मार्केट इंस्टूंमेंट्स में निवेश होता हैं. लिक्विड फंड्स 91 दिनों की परिपक्वटता अवधि वाले यंत्र में निवेश करते है.

कैसे चुने बेस्ट लिक्विड फंडः

इसमें निवेश का प्राथमिक लक्ष्य पूंजी की तरलता और सुरक्षा होना चाहिए. “अच्छा लिक्विड फंड चुनने के लिए आपको इस केटेगरी के फंडों के बीच AUM, रिटर्न, क्रेडिट रेटिंग, एक्स्पेंस रेशियो और लिक्विडिटी की तुलना करनी चाहिए,” ऐसा सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर विशाल शाह बताते है.

AUM: अच्छा लिक्विड फंड चुनने में एसेट अंडर मेनेजमेंट (AUM) की मदद ले सकते है. AUM जितनी ज्यादा होगी उतना उस फंड का कैश फ्लो ज्यादा होगा. शाह के मुताबिक, लिक्विड फंड का चयन करने में AUM सबसे अहम है. 20,000 करोड रूपए की AUM वाला लिक्विड फंड अच्छा विकल्प माना जाता है.

क्रेडिट रेटिंगः फंड की रेटिंग चेक किए बिना कभी निवेश ना करें. क्रेडिट रेटिंग जितनी अच्छी होगी फंड की साख भी उतनी अच्छी होगी. AAA सबसे उच्च रेटिंग है, जो बताता है कि फंड पैसा समय पर चुकाने के काबिल है. आप जो लिक्विड फंड चुने वह डेट सिक्योरिटीज में कितना निवेश करता है यह जांच करे.

एक्स्पेंस रेशियोः ये रेशियो बताता है कि, फंड का मेनेजर खर्च का प्रबंधन कैसे करता है. फंड के अच्छे पर्फोर्मंस के लिए एक्टिव मेनेजमेंट जरूरी है, लेकिन उससे एक्स्पेंस रेशियो बढता है. लिक्विड फंड में मेनेजर को ज्यादा एक्टिव रहने की जरूरत नहीं होती है, इसलिए इनका एक्स्पेंस रेशियो कम होता है.

क्या लिक्विड फंड सही विकल्प हैः

इमरजेंसी फंड के लिए पैसे बचाके रखने है तो लिक्विड फंड में निवेश करना चाहिए. शाह बताते है, “मार्च 2022 तक लिक्विड फंड सालाना 9-11% औसतन रिटर्न देने के लिए समर्थ है. यदि निवेशक इक्विटी में जोखिम लेने से डरते है तो उन्हें अच्छी क्वोलिटी के लिक्विड फंड्स में निवेश करना चाहिए.” सेविंग्स बैंक अकाउंट में आपको सालाना 2.5-3.5% ब्याज मिलता है, उसकी तुलना में लिक्विड फंड ने बीते 1 साल में ओसतन 3.25%, 3 साल में 5.29% और 5 साल में 6% से भी ज्यादा रिटर्न दिया है.

पर्सनल फाइनेंस: सेविंग अकाउंट में पड़े पैसे को छोटी अवधि के लिए लिक्विड फंड में करें निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न

हमारे देश में ज्यादातर लोगों पर सेविंग अकाउंट रहता ही है जिसमे वो अपना अतिरिक्त बचा हुआ पैसा रखते हैं। कई बार हमें इस पैसे की जरूरत कुछ हफ्तों या महीनों तक नहीं होती है। ऐसी स्थिति में, हम आम तौर पर सेविंग बैंक अकाउंट में हमारे अतिरिक्त पैसों को रख देते हैं। लेकिन हमें इस पैसे पर कोई खास रिटर्न नहीं मिलता है। लेकिन अगर आप चाहें तो अपने इस पैसे को लिक्विड फंड में निवेश करके ज्यादा फायदा कमा सकते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि अपने अतिरिक्त पैसे को लिक्विड फंड या सेविंग अकाउंट में से कहां रखना सही रहेगा।

लिक्विड फंड क्या है?
लिक्विड फंड एक तरह के म्यूचुअल फंड हैं। ये गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, ट्रेजरी बिल्स, कॉमर्शियल पेपर्स और दूसरे डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं। ये ऐसे फंड होते हैं, जिनमें 91 दिन तक मेच्योरिटी पीरियड यानी छोटी अवधि के लिए भी निवेश किया जा सकता है। इनमें जोखिम भी कम होता है। इस फंड में सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा ब्याज मिल जाता है। हालांकि आप चाहें तो 91 दिन से पहले भी पैसा निकल सकते हैं। जरूरत पर लिक्विड फंड को एक दिन के अंदर ही कैश कराया जा सकता है।

लिक्विड फंड में निवेश कब करें?
इस फंड में निवेश सिर्फ तभी करना बेहतर होता है जब आपके पास कहीं से पैसा आया हो हुए वह आपके पास कुछ दिनों के लिए सेविंग अकाउंट में ही रखा रहने वाला हो। अगर आपका पैसा कुछ समय के लिए खाली पड़ा हो तभी इसमें निवेश करना फायदेमंद होता है। ऐसे में अपने पैसे को सेविंग्स या करंट अकाउंट में रखने की बजाय उसे लिक्विड फंड में डाल दें।

सेविंग अकाउंट में मिलता है कम ब्याज
देश का सबसे बड़ा सेविंग अकाउंट पर 2.70% सालाना ब्याज दे रहा है। वहीं पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट पर आपको 4% ब्याज मिल रहा है। ज्यादातर बैंक सेविंग अकाउंट पर 4% तक का ही ब्याज ऑफर करते हैं।

सेविंग अकाउंट बनाम लिक्विड फंड: रिटर्न
सेविंग बैंक अकाउंट पर आमतौर पर 2.5 -4% की दर से ब्याज मिलता है। इसकी तुलना में, लिक्विड फंड योजनाएं आपको 6.6% -6.7% की उच्च दर से रिटर्न प्रदान करती हैं। इसमें मिनिमम बैलेंस या मिनिमम इन्वेस्ट के रूप में कुछ भी बाध्यता नही होती है। इसलिए, एक कम समय की अवधि के लिए लिक्विड फंड ज्यादा रिटर्न दे सकता है।

सेविंग अकाउंट बनाम लिक्विड फंड: रिस्क
लिक्विड फंड्स में बहुत कम रिस्क होती है क्योंकि वे मुख्य रूप से डेब्ट फंड्स में निवेश करते हैं जिसमे बहुत कम रिस्क होता है। हालांकि, यह समझना जरूरी है कि लिक्विड फंड में या किसी भी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट विशेष रूप से, बाजार पर निर्भर रहता है। बाजार की परिस्थितियों के आधार पर, नेट एसेट वैल्यू (NAV) बदलता है। सेविंग बैंक अकाउंट्स में आम तौर पर कोई इन्वेस्टमेंट का रिस्क नहीं होता है।

बचत खाते की बजाय तरल निधि में निवेश क्यों करना चाहिए?
लिक्विड फंड्स अल्पकालिक निवेश साधनों जैसे गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, जमा प्रमाण पत्र और ट्रेजरी बिल आदि में निवेश करते हैं।
जब भी कोई बिना किसी जुर्माना या एक्जिट लोड के निवेश करना या निकालना चाहे तो उसे लचीलापन मिलता है।
कुछ फंड हाउस पैसे निकालने के लिए एटीएम कार्ड भी देते हैं। यह आगे आपकी सुविधा में जोड़ता है।

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